Arvind trivedi 80 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Arvind trivedi 16 Apr 2023 · 1 min read स्वप्न मन के सभी नित्य खंडित हुए । स्वप्न मन के सभी नित्य खंडित हुए । दोष जिन पर वही नित्य मंडित हुए । आस्थाएँ सभी रक्त रंजित मिलीं - ज्ञान से जो रहे दूर पंडित हुए ।।... Quote Writer 1 319 Share Arvind trivedi 4 Apr 2023 · 1 min read मौसम कैसा आ गया, चहुँ दिश छाई धूल । मौसम कैसा आ गया, चहुँ दिश छाई धूल । पैरों में खुद आप ही, चुभो रहे हैं शूल ।। ✍️ अरविन्द त्रिवेदी Quote Writer 354 Share Arvind trivedi 2 Apr 2023 · 1 min read सूर्य के ताप सी नित जले जिंदगी । सूर्य के ताप सी नित जले जिंदगी । मध्य सुख-दुख के हर दिन पले जिंदगी । आह है, मौन है, शोर है, भीड़ है - जाने कितने रँगों में ढले... Quote Writer 550 Share Arvind trivedi 26 Mar 2023 · 1 min read कितने उल्टे लोग हैं, कितनी उल्टी सोच । कितने उल्टे लोग हैं, कितनी उल्टी सोच । मलहम मलते हाथ पर, पैरों में है मोच ।। ✍️ अरविन्द त्रिवेदी उन्नाव उ० प्र० Quote Writer 479 Share Arvind trivedi 23 Mar 2023 · 1 min read बेवफा मैं कहूँ कैसे उसको बता, बेवफा मैं कहूँ कैसे उसको बता, जब वफ़ा मैंने खुद भी निभाई नहीं । गलतियाँ खूब उसकी निकाला किए, अपनी गलती कभी भी बताई नहीं । ✍️ अरविन्द त्रिवेदी Quote Writer 1 2 432 Share Arvind trivedi 16 Mar 2023 · 1 min read स्वयं छुरी से चीर गल, परखें पैनी धार । स्वयं छुरी से चीर गल, परखें पैनी धार । कैसे -कैसे लोग हैं, राम लगाए पार ।। ✍️ अरविन्द त्रिवेदी Quote Writer 285 Share Arvind trivedi 14 Mar 2023 · 1 min read मिलो ना तुम अगर तो अश्रुधारा छूट जाती है । मिलो ना तुम अगर तो अश्रुधारा छूट जाती है । हृदय में नेह से परिपूर्ण सरिता सूख जाती है । दरस की आस ले गुजरी गली में सांझ नित लेकिन... Quote Writer 432 Share Arvind trivedi 8 Mar 2023 · 1 min read पुरुष अधूरा नारी बिन है, बिना पुरुष के नारी जग में, पुरुष अधूरा नारी बिन है, बिना पुरुष के नारी जग में, निज पुरुषत्व प्रभावों में तुम, नारी का अपमान न करना | ✍️ अरविन्द त्रिवेदी उन्नाव उ० प्र० महिला दिवस... Quote Writer 785 Share Arvind trivedi 8 Mar 2023 · 1 min read धूम मची चहुँ ओर है, होली का हुड़दंग । धूम मची चहुँ ओर है, होली का हुड़दंग । मस्त मगन हो नाचते, पीकर सारे भंग ।। ✍️ अरविन्द त्रिवेदी होली के पावन पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं Quote Writer 241 Share Arvind trivedi 3 Mar 2023 · 1 min read ख़ाक हुए अरमान सभी, ख़ाक हुए अरमान सभी, अब तो केवल जिंदा हैं । ✍️ अरविन्द त्रिवेदी उन्नाव उ० प्र० Quote Writer 1 225 Share Arvind trivedi 26 Feb 2023 · 1 min read मुझमें अभी भी प्यास बाकी है । मुझमें अभी भी प्यास बाकी है । वस्ल की अभी आस बाकी है । जिस्म तो भटक के थक चुका है, पर रूह की तलाश बाकी है । ✍️ अरविन्द... Quote Writer 178 Share Arvind trivedi 24 Feb 2023 · 1 min read शोर जब-जब उठा इस हृदय में प्रिये ! शोर जब-जब उठा इस हृदय में प्रिये ! नीर नयना स्वत: ही बहाने लगे । दृश्य जब-जब प्रणय के हुए प्राणमय, गीत में फिर तुम्हें गुनगुनाने लगे । ✍️ अरविन्द... Quote Writer 229 Share Arvind trivedi 20 Feb 2023 · 1 min read जो गलत उसको गलत कहना पड़ेगा । जो गलत उसको गलत कहना पड़ेगा । दर्द चाहत में मिले सहना पड़ेगा । वक्त की आवाज़ सुनकर जाग जाओ, तुमको दरिया की तरह बहना पड़ेगा । ✍️ अरविन्द त्रिवेदी... Quote Writer 1 247 Share Arvind trivedi 12 Feb 2023 · 1 min read भर मुझको भुजपाश में, भुला गई हर राह । भर मुझको भुजपाश में, भुला गई हर राह । जो डूबा दृग सिंधु में, मिली न उसको थाह ।। ✍️ अरविन्द त्रिवेदी उन्नाव उ० प्र० Quote Writer 233 Share Arvind trivedi 11 Feb 2023 · 1 min read दिल का दर्द आँख तक आते-आते नीर हो गया । दिल का दर्द आँख तक आते-आते नीर हो गया । हँसकर सही पीर जिसने जगत में फकीर हो गया । सहमे -सहमे से भटक रहे हैं झूठे लोग यहाँ -... Quote Writer 1 506 Share Arvind trivedi 11 Nov 2022 · 1 min read दोहा शब्द हुए जब मौन सब, नैन बोलते बोल । प्रेमी मन की पीर भी, जग में है अनमोल ।। ✍️ अरविन्द त्रिवेदी Hindi · दोहा 1 190 Share Arvind trivedi 6 Nov 2022 · 1 min read मुक्तक रात भर चित्र तेरा निहारा किए । नाम तेरा ही अक्सर पुकारा किए । लाज़मी था मुहब्बत में अलगाव फिर- ज़िन्दगी को अकेले गुजारा किए ।। ✍️ अरविन्द त्रिवेदी Hindi · मुक्तक 2 205 Share Arvind trivedi 31 Oct 2022 · 1 min read लौह पुरुष अराजकता विघटनों पर लगाम कस, शासन की नीतियाँ सुदृढ़ बनाता रहा | धीर - गंभीर होकर विवेक के प्रभाव में, शत्रु को पराजय का मार्ग दिखाता रहा | निडर होकर... Hindi · कविता 100 Share Arvind trivedi 30 Oct 2022 · 1 min read प्रेम प्रेम-प्रेम रटते सभी, प्रेम न समझे कोय । पीर सहे बिन जगत में, प्रेम न पूरा होय ।। ✍️ अरविन्द त्रिवेदी Hindi · दोहा 2 166 Share Arvind trivedi 28 Jul 2022 · 1 min read बारिश की बूँदें जब बारिश की बूँदें बादलों से होकर कच्ची छतों को भेदते हुए, कोठरी जलमग्न करती हैं, तो कितने मुँह से निकली आँहों के साथ पलकों के रस्ते खारे पानी की... Hindi · कविता 2 2 169 Share Arvind trivedi 20 Jul 2022 · 1 min read मुक्तक तीर फिर तरकशों से निकलने लगे । रोशनी के लिए फिर भटकने लगे । सोच उल्टी दिखे आदमी की यहाँ - अम्न के ख्वाब देखो बिखरने लगे ।। ✍️ अरविन्द... Hindi · कविता · मुक्तक 321 Share Arvind trivedi 8 Jul 2022 · 1 min read शिव स्तुति गल माल सुशोभित नागन की, तन पै शिव भस्म लगावत है । करि पान हलाहल शंकर ही, नित सृष्टि अनूप रचावत है । कर जोरि भगीरथ पैर पड़ो, जल गंग... Hindi · सवैया 1 664 Share Arvind trivedi 7 Jul 2022 · 1 min read मुक्तक प्रतिदिन देखो इस दुनिया की, तस्वीर बदलती रहती है । लोगों के हाथों की अक्सर, तकदीर बदलती रहती है । जग में प्यासे कंठ भटकते, सरिताओं ने राहें बदलीं -... Hindi · मुक्तक 265 Share Arvind trivedi 9 Jun 2022 · 1 min read पिता पिता हर घाव की औषधि, पिता हर कष्ट में साथी । पिता तहजीब की मूरत, पिता आदर्श की पाती ।। पिता पुरुषार्थ का सूचक, दिया संबल मुझे हरपल । छिपाकर... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 4 2 293 Share Arvind trivedi 18 Feb 2021 · 1 min read मुक्तक विचारों की जो भट्टी से यहाँ तपकर निकलते हैं । सितारे भी उन्हीं लोगों के दुनिया में चमकते हैं । अडिग निज मार्ग पर जो भाग्य से लड़कर बढ़े आगे... Hindi · मुक्तक 288 Share Arvind trivedi 3 Feb 2021 · 1 min read नेह का भाव नैन तुमसे मिले जब, अधर सिल गए, मूक वाणी हुई दिल धड़कनें लगा | शून्यता थी भरी इस हृदय में शुभे ! घोर तम ने मुझे है डराया बहुत |... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 48 465 Share Arvind trivedi 20 Jan 2021 · 1 min read राम राम को राम ही मात्र जीते रहे । वेदना का गरल नित्य पीते रहे । त्याग वैभव वनों में भी सुख पा लिया - ताज पाकर सुखों से वो रीते... Hindi · मुक्तक 3 2 357 Share Arvind trivedi 27 Dec 2020 · 1 min read कोरोना नाव जीवन की डगमग बहे रात दिन, भय का सागर हमेशा डराता रहा। वेदना से ग्रसित देह देखीं सभी, आँसुओं को मगर क्यों छिपाता रहा ? हो रहा नित मुखर... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 9 26 542 Share Arvind trivedi 16 Feb 2020 · 1 min read मुक्तक भुलाकर प्यार दीवाने मुहब्बत कर रहे जर से । सलीका भूल जीने का जहाँ में मर रहे डर से । निकलकर घोंसलों से सब यहाँ मायूस लगते क्यों-- उड़ानें भर... Hindi · कविता 409 Share Arvind trivedi 4 Feb 2020 · 1 min read आखिरी खत कितना मुश्किल है दिल के जज़्बातों को कागज़ पर उकेरना, अहसासों को अल्फ़ाज़ों में समेटना, कोशिश कर रहा हूँ, अपने हाल ए दिल को, इस खत में तुम तक पहुँचा... Hindi · कविता 1 334 Share Previous Page 2