अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' Tag: गीत 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 11 May 2022 · 1 min read पिता हैं छाँव जैसे धूप है दुनिया पिता हैं छाँव जैसे। शह्र की तनहाइयों में गाँव जैसे। कोई भी कठिनाई कैसे छू सकेगी। उँगली उनके हाथ में जब तक रहेगी। वो अभावों में मेरी... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · गीत 13 4 888 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 25 Sep 2021 · 1 min read प्रिये छिन्दि प्रिये छिन्धि मा मम हृदयं त्वम् एतादृशा मधुर हासेन। चपलदृशा मा पश्य सस्मितं प्रेरयस्व प्रेम्णे हृदयेन।। किसलयाधरे स्निग्धकपोले कुञ्चितकेशे बध्दोहम्। तव दर्शनं विनाहं क्षणमपि यास्याम्यत्र ब्रूहि कथम्।। कथं भेद्यते नीरवचित्तं... Sanskrit · गीत 8 2 440 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 25 Sep 2021 · 1 min read संस्कृतम् नमामि वाणी संस्कृतं पुरातनं सनातनम्। नमामि ज्ञाननिर्झरं सुरमुखात् निसृतम्। नमामि राष्ट्रगौरवं स्वदेशश्रीविवर्धकम्। वेदमूलवर्तते अतीतबीजधारकं। नमामि संस्कृतिं तथा परम्परादि रक्षकम्। असभ्यतां असंस्कृतिं कल्मषादि भक्षकम्। नमामि मातु भाषाणां विश्वमूर्ध्नि शोभितम्। चरित्ररक्षकं पुनाति... Sanskrit · गीत 5 2 338 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 25 Sep 2021 · 1 min read नमामि भारतवर्षम् नमामि भारतवर्षं नमाम्यार्यावर्तम्। चतुर्दिगन्तवहः पवनस्तव गायति शुभकीर्तिम् । नमामि भारतवर्षं नमाम्यार्यावर्तम्॥ अहर्निशं शशिदिवाकरौ गगने त्वां नमतः। वन्दन्ते त्वां विश्वगुरुं नक्षत्रगणाः शतशः। नृहृदयानि सहगर्वेण तव गायन्ति वृत्तम्। नमामि भारतवर्षं नमाम्यार्यावर्तम्॥ रणेऽरिणं... Sanskrit · गीत 7 2 469 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 20 May 2021 · 1 min read मेघावलियाँ मेघावलियाँ आसमान की बनी अंजुली, मेघों की शुचि धारा अविरल। शीतलता के मृदुल करों से, धुलने लगा धरा मुख-मण्डल। जल अतिशय से तुंग भवन के, बने पनाले सुंदर झरने। गली-... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत 14 14 709 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 16 May 2021 · 1 min read प्रथम मेह बंजर वसुधा हुई प्रसूता, घन ने गर्भाधान किया। सुप्त धरा में नव अंकुर ने, प्रथम मेह पय-पान किया। अर्धखुले नयनों से अंकुर, झाँकें मिट्टी के दामन से। महकी सौंधी गंध... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत 17 20 1k Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 31 Mar 2019 · 1 min read दूर नगरी *गीत* दूर बहुत है नगरी तेरी, आ ना पाऊँ मिलने को। साँझ ढले तुम आ जाती हो, नयनों बीच टहलने को। ले स्पर्श आपका हरदिन,आ जाती बहती पुरवाई। सुखद ऋतु... Hindi · गीत 8 521 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 14 Mar 2019 · 1 min read मैं तुम्हारे प्यार में हूँ *गीत* मैं अलौकिक दीप्ति मय हूँ, उर्मियाँ उर में उदित है। पुष्प वन गिरि सिंधु लय हैं, दिव्य उस झंकार में हूँ। मैं तुम्हारे प्यार में हूँ। ध्यान में देखा... Hindi · गीत 8 2 555 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 3 Mar 2019 · 1 min read बसंत *बसंत* प्रकृति नवोढ़ा बदल रही है, पहन रही परिधान नया। नित्य दिवाकर की किरणों से, होता सुखद विहान नया। तरु शिखरों पर खिली मंजरी, भ्रमर भ्रमर मदमाये है। पुष्पों के... Hindi · गीत 4 637 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 3 Mar 2019 · 1 min read मेरा मन तुम साथ ले गयी हृदय पटल की स्मृतियों में, प्रिये! विन्यास तुम्हारा है। मेरा मन तुम साथ ले गयी, मेरे पास तुम्हारा है। मेरे मन की एक कल्पना, तुम सर्वाधिक प्यारी हो। माना बहुत... Hindi · गीत 9 693 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 26 Jan 2019 · 1 min read गणतंत्र *गणतंत्र* रात गुजारीं जागे जागे, दिवस हजारों खोए हैं। आजादी की वरमाला में, मुण्ड हजार पिरोए हैं। चिंगारी से सोले तक की, शूलों वाली राह चुनी। छोड़ भीरुता की उँगली... Hindi · गीत 3 356 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 9 Dec 2018 · 1 min read गुनगनी धूप *गीत* कुदरत ने बदला निज रूप। भाने लगी गुनगनी धूप। पत्ते -पत्ते दूब -दूब पर, तुहिन सजे मोती बनकर। कुहरे की जाली से जैसे, धूप आ रही है छनकर। हाथ... Hindi · गीत 3 322 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 24 Nov 2018 · 1 min read मतदान *मतदाता जागरुकता गीत* हर मतदाता का, मतदान जरूरी है। अपनी जीवन शैली, वोटों से पूरी है। नेता यदि योग्य न चुन, ऐसे ही चुन लेंगे। पछताते रहेंगे हम, वे दुख... Hindi · गीत 9 2 486 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 19 Nov 2018 · 1 min read नारी *नारी* तुम भावों का अनुबंधन हो। तुम नातों का अभिनंदन हो। करुणा श्रध्दा प्रेम सिंधु तुम। जगतीतल का केन्द्र बिन्दु तुम। विश्व भुवन में तुम मधुवन हो। तुम स्निग्ध स्पर्श... Hindi · गीत 7 3 589 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 6 Aug 2018 · 1 min read मल्हार *मल्हार* झूला तो डल गये अमियां की डार पै जी। ऐ जी मेघा रह रह रहे हैं फुहार। पिहु पिहु पपिहा मयूरी लगी नाचने री। आए पिय अँगना बदरी लगी... Hindi · गीत 5 531 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 23 May 2018 · 1 min read यज्ञारती * यज्ञारती * ओम जय यज्ञ विभो। स्वामी जय सर्वज्ञ विभो। आर्त पडा चरणों में, मैं अल्पज्ञ विभो। ओम.... दक्षिणा पत्नी तुम्हारी, सप्तम अवतारा। हम दीनन को दुख से ,... Hindi · गीत 6 377 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 20 May 2018 · 1 min read ग्रीष्म गीत *ग्रीष्म गीत* रिस रही है फिर गगन से, यूँ विरह की आग। तप्त रवि उर -वेदिका पर, कर रहा हो याग। क्षण प्रतिक्षण बढ़ रही है, प्रेम की बस प्यास।... Hindi · गीत 4 604 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 18 Apr 2018 · 1 min read परशुराम स्तुति *परशुराम स्तुति* जय परशुराम जमदग्नि सुत जय रेणुका सुख वर्धकं। जय दैत्यवन दावानलं जय शत्रु दंभ विमर्दकं। कर परशु चण्ड शरासनं तलवार शर भयंकरं। सिर जूट तन मृगचर्म कर रुद्राक्ष... Hindi · गीत 7 2 2k Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 1 Aug 2017 · 1 min read बाल गीत* हमारा स्कूल* *स्कूल* स्कूल हमारा मंदिर है, सब आपस में प्यार करें। भाई बहिन यहाँ पर हम सब, सच्चा हम व्यवहार करें। टीचर का सम्मान करें हम, वे भी हमसे प्यार करें।... Hindi · गीत 3 415 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 24 Jul 2017 · 1 min read बेटी के आर्त स्वर *बेटियाँ* मैं भी दुनियाँ देखन चाहूँ ,मुझको भी जिंदा रहने दो। तड़पा दिल ममता को मेरा, मुझको मत तिल-तिल मरने दो।। माँ, भगिनी, पत्नी बनकर, ममता ,प्रेम लुटाऊँगी। 'माँ' बेटे... Hindi · गीत 2 551 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 17 Jul 2017 · 1 min read दर्द चिर सोत रहा *विधा- नवगीत* *दर्द चिर सोता रहा* ------------------------------------------------- चाहतें सहमी हुई हैं आहटों को सुन पुकारे। दर्द चिर सोता रहा अश्रु की चादर लपेटे। छुप गयी संवेदनाएं मुट्ठियों में दिल समेटे।... Hindi · गीत 2 342 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 12 Jul 2017 · 1 min read तुम आओ तो बात बने *गीत* *तुम आओ तो बात बने* ***** मीठा हर आघात बने। तुम आओ तो बात बने। आभासी परिवेशों से। चुरा याद अवशेषों से। मौन हृदय का मध्दम स्वर। बुला रहा... Hindi · गीत 3 4 388 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 28 Apr 2017 · 1 min read श्री परशुराम आरती *आरति* आरति परशुराम मुनिवर की। युध्द दक्ष कर फरसा धर की। उग्र नयन दहकत अति ज्वाला। महा तपस्वी देह विशाला। ब्रह्मचर्य के शुचि निर्झर की। आरती परशुराम मुनिवर की।।१।। जमदग्नि... Hindi · गीत 4 2 518 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 1 Feb 2017 · 1 min read *वसंत गीत* ''आ नूतन कर श्रृंगार उषा" *गीत* कर हर्षित अब संसार उषा। आ नूतन कर श्रृंगार उषा। नभ मंडप में विस्तार वदन। तम का कर सहचर साथ दमन। मृदु सुषमा से महका मंजर। आ अंबर से... Hindi · गीत 1 414 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 7 Jul 2016 · 1 min read सरस्वती वंदना *सरस्वती वंदना* सरस्वती माँ करें वंदना , हम तेरे ही बालक हैं। दूर करो माँ वो अँधियारे, जो जीवन में बाधक हैं। माँ निर्मल मति को कर देना, सदाचार अपनाऐं... Hindi · गीत 1 2 3k Share