बसंत कुमार शर्मा 107 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next बसंत कुमार शर्मा 26 Mar 2017 · 1 min read जब वफ़ा पर सवाल होता है जब वफ़ा पर सवाल होता है तब बुरा दिल का’ हाल होता है जब तलक हम सँभल नहीं पाते फिर नया इक बवाल होता है याद आता है बचपना जब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 467 Share बसंत कुमार शर्मा 22 Mar 2017 · 1 min read गम तो बांटो जरा किसी के नीर भरी हैं उसकी अँखियाँ बीत रहीं हैं चुप-चुप रतियाँ साजन गए विदेश न लौटे कौन सुने अब मन की बतियाँ सूनी सूनी अमराई है, सखियों की राह तकें अमियाँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 293 Share बसंत कुमार शर्मा 22 Mar 2017 · 1 min read है समाज का दर्पन कविता जीने का अवलंबन कविता मेरे दिल की धड़कन कविता कसी हुई है गति यति लय पर, छंदों का अनुशासन कविता भावों का कागज़ पर चित्रण, शब्दों का है अंकन कविता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 248 Share बसंत कुमार शर्मा 21 Mar 2017 · 1 min read चर्चा करें मीडिया वीर हो जाये जनता चुनाव में, थोड़ा सा भी यदि गंभीर सही लोग आयेंगे चुनकर, बदलेगी सबकी तकदीर अंधे बहरों के शासन में,अबला किसे सुनाये पीर चौराहों पर लुटे द्रोपदी, खींच... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 385 Share बसंत कुमार शर्मा 20 Mar 2017 · 1 min read दिल से जरा गुजरना साहब कष्टों से क्या डरना साहब रोज रोज क्या मरना साहब लगे हुए हम सब लाइन में इक दिन पार उतरना साहब पूजा पाठ भले मत करना पीर किसी की हरना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 622 Share बसंत कुमार शर्मा 20 Mar 2017 · 1 min read तो किस्मत हार जाती है लगन से की गई मेहनत, नहीं बेकार जाती है अगर दम कोशिशों में हो, तो किस्मत हार जाती है बड़ी बेचैन रहती है, किनारे पर भी’ ये कश्ती कभी इस... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 480 Share बसंत कुमार शर्मा 19 Mar 2017 · 1 min read गया मुलायम राज टोली बबुआ की गई, गया मुलायम राज योगी जी अब हो गए, यू पी के सरताज यू पी के सरताज, करें सब राधे राधे हाथी मुंह लटकाय, खड़ा है चुप्पी... Hindi · कुण्डलिया 235 Share बसंत कुमार शर्मा 18 Mar 2017 · 1 min read हर साँझ सुरमई है हर भोर है सुहानी, हर साँझ सुरमयी है जब से मिले हैं तुमसे, चेहरे पे हर ख़ुशी है गुलशन में’ ही मगन है, चाहत नहीं गगन की इक फूल से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 447 Share बसंत कुमार शर्मा 16 Mar 2017 · 1 min read जिन्दगीं में और आफत अब न हो हो चुकी जो भी सियासत अब न हो मुल्क से मेरे बगावत अब न हो आपको सौंपा है’ दिल अनमोल ये इस अमानत में खयानत अब न हो हमसे’ पीकर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 241 Share बसंत कुमार शर्मा 6 Mar 2017 · 1 min read शूल होते हैं' फूल होते हैं शूल होते हैं’ फूल होते हैं प्यार में सब कबूल होते हैं हर कहीं हम झुका नहीं करते कुछ हमारे उसूल होते हैं प्यार के पल ही’ संपदा अपनी बाकी’... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 182 Share बसंत कुमार शर्मा 2 Mar 2017 · 1 min read मेरे प्यार की खुशबू हमारी कोशिशें कम हों तो’ किस्मत हार जाती है कहीं चप्पू बिना कश्ती, नदी के पार जाती है किया वादा तो है उसने, मुझे मंदिर में मिलने का अगर शनिवार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 271 Share बसंत कुमार शर्मा 1 Mar 2017 · 1 min read नाम मेरा गुलफाम नहीं है नाम मेरा गुलफाम नहीं है लेकिन वह गुमनाम नहीं है खेत और खलिहानों जैसा कोई तीरथ धाम नहीं है पकड़े हैं चाक़ू तलवारें जिन हाथों को काम नहीं है जिसको... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 194 Share बसंत कुमार शर्मा 28 Feb 2017 · 1 min read विश्व में माँ भारती अप्रतिम धरा फूल टेसू के खिले हैं हो रही अरुणिम धरा सज रहे हैं रंग होली के, हुई मधुरिम धरा भस्म कर दो होलिका में,आज सारी नफरतें बाँटिये मतहै न हिंदू, है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 236 Share बसंत कुमार शर्मा 27 Feb 2017 · 1 min read पहली बार पहली बार © बसंत कुमार शर्मा, जबलपुर * सेठ रामलाल बड़ा सा बैग लेकर तेजी से घर से निकले. एक खाली रिक्शे को अपनी ओर आते देखकर उनकी बांछें खिल... Hindi · लघु कथा 583 Share बसंत कुमार शर्मा 27 Feb 2017 · 1 min read अगर हृदय में प्यार न होता सुखमय ये संसार न होता अगर हृदय में प्यार न होता काँटों से यदि प्यार न पाते फूलों का घर द्वार न होता लोभ मोह में अगर न पड़ते रिश्तों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 224 Share बसंत कुमार शर्मा 26 Feb 2017 · 1 min read जटाधारी शिव जी बड़े भोले'-भाले, जटाधारी’ शिव जी पियें विष के' प्याले, जटाधारी’ शिव जी सुकोमल सुमन सज्जनों के लिए हैं, हैं दुष्टों को' भाले, जटा धारी’ शिव जी बड़ी ठंड कैलाश पर्वत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 493 Share बसंत कुमार शर्मा 25 Feb 2017 · 1 min read आँसू पीर तेरी और मेरी सह गए अनमोल आँसू आँख में बस कैद होकर रह गए अनमोल आँसू कोशिशें तो लाख कीं उसने छुपाने की मगर फिर भी लेकिन राज सारा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 515 Share बसंत कुमार शर्मा 23 Feb 2017 · 1 min read हर एक समस्या हल होगी आज न हो पाई,कल होगी हर एक समस्या हल होगी नम होंगे जब तेरे नैना मेरी भी आँख सजल होगी वो कभी कभी तू आना आगे मेरी भी कभी पहल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 237 Share बसंत कुमार शर्मा 21 Feb 2017 · 1 min read मगर हार मैंने भी मानी नहीं है नहीं आज बचपन जवानी नहीं है मगर खत्म अपनी कहानी नहीं है मुझे जिन्दगी ने सताया है जी भर मगर हार मैने भी मानी नहीं है भरा प्रेम से है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 242 Share बसंत कुमार शर्मा 15 Feb 2017 · 1 min read ख्वाब नहीं आज बचपन जवानी नहीं है मगर खत्म अपनी कहानी नहीं है भरा प्रेम से दिल लबालब है मेरा किसी के लिए बदगुमानी नहीं है कहाँ से मिलेंगे किसी को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 346 Share बसंत कुमार शर्मा 9 Feb 2017 · 1 min read थोड़ी दुनियादारी रख भले सभी से यारी रख थोड़ी दुनियादारी रख जो भी कह, बस मुँह पर कह दिल में तू न कटारी रख जंगल में यदि छुपना हो चीते जैसी धारी रख... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 448 Share बसंत कुमार शर्मा 8 Feb 2017 · 1 min read हाथ मुठ्ठी भर चना है रात दिन चिंता में डूबा, पास जिसके घी घना है घास पर मैं मस्त बैठा, हाथ मुठ्ठी भर चना है साथ में जब तक रहे कह न पाए कुछ कभी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 232 Share बसंत कुमार शर्मा 2 Feb 2017 · 1 min read ऋतु बसंत की जब है आती ऋतु बसंत की जब है आती कली कली दिल की खिल जाती फूल खिले हैं रंग बिरंगे, तोड़ रहीं हैं कलियाँ बंधन यहाँ वहां सारी बगिया में, करते फिरते भँवरे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 494 Share बसंत कुमार शर्मा 28 Jan 2017 · 1 min read वंदना माँ शारदा की तुम ज्ञान का भंडार माँ, वरदान ऐसा दो हमें हर पल चलें सद् मार्ग पर,सद्ज्ञान ऐसा दो हमें चलते रहें संसार में, अटके बिना भटके बिना सेवा करें इस देश... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 413 Share बसंत कुमार शर्मा 19 Jan 2017 · 1 min read मुस्कुराना सीख लो रिश्ते बनाना सीख लो, रिश्ते निभाना सीख लो खुशियाँ अगर हो चाहते, तो मुस्कुराना सीख लो चलते चलो रुकना नहीं, हो दूर ये मंजिल भले चिंता नहीं तूफान की, उसको... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 230 Share बसंत कुमार शर्मा 17 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ देश क्या परदेश में भी, छा रहीं हैं बेटियाँ हर ख़ुशी को आज घर में, ला रहीं हैं बेटियाँ बाग हमने जो लगाये, थे यहाँ पर देख लो फूल सबमें... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 629 Share बसंत कुमार शर्मा 7 Jan 2017 · 1 min read हमारे दिल में भारत हो न शिकवा हो शिकायत हो मुहब्बत ही मुहब्बत हो रहे महफूज हर बन्दा खुदा इतनी इनायत हो भलाई हो गरीबों की नहीं इस पर सियासत हो चलें सब साथ में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 257 Share बसंत कुमार शर्मा 6 Jan 2017 · 1 min read चैन कहाँ आराम कहाँ अब चैन कहाँ आराम कहाँ अब खुशियों वाली शाम कहाँ अब जिसने प्रेम सिखाया जग को राधा का वो श्याम कहाँ अब इक दूजे के लिये बने, वो लक्ष्मण सीता राम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 439 Share बसंत कुमार शर्मा 5 Jan 2017 · 1 min read कभी न डोर छोड़िये पतंग से उड़ो मगर, कभी न डोर छोड़िये बंधी ये डोर प्यार की, इसे कभी न तोड़िये लड़ाइये न पेंच अब, लगाइये गले हमें है’ दोस्ती का’ हाथ ये, नहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 240 Share बसंत कुमार शर्मा 4 Jan 2017 · 1 min read हुजूर बोलिये जरा को’ई नगर जले न अब, हुजूर रोकिये जरा रहोगे’ मौन कब तलक, हुजूर बोलिये जरा बहक रहे हैं’ क्यूँ युवा, दवाब है वो’ कौनसा सुलग रही है’ आग क्यूँ, हुजूर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 256 Share बसंत कुमार शर्मा 1 Jan 2017 · 1 min read हो नए साल में हाल नया हो नए साल में हाल नया लाये खुशियाँ ये साल नया महलों में जब बल्ब जलें तो, दिखे झोंपड़ी में भी लाइट. हर एक हाथ को काम मिले, न हो... Hindi · गीत 203 Share बसंत कुमार शर्मा 29 Dec 2016 · 1 min read बेला सुंदर कोमल स्वेत धवल सा, फूल रहा बगिया में बेला लू के गरम थपेड़ों से वो तपता ही रहा दुपहरी भर हुई चांदनी रात खिला फिर हर्षित मन से वो... Hindi · गीत 214 Share बसंत कुमार शर्मा 28 Dec 2016 · 1 min read नींदें उड़ाता कौन है चुपके’ चुपके रात में यूँ आता’ जाता कौन है रोज आकर स्वप्न में नींदें उड़ाता कौन है था मुझे विश्वास जिस पर दे वही धोखा गया आस फिर से इक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 243 Share बसंत कुमार शर्मा 27 Dec 2016 · 1 min read जब से उन्हें निहारा है जिस दिन से उन्हें निहारा है इन आँखों में उजियारा है राह दिखाती सबको संसद दिया तले तो अंधियारा है पतवार बिना कोई कश्ती कब पाती यहाँ किनारा है पास... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 213 Share बसंत कुमार शर्मा 24 Dec 2016 · 1 min read महक बाकी भी तक है छुआ था जुल्फ को तेरी, महक बाकी अभी तक है पुरानी उस मुहब्बत की, कसक बाकी अभी तक है छनन छन पायलों की सुन, जगा हूँ ख्वाव में हर पल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 435 Share बसंत कुमार शर्मा 23 Dec 2016 · 1 min read शिकायत यहाँ हुजूर ग़ज़ल करते नहीं हैं’ लोग शिकायत यहाँ हुजूर थोड़ी तो’ हो रही है’ मुसीबत यहाँ हुजूर बिकने लगे हैं’ राज सरे आम आजकल चमकी खबरनबीस की’ किस्मत यहाँ हुजूर बिछती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 383 Share बसंत कुमार शर्मा 21 Dec 2016 · 1 min read आंसू कहाँ बहाने निकले जनता को बहकाने निकले नेता वोट जुटाने निकले मंचों पर जब जंग छिड़ गयी क्या क्या तो अफसाने निकले नेता,अफसर,चमचों के घर, नोट भरे तहखाने निकले कहते थे घर-बार नहीं,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 492 Share बसंत कुमार शर्मा 14 Dec 2016 · 1 min read कालेधन के नाम कुछ दोहे © बसंत कुमार शर्मा भैंसें काली हैं मगर, देतीं दूध सफ़ेद जाति धर्म या क्षेत्र का, करें न कोई भेद कालेधन पर हो रहा, जब से यहाँ विचार वहाँ भैंस... Hindi · दोहा 293 Share बसंत कुमार शर्मा 9 Dec 2016 · 1 min read सूरज के घर मची खलबली जब भी धरती पर शमा जली सूरज के घर मची खलबली गांधी के फोटो के पीछे मिली हमें हर जगह छिपकली चंदा है बेचैन गगन में इक जुगनू की बारात... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 345 Share बसंत कुमार शर्मा 8 Dec 2016 · 1 min read सच्चाइयाँ वो अब कहाँ कविता जहाँ पर जन्म ले तन्हाइयाँ वो अब कहाँ कुछ शब्द हैं पर भाव की गहराइयाँ वो अब कहाँ फूलों भरी वो वादियाँ कलकल कहाँ झरनों की अब झूले कहाँ,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 505 Share बसंत कुमार शर्मा 6 Dec 2016 · 1 min read फूल हमेशा खुश रहते हैं दवा नहीं है दर्द-ए-दिल की, यूँ जग में उपचार बहुत हैं खुला हुआ कोई न मिलेगा, शहर गाँव घर-द्वार बहुत हैं खुश रहना हो हर हालत में, गम से फिर... Hindi · मुक्तक 276 Share बसंत कुमार शर्मा 4 Dec 2016 · 1 min read दिल से जरा गुजरना साहब कष्टों से क्या डरना साहब रोज रोज क्या मरना साहब लगे हुए हम सब लाइन में इक दिन पार उतरना साहब पूजा पाठ भले मत करना पीर किसी की हरना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 637 Share बसंत कुमार शर्मा 4 Dec 2016 · 5 min read वजन नहीं है वजन नहीं है © बसंत कुमार शर्मा, जबलपुर 7 अक्टूबर, 2016 हमें अभी नया नया कवितायें लिखने का शौक लगा है. हमने अपने मित्र को अपनी एक ग़ज़ल सुनाई, तो... Hindi · लेख 714 Share बसंत कुमार शर्मा 29 Nov 2016 · 1 min read बूँद नयन से ढलकी कैसे बूँद नयन से ढलकी कैसे ऐसी हालत मन की कैसे तुझको याद न आई है तो आई मुझको हिचकी कैसे सौंप दिया था मैंने सब कुछ तेरी चाहत भटकी कैसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 357 Share बसंत कुमार शर्मा 28 Nov 2016 · 1 min read पागल जैसा पागल क्यों है पागल जैसा पागल क्यों है मन इतना भी चंचल क्यों है भरा भरा है घर तो पूरा खाली माँ का आँचल क्यों है हरियाली है अलसायी सी थका थका सा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 685 Share बसंत कुमार शर्मा 24 Nov 2016 · 1 min read हम तो परदे खोल रहे हैं हम तो परदे खोल रहे हैं क्यों सिंहासन डोल रहे हैं बेड़ा गरक हो चुका उनका फिर भी नफरत घोल रहे हैं खुसुर पुसुर है घर पर, जिनके खातों में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 218 Share बसंत कुमार शर्मा 23 Nov 2016 · 1 min read झूठ के बीच पल न पाये हम झूठ के बीच पल न पाये हम साथ दुनिया के’ चल न पाये हम जी रहे लोग जिंदगी दुहरी रंग में उनके’ ढल न पाये हम प्रेम बंधन में बँध... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 276 Share बसंत कुमार शर्मा 21 Nov 2016 · 1 min read यूँ सूरज की शान बहुत है © बसंत कुमार शर्मा यूँ सूरज की शान बहुत है मगर दिए का मान बहुत है प्रेम हृदय में उपजाने को पल भर की पहचान बहुत है तपती धरती पर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 379 Share बसंत कुमार शर्मा 6 Oct 2016 · 1 min read कभी जिन्दगी में उजाले न होते कभी जिन्दगी में उजाले न होते अगर आप हमको सँभाले न होते नहीं ढूंढ पाते कभी प्यार को हम अगर चिठ्ठियों को खँगाले न होते हटाते अगर तुम जरा ये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 383 Share बसंत कुमार शर्मा 22 Sep 2016 · 1 min read इस दिल को आराम नहीं हैं यूँ तो हम गुलफाम नहीं हैं लेकिन हम गुमनाम नहीं हैं आदत है कवितायेँ लिखना यूँ न समझना काम नहीं हैं खेत और खलिहानों जैसा कोई तीरथ धाम नहीं हैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 248 Share Previous Page 2 Next