Ambarish Srivastava Language: Hindi 133 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ambarish Srivastava 1 May 2020 · 1 min read मंजिल अपनी दूर मई दिवस पर समसामयिक गीत कठिन परिश्रम करें नित्य हम भारत के मजदूर. जाने क्यों फिर भी रहती है मंजिल अपनी दूर.. गर्मी सर्दी जाड़ा बारिश हर मौसम को झेल... Hindi · गीत 2 1 283 Share Ambarish Srivastava 19 Apr 2018 · 2 min read 'दोहों के तेईस प्रकार' : इंजी. अम्बरीष श्रीवास्तव 'अम्बर' 'दोहों के तेईस प्रकार' बांचें सारे दोहरे, तेईस रूप प्रकार. प्रस्तुत है श्रीमान जी , दोहों का संसार.. नवल धवल शीतल सुखद, मात्रिक छंद अनूप. सर्वोपरि दोहा लगे, अनुपम रूप-स्वरुप..... Hindi · दोहा 1 299 Share Ambarish Srivastava 19 Apr 2018 · 2 min read छंद 'दोहा' व उसका रचनाक्रम : इंजी. अम्बरीष श्रीवास्तव 'अम्बर' दोहे के माध्यम से दोहे की परिभाषा :- (छंद दोहा : अर्धसम मात्रिक छंद, चार चरण, विषम चरण तेरह मात्रा, सम चरण ग्यारह मात्रा, अंत पताका अर्थात गुरु लघु से,... Hindi · लेख 504 Share Ambarish Srivastava 19 Apr 2018 · 1 min read सरसी/सुमंदर या कबीर छंद की परिभाषा व रचनाक्रम: इंजी. अम्बरीष श्रीवास्तव 'अम्बर' सरसी/सुमंदर या कबीर छंद (चार चरण, प्रत्येक में १६-११ मात्रा अर्थात १६ पर यति, चरणान्त में गुरु-लघु) 'सरसी' छंद लगे अति सुंदर, नाम 'सुमंदर' धीर . नाक्षत्रिक मात्रा सत्ताइस ,... Hindi · कविता 573 Share Ambarish Srivastava 19 Apr 2018 · 1 min read मुक्तामणि छंद की परिभाषा व रचनाक्रम" :इंजी. अम्बरीष श्रीवास्तव 'अम्बर' मुक्तामणि छंद में ही इस छंद की परिभाषा (चार पद प्रत्येक में २५ मात्रा व १३-१२ मात्राओं पर यति, पदांत में दो गुरु या कर्णा) चार पदों का छंद यह,... Hindi · कविता 377 Share Ambarish Srivastava 13 Apr 2018 · 1 min read भारत रत्न लौह पुरुष सरदार पटेल को हार्दिक नमन .... सिंह समान गर्जना स्वर में किन्तु हृदय अति कोमल था. आँधी जैसी चाल तुम्हारी, साथ तुम्हारे दल-बल था. मानचित्र था पल में बदला भारत को गणराज्य बना, किया असंभव कार्य... Hindi · मुक्तक 428 Share Ambarish Srivastava 13 Apr 2018 · 2 min read मगर मेरे भाई न शादी रचाना..... (समसामयिक हास्य-व्यंग्य रचना) अगर तुमको आये न खाना पकाना पड़े भूख से आये दिन बिलबिलाना बटन चेन गायब कभी मत लजाना सो बेचारगी में पड़े पिनपिनाना भले भाभियाँ मार दें... Hindi · गीत 345 Share Ambarish Srivastava 13 Apr 2018 · 1 min read शाम को कल्लू मिलेगा आपकी लेकर दवा..... खटखटाते द्वार पर घंटी बजाते लोग हैं आज दोनों हाथ जोड़ें मित्रता के योग हैं देखिये मुन्ना खड़ा है आपका ही लाल है आपके अनुसार ही यह दे रहा स्वर-ताल... Hindi · कविता 323 Share Ambarish Srivastava 13 Apr 2018 · 2 min read छंद कुण्डलिया : कितना मँहगा वोट..... चुनावी कुण्डलिया छंद : _________________________________ (१) पंजा थामे साइकिल, सधी कमल की चाल. इंजन सीटी दे रहा, हाथी करे धमाल. हाथी करे धमाल, दौड़ता आगे-आगे. ले अंकुश वह देख, महावत... Hindi · कुण्डलिया 322 Share Ambarish Srivastava 13 Apr 2018 · 1 min read होते मानव के लिए, मानव के अधिकार.. आपस में हम सब करें, न्यायोचित व्यवहार. दलित, दुखी, कमजोर पर, मत हो अत्याचार.. प्रेम त्याग करुणा क्षमा, मानवता के अंग. असुरवृत्ति से हो रही, सदा-सदा से जंग.. यद्यपि हैं... Hindi · दोहा 249 Share Ambarish Srivastava 13 Apr 2018 · 1 min read समसामयिक कुण्डलिया: स्वार्थ का त्यागें चोला.. चोला ओढ़े स्वार्थ का, दिखा रहे हैं क्रोध. किसको क्या परवाह है, करते रहें विरोध. करते रहें विरोध, मजा अब लेना छोड़ें. मत दें तीन तलाक! क्रूर वे रस्में तोड़ें.... Hindi · कुण्डलिया 237 Share Ambarish Srivastava 13 Apr 2018 · 9 min read एक अनुभव : टाइप-२ डायबिटीज पर विजय डायबिटीज का एक मंत्र है .......... ‘ॐ गजाननं भूंतागणाधि सेवितम्, कपित्थजम्बू फलचारु भक्षणम् | उमासुतम् शोक विनाश कारकम्, नमामि विघ्नेश्वर पादपंकजम् ||’ अर्थात : हे गज के सिर वाले, सभी... Hindi · लेख 781 Share Ambarish Srivastava 13 Apr 2018 · 1 min read आया है नववर्ष यह.... मंगलमय हो वर्ष यह, जुड़ें तार से तार | अपनापन बढ़ता रहे, उपजाए यह प्यार || गुरु हैं अपने देवगुरु, अति पावन है वेश। गुरु ब्रह्मा हैं विष्णु गुरु, गुरु... Hindi · दोहा 548 Share Ambarish Srivastava 13 Apr 2018 · 1 min read (छंद कुण्डलिया): करें उचित उपचार.... पट्टी बांधे आँख पर, देवी की ऐ मूर्ति. न्याय तराजू मत झुका, कौन करेगा पूर्ति? कौन करेगा पूर्ति? अगर अन्याय रहेगा. वाम सेक्युलर वाद, देश यह नहीं सहेगा. गद्दारों की... Hindi · कुण्डलिया 247 Share Ambarish Srivastava 13 Apr 2018 · 2 min read तुम्हें मैं बुलाऊँ मुझे तुम बुलाना..... अजी चाहे जब गीत औरों के गाना चहकना बहकना व सीटी बजाना गुसलखाने में मस्त हो गुनगुनाना मगर मेरे भाई तू कवि बन न जाना ये कविता बहुत से सुनाते... Hindi · गीत 336 Share Ambarish Srivastava 13 Apr 2018 · 1 min read मत्तगयन्द सवैया: देव नहीं परब्रह्म कहें .... देव नहीं परब्रह्म कहें शिवनाम अमोघ सदा हितकारी. नाम जपे नित मंदिर जाय जहाँ जगदीश बने त्रिपुरारी. ग्यारहवें प्रिय रुद्र बली अति नष्ट करें सब संकट भारी. ज्ञान विज्ञान बना... Hindi · कविता 247 Share Ambarish Srivastava 13 Apr 2018 · 1 min read समसामयिक मुक्तक .... बसे गद्दार हैं कितने न है गिनती यहाँ कोई. मिटा अस्तित्व देगें ये अभी है अस्मिता खोई. लगाकर देश में दीमक खजाना कर चुके खाली, इन्हें दें दंड करनी का... Hindi · मुक्तक 288 Share Ambarish Srivastava 13 Apr 2018 · 1 min read लघुकथा: नकल जिंदाबाद.. "आज का पेपर कैसा हुआ बेटी?" चाय का प्याला हाथ में लेते हुए गजेन्द्र ने निकिता से पूछा | “गज़ब का पापा", निकिता ने खुश होते हुए कहा..... आश्चर्यचकित होते... Hindi · लघु कथा 478 Share Ambarish Srivastava 13 Apr 2018 · 1 min read तब भी चोरी कीजिए, .... (१) चोरी यद्यपि पाप है चोरी है अपराध. तब भी चोरी कीजिए, ऑफीसर को साध.. ऑफीसर को साध, जुगाड़ी युक्ति लगाएं. जा सत्ता के द्वार, फूल-फल भेंट चढ़ाएं. बड़ा लीजिये... Hindi · कुण्डलिया 328 Share Ambarish Srivastava 13 Apr 2018 · 1 min read कुछ दोहे ... ताज स्वार्थी शीश पर, बने हुए सम विष्णु. देखो कहते फिर रहे, भारत है असहिष्णु.. परिवारीजन हैं दुखी, कैसे हो अब काम. अफसर चाहे अप्सरा, और साथ में दाम.. औरत... Hindi · दोहा 312 Share Ambarish Srivastava 13 Apr 2018 · 1 min read बांस के झुरमुटों से बजें सीटियाँ.. कुछ मुक्तक आवरण त्यागकर भंगिमा नेक लें, प्राकृतिक ही रहें भाव भी एक लें, काँपता शीत है सूर्य के सामने, गुनगुनी-कुनकुनी धूप को सेक लें.. गंध चन्दन भली रंग टेसू... Hindi · मुक्तक 602 Share Ambarish Srivastava 13 Apr 2018 · 2 min read याद बहुत आते है गुल्ली-डण्डों वाले दिन.... कवि प्रमोद तिवारी व कवि के० डी० शर्मा ‘हाहाकारी’ की पावन स्मृति में ..... ____________________________________ याद बहुत आते है गुल्ली-डण्डों वाले दिन. चुपड़ी रोटी, खो-खो, शाखा, झण्डों वाले दिन.... एक... Hindi · गीत 568 Share Ambarish Srivastava 13 Apr 2018 · 1 min read एक दोहा .... लोभ मोह में फँस यहाँ, होते पापी कृत्य. बाह्य जगत मिथ्या यहाँ, अंतर्मन ही सत्य.. --इंजी० अम्बरीष श्रीवास्तव 'अम्बर' Hindi · दोहा 226 Share Ambarish Srivastava 13 Apr 2018 · 1 min read नववर्ष व नवरात्रि शुभकामना मुक्तक... प्रीति की भावना स्नेह उत्कर्ष यह रूप शिशुवत धरे मातृ को हर्ष यह आज उल्लास की बह रही धार है, हो सनातन सुखद मित्र नववर्ष यह, --इंजी० अम्बरीष श्रीवास्तव ‘अम्बर’ Hindi · मुक्तक 609 Share Ambarish Srivastava 13 Apr 2018 · 1 min read सरस्वती वंदना... शुचि शुभ्रवसना शारदा वीणाकरे वागीश्वरी, कमलासनी हंसाधिरुढ़ा बुद्धिदा ज्ञानेश्वरी, अमृतकलश कर अक्षसूत्रं पुस्तकं प्रतिशोभितं, शरणागतं शुभ सत्वरूपं वेदमाता वंदितं.. सरस्वति मैया सुन लो पुकार... मन के भावों में बस जाओ... Hindi · गीत 344 Share Ambarish Srivastava 13 Apr 2018 · 1 min read बेच रहे हैं अंग.... छंद कुण्डलिया (दोहा + रोला) (दोहे के अंतिम चरण से रोले के प्रथम चरण का आरम्भ व कुण्डलिया का प्रारंभिक व अंतिम शब्द एक ही) चीनी जिससे हैं डरे, करते... Hindi · कुण्डलिया 257 Share Ambarish Srivastava 13 Apr 2018 · 1 min read दिखा प्रतिबिम्ब दर्पण में..... एक मुक्तक: _________________________________________ बह्र: बहर-ए–हज़ज मुसम्मन सालिम रुक्न: मफाईलुन मफाईलुन मफाईलुन मफाईलुन हिन्दी नाम: ‘विधाता’ या ‘शुद्धगा’ छंद आधरित मुक्तक गण विन्यास: यमातागा यमातागा यमातागा यमातागा _________________________________________ दिखा प्रतिबिम्ब दर्पण... Hindi · मुक्तक 426 Share Ambarish Srivastava 13 Apr 2018 · 3 min read पुस्तक समीक्षा : 'कथा अंजलि' -लेखक डॉ० प्रवीण कुमार : पुस्तक समीक्षा : कथा अंजलि : डॉ० प्रवीण कुमार प्रकाशक: साहित्यपीडिया पब्लिकेशन्स समीक्षक : इंजी० अम्बरीष श्रीवास्तव 'अम्बर' पेशे से एक सरकारी डाक्टर, डॉ० प्रवीण कुमार द्वारा लिखित कथा संग्रह... Hindi · लेख 566 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read राहत देगी कोर्ट.. सहा कुपोषण सो कहा, नहीं हुआ बर्दाश्त. बदले में दण्डित हुआ, अब जवान बर्खास्त.. सहो नहीं अन्याय यदि, जनता करे सपोर्ट. सच्चाई होगी सफल, राहत देगी कोर्ट.. --इंजी० अम्बरीष श्रीवास्तव... Hindi · दोहा 232 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read समसामयिक कुण्डलिया ___________________________ आतंकी हमले हुए, अपने मरे जवान, देश व्यथित मन रो रहा, सरकारें दें ध्यान. सरकारें दें ध्यान, समर्थक, बन बेचारे, बहस करें ये धूर्त, बौद्धिक चोला धारे. पहले इन... Hindi · कुण्डलिया 236 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read घनाक्षरी छंद: सब को भूकंपरोधी, ज्ञान देना चाहिए.... _______________________________ गहरी हो चार फीट नीव यदि मंजिल दो, बीम बाँधे नीव सारी, ध्यान देना चाहिए. आर० सी० सी० बैंड बांधे कुर्सी व लिंटल को, दो दो सरिया कोनों पे,... Hindi · घनाक्षरी 594 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read समसामयिक कुण्डलिया ... प्रतिबंधित है उत्खनन, अति सीमित परिमाण. मौरंग गिट्टी के बिना, रुका सभी निर्माण. रुका सभी निर्माण, व्यथित पीड़ित अब जनता. भूखे श्रमिक अनेक, काम छूटा जो बनता, करें विनियमन शीघ्र,... Hindi · कुण्डलिया 218 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read एक मुक्तक सदा पावों को यदि देखे दुखी मन मोर रहता है. भुलाकर मोर पंखों को व्यथित चहुँओर रहता है. जिसे हम खोजते संसार में प्रतिक्षण बने पागल, हमारे ही हृदय में... Hindi · मुक्तक 274 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read श्रमिक दिवस पर विशेष.......... मालिक समझें स्वयं को, पाकर नाम हुजूर। सबका मालिक किन्तु वह, उसके सब मजदूर।। --इंजी0 अम्बरीष श्रीवास्तव 'अम्बर' Hindi · दोहा 236 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read समसामयिक कुण्डलिया ... घटतौली कर हो रहे, चिप से मालामाल. सीनाजोरी देखिये, चोर करें हड़ताल. चोर करें हड़ताल, कारनामे हैं काले, त्वरित लगा अभियोग, इन्हें दण्डित कर डालें. लाइसेंस हो रद्द, भावना क्रोधित... Hindi · कुण्डलिया 199 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read कुण्डलिया कातिल नाबालिग़ मगर, घातक उसकी सोच। बलात्कार कर क्रूरतम, अंतड़ियों को नोच। अंतड़ियों को नोच, राक्षसी जागी ज्वाला। फाड़ दिया गुप्तांग, रॉड लोहे की डाला। थी वयस्क ही सोंच, मरी... Hindi · कुण्डलिया 312 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 3 min read 'रसवृष्टि धरा पर फिर होगी' आओ मेरे प्यारे मित्रों रिश्तों की बात बताता हूँ जो दिल मिलकर टूटे बिछड़े उन सबकी व्यथा सुनाता हूँ युग-युग से है सबको पसंद बस रंग स्वार्थी चोखा है हर... Hindi · कविता 268 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read समसामयिक कुण्डलिया छंद: करिए हस्तक्षेप मत, भले जिन्दगी नर्क. घातक तीन तलाक है, कर दे बेड़ा गर्क. कर दे बेड़ा गर्क, औरतें तिल-तिल मरतीं. चले हलाला साथ, महज उत्पीड़न, डरतीं. मजहब का यदि... Hindi · कुण्डलिया 418 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read दिव्यांग मित्रों के प्रति कुछ मुक्तक ... पांव यदि है एक तो शत पर्वतों को लांघिये. एक है यदि हाथ तो दस के बराबर मानिए. आँख भी है एक अथवा हैं नहीं दोनों नयन, हर परिस्थिति से... Hindi · मुक्तक 295 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read जेवर-बुलंदशहर हाइवे पर हुई दुर्दान्त ह्त्या व महिलाओं के साथ हुए गैंगरेप से द्रवित होकर उपजे हुए कुछ मुक्तक... जेवर-बुलंदशहर हाइवे पर हुई दुर्दान्त ह्त्या व महिलाओं के साथ हुए गैंगरेप से द्रवित होकर उपजे हुए कुछ मुक्तक... हाइवे पर हैं दरिन्दे, लूटते जो गाँव में. आ फँसा परिवार... Hindi · मुक्तक 486 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read दोहा मीन -मेख भारी पड़ा, झेल रही दुःख त्रास. व्यथित स्वार्थी भावना,भावुक हुआ उदास.. --इंजी० अम्बरीष श्रीवास्तव 'अम्बर' Hindi · दोहा 525 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read असहनीय है कृत्य.... खुलेआम है खेलता, पैशाचिक जो खेल। बने एकजुट रामपुर, उस पर कसे नकेल। उस पर कसे नकेल, सबक ऐसा सिखलाये। नहीं दुशासन क्रूर जन्म फिर से ले पाए। असहनीय है... Hindi · कुण्डलिया 629 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read दोहा समसामयिक दोहे: प्लाटिंग मौरंग उत्खनन, सभी गया जो छूट. आय बंद सो हो रहे, मर्डर रेप व लूट.. गुंडे कातिल माफिया, अतिशय सक्रिय आज. एकमात्र एनकाउन्टर, इनका उचित इलाज.. आत्मप्रशंसा... Hindi · दोहा 1 518 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read नफरत को मत दिल में पालो... गम सहकर भी प्यार बिखेरो अपनों में मत फ़र्क करो, नफरत को मत दिल में पालो उसका बेड़ा गर्क करो, रोज सुकूं दिल को जो देती वो है अपनी बीवी... Hindi · मुक्तक 229 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read डॉ० विश्वनाथ मिश्र के प्रति ... स्नेहभाव पूरित हृदय, सरल सौम्य व्यवहार. विश्वनाथजी नित्यप्रति, बरसाते थे प्यार.. शुचि संस्कारित शुद्ध मन, त्याग समर्पण भाव. अति विनम्र गंभीरता, मोहक मृदुल स्वभाव.. हमें छोड़ कर जा बसे, उस... Hindi · दोहा 587 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 2 min read इन्तजार करिए बस साहब... इन्तजार करिए बस साहब... इन्तजार करिए बस साहब अपनी अपनी बारी का. काश्मीर में मौत बँट रही हाल देख गद्दारी का.. आतंकी को करें समर्थन घर में उन्हें छुपाते हैं,... Hindi · गीत 236 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read प्यार करना न इनसे सिखाओ सुकवि प्यार के गीत रच-रच के गाओ सुकवि किंतु आतंक मत भूल जाओ सुकवि! मित्र सतनाम हैं यार रेहान हैं दोस्त लैम्बर्ट है शत्रु बुरहान हैं सींग दैत्यों के अब तो... Hindi · गीत 299 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read फले सनातन वृक्ष... सत्ता आयी राम की, हृदय हुआ गोविंद. भारत के अब राष्ट्रपति, रामनाथ कोविंद. रामनाथ कोविंद, रामनाइक मन भावन. दोनों में हैं राम, मगन शिव बरसे सावन. अभिसिंचित जड़ शाख, हरा... Hindi · कुण्डलिया 1 455 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read समसामयिक कुंडलिया छंद ___________________________________ सरिया बिन छत डालते , करते रहे कमाल। कहलाते इंजीनियर मिस्त्री वंशीलाल। मिस्त्री वंशीलाल, आत्मविश्वासी इतने। ढाली अपनी स्लैब, बिना प्रबलन ही उसने। बीते वर्ष पचीस, गिरी छत मन... Hindi · कुण्डलिया 238 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read हमारे प्रिय पुत्र भूषण के जन्म दिवस पर ... मंगलमय हो जन्मदिवस यह, स्नेहपूर्ण रसधार मिले। गुरुजन का आशीष रहे, माँ सरस्वती से प्यार मिले।। जीवनपथ हो ज्ञान प्रकाशित हो विनम्र मुखमंडल शुचि, कर्मक्षेत्र में मिले सफलता, संस्कारित संसार... Hindi · मुक्तक 448 Share Page 1 Next