aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 76 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 9 Jul 2017 · 1 min read मनभावन सावन १ बूँदों का नृत्य सोंधी मिट्टी महकी हवा बहकी । ##################### २ मोर मचला घन गाई गज़ल नृत्य छलका । ####################### ३ मोरनी मोर घन घटा का शोर मस्तानी भोर।... Hindi · हाइकु 1k Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 5 Jul 2017 · 1 min read अहसास जुबाँ खा़मोश रहकर भी सभी कुछ बोलती है मगर बस शर्त ऐसी है कि दिल को कान हों। साँस लेना काफी नहीं महसूस करने को जो रिश्ते हैं बनाये बस... Hindi · शेर 211 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 19 Jun 2017 · 1 min read विधाता की पाती तितली और खगकुल रंगों के ऐसे गुरुकुल अप्रतिम सुन्दरता के भरे हैं जैसे घटकुल ये नयनों के निहोरा! ____________________ नाजुक परों के कैनवस पर मोहक चित्र कारी कौन है वो... Hindi · कविता 425 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 10 Jun 2017 · 1 min read सुनो बलात्कारी सूरज भी खुश नहीं आग बरसा रहा निर्लज्ज निकम्मों को सबक देना चाह रहा चाँद भी उदास सा चेहरा छिपा रहा मासूम पर ज़बरदस्ती का मातम मना रहा शापित मानवता... Hindi · कविता 491 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 10 Jun 2017 · 1 min read कश्मीर का दर्द-२ शहीद ले.उमर फैयाज़ को समर्पित (५ हाइकु) १ झेलम तीरे पहले जैसा समाँ ! सुकूँ नहीं रे। २ पके अनार पड़ोसियों का प्यार अब दुष्वार। ३ सोच बीमार कशमीर की... Hindi · हाइकु 324 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 9 Jun 2017 · 1 min read छोटी छोटी बातें पानी आँखों के समंदर मे हहराता खारा पानी निशब्द रह कर भी सुना जाता है दर्द की परतों में दबी सुन्न कहानी। ***************************** बचपन गये लम्हे वो बचपन के फिर... Hindi · कविता 1 275 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 7 Jun 2017 · 1 min read बेटी सुगंधा को आज पहली बार महसूस हुआ कि वो अवांछनीय ,अकेली नहीं है। शादी को दो साल हो चले थे,हँसी खुशी के साथ दिन पंख लगा कर उड़ रहे थे... Hindi · लघु कथा 516 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 5 Jun 2017 · 1 min read करनी और भरनी आज पुराने घर के आँगन में अकेली निस्सहाय बैठी शगुन के हृदय में दुख का समंदर ठाठें मार रहा है,तूफानी लहरें उठ उठ कर दिल की दीवारों से टकरा लहूलुहान... Hindi · लघु कथा 367 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 3 Jun 2017 · 1 min read शाईलक के भतीजों, धुआँ "शाईलक के भतीजों" काली बिल्ली बनकर रास्ता काट लो बन जाओ बन्दर मेरी रोटियाँ बाँट लो मर्चेन्ट आफ वेनिस से निकलो शाईलक आओ मेरी बोटियाँ छाँट लो तिनका तिनका छीन... Hindi · कविता 186 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 29 May 2017 · 1 min read मुग्धा कलियों से कोमलता पाई लचक वल्लरी से आई गात महकती फूलों सी भँवरे के मन को है भायी। अँखियों में मादकता बसती मोहिनी सूरत मन भरमाई लहराते गेसू नागिन से... Hindi · कविता 265 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 29 May 2017 · 2 min read "दण्ड" नयन आज बहुत खुश था,उसके तेरहवें जन्मदिवस पर मामाजी उपहार में एक असली क्रिकेट सेट ले कर आये थे,कब से उसके मन मे इसी उपहार की तमन्ना थी,दोस्तों को फोन... Hindi · लघु कथा 472 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 15 May 2017 · 1 min read ओस पत्तों पर ठहरी ओस की बूँदें नाजुक हल्की सी हवा से थरथराती सूरज की पहली किरण में झिलमिलाती नज़र पड़ते ही अन्तस को छू दें तरल आकृति, छोटे बच्चे के... Hindi · कविता 400 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 13 May 2017 · 1 min read " सरप्राइज़" सुबह सुबह सबको यथास्थान दफ्तर,स्कूल भेजकर निवृत हुई तो सोचा कि बचा खुचा काम भी सँवार दूँ, फिरआराम से पंखे के नीचे लेट कर नई आई रीडर्स डाइजेस्ट खोलूँगी।उसी समय... Hindi · लघु कथा 1 523 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 12 May 2017 · 1 min read कश्मीर का दर्द (५ हाइकु) #१ सेब के फूल सुगन्धित सजीले मस्तक शूल । ***************************** #२ बर्फ की घाटी हरी भरी श्यामला लहू ने पाटी ! ***************************** #३ गुल बहार पत्थर लगी मार हत चिनार... Hindi · हाइकु 409 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 12 May 2017 · 1 min read "विडम्बना" देवालय में स्थापित पाषाण कृति पूजित होती नित नतमस्तक हो मस्तक घिसते मिल जाते कितने शूरवीर शक्ति से लेकर अभय दान चल पड़ते करने दूषित शक्ति का प्रतिरूप जीवित जो... Hindi · कविता 256 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 7 May 2017 · 1 min read शब्दों का खेला "शब्दों का खेला" शब्द हथियार है ं बेसोचे उछाल दो तो दोधारी तलवार हैं शब्द संप्रेषण उत्कृष्ट तो पट जाती टूटते रिश्तों की गहरी खाई और ढह जाती दरार बनी... Hindi · कविता 225 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 2 May 2017 · 2 min read "रक्षा कवच" सत्या के अति इमानदार पिता यूँ तो सरकारी महकमें में स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर कार्यरत थे पर सत्या को माँ के उदर में स्थापित हुए अभी कुछ पंद्रह हफ्ते... Hindi · लघु कथा 620 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 28 Apr 2017 · 2 min read ' पितृ भोज' १९८८ में मैं नई नई, दिल्ली शहर में रहने आईं थी.मन मे राजधानी की बड़ी विराट और चमकीली तस्वीर ,कहीं अन्दर एक अनजाना सा डर भी निहित था ,आखिर मै... Hindi · लघु कथा 348 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 20 Apr 2017 · 1 min read "मेरे लिए" ज़िदगी नें कुछ यूँ साथ निभाया है मेरी किस्मत देख कर सूरज गरमाया और चाँद का मन भी भरमाया है उन्हें यूँ लगता है कि मेरे ऊपर उन्हीं का साया... Hindi · कविता 562 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 19 Apr 2017 · 1 min read "मुक्ति" किसी के प्यार का मोती हूँ किसी के नेत्रों की ज्योति हूँ नज़र के वार को संभालो अब आज से मैं स्वयं की होती हूँ उन्मुक्त उड़ना है मुझको पंख... Hindi · कविता 283 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 19 Apr 2017 · 1 min read "सरफरोश दीवाने" सर फरोशी की तमन्ना ले कर दीवाने चल पड़े थे मादरे वतन को बेगानों से बचाने मस्ताने चल पड़े थे सर फरोशी की तमन्ना ले कर दीवाने चल पड़े थे... Hindi · कविता 255 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 19 Apr 2017 · 1 min read " नीला" नीले का है विस्तार वृहद समझेगा कोई क्या ? अनहद! अम्बर अनन्त फैला नीला नीले सागर का उर गीला अम्बर से झर झर कर बूँदें सागर की गागर भरती हैं... Hindi · कविता 588 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 16 Apr 2017 · 1 min read वो थकी आँखें शून्य में निहारती वो थकी आँखें ज्यों ढूँढती हों समय के साथ खो गई अपनी पाँखें जब डैनों में जान थी शक्ति थी, उनमें निहित ऊँची उड़ान थी तब समेट... Hindi · कविता 293 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 16 Apr 2017 · 1 min read "कोलाहल या हलाहल" यह कोलाहल कैसा है बिल्कुल हलाहल जैसा है पिघला सीसा सा कानों में टपकता है किसी अग्नि दैत्य सा कोमलकर्ण की ओर लपकता है इसके असर से चेतन भी अचेत... Hindi · कविता 495 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 15 Apr 2017 · 1 min read ओस पत्तों पर ठहरी ओस की बूँदें नाजुक हल्की सी हवा से थरथराती सूरज की पहली किरण में झिलमिलाती नज़र पड़ते ही अन्तस को छू दें तरल आकृति, छोटे बच्चे के... Hindi · कविता 225 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 15 Apr 2017 · 1 min read _" आतंकवाद से त्रस्त मन की पुकार " मुझे नई सुबह की तलाशहै रात के अँधेरे में आग के घेरे में जल रहा आज जिन्दगी का पलाश है मुझे नई सुबह की तलाश है . कहीं मारकाट मची... Hindi · कविता 251 Share Previous Page 2