Anand Kumar Language: Hindi 61 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Anand Kumar 17 May 2023 · 1 min read कैसे कहूँ ‘आनन्द‘ बनने में ज़माने लगते हैं हालात खुद से बदलने पड़ते हैं, दर्द हो तो ख़ुशियों में जीने पड़ते हैं । बेरहम, बेशर्म दुनिया है, इसका क्या, तकलीफ़ खुद का समझने पड़ते हैं । तुम्हारी ईमानदारी... Hindi · कविता 1 333 Share Anand Kumar 13 Jun 2019 · 1 min read गलती भी कर रही है, और फैसला भी सुना रही है... भटकी वो और भटका मुझे रही थी, समाज के सामने, झुठला मुझको रही थी, जुबां बदलती रही, मेरे खिलाफ, हर मुलाकात पे वह, हर रिश्तों की नजर में, मुझको गिरा... Hindi · कविता 1 1 794 Share Anand Kumar 24 May 2019 · 1 min read सिन्हा हारता नहीं, यथार्थ में जीता है... मेरी कलम से... आनन्द कुमार क्या कहा, सिन्हा हार गये, अरे कौन सिन्हा शत्रु, अरे नहीं शत्रु नहीं, फिर कौन, अरे भाई, मनोज सिन्हा, पूर्वांचल वाले, अरे क्या कह रहे... Hindi · कविता 1k Share Anand Kumar 2 Feb 2019 · 2 min read हां मैं गांधी हूं, मैं मरा नहीं हूं... मेरी कलम से... हां मैं गांधी हूं, वही गांधी, जिसने तुम्हें, आजादी दिलाई थी, अंग्रेजों से फिर भी, मार दिया गया मैं, अपने ही देश में, अपनों से। मारो, कितनी... Hindi · कविता 397 Share Anand Kumar 2 Feb 2019 · 1 min read दोनों तो उलझे थे, शब्द व स्नेह के बीच... शब्द, कहां गई हूं मैं, कहीं तो नहीं, यहीं हूं, आस-पास तुम्हारे, हां मित्र-अमित्र में, खींच गई हैं लकीरें, यह सच है, लेकिन यह भी सच है, मैं आज भी,... Hindi · कविता 1 269 Share Anand Kumar 2 Feb 2019 · 1 min read दोनों तो उलझे थे, शब्द व स्नेह के बीच... शब्द, कहां गई हूं मैं, कहीं तो नहीं, यहीं हूं, आस-पास तुम्हारे, हां मित्र-अमित्र में, खींच गई हैं लकीरें, यह सच है, लेकिन यह भी सच है, मैं आज भी,... Hindi · कविता 407 Share Anand Kumar 6 Jul 2018 · 1 min read व्यंग्य - चाय-ना बैंक... फिर देशी विदेशी की, बात उड़ चली। सरकार चायना बैंक, भारत में खोलेगी, यह आवाज उड़ पड़ी, विपक्षी सत्ता पक्ष पर, जोर-जोर बिफर रहे, राष्ट्रवाद की दुहाई दे, सरकार से... Hindi · कविता 703 Share Anand Kumar 26 Jun 2018 · 2 min read संस्कृति तुम कहां हो... संस्कृति तुम कहां हो, क्या कहा, संस्कृति की हत्या हो गयी, अरे चुप, ऐसे कैसे हो सकता, अभी तो, टेलिविजन पर, खूब तेज, गप्पे हांके जा रहे थे, हां मैने... Hindi · कविता 1 873 Share Anand Kumar 16 Jan 2018 · 1 min read (नींद बहुत जल्दी आती है) मेरी कलम से... आनन्द कुमार मेरी तबियत नासाज है, या वह अब दिल में नहीं रही, बिस्तर पर जाते ही, अब नींद बहुत जल्दी आती है । Hindi · शेर 1 621 Share Anand Kumar 15 Jan 2018 · 1 min read प्लीज पापा, मुझे अठ्ठाहस दो ना पापा देखो ना, मां मुझे, जन्म देना नहीं चाहती, पापा मां को, समझाओ ना, मां मुझे गर्भ में ही, क्यों मारना चाहती। पापा आप दोनों की खून हूं मैं, प्यार... Hindi · कविता 988 Share Anand Kumar 13 Jan 2018 · 1 min read यह कलयुग की सरकार है मेरी कलम से... आनन्द कुमार मौका था, दस्तूर था, एफडीआई का विरोध था, गानों के बोल थे, घूमें गोल-गोल थे, देश प्रेम की बात थी, क्या बिछाई खूब बिसात थी।... Hindi · कविता 959 Share Previous Page 2