अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 1406 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 17 Jun 2021 · 1 min read क़ुबूल कर मेरी आशिक़ी क़ुबूल कर मेरी आशिक़ी क़ुबूल कर मेरी आशिकी को, यूं इनकार न कर इस आशिके - मजनू को , यूं बेकरार न कर कुबूल कर मेरी आशिकी को, यूं इनकार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 4 244 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 28 Jun 2021 · 1 min read इंतिकाम से कुछ हासिल नहीं होता इंतिकाम से कुछ हासिल नहीं होता इंतिकाम से कुछ हासिल नहीं होता उस खुदा की इल्तिफ़ात (दया , कृपा ) से दोस्ती कर लो भटकने से कुछ हासिल नहीं होता... Hindi · कविता 4 2 329 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 28 Jun 2021 · 1 min read सपनों की महफ़िल सजायें सपनों की महफ़िल सजायें सपनों की महफिल सजायें . चलो कुछ नए गीत सजाएं तारों को धरती पर लायें . चलो चाँद पर होकर आयें | ढूंढकर उस खुदा का... Hindi · कविता 4 2 244 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 28 Jun 2021 · 2 min read कौन कहता है कौन कहता है कौन कहता है जिन्दगी अब सिसकती साँसों का हो गयी है नाम वक़्त के समंदर में कोशिशों की नाव चलाकर तो देख | कौन कहता है होठों... Hindi · कविता 4 2 298 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 28 Jun 2021 · 3 min read आस्तिकता - एक विचार आस्तिकता - एक विचार आस्तिक भाव का होना अर्थात परमात्मा में विश्वास होना | यह विश्वास परमात्मा के दोनों स्वरूपों में हो सकता है | चाहे वह निराकार के रूप... Hindi · लेख 4 4 359 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 29 Jun 2021 · 9 min read वर्तमान सामाजिक परिदृश्य में सामाजिकता शब्द के एहसास के अभाव की चुभन- लेख वर्तमान सामाजिक परिदृश्य में सामाजिकता शब्द के एहसास के अभाव की चुभन - लेख वर्तमान सामाजिक परिदृश्य में पिछले बहुत ही कम समय में भयावह परिवर्तन हुए हैं जिन्हें 40... Hindi · लेख 4 2 807 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 30 Jun 2021 · 1 min read मुक्तक १. जब युवा पीढ़ी संस्कारित होने लगे घर -घर शंखनाद बजने लगे जब देवालयों में श्रद्धालु आने लगें समझो संस्कार पल्लवित होने लेगे हैं २. सरिता जब अपनी मस्त चाल... Hindi · मुक्तक 4 2 364 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 2 Jul 2021 · 1 min read नारी नारी आज की आधुनिक नारी कतरा - दर कतरा जिन्दगी को संजोती नारी अपने आँचल में हौसलों का एह्सास लिये उम्मीदों का एक समंदर संजोती नारी जीवन मरू में प्यार... Hindi · कविता 4 12 411 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 2 Jul 2021 · 1 min read संवेदनाएं संवेदनाएं संवेदनाओं की दुनिया खोलती है एक नई कहानी भयमुक्त हो जाती हैं हमारी प्रार्थनाएं संवेदना एक संभावना नहीं अवसर है जीवन को भय मुक्त पथ पर अग्रसर करने का... Hindi · कविता 4 2 472 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 2 Jul 2021 · 1 min read चाहतों का एक समंदर चाहतों का एक समंदर चाहतों का एक समंदर रोशन कर सकूं तो अच्छा हो मुहब्बत का एक कारवाँ सजा सकूं तो अच्छा हो गीत पाक मुहब्बत के अपनी लेखनी का... Hindi · कविता 4 4 372 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jul 2021 · 1 min read तारों , सितारों में तुझे ढूंढता हूँ तारों , सितारों में तुझे ढूंढता हूँ तारों , सितारों में तुझे ढूंढता हूँ पवन की बयारों में तुझे ढूंढता हूँ | सूना है तू बसता है, हर एक के... Hindi · कविता 4 2 319 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jul 2021 · 1 min read पुस्तकों का आश्रय पाकर पुस्तकों का आश्रय पाकर पुस्तकों का आश्रय पाकर तुम जो चाहे बन सकते हो | चीर कर अज्ञान के तम को ज्ञान मार्ग पर बढ़ सकते हो | संस्कारों की... Hindi · कविता 4 14 350 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 6 Aug 2021 · 4 min read गुमराह - कहानी गुमराह एक गाँव में चार दोस्त रहते थे उनके नाम थे – मनोज, पंकज, देव एवं विजय | सभी खेतिहर मजदूर के परिवारों से थे | फिर भी एक बात... Hindi · कहानी 4 10 1k Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 16 Aug 2021 · 4 min read लॉकडाउन के दौरान पुस्तकों की व्यथा लॉकडाउन के दौरान पुस्तकों की व्यथा यहाँ हम आज लॉकडाउन के दौरान अलमारियों में बंद दो पुस्तकों के बीच के वार्तालाप को सकारात्मक दृष्टि से समझने की कोशिश करेंगे कि... Hindi · लेख 4 8 912 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 28 Aug 2021 · 1 min read वक्त नाजुक है ( कोरोना काल पर रचना ) वक्त नाजुक है ( कोरोना काल पर रचना ) वक्त नाजुक है , जरा संभलकर रहिये कोरोना की भीषण त्रासदी है, जरा बचकर रहिये | कैद कर लोगे जो खुद... Hindi · कविता 4 10 342 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 21 Sep 2021 · 1 min read कान्हा जी घर आये कान्हा जी घर आये, आये मोरे अंगना राधाजी को संग लाये, आये मोरे अंगना शंकर जी घर आये , आये मोरे अंगना पार्वती को संग लाये , आये मोरे अंगना... Hindi · गीत 4 2 197 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 8 Oct 2021 · 1 min read बस अब और नहीं बस अब और नहीं फिल्मों में गालियों की बौछार तंग गलियों में सिसकते संस्कार बस अब और नहीं बुजुर्गों का तिरस्कार नारी पर होते अत्याचार बस अब और नहीं आधुनिक... Hindi · कविता 4 8 209 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 2 Nov 2021 · 1 min read पाकर तुझे मैं अपना , जीवन संवार लूं पाकर तुझे मैं अपना , जीवन संवार लूं पाकर तुझे मैं अपना , जीवन संवार लूं खुद को तेरी राह पर , मैं निसार दूं हो जाऊँ तेरा शागिर्द ,... Hindi · कविता 4 6 368 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 18 Nov 2021 · 1 min read अपने दिल को मना लेना - मुक्तक अपने दिल को मना लेना, उसे रूठने ना देना l बहुत ही नाजुक होता है ये दिल, इसे टूटने ना देना ll दिल जो टूट जाता है, सब कुछ खत्म... Hindi · मुक्तक 4 2 206 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 18 Nov 2021 · 1 min read रोशन कर राहे - इंसानियत - मुक्तक रोशन कर राहे - इंसानियत, अपने जीवन में l पाक हो जायेगी नीयत तेरी, पाक हो जाएगा दामन तेरा ll अपनी चाहतों, अपनी आरज़ू को खुदा की इबादत समझ l... Hindi · मुक्तक 4 2 134 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 17 Dec 2021 · 1 min read हमें चाहिए आजादी हमें चाहिए आजादी आजादी , कुविचारों से आजादी, आधुनिक संस्कारों से आजादी , दहकते युवा कुत्सित विचारों से आजादी, लव जेहाद जैसे कुविचारों से आजादी , धर्म के ठेकेदारों से... Hindi · कविता 4 8 331 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 23 Dec 2021 · 1 min read मेरी पहली कविता की प्रथम चार पंक्तियाँ - संस्मरण मेरी पहली कविता की प्रथम चार पंक्तियाँ - संस्मरण बात 2005 के मई माह की है शायद कल से हमारा ग्रीष्म अवकाश आरम्भ होना था | मैंने अपने पुस्तकालय में... Hindi · संस्मरण 4 8 638 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 8 Jan 2022 · 1 min read कुर्सी का मोह कुर्सी का मोह जनता पर पड़ रहा भारी बेलगाम होती जा रही कोरोना महामारी Hindi · मुक्तक 4 4 417 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 30 Jun 2021 · 1 min read Teacher ! Teacher ! - a poem Teacher ! Teacher - a poem Teacher ! Teacher ! Take me out of fear Teacher ! Teacher ! Overcome my fear Teacher ! Teacher ! Counsel me as preacher... English · Poem 4 6 653 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 20 Apr 2022 · 1 min read गैरों की क्या बात करें गैरों की क्या बात करें अपने ही हुए पराये बैठे हैं कल तक जो बातें करते थे आज मुंह फुलाए बैठे हैं हमें देख कभी जो मुस्काते थे आज मुंह... Hindi · कविता 4 4 452 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 28 Jun 2022 · 1 min read मुक्तक आने वाले कल की ख़ुशनुमा सुबह का एहसास जगाए रखना जीत का हौसला अपने दिल में जगाए रखना l गलती से भी हार का ख्याल ना आए जेहन में अपने... Hindi · मुक्तक 4 2 221 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 26 Jul 2022 · 2 min read पुरस्कार - कहानी मोनू गधा जंगल का एकमात्र सीधा - साधा जानवर था | इसके सीधेपन का कभी - कभी उसे नुक्सान भी उठाना पड़ता था | पर उसकी एक अच्छी आदत थी... Hindi 4 5 452 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 21 Aug 2022 · 3 min read साहस - कहानी दिनेश अग्रवाल जी के परिवार में दो बच्चों पंकज और कोमल के अलावा पत्नी सुधा और माता -पिता थे | दिनेश जी की अपनी खुद की मेडिकल की दुकान थी... Hindi · कहानी · प्रेरक 4 2 645 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 26 Aug 2022 · 1 min read A book is like......................... A book is like a candle Which burns and enlighten others A book is like an ocean Which fills the brain with variety of thoughts A book is like a... English · Book · Poem 4 2 117 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 23 Sep 2022 · 1 min read Inspiration - a poem Inspiration is the best medicine of motivation It is the key factor for self realization It is the best tool for self investigation It creates a world of self imagination... English · English Poems 4 330 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 24 Sep 2022 · 1 min read मुक्तक चार दिन की जिन्दगी गुजार सके तो सुकून से गुजार जिन्दगी का फ़लसफ़ा है जहां खुशियाँ हैं कम , गम हैं हज़ार Hindi · मुक्तक 4 176 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 24 Sep 2022 · 1 min read मुक्तक ग़मों की स्याह रात में , चंद पलों की खुशियाँ नवजीवन का आभास करा देती हैं हो जाता है जिन्दगी का हर पल खुशनुमा जीने की आस जगा देती हैं Hindi · मुक्तक 4 259 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Sep 2022 · 1 min read पावन तेरे चरण , पावन तेरी छवि कान्हा पावन तेरे चरण , पावन तेरी छवि कान्हा आ गया हूँ तेरे चरणों में , अपना लो मुझे कान्हा भक्ति रस में डूबकर , निखर जाऊं मैं चरणों में मुझे... Hindi · कृष्ण भजन · भजन 4 2 123 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 25 Oct 2022 · 2 min read पपलू की बुद्धिमानी - कहानी पपलू एक बन्दर है | वह काफी समझदार , बिद्धिमान और पढ़ाई में तेज है | सबकी मदद करना उसकी आदत है | वह अपने माता - पिता का आज्ञाकारी... Hindi · कहानी · प्रेरणादायक कहानी 4 2 507 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 14 Jun 2023 · 1 min read अपने चरणों की धूलि बना लो अपने चरणों की धूलि बना लो अपने चरणों की धूलि बना लो हे त्रिपुरारी हे बनवारी अभिलाषा पूरी करो मेरी चरण कमल जाऊं बलिहारी निर्मल , पावन हो मेरी काया... Poetry Writing Challenge · कविता 4 1 208 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 23 Oct 2023 · 4 min read दादी माँ - कहानी यादव जी एक प्रशासनिक पद पर कार्यरत थे | घर में माता जी साथ थीं , पत्नी संतोषी और दो बच्चे रीमा और राघव | एक बहन प्रियंका जिसकी शादी... Hindi · कहानी · प्रेरणादायक कहानी · सामाजिक कहानी 4 2 510 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 13 Feb 2021 · 1 min read अंदाज़े - बयाँ अंदाज़े - बयाँ बेवजह बेसबब आँखें नम हो जाया नहीं करतीं कभी ख़ुशी कभी गम के साए तले छलक जाती हैं ये कभी रिश्तों की बज़्म जिन्दगी , कभी जीवन... Hindi · शेर 3 4 222 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 13 Feb 2021 · 3 min read बाबू की बाबूगिरी - व्यंग्य बाबू की बाबूगिरी बाबू शब्द सुनते ही हमारे जेहन में एक तस्वीर उभरती है | आँखों पर चढ़ा चश्मा इसमें से प्रश्नवाचक चिन्ह के साथ झांकती दो आंखें | इन... Hindi · लेख 3 4 434 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 15 Feb 2021 · 1 min read कोरोना - 1 कोरोना किसी गरीब से पूछो कोरोना का असर दाने - दाने को मोहताज़ , जिन्दगी का सफ़र अपनों से दूर कर रहा , जिन्दगी की तलाश एक वायरस से बिछा... Hindi · कविता 3 230 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 18 Feb 2021 · 4 min read एक अच्छे वक्ता के गुण एक अच्छे वक्ता के गुण एक अच्छा वक्ता होना एक कला है | इस कला में निपुण होने के लिए व्यक्ति का सामाजिक होना अतिआवश्यक है | मानवीय विचारों से... Hindi · लेख 3 4 2k Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 23 Feb 2021 · 1 min read चलो चलें वहां जहां मिले ख़ुशी चलो चलें वहां जहां मिले ख़ुशी चलो चलें वहां जहां मिले ख़ुशी चलो चलें वहां जहां पले ख़ुशी चलो चलें वहां जहां मिले शांति चलो चलें वहां जहां पले शांति... Hindi · कविता 3 225 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 5 Mar 2021 · 1 min read तेरा इंतज़ार कर रहा हूँ 1. तेरा इंतज़ार कर रहा हूँ ऐ मेरे खुदा क़यामत की रात आये तेरा दीदार कर सकूं 2. इंसानियत का परचम ऊंचा रहे सदा जीने का फ़लसफ़ा बरकरार रहे ऐ... Hindi · मुक्तक 3 190 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 6 Mar 2021 · 1 min read गर जिन्दगी धुप सी खिल जाती तो कैसा होता 1. गर जिन्दगी धूप सी खिल जाती तो कैसा होता गर मिल जाती जिन्दगी की दो बूँदें तो कैसा होता गर जिन्दगी सुबह की तरह खुशनुमा हो जाती तो कैसा... Hindi · मुक्तक 3 330 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 19 Mar 2021 · 1 min read नेत्र जब तेरे पवित्र होने लगें 1. नेत्र जब तेरे पवित्र होने लगें भावनाएं जब सरिता सी पावन होने लगें तेरा मन जब तेरे बस में होने लगे समझ लेना तुम देवत्व को प्राप्त होने लगे... Hindi · मुक्तक 3 1 267 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 19 Mar 2021 · 1 min read क़ुबूल है मुझे तेरी , बेरुखी भी ऐ मेरे खुदा 1. क़ुबूल है मुझे तेरी , बेरुखी भी ऐ मेरे खुदा खुश हूँ कि इसी बहाने , तूने मुझे याद तो किया 2. कुर्बान कर सकूं खुद को मैं तेरी... Hindi · मुक्तक 3 1 177 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 20 Mar 2021 · 1 min read हे जीवन संगिनी हे जीवन संगिनी हे जीवन संगिनी , हे प्रिया वसुंधरा सा आँचल तेरा हे अर्धांगिनी , हे सुंदरी पूर्ण ज्योत्स्ना बरसातीं तुम के कामिनी , हे वधु तुम सरिता सी... Hindi · कविता 3 4 712 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 20 Mar 2021 · 1 min read कल्पना में क्यों जी रहे तुम कल्पना में क्यों जी रहे तुम कल्पना में क्यों जी रहे तुम जीवन को साकार करो तुम ज्ञान का अमृतपान करो शिक्षा को वरदान धरो तुम कल्पना में क्यों जी... Hindi · कविता 3 2 176 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 20 Mar 2021 · 1 min read कविता कहाँ गुम हो गई तुम कविता कहाँ गुम हो गई तुम आज कविता कहाँ गुम हो गई तुम युग बीते विचार बदले सामाजिक विकृतियाँ मानवीय विचारों पर हावी हो गयीं विषय – दर – विषय... Hindi · कविता 3 5 479 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 24 Mar 2021 · 1 min read कटु सत्य कटु सत्य कटु सत्य को तुम पहचानो परमेश्वर को अपना जानो कर्मभूमि के मालिक बन अपनी गरिमा को पहचानो कलियुग की करवट को जानो धर्म कसौटी को पहचानो करतब ,करम... Hindi · कविता 3 8 270 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 24 Mar 2021 · 1 min read आओ हम धारा एक बहायें आओ हम धारा एक बहायें आओ हम धारा एक बहायें सत्य अहिंसा को अपनायें प्रेम बहे चहुँ ओर दिशा में सत्यमार्ग को हम अपनायें कर्मपूर्ण बन जाए जीवन धर्मपूर्ण बन... Hindi · कविता 3 3 274 Share Previous Page 2 Next