Anand Kumar Tag: कविता 46 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Anand Kumar 15 May 2024 · 1 min read उल्लू नहीं है पब्लिक जो तुम उल्लू बनाते हो, बोल-बोल कर अपना खिल्ली उड़ाते हो। मेरी कलम से... आनन्द कुमार तेरे मन की बात करें तो हम अच्छे हैं, अपने मन की बात करें तो कच्चे हैं। वाह गजब की बात हो करते नेताजी, तुम... Hindi · Political · कविता · व्यंग्य कविता 53 Share Anand Kumar 25 Apr 2024 · 1 min read मेरी कलम से… मेरी कलम से… आनन्द कुमार मेरे हालात पर, तुम्हारा कोई दोष नहीं, कम्बख्त मैं खुद ही, खुद का जिम्मेदार हूं, प्यार, दर्द सुकून में उलझा रहा हर पल, मैं हर... Hindi · Quote Writer · कविता 23 Share Anand Kumar 28 Jan 2024 · 1 min read ईश्वर नाम रख लेने से, तुम ईश्वर ना हो जाओगे, मेरी कलम से... आनन्द कुमार नाम-नाम में तप है, नाम-नाम में जप, नाम-नाम ही कलंक है, नाम-नाम ही बेशर्म, नाम में लिखा हो स्वामी तो, वह स्वामी नहीं हो जाएगा,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मेरी कलम से… आनन्द कुमार 139 Share Anand Kumar 26 Jan 2024 · 1 min read राम संस्कार हैं, राम संस्कृति हैं, राम सदाचार की प्रतिमूर्ति हैं... मेरी कलम से... आनन्द कुमार पग राम के लिए ही मैं बढ़ाऊंगी, दीप उनके ही नाम की जलाऊंगी, राष्ट्र समूचा हुआ है राममय, मैं राम में ही रम जाऊंगी, राम... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मेरी कलम से… आनन्द कुमार 87 Share Anand Kumar 16 Dec 2023 · 1 min read नई पीढ़ी पूछेगी, पापा ये धोती क्या होती है… मेरी कलम से… आनन्द कुमार ग़ाज़ीपुर शहर गंगा की लहर घाट किनारे हाथ धोती थामे सुखा रहे वृद्धजन यह प्रेम भी है संस्कृति की विरासत का संदेश भी है पुरुष... Hindi · कविता · गंगा · गीत 2 676 Share Anand Kumar 8 Jul 2023 · 1 min read पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर को उनकी पुण्यतिथि पर शत शत नमन्। मेरी कलम से… आनन्द कुमार हम गैर जरूर थे, पर अपने भी थे, रास्ते में मिलते थे, तो रिश्ते भी थे। सरकार बनाई और गिराई भी हमने, हम भारत के... Hindi · कविता 1 102 Share Anand Kumar 29 Jun 2023 · 1 min read टमाटर तुझे भेजा है कोरियर से, टमाटर नही मेरा दिल है… मेरी कलम से… आनन्द कुमार टमाटर तुझे भेजा है कोरियर से, टमाटर नही मेरा दिल है, प्रियतम मेरे तुम मुझको लिखना, क्या यह तुम्हारे काबिल है, प्यार छिपा है टमाटर... Hindi · कविता · मेरी कलम से… आनन्द कुमार 221 Share Anand Kumar 25 Jun 2023 · 1 min read रै तमसा, तू कब बदलेगी… मेरी कलम से... आनन्द कुमार रै तमसा, तू कब बदलेगी, कैसा तेरा यह रुप है, किसने किया यह स्वरुप है। हमें पता है, तेरे इस हालात का, तू जिम्मेदार नहीं,... Hindi · कविता · तमसा नदी मऊ · मेरी कलम से… आनन्द कुमार 1 982 Share Anand Kumar 15 Jun 2023 · 1 min read मुहब्बत कुछ इस कदर, हमसे बातें करती है… मेरी कलम से… आनन्द कुमार इश्क़ मुस्कुराता है प्रेम सब कुछ कह जाता है ज़िंदगी में जब रिश्ता अटूट बन जाता है आँचल लहराकर प्रिये के हाथों में हो जाता... Poetry Writing Challenge · कविता · मेरी कलम से… आनन्द कुमार 313 Share Anand Kumar 13 Jun 2023 · 1 min read छप्पर की कुटिया बस मकान बन गई, बोल, चाल, भाषा की वही रवानी है मेरी कलम से... आनन्द कुमार अपना गांव है, अपना जहान है, अपनी माटी की, अलग ही पहचान है। खेत है बाग है, पौधों की मुस्कान है, सबसे अलग गंगा तीरे... Poetry Writing Challenge · कविता · मेरी कलम से… आनन्द कुमार 341 Share Anand Kumar 13 Jun 2023 · 1 min read बेटी ही बेटी है सबकी, बेटी ही है माँ मेरी कलम से… आनन्द कुमार बेटी है राष्ट्र की गौरव, बेटी ही भारत की शान बेटी है भारत की गाथा, बेटी पर अभिमान बेटी से घर बार है सबका, बेटी... Poetry Writing Challenge · कविता · मेरी कलम से… आनन्द कुमार 135 Share Anand Kumar 13 Jun 2023 · 1 min read बेवफाई करके भी वह वफा की उम्मीद करते हैं मेरी कलम से… आनन्द कुमार क्यों गूंजते झनकार तेरे पायलों के कान में, क्यों चूड़ियां कराती हैं एहसास तेरी छांव में, क्यों माथे की बिन्दियां मेरी निदियां में चमकती है,... Poetry Writing Challenge · कविता · मेरी कलम से… आनन्द कुमार 163 Share Anand Kumar 13 Jun 2023 · 1 min read तेरी मुहब्बत से, अपना अन्तर्मन रच दूं। मेरी कलम से… आनन्द कुमार लिख दूं, क्या लिख दूं। सोच रहा हूं, शब्द-शब्द सब, तुझ पर लूटा दूं। क्यों इतना, हसीन है तू, दिल के नजदीक, मन के करीब... Poetry Writing Challenge · कविता · मेरी कलम से… आनन्द कुमार 98 Share Anand Kumar 10 Jun 2023 · 1 min read हे नारी मुझे घाघ न कहना, इस रिश्ते का बस लाज तू रखना मेरी कलम से... आनन्द कुमार मैं जाति पुरुष में जन्म लिया, इस पर मेरा था कोई अधिकार नहीं, नारी ही है मेरी जीवन जननी, इसका हर पल है अभिमान मुझे।... Poetry Writing Challenge · कविता · मेरी कलम से… आनन्द कुमार 98 Share Anand Kumar 10 Jun 2023 · 1 min read "शर्म मुझे आती है खुद पर, आखिर हम क्यों मजदूर हुए" मेरी कलम से... आनन्द कुमार तुमने बोला हम ठहर गये, न गांव गये न शहर गये, फिर क्यों ऐसे हालात हुए, जो उम्मीद के रास्ते बदल गये। इल्जाम लगाऊं क्या... Poetry Writing Challenge · कविता · कोविड · मेरी कलम से… आनन्द कुमार 2 137 Share Anand Kumar 10 Jun 2023 · 1 min read "सुरेंद्र शर्मा, मरे नहीं जिन्दा हैं" मेरी कलम से... आनन्द कुमार वाह रे सोशल मीडिया, कब आएगा लोगों को, तेरे इस्तेमाल का ढंग, आगे निकलने की, लोगों में ऐसी रेस मची है, कि पूछो मत! मुझे... Poetry Writing Challenge · SurendraSharma शिक्षा सुरेन · कविता · मेरी कलम से… आनन्द कुमार 156 Share Anand Kumar 10 Jun 2023 · 1 min read तुम्हें नहीं पता, तुम कितनों के जान हो… मेरी कलम से… आनन्द कुमार तुम्हें नहीं पता, तुम कितनों के आधार हो, तुम्हें नहीं पता, तुम कितनों के प्यार हो, तुम्हें नहीं पता, तुम कितनों के यशगान हो, तुम्हें... Poetry Writing Challenge · कविता · मेरी कलम से… आनन्द कुमार 137 Share Anand Kumar 8 Jun 2023 · 1 min read तेरे शब्दों के हर गूंज से, जीवन ख़ुशबू देता है… मेरी कलम से… आनन्द कुमार मधुबन खुशबू देता है ट्रेन छुक छुक चलता है हर पेड़ छूटता जाता है ऐसे में मंज़िल आता है प्रेम की चादर ओढ़ कर मन... Poetry Writing Challenge · कविता · मेरी कलम से… आनन्द कुमार 320 Share Anand Kumar 6 Jun 2023 · 1 min read बिन फ़न के, फ़नकार भी मिले और वे मौके पर डँसते मिले मेरी कलम से… आनन्द कुमार बड़ी अजीब है ये दुनिया, ज़िंदगी में गजब-ग़ज़ब के लोग मिले, मिले तो अपने मिले, या मिलकर लुटते मिले, बिन फ़न के, फ़नकार भी मिले,... Poetry Writing Challenge · कविता · मेरी कलम से… आनन्द कुमार 4 240 Share Anand Kumar 3 Jun 2023 · 2 min read सच में कितना प्यारा था, मेरे नानी का घर... मेरी कलम से... आनन्द कुमार मिट्टी का घरौंदा खप्पर का छत गोबर से लीपा दीवार और फर्श उसमें से आती खुशबू सच में कितना प्यारा था मेरे नानी का घर...... Poetry Writing Challenge · कविता · मेरी कलम से… आनन्द कुमार 4 1k Share Anand Kumar 1 Jun 2023 · 1 min read घाट किनारे है गीत पुकारे, आजा रे ऐ मीत हमारे… मेरी कलम से आनन्द कुमार गाँव, गंगा, गोरी जब नाव में बैठे छोरी लहरों को निहारे कभी छू ले कभी उछाले कभी मुस्काए कभी इतराए अपलक कभी निहारे मन ही... Poetry Writing Challenge · अनामिका जैन अम्बर · कविता · मेरी कलम से… आनन्द कुमार 1 124 Share Anand Kumar 31 May 2023 · 1 min read ज़िन्दगी की तरकश में खुद मरता है आदमी… मेरी कलम से… आनन्द कुमार सिगरेट का कश और धुएँ की धुन में कुछ इस तरह से रमता है आदमी हर रोज़ कुछ इस तरह से टुकड़ा-टुकड़ा जलता है आदमी... Poetry Writing Challenge · कविता · मेरी कलम से… आनन्द कुमार 1 169 Share Anand Kumar 31 May 2023 · 1 min read तस्वीर देख कर सिहर उठा था मन, सत्य मरता रहा और झूठ मारता रहा… मेरी कलम से… आनन्द कुमार उम्र से सब थे बड़े, थे पास खड़े और हर सेकेंड वे ख़ंजर चलाता रहा एक मासूम उम्र महज सोलह वर्ष की चिल्लाती रही तड़पती... Poetry Writing Challenge · कविता · मानवता · मेरी कलम से… आनन्द कुमार 1 1 331 Share Anand Kumar 29 May 2023 · 1 min read यूँ ही ऐसा ही बने रहो, बिन कहे सब कुछ कहते रहो… मेरी कलम से… आनन्द कुमार सुनसान रास्ते पर तेरा बैठे रहना आते-जाते ख़ामोशी को देखना और मुस्कुराते रहना हँसी के बीच खुद को पढ़ जमाने को जानना सच में तेरा... Poetry Writing Challenge · कविता · मेरी कलम से… आनन्द कुमार 189 Share Anand Kumar 29 May 2023 · 1 min read चाँद कुछ इस तरह से पास आया… मेरी कलम से… आनन्द कुमार चाँद कुछ इस तरह से पास आया कुछ तिरछी नज़र कुछ सामने से इतराया मैंने पूछा हाल क्या है कुछ ना बोला, चुप रहा हौले-हौले... Poetry Writing Challenge · कविता · मेरी कलम से… आनन्द कुमार 156 Share Anand Kumar 28 May 2023 · 1 min read तुम तो मुठ्ठी भर हो, तुम्हारा क्या, हम 140 करोड़ भारतीयों का भाग्य उलझ जाएगा मेरी कलम से… आनन्द कुमार कमियाँ, दुश्वारियाँ चलो छोड़ते हैं नए भारत के नए आग़ाज़ का सपना, चलो सच करते हैं। पक्ष-विपक्ष दोनों ज़िन्दा रहेंगे चलो मुद्दों से भटकना छोड़ते... कविता · नया संसद · मेरी कलम से… आनन्द कुमार 278 Share Anand Kumar 27 May 2023 · 2 min read मां जब मैं तेरे गर्भ में था, तू मुझसे कितनी बातें करती थी... मेरी कलम से... आनन्द कुमार मां जब मैं तेरे गर्भ में था, तू मुझसे कितनी बातें करती थी, माँ तू मेरा कितना ख़्याल रखती थी, आँचल में छुपा कर अपने... Poetry Writing Challenge · कविता · मेरी कलम से… आनन्द कुमार 311 Share Anand Kumar 25 May 2023 · 1 min read हाँ मैं किन्नर हूँ… मेरी कलम से… आनन्द कुमार …हाँ मैं किन्नर हूँ… दोष किसको दूँ मैं माँ को या बाप को या अपने भगवान को दोष क्या है मेरा जो मैं पूर्ण नहीं... Poetry Writing Challenge · कविता · किन्नर जीवन के झंझावात · मेरी कलम से… आनन्द कुमार 3 245 Share Anand Kumar 22 May 2023 · 1 min read तलाक़ का जश्न… मेरी कलम से… आनन्द कुमार बिल्कुल यह बंदिश तोड़ आज़ाद हो जाओ तुम पर गुनाह उसका जमाने को शब्द-शब्द बता जाओ तुम ख़ुशियाँ उससे दूर होने में अगर मिल रही... Hindi · कविता · मेरी कलम से… आनन्द कुमार 124 Share Anand Kumar 21 May 2023 · 1 min read माँ सिर्फ़ वात्सल्य नहीं माँ रचनाकार है जीवन की माँ अर्पण है अन्तर्मन की माँ प्रेम की सपर्पण है माँ विश्वास की आस्था है माँ सिर्फ़ वात्सल्य नहीं… माँ देवी है, माँ जननी है... Poetry Writing Challenge · कविता · मेरी कलम से… आनन्द कुमार 2 1 209 Share Anand Kumar 19 May 2023 · 1 min read माशूका नहीं बना सकते, तो कम से कम कोठे पर तो मत बिठाओ मेरी कलम से... आनन्द कुमार ऐ अमीरों सुनो तुम ईमानदार हो या बेईमान मुझे नहीं मालूम, लेकिन तुम लोग मुझे छुआ मत करो सोचा भी मत करो मेरे बारे में,... Hindi · कविता · दो हज़ार के नोट पर नई कविता · मेरी कलम से… आनन्द कुमार 1 248 Share Anand Kumar 19 May 2023 · 1 min read मुहब्बत कुछ इस कदर, हमसे बातें करती है… इश्क़ मुस्कुराता है प्रेम सब कुछ कह जाता है ज़िंदगी में जब रिश्ता अटूट बन जाता है आँचल लहराकर प्रिये के हाथों में हो जाता है मुश्किलें आसान सी जीवन... Hindi · कविता · मेरी कलम से… आनन्द कुमार 148 Share Anand Kumar 19 May 2023 · 1 min read तुम्हें नहीं पता, तुम कितनों के जान हो… तुम्हें नहीं पता, तुम कितनों के आधार हो, तुम्हें नहीं पता, तुम कितनों के प्यार हो, तुम्हें नहीं पता, तुम कितनों के यशगान हो, तुम्हें नहीं पता, तुम हर ग़म... Hindi · कविता · मेरी कलम से… आनन्द कुमार 419 Share Anand Kumar 18 May 2023 · 1 min read माँ तस्वीर नहीं, माँ तक़दीर है… माँ तस्वीर नहीं माँ तक़दीर है माँ क़िस्मत की हर पहलू की लकीर है, माँ दहलीज़ की हर सख़्त पहेली है माँ ही आँगन की सच्ची सहेली है। माँ क़रीब... Poetry Writing Challenge · Meri Kalam Se Anand Kumar · कविता 2 2 448 Share Anand Kumar 17 May 2023 · 1 min read बहुत याद आता है मुझको, मेरा बचपन... मेरी कलम से… आनन्द कुमार मां कहती है, नटखट था तू, मनमानी करता था, शैतानी पन का ओढ़ के चादर, सबको तंग करता था, खाने के लिए सताता था, पानी... Poetry Writing Challenge · Meri Kalam Se Anand Kumar · कविता · मेरी कलम से… आनन्द कुमार 1 204 Share Anand Kumar 17 May 2023 · 1 min read अरे शुक्र मनाओ, मैं शुरू में ही नहीं बताया तेरी मुहब्बत, वर्ना मेरे शब्द बेवफ़ा नहीं, जो उनको समझाया जा रहा है। मेरी कलम से… आनन्द कुमार गलती किसी की, बताया किसी और का जा रहा है, एक बार फिर, किसी और पर उँगली उठाया जा रहा है। वे अंजान हैं, ना... Hindi · Meri Kalam Se Anand Kumar · कविता 2 2 274 Share Anand Kumar 17 May 2023 · 1 min read कैसे कहूँ ‘आनन्द‘ बनने में ज़माने लगते हैं हालात खुद से बदलने पड़ते हैं, दर्द हो तो ख़ुशियों में जीने पड़ते हैं । बेरहम, बेशर्म दुनिया है, इसका क्या, तकलीफ़ खुद का समझने पड़ते हैं । तुम्हारी ईमानदारी... Hindi · कविता 1 293 Share Anand Kumar 13 Jun 2019 · 1 min read गलती भी कर रही है, और फैसला भी सुना रही है... भटकी वो और भटका मुझे रही थी, समाज के सामने, झुठला मुझको रही थी, जुबां बदलती रही, मेरे खिलाफ, हर मुलाकात पे वह, हर रिश्तों की नजर में, मुझको गिरा... Hindi · कविता 1 1 771 Share Anand Kumar 24 May 2019 · 1 min read सिन्हा हारता नहीं, यथार्थ में जीता है... मेरी कलम से... आनन्द कुमार क्या कहा, सिन्हा हार गये, अरे कौन सिन्हा शत्रु, अरे नहीं शत्रु नहीं, फिर कौन, अरे भाई, मनोज सिन्हा, पूर्वांचल वाले, अरे क्या कह रहे... Hindi · कविता 1k Share Anand Kumar 2 Feb 2019 · 2 min read हां मैं गांधी हूं, मैं मरा नहीं हूं... मेरी कलम से... हां मैं गांधी हूं, वही गांधी, जिसने तुम्हें, आजादी दिलाई थी, अंग्रेजों से फिर भी, मार दिया गया मैं, अपने ही देश में, अपनों से। मारो, कितनी... Hindi · कविता 362 Share Anand Kumar 2 Feb 2019 · 1 min read दोनों तो उलझे थे, शब्द व स्नेह के बीच... शब्द, कहां गई हूं मैं, कहीं तो नहीं, यहीं हूं, आस-पास तुम्हारे, हां मित्र-अमित्र में, खींच गई हैं लकीरें, यह सच है, लेकिन यह भी सच है, मैं आज भी,... Hindi · कविता 1 245 Share Anand Kumar 2 Feb 2019 · 1 min read दोनों तो उलझे थे, शब्द व स्नेह के बीच... शब्द, कहां गई हूं मैं, कहीं तो नहीं, यहीं हूं, आस-पास तुम्हारे, हां मित्र-अमित्र में, खींच गई हैं लकीरें, यह सच है, लेकिन यह भी सच है, मैं आज भी,... Hindi · कविता 386 Share Anand Kumar 6 Jul 2018 · 1 min read व्यंग्य - चाय-ना बैंक... फिर देशी विदेशी की, बात उड़ चली। सरकार चायना बैंक, भारत में खोलेगी, यह आवाज उड़ पड़ी, विपक्षी सत्ता पक्ष पर, जोर-जोर बिफर रहे, राष्ट्रवाद की दुहाई दे, सरकार से... Hindi · कविता 629 Share Anand Kumar 26 Jun 2018 · 2 min read संस्कृति तुम कहां हो... संस्कृति तुम कहां हो, क्या कहा, संस्कृति की हत्या हो गयी, अरे चुप, ऐसे कैसे हो सकता, अभी तो, टेलिविजन पर, खूब तेज, गप्पे हांके जा रहे थे, हां मैने... Hindi · कविता 1 830 Share Anand Kumar 15 Jan 2018 · 1 min read प्लीज पापा, मुझे अठ्ठाहस दो ना पापा देखो ना, मां मुझे, जन्म देना नहीं चाहती, पापा मां को, समझाओ ना, मां मुझे गर्भ में ही, क्यों मारना चाहती। पापा आप दोनों की खून हूं मैं, प्यार... Hindi · कविता 910 Share Anand Kumar 13 Jan 2018 · 1 min read यह कलयुग की सरकार है मेरी कलम से... आनन्द कुमार मौका था, दस्तूर था, एफडीआई का विरोध था, गानों के बोल थे, घूमें गोल-गोल थे, देश प्रेम की बात थी, क्या बिछाई खूब बिसात थी।... Hindi · कविता 917 Share