धरती की अब प्यास ----- (बरसात -- गीत)
*************गीत************ बह रही है हवा सुहानी, बरखा रानी बरसेगी। धरती की अब प्यास बुझेगी, बीरहन भी न तरसेगी।। धरती की अब प्यास ---------------------------- तरसेगी।। (१) कारे कजरारे मेघो ने, दस्तक...
“बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत