arti lohani 65 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 arti lohani 29 Jun 2017 · 1 min read हाइकु राम का राज। सब एक समान। सँवारे काज।। नीले कृष्णा । गोपियों संग राधा। बुझी तृष्णा।। बन गमन। भाई संग संगिनी। दंभ दमन।। गीता का सार। कृष्ण ही जग का... Hindi · हाइकु 383 Share arti lohani 28 Jun 2017 · 1 min read नारी बस यूँ ही छली गयी बना देवी पूजा सदा मुझे, सदियों से ये ही रीत रही। मिला न मान-सम्मान फिर भी, नारी बस यूँ ही छली गयी।। सब सुख तज कुछ मिला सिया को? तुम... Hindi · कविता 614 Share arti lohani 28 Jun 2017 · 1 min read कोई शख्स पराया नहीं। कोई शख्स जग में पराया नहीं। अब तक किसी ने बुलाया नहीं। मैं जगता रहा रात भर यादों में उसे कभी मैंने भुलाया नहीं।। इसी वहम में लिखता रहा उम्र... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 280 Share arti lohani 6 Feb 2017 · 1 min read मदहोश तेरी ऊँगलियों की शरारत, मुझे मदहोश करने लगी. तेरी साँसों की हरारत, लवों को खामोश करने लगी ऐसा न हुआ एहसास कभी, यूँ न हुआ बदहवाश कभी, साँसों का ये... Hindi · कविता 1 774 Share arti lohani 3 Feb 2017 · 1 min read हमसफर तुम इस सफ़र के नये हमसफर तुम हो, कि अब तो हर जनम के हमसफर हो तुम. अपनी फुरसत का मैं क्या बयां करूँ, मेरी तो व्यस्तताओं में भी हो तुम... Hindi · कविता 573 Share arti lohani 28 Jan 2017 · 1 min read तन्हाई तन्हा बैठी थी तन्हाई मैं, याद उनकी आई तन्हाई मैं. तुम कहाँ और क्यों गये साहिब, वर्षो हुए नहीं सोई तन्हाई मैं. इस बेरुखी का सबब क्या है. बता दो... Hindi · कविता 286 Share arti lohani 25 Jan 2017 · 1 min read कैसी ये रीत आज डोली विदा हो रही है आज बेटी बहू बन रही है कल तक थी जिगर का टुकडा, आज वही परायी हो रही है. कल ही की बात थी, नन्ही... Hindi · कविता 1 258 Share arti lohani 25 Jan 2017 · 1 min read मेरा गाँव चलो ले चलूँ तुम्हें हसीन वादियों में, इस आपाधापी से दूर सुदूर पहाडो में, हरे-भरे पेडो से आच्छादित ये वन, रंग-बिरंगी फूलों से लदी ये डालियां, नित कलोल करते ये... Hindi · कविता 2 2 852 Share arti lohani 14 Jan 2017 · 1 min read मैं नारी हूँ मैं ममता की शीतल छाँव हूँ,तो सूरज की तपिश भी. निर्मल अविरल नदी हूँ,तो प्रचन्ड अग्नि भी. बहन,पत्नी,प्रेमिका और विश्वजननी भी, पृथ्वी की तरह सहनशील हूँ,तो काली घटा भी. मत... Hindi · कविता 1 402 Share arti lohani 11 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ हरमन को मनभावन लगती हैं बेटियाँ, माँ पिता के दिल में बसती हैं बेटियाँ. रंज हो खुशी हो या हो बिजलियाँ, दर्द भी ये हँस कर सहती हैं बेटियाँ. लिबासों,विचारों... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 765 Share arti lohani 9 Jan 2017 · 1 min read अजब ये प्रीत है. धरती प्यासी है मिलन को अपने अंबर से, अंबर भी बेकरार है प्रणय मिलन प्रेयसी से. कैसी प्रीत है सदियों से जो यूँ ही, तरसते हैं,तड़पते हैं मिलने एक दूजे... Hindi · कविता 2 280 Share arti lohani 8 Jan 2017 · 1 min read कागज की कश्ती भेजकर उसने कागज की कश्ती बुलाया है समन्दर पार मुझे वो नादाँ है क्या जाने दुनिया लगी है डुबाने मुझे. डगमगाती कभी संभलती वो लहरों से फ़िर भी लडती वो,... Hindi · कविता 2 1 456 Share arti lohani 7 Jan 2017 · 1 min read ओ अजनबी... ओ अजनबी क्या तुम सचमुच अजनबी हो? वक्त-बेवक्त आ जाते हो ख्यालों में फिर भी कहते हो कि तुम अजनबी हो. सावन की फुहारों में साथ रहते हो, बहती आँखों... Hindi · कविता 1 1 412 Share arti lohani 6 Jan 2017 · 1 min read रुह को रुह में उतरने दो आज लबों को बोलने की इजाज़त नहीं आंखो को ये काम करने दो करीब आ जाओ इस तरह रुह को रुह में उतरने दो. आज की रात कयामत से कम... Hindi · कविता 1 463 Share arti lohani 2 Jan 2017 · 1 min read कौन हो तुम कौन हो तुम जो चुपके से अंदर चले आ रहे हो कौन हो तुम जो बिन आहट अन्तस मैं दस्तक दे रहे हो फूल मुरझा कर बिखर चुके हरियाली का... Hindi · कविता 3 2 718 Share Previous Page 2