अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि Tag: मुक्तक 17 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 3 Oct 2023 · 1 min read ज्ञान /बोध मुक्तक मंगलवार दिनांक ०३-१०-२०२३, प्रदत्त शब्द : ज्ञान/ बोध/समानार्थी #दोहा मुक्तक (१) खुद को कहते हैं सुकवि,नहीं छंद का #बोध। काव्य-विधा पर कर रहे , बतलाते वह शोध।। पढ़ें चुटकुले मंच... Hindi · मुक्तक 242 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 16 Sep 2023 · 1 min read हिन्दी दिवस १४ सितम्बर २०२३ हिन्दी दिवस १४ सितम्बर २०२३ शनिवार ,दिनांक-16/09/2023 #मुक्तक# (१) मुक्त गुलामी से हुए,हुए नहीं आजाद। अंग्रेजी में ही करें,अब भी वाद- विवाद ।। तरस रही हिन्दी अभी, पाने को पहचान,... Hindi · मुक्तक 141 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 31 Dec 2021 · 1 min read संत रविदास संत रविदास निर्बल जन के सच्चे भाई। सत्य प्रेम के थे अनुयाई। अमृतवाणी से तम हरकर नयी किरण जग में फैलाई। संत संस्था के परिचायक। मानवता के थे अधिनायक ।... Hindi · मुक्तक 1 319 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 2 Oct 2021 · 1 min read दोहा मुक्तक सुप्रभात संग मोदी जी के आह्वान पर ??? एक दोहा मुक्तक विश्व गुरु भारत बने,मिलकर करो प्रयास। मोदी जी ने दे दिया,है खुलकर आभास। नहीं किसी से हम कभी, कम... Hindi · मुक्तक 2 259 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 7 Apr 2021 · 1 min read शिव आराधना शिव आराधना (१) एक हाथ में डमरू धारे ,दूजे कर में त्रिशूल बिराजे। गले बिच सर्पों की माला ,मन मोहते गाजे और बाजे।। सिर पे चंदा को धार्य किये ,गंगा... Hindi · मुक्तक 1 257 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 3 Apr 2021 · 1 min read होती मन की दूर निराशा "द्व मुक्तक "(चौपाई छंद ) (१) बोल चाल की भाषा ऐसी, मीठी हो शक्कर के जैसी। कानों में घुल जाये पल में, घुले चाय में चीनी जैसी।। (२) मृदु हो... Hindi · मुक्तक 232 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 3 Apr 2021 · 1 min read मुक्तक -विविधा-जली कटी बातें सदा चित्रकाव्य एक मुक्तक:- हैवानों के क्रूर हाथ ने, देखो कैसी दशा बना दी। भूल गया मर्यादा सारी, अपनी फिर औकात दिखा दी। अस्त व्यस्त कर डाले कपड़े, तोड़ दिए उसके... Hindi · मुक्तक 1 388 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 21 Mar 2021 · 1 min read उजड़ी मांग खून नहीं अब जाया होगा वीरों के वलिदानों का। सर को धड़ से अलग करेंगे,गद्दारों, शैतानों का। शांति-यज्ञ अब बहुत हो लिया, कुछ करने की बारी है। अब तो वध... Hindi · मुक्तक 1 286 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 13 Mar 2021 · 1 min read नारियों से ही सदा, संसार को मिलती गति ???? मुक्तक द्वै ******** (१) नारियों से ही सदा, संसार को मिलती गति। नारि के सम्मान में ,सबकी छुपी है उन्नति।। उस देश व भूखंड का शीघ्र ही होता पतन,... Hindi · मुक्तक 1 425 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 13 Mar 2021 · 1 min read पीत चुनरिया पहन धरा ने ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ मुक्तक ***** पीत चुनरिया पहन धरा ने दुल्हन सा श्रृंगार किया। वन उपवन में सुमन खिले हैं भॅवरों ने मकरंद पिया। पेड़ों पर अब बोल रही है कोयल मीठी... Hindi · मुक्तक 1 199 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 10 Jan 2021 · 1 min read हमारा मान है हिंदी विश्व हिंदी दिवस की सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई व अशेष शुभकामनाएं। संप्रेषित है एक मुक्तक ? हमारा मान है हिंदी हमारी शान है हिंदीै। जगत के भाष्य उपवन में... Hindi · मुक्तक 252 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 9 Jan 2021 · 1 min read शीत लहर का हुआ आगमन सोमवार, दिनांक - 21/12/2020 मंच को सादर निवेदित मुक्तक :- प्रदत्त छंद - वीर/आल्ह (मापनीयुक्त मात्रिक) विधान - 31 मात्रा, 16,15 पर यति, अंत में गाल अनिवार्य. ( वीर/आल्ह =... Hindi · मुक्तक 2 1 227 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 18 Dec 2020 · 1 min read मावस का अंधियारा छंटकर बुरा वक्त भी ढल जाता है, सोच अगर अच्छी होती। फसल वही होती खेतों में,जो दुनिया उसमें बोती।। धैर्य अगर खोया इस पल तो, बहुत पड़ेगा पछताना। संयम जिसने तजा... Hindi · मुक्तक 4 1 320 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 18 Dec 2020 · 1 min read किसान/कृषक विषयःकिसान **************** ऊबड़ खाबड़ धरती पर जो ,फूलों की खेती करते हैं। जेठ दुपहरी माघ शीत में, खेतों में पानी भरते हैं। फसल उगाते,राष्ट्र बनाते, कहते उन्हें अन्नदाता सब ।... Hindi · मुक्तक 4 3 435 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 18 Dec 2020 · 16 min read मुक्तक 28/10/2- #मुक्तक (१) विश्व में दो जगह चल रहे युद्ध के परिप्रेक्ष्य में ************************************ छंद आधार -आनंदवर्धक २१२२ २१२२ २१२ विश्व में संग्राम रुकना चाहिए। दिल किसी का अब न... Hindi · मुक्तक 3 2 1k Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 2 Nov 2020 · 1 min read मुक्तक"अलग सबकी कहानी है" अलग सबकी कहानी है,अलग पहचान है सबकी। समय को जो समझता है, चढ़े मंजिल सफलता की। नहीं गिरते कभी पथ में, सवारी जो किये रहते, नहीं गिरकर सॅभलते जो, मजा... Hindi · मुक्तक 1 495 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 12 Sep 2020 · 1 min read कुछ कडुवी कुछ मीठी बातें ★देखें दो मुक्तक- (१) कुछ कडुवी कुछ मीठी बातें। जीवन में देतीं सौगातें।। क्यों डरते हो इन बातों से, दिन आते जब होतीं रातें।। (२) लिख सकूं दो शब्द मैं... Hindi · मुक्तक 1 1 378 Share