'अशांत' शेखर Tag: मुक्तक 112 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid 'अशांत' शेखर 12 Jan 2023 · 1 min read ✍️खाली और भरी जेबे... जिनकी जेबे खाली की खाली रह गयी वो मुझे बुरा कहते है और जिनकी जेबे भर गयी थी वो सिर्फ उनके तसल्ली के लिए मुझे बुरा समझते है हाँ मैं... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 1 3 319 Share 'अशांत' शेखर 10 Jan 2023 · 1 min read ✍️ इंसान सिखता जरूर है...! असंभव तो वो है जिसकी हमने कभी कल्पना नही की है...! संभव तो वो सभी है जिसकी हमने बगैर पर्वा किये शुरुवात की है...! बाकि अच्छा हो या बुरा अनुभव... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 2 8 175 Share 'अशांत' शेखर 17 Oct 2022 · 1 min read ✍️संस्कृती के कठोर रक्षाकवच... अनित्य सनातनी अज्ञान के स्याह अंधेरो में ज्ञान की रोशनी यूँही झाँकती नहीं हटवादी अविवेकी अंधकार के तमस में परिवर्तनशील सोच की इक लौ कभी जलती नहीं क्यूँ की संस्कृती... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 4 8 328 Share 'अशांत' शेखर 17 Oct 2022 · 1 min read ✍️कुछ बाते… बाते मीठी.. बाते खट्टी.. बाते कड़वी.. बाते जहर भी होती है... बाते बोझ से दबे अंतर्मन को मुक्ति पाने का साधन होती है... बाते एक दूसरे के अंतर्मन से संवाद... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 2 4 262 Share 'अशांत' शेखर 15 Oct 2022 · 1 min read ✍️कभी कभी कभी कभी रास्ते पैरोंतलों से गुमसुम गुजर जाते है कभी कभी कदमो के भरोसे हम मौन खड़े रह जाते है कभी कभी वक़्त छूट जाता है हम खाली हाथों को... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 3 2 221 Share 'अशांत' शेखर 15 Oct 2022 · 1 min read ✍️समतामूलक प्रकृति… तर्क की कमियां विषमता की निर्वाहक होती है... सत्य से वो सदा पीछा छुड़ाकर पथभ्रष्ट रहती है... समतामूलक प्रकृति में निरंतर असत्य बाधाएं बनकर… …………………………………………// ✍️'अशांत' शेखर 15/10/2022 Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 1 2 244 Share 'अशांत' शेखर 15 Oct 2022 · 1 min read ✍️मगर क्रांति के अंत तक.. पीड़ाएँ कभी बोलती नहीं वो मौन ही रहती है सब्र के अंत तक.. चेतन मन ही विद्रोह की निर्मिती करता है.. अक्सर पीड़ा का मौन टूटने के बाद.. मगर क्रांति... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 3 4 264 Share 'अशांत' शेखर 15 Oct 2022 · 1 min read ✍️रूह के एहसास... मैं गहरा दर्द हूँ आँखों में भरकर भी आप मुझे गिरा सकते हो मैं चोटिल लफ्ज़ हूँ जुबाँ से बोलकर भी आप मुझे महसूस करा सकते हो गर लफ्ज़ अश्क़... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 3 4 342 Share 'अशांत' शेखर 15 Oct 2022 · 1 min read ✍️हृदय को थोड़ा कठोर बनाकर शिकायते हारे मन की सबब होती है हमदर्दी नर्म भावनाओ की वजह होती है मायूसी कमजोर जेहन की शिकार होती है हृदय को थोड़ा कठोर बनाकर भी जिंदगी बसर होती... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 2 4 286 Share 'अशांत' शेखर 14 Oct 2022 · 1 min read ✍️और शिद्दते बढ़ गयी है... कुछ मुद्दते गुजर गयी है पहचानी राहों से मिले हुये..! और शिद्दते बढ़ गयी है अंजान मंझिलो से मिलने की..! …………………………………// ✍️'अशांत' शेखर 14/10/2022 Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 2 2 380 Share 'अशांत' शेखर 8 Oct 2022 · 1 min read ✍️हम जिस्म के सूखे एहसासो से बंझर है रोज कही ना कही उठती होगी आवाजें हमें तो शोरशराबे की आदत सी पड़ गयी है...! रोज कही ना कही उठता होगा धुँवा हम तो अंगारों में झुलसते ही रहते... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 3 9 239 Share 'अशांत' शेखर 7 Oct 2022 · 1 min read ✍️तजुर्बों से अधूरे रह जाते गर किताबो में सारी बाते पढ़ लेते तो.. इस जिंदगी से फिर क्या सिख लेते हम सुबह को बेचकर शाम कैसे ख़रीदना..? इन तजुर्बों से यूँही अधूरे रह जाते हम... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 3 6 205 Share 'अशांत' शेखर 5 Oct 2022 · 1 min read ✍️'रामराज्य' प्रतिवर्ष मेरा दहन करने से भी आप अपने भीतर की बुराई को अब तक जला नहीं पा रहे हो ये आपकी हार,नाकामी या फिर कमजोरी मानो आप अपने ही आप... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 1 2 217 Share 'अशांत' शेखर 2 Oct 2022 · 1 min read ✍️सिर्फ गांधी का गांधी होना पर्याप्त नहीं था... सिर्फ गांधी का गांधी बनना ही पर्याप्त नहीं होता है… उनके महात्मा होने के सफर का पड़ाव कभी समाप्त नही होता है… एक जिंदा गांधी कभी कभी मर सकते है... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 3 2 181 Share 'अशांत' शेखर 29 Sep 2022 · 1 min read ✍️शहीदों को नमन आपने महज़ चरखो पे महीन धागे कताये... उन्होंने धागों से रस्सी के फंदे बनाये... बाकी के आधे सच,आधे झूठ इतिहास ने बताये... ………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 29/09/2022 Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 1 210 Share 'अशांत' शेखर 29 Sep 2022 · 1 min read ✍️नये सभ्यता के प्रयोगशील मानसिकता का विकास हां मेरी जाती का नाम सुनते ही उनके कदम ठहर जाते थे ठाकुर मोहल्ले के चौराहे पर आधे कोस की दुरी से वो मेरे बस्ती का जायजा कर लेते थे... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 1 2 279 Share 'अशांत' शेखर 28 Sep 2022 · 1 min read ✍️अस्तित्वाच्या पाऊलखुणा पावलांना कधी कुठे उसंत असते... ते शोधत फिरतात आपल्याच अस्तित्वाच्या पाऊलखुणा चुकलेल्या भूतकाळातल्या... पुन्हा पुन्हा भविष्याच्या वाटचालीत दिशाभूल करणारा तोच तो भूतकाळ येऊ नये म्हणून... मात्र वर्तमान निरंतर सांगड घालत... Marathi · Ashantlekhani · मुक्तक 350 Share 'अशांत' शेखर 21 Sep 2022 · 1 min read ✍️राजू ये कैसी अदाकारी..? हम चाहते है हर लम्हा दुनियां अपने अदाओं से सदा हंसते रहे मगर जिंदगी के पर्दे पे दुनिया को अलविदा कहने का एक सीन सबको निभाना ही पड़ता है तुम्हारी... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 2 4 191 Share 'अशांत' शेखर 17 Sep 2022 · 1 min read ✍️चीते की रफ़्तार जहाँपनाह क्या अब विकास भी चीते की रफ़्तार सा होगा अभी तक आपने महंगाई के रफ्तार की चिता जलाई नहीं …………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 17/09/2022 Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 4 6 167 Share 'अशांत' शेखर 16 Sep 2022 · 1 min read ✍️मेरे भीतर का बच्चा अच्छा होता यदि मेरे भीतर का ये मासूम बच्चा कभी बड़ा ना होता कुछ नादानीयाँ और शरारते करता बड़ो जैसी गहरी साजिशें तो ना करता …………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 16/09/2022 Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 1 2 421 Share 'अशांत' शेखर 15 Sep 2022 · 1 min read ✍️मेरे जिंदगी का कैनवास... उसकी बातों पर यकीन था उसने कहाँ 'ये जिंदगी बड़ी ही रंगीन है'। मैंने अपने जिंदगी के कोरे 'कैनवास' पे इंद्रधनु के सारे रंग उँडेल दिये... हरा,लाल,पिला, गुलाबी,जामुनी,निला ओर भी... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 1 2 525 Share 'अशांत' शेखर 15 Sep 2022 · 1 min read कौन बुरा..? कौन अच्छा...? महापंडित महापराक्रमी उस रावण की सदा बुराइयां जलाते आये है यहाँ के अज्ञानी और कायर लोग राम के अच्छाइयो का चोला पहनकर.. 'घर का भेदी लंका ढहाये' ये कहावत भी... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 1 2 297 Share 'अशांत' शेखर 13 Sep 2022 · 1 min read ✍️ अपने रिश्ते ही कुछ ऐसे है कई दिनो से जहरीली बातों का स्वाद चखा नहीं रसोई में अपने रिश्तों के हाथ का तिखा पका नहीं …………………………………………// ©✍️- 'अशांत' शेखर 13/09/2022 Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 3 6 367 Share 'अशांत' शेखर 13 Sep 2022 · 1 min read ✍️निर्माणाधीन रास्ते✍️ ✍️निर्माणाधीन रास्ते✍️ …………………………………………………// सफलता की राहे हमेशा निर्माणाधीन रास्तो की तरह टूटी फूटी होती है जब भी चलने का प्रयास करो उखड़े हुए रास्तो पर मार्ग बदलने का संकेत मिलता... Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 3 4 254 Share 'अशांत' शेखर 13 Sep 2022 · 1 min read ✍️आसमाँ का हौसला देता है✍️ ✍️आसमाँ का हौसला देता है✍️ …………………………………………………………// घर के सफ़ेद दीवार में पड़ा एक सुराग बड़ा ही संगीन होता है वो भीतर दबे अपने रंजो गम के कहानी को यूँही रंगीन... Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 2 4 172 Share 'अशांत' शेखर 12 Sep 2022 · 1 min read ✍️ये भी कोई मोहब्बत है✍️ ✍️ये भी कोई मोहब्बत है✍️ ……………………………………………………// कोई इश्क़ विश्क़ नहीं था पुलिस के एक ही मार में अम्मी का नाम पुकार रहा था वो बेवकुफ बेमतलब उस से पीछा छुड़ा... Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 4 5 191 Share 'अशांत' शेखर 11 Sep 2022 · 1 min read ✍️आँखरी रूह में हो आप✍️ ✍️आँखरी रूह में हो आप✍️ ………………………………………// दूसरा मौका नही है आपको इँसा की जिस्म में ये पहली बार था और ये आँखरी रूह में हो आप अब मर्जी आपकी जिस्म... Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 4 8 197 Share 'अशांत' शेखर 11 Sep 2022 · 1 min read ✍️दरिया से सागर✍️ ✍️दरिया से सागर✍️ ……………………………………………// बड़ा ही सरल होता है समंदर के लिए मीठे पानी के किसी भी दरिया को अपनी गोद में समा लेना उतना ही मुश्किल होता है असीम... Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 5 8 204 Share 'अशांत' शेखर 10 Sep 2022 · 1 min read ✍️...और फिर✍️ ✍️...और फिर✍️ ………………………………………………………// ...और फिर सदियों की उस भूतकालीन छानबीन के बाद ये बात पूरी तरह साबित हुई सारे फसादों की जड़ पत्थर है..! ...और फिर भी ख़ामोशी से इँसान... Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 2 6 166 Share 'अशांत' शेखर 9 Sep 2022 · 1 min read ✍️मैं कुदरत का बीज हूँ✍️ ✍️मैं कुदरत का बीज हूँ✍️ ………………………………………………// मैं इसी कुदरत का बीज हूँ तेज धारा से बह नही सकता मुझे ज्यादा जल से सिंचोगे तो तरुवर विशाल बन जाऊँगा वो आदम... Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 1 2 179 Share 'अशांत' शेखर 5 Sep 2022 · 1 min read ✍️वो महान गुरु थे✍️ ✍️वो महान गुरु थे✍️ ……………………………………………………// गुरु का पहला स्थान तो माँ के चरणों में ही होता है... जीवन के सारे धुप छाँव का ज्ञान तो उन्ही से प्राप्त होता है...... Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 2 4 227 Share 'अशांत' शेखर 20 Aug 2022 · 1 min read ✍️आग तो आग है✍️ ✍️आग तो आग है✍️ ……………………………………………// आग है बस जलना जानती है जलाना उसके फ़ितरत में नहीं है आप चाहे अपने पेट के वास्ते रोटी सेक लो या फिर अपनी स्वार्थ... Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 4 6 527 Share 'अशांत' शेखर 18 Aug 2022 · 1 min read ✍️धर्म के पानी का वो घड़ा✍️ ✍️धर्म के पानी का वो घड़ा✍️ …………………………………………………// बरसात की बुँदे वहा भी बरस कर गई पर बादल अब भी आँखों में भरे थे जैसे उन्हें पता हो के शायद कोई... Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 2 7 330 Share 'अशांत' शेखर 18 Aug 2022 · 1 min read ✍️यही तो आखिर सच है...!✍️ ✍️यही तो आखिर सच है...!✍️ ………………………………………………// जिंदगी की मुश्किलो से यदि राहते हासिल करनी हो तो इन चाहतों से दूर होना ही समझदारी है... यहाँ ना कुछ अपना था...! यहाँ... Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 2 8 264 Share 'अशांत' शेखर 17 Aug 2022 · 1 min read ✍️नारी सम्मान✍️ ✍️नारी सम्मान✍️ ………………………………// लाल किल्ले के प्राचीर से गूंजा 'नारी सम्मान' का नारा...! बिलकिस बानो बलात्कारीयो के गुनाहो की मुक्त कर दी है धारा..! …………………………….....…// ©✍️'अशांत'शेखर✍️ 17/08/2022 Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 2 2 195 Share 'अशांत' शेखर 17 Aug 2022 · 1 min read ✍️कभी जुबाँ आ जाये तो...!✍️ ✍️कभी जुबाँ आ जाये तो...!✍️ ……………………………………………..// अगर तुम्हारे मौन भगवान को कभी जुबाँ आ जाये तो जरूर पूछना के आपको पत्थरो में खुदवाने वाले हाथ किसके थे...? और पूछना इन... Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 1 4 373 Share 'अशांत' शेखर 16 Aug 2022 · 1 min read ✍️एक नन्हे बच्चे इंदर मेघवाल की मौत पर...! ✍️एक नन्हे बच्चे इंदर मेघवाल की मौत पर...! …………………………………………………………………// जल कुदरत की वो सौगात है जिस पर हर सजीवों का बराबर का अधिकार है..! हे मानव तू जानवरो से भी... Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 2 5 421 Share 'अशांत' शेखर 15 Aug 2022 · 1 min read ✍️मेरा प्रिय भारत सबसे न्यारा✍️ ✍️मेरा प्रिय भारत सबसे न्यारा✍️ …………………………………………………// आज फ़क्र से हर घर लहरा रहा है प्यारा तिरंगा शहीदों के बलिदान को ये वतन कभी ना भूल पायेगा मातृभूमि पे क़ुर्बान हुआ... Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 2 4 787 Share 'अशांत' शेखर 15 Aug 2022 · 1 min read ✍️ये मेरा भी वतन✍️ ✍️ये मेरा भी वतन✍️ ……………………………………// तस्लीम किसी माँ का बेटा था दिहाड़ी के काम से घर वापस लौटते हुए दंगे में मारा गया आज उसके पिता जुम्मन चाचा ने अपने... Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 1 4 292 Share 'अशांत' शेखर 14 Aug 2022 · 1 min read ✍️ना तू..! ना मैं...!✍️ ✍️ना तू..! ना मैं...!✍️ ……………………………………// यदि एक दफ़ा दश्त में शोला भड़क गया तो खेत खलियाँ में भी धुँवा उठेगा, खेत खलियाँ की आँच गाँव तक पहुंचेगी, गाँव की लपटे... Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 3 8 240 Share 'अशांत' शेखर 11 Aug 2022 · 1 min read ✍️बहन भाई की सलामती चाहती है✍️ ✍️बहन भाई की सलामती चाहती है✍️ ………………………………………………………// स्वरक्षा के कच्चे धागे में रिश्तों की मजबूती चाहती है एक बहन अपने भाई के भविष्य की सलामती चाहती है भाई पर मुश्किले... Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 2 2 184 Share 'अशांत' शेखर 6 Aug 2022 · 1 min read ✍️घर घर तिरंगा..!✍️ ✍️घर घर तिरंगा..!✍️ …………………………………// जी हुजूर लगाना है हर घर तिरंगा ताकि लगे घर घर तिरंगा..! ज़नाब फुटपाथ में रहता वो बच्चा घर मांग रहा है..! हाथ में लेकर तिरंगा..!... Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 2 262 Share 'अशांत' शेखर 6 Aug 2022 · 1 min read ✍️हाथ के सारे तिरंगे ऊँचे लहराये..!✍️ ✍️हाथ के सारे तिरंगे ऊँचे लहराये..!✍️ …………………………………………………………// एक सांवली सी सूरत का बच्चा अपनी छोटी बहन की एक उंगली नन्हें हाथ से थामकर दूसरे हाथ में देश की गरिमा संभाल... Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 2 4 471 Share 'अशांत' शेखर 6 Aug 2022 · 1 min read ✍️जिंदगी का बोझ✍️ ✍️जिंदगी का बोझ✍️ ……………………………………// छूट रहा है जो कुछ हाथ आने से पहले.. दिल तो बेसबब ही फ़िक्र में पड़ा है.. जिंदगी बहते रहती है उसे बहने दो.. ज़ेहन क्यूँ... Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 1 4 396 Share 'अशांत' शेखर 4 Aug 2022 · 1 min read ✍️एक फ़िरदौस✍️ ✍️एक फ़िरदौस✍️ …………………………………………// मेरे अंदर हौसलों का एक बियाबान है जो किसी जालिम मौसम की जी तोड़ कोशिशों से उजड़ नही सकता मैंने अपने बूलंद इरादों से उसकी जड़ो को... Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 4 8 314 Share 'अशांत' शेखर 29 Jul 2022 · 1 min read ✍️मानो तो ये भी सही✍️ ✍️मानो तो ये भी सही✍️ ……………………………………………// गहरे रात के अँधेरे में सूरज को खोजने का मतलब 'तत्वज्ञान' गहरे रात के अँधेरे में सूरज उगने से पहले ही उजाले खोजने का... Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 2 4 279 Share 'अशांत' शेखर 29 Jul 2022 · 1 min read ✍️किताबें और इंसान✍️ ✍️किताबें और इंसान✍️ ………………………………………………………// दुनिया जानने की सूझबूझ परखने की जिज्ञासु समझ उसी दिन से अंदर ही अंदर विकसित होने लगी थी... जिस दिन शिक्षा की पाठशाला में किताबो के... Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 2 6 242 Share 'अशांत' शेखर 26 Jul 2022 · 1 min read ✍️खुदाओं के खुदा✍️ ✍️खुदाओं के खुदा✍️ ………………………………………………………// ये वाइज़ तो निकले थे ढूँढने एक ही खुदा और मिले यहाँ बेहिसाब खुदाओं के खुदा ये जहाँ की इंसानी नस्ले कर रही है सज़दा सादगी... Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 2 4 471 Share 'अशांत' शेखर 23 Jul 2022 · 1 min read ✍️तुम्हे...!✍️ ✍️तुम्हे...!✍️ ……………………………………………// तुम्हे...! अगर बिछड़ना था हमसे तो कुम्भ के मेले भी लगे थे एक दास्ताँ तो बन जाती एक कहानी ओर लिखी जाती ना फिर दिल में ख़लिश होती... Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 1 2 294 Share 'अशांत' शेखर 23 Jul 2022 · 1 min read ✍️क्या ये विकास है ?✍️ ✍️क्या ये विकास है ?✍️ ………………………………………// आखिर ये विकास का क्या मॉडल है ? या फिर विकास नाम का कोई मॉडल है ? जो छप्पन इंच के छोटे परदे पे... Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 3 345 Share Page 1 Next