Tag: कविता
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उल्लू नहीं है पब्लिक जो तुम उल्लू बनाते हो, बोल-बोल कर अपना खिल्ली उड़ाते हो।
Anand Kumar
मेरी कलम से…
Anand Kumar
ईश्वर नाम रख लेने से, तुम ईश्वर ना हो जाओगे,
Anand Kumar
राम संस्कार हैं, राम संस्कृति हैं, राम सदाचार की प्रतिमूर्ति हैं...
Anand Kumar
नई पीढ़ी पूछेगी, पापा ये धोती क्या होती है…
Anand Kumar
पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर को उनकी पुण्यतिथि पर शत शत नमन्।
Anand Kumar
टमाटर तुझे भेजा है कोरियर से, टमाटर नही मेरा दिल है…
Anand Kumar
रै तमसा, तू कब बदलेगी…
Anand Kumar
मुहब्बत कुछ इस कदर, हमसे बातें करती है…
Anand Kumar
छप्पर की कुटिया बस मकान बन गई, बोल, चाल, भाषा की वही रवानी है
Anand Kumar
बेटी ही बेटी है सबकी, बेटी ही है माँ
Anand Kumar
बेवफाई करके भी वह वफा की उम्मीद करते हैं
Anand Kumar
तेरी मुहब्बत से, अपना अन्तर्मन रच दूं।
Anand Kumar
हे नारी मुझे घाघ न कहना, इस रिश्ते का बस लाज तू रखना
Anand Kumar
"शर्म मुझे आती है खुद पर, आखिर हम क्यों मजदूर हुए"
Anand Kumar
"सुरेंद्र शर्मा, मरे नहीं जिन्दा हैं"
Anand Kumar
तुम्हें नहीं पता, तुम कितनों के जान हो…
Anand Kumar
तेरे शब्दों के हर गूंज से, जीवन ख़ुशबू देता है…
Anand Kumar
बिन फ़न के, फ़नकार भी मिले और वे मौके पर डँसते मिले
Anand Kumar
सच में कितना प्यारा था, मेरे नानी का घर...
Anand Kumar
घाट किनारे है गीत पुकारे, आजा रे ऐ मीत हमारे…
Anand Kumar
ज़िन्दगी की तरकश में खुद मरता है आदमी…
Anand Kumar
तस्वीर देख कर सिहर उठा था मन, सत्य मरता रहा और झूठ मारता रहा…
Anand Kumar
यूँ ही ऐसा ही बने रहो, बिन कहे सब कुछ कहते रहो…
Anand Kumar
चाँद कुछ इस तरह से पास आया…
Anand Kumar
तुम तो मुठ्ठी भर हो, तुम्हारा क्या, हम 140 करोड़ भारतीयों का भाग्य उलझ जाएगा
Anand Kumar
मां जब मैं तेरे गर्भ में था, तू मुझसे कितनी बातें करती थी...
Anand Kumar
हाँ मैं किन्नर हूँ…
Anand Kumar
तलाक़ का जश्न…
Anand Kumar
माँ सिर्फ़ वात्सल्य नहीं
Anand Kumar
माशूका नहीं बना सकते, तो कम से कम कोठे पर तो मत बिठाओ
Anand Kumar
मुहब्बत कुछ इस कदर, हमसे बातें करती है…
Anand Kumar
तुम्हें नहीं पता, तुम कितनों के जान हो…
Anand Kumar
माँ तस्वीर नहीं, माँ तक़दीर है…
Anand Kumar
बहुत याद आता है मुझको, मेरा बचपन...
Anand Kumar
अरे शुक्र मनाओ, मैं शुरू में ही नहीं बताया तेरी मुहब्बत, वर्ना मेरे शब्द बेवफ़ा नहीं, जो उनको समझाया जा रहा है।
Anand Kumar
कैसे कहूँ ‘आनन्द‘ बनने में ज़माने लगते हैं
Anand Kumar
गलती भी कर रही है, और फैसला भी सुना रही है...
Anand Kumar
सिन्हा हारता नहीं, यथार्थ में जीता है...
Anand Kumar
हां मैं गांधी हूं, मैं मरा नहीं हूं...
Anand Kumar
दोनों तो उलझे थे, शब्द व स्नेह के बीच...
Anand Kumar
दोनों तो उलझे थे, शब्द व स्नेह के बीच...
Anand Kumar
व्यंग्य - चाय-ना बैंक...
Anand Kumar
संस्कृति तुम कहां हो...
Anand Kumar
प्लीज पापा, मुझे अठ्ठाहस दो ना
Anand Kumar
यह कलयुग की सरकार है
Anand Kumar