Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Apr 2018 · 2 min read

मगर मेरे भाई न शादी रचाना…..

(समसामयिक हास्य-व्यंग्य रचना)

अगर तुमको आये न खाना पकाना
पड़े भूख से आये दिन बिलबिलाना
बटन चेन गायब कभी मत लजाना
सो बेचारगी में पड़े पिनपिनाना
भले भाभियाँ मार दें रोज ताना
मगर मेरे भाई न शादी रचाना.

खुले माल भर-भर के डब्बा मिलेगें
व खाला व मामू के अब्बा मिलेगें
सने चाशनी में मुरब्बा मिलेगें
बचे गर यहाँ तो ही रब्बा मिलेगें
अगर जाल फेकें तो बचना बचाना
मगर मेरे भाई न शादी रचाना

यहाँ चार दिन तक लुभाती है ब्यूटी
सभी फँस के जिसमें बजाते हैं ड्यूटी
फँसा जो भी इसमें गयी जेब लूटी
उड़े सारे तोते बची खाट टूटी
डबलबेड पे खुद को अकेले सुलाना
मगर मेरे भाई न शादी रचाना

ये शादी निकाहों का चक्कर बुरा है
बना देगा आदी नशीली सुरा है
घरैतिन के नयनों में तीखा छुरा है
करे जख्म गहरा लगे मुरमुरा है
कहे दूर रहना न सटना-सटाना
मगर मेरे भाई न शादी रचाना

अगर कर ली शादी तो ताने सहोगे
सतायेगी बीवी सो तन्हा रहोगे
या मझधार में जब तड़पकर बहोगे
है खुद पे जो गुजरी वो किससे कहोगे
भले मॉल, होटल में खुद को लुटाना
मगर मेरे भाई न शादी रचाना

जो घर आ जमेगें ये ससुरालवाले
ये बीबी करेगी उन्हीं के हवाले
ससुर-सास कूटें धमाधम निराले
लुभाएगी साली कचोटेगें साले
भले बन के फिरकी स्वयं को नचाना
मगर मेरे भाई न शादी रचाना

दहेजी, गुजारा, तुम्हें ही छलेगा
जो हिंसा-घरेलू मुकदमा चलेगा
तो क़ानून तुमको गरम कर तलेगा
उसी की सुनेगा तुम्हें ये खलेगा
भले लिव रिलेशन में खुद को फँसाना
मगर मेरे भाई न शादी रचाना

घरैतिन जो मारे घरैतिन से भागे
तो क़ानून पीछे से बन्दूक दागे.
खुले आँख आखिर वकीलों के आगे
रहो संतुलित तुम बुरा गर जो लागे
भले जा कचेहरी में कचरा उठाना
मगर मेरे भाई न शादी रचाना

फँसा दे जो बीबी जमानत के लाले
यहाँ किसकी ताकत जो कुनबा छुड़ा ले
कहे जेल भेजो ये मुल्जिम हैं साले
अदालत पुलिस सब हैं ससुराल वाले
मिलें लड़कियां गर बहनजी बनाना
मगर मेरे भाई न शादी रचाना

है क़ानून जगता पुलिस सो रही है
ये फर्जी मुकदमें बहुत बो रही है
सो पुरुषों पे हिंसा बहुत हो रही है
अभी जांच कर लें कहा जो सही है
भले हित में पुरुषों के क़ानून लाना
मगर मेरे भाई न शादी रचाना

करो काम हाथों ये कहता ज़माना
व मस्ती में कसरत व छाती फुलाना
न लड़की पटाना न चक्कर चलाना
मिले अक्ल से जो वही खाना खाना
भले तीखी मिर्ची करेला चबाना
मगर मेरे भाई न शादी रचाना

–इंजी० अम्बरीष श्रीवास्तव ‘अम्बर’

Language: Hindi
Tag: गीत
283 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अरे लोग गलत कहते हैं कि मोबाइल हमारे हाथ में है
अरे लोग गलत कहते हैं कि मोबाइल हमारे हाथ में है
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
मैं हूं आदिवासी
मैं हूं आदिवासी
नेताम आर सी
*क्या देखते हो*
*क्या देखते हो*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
एक पल सुकुन की गहराई
एक पल सुकुन की गहराई
Pratibha Pandey
ये दिन है भारत को विश्वगुरु होने का,
ये दिन है भारत को विश्वगुरु होने का,
शिव प्रताप लोधी
#कविता-
#कविता-
*Author प्रणय प्रभात*
प्रार्थना
प्रार्थना
Dr Archana Gupta
कुछ तो बाकी है !
कुछ तो बाकी है !
Akash Yadav
कितना सुकून और कितनी राहत, देता माँ का आँचल।
कितना सुकून और कितनी राहत, देता माँ का आँचल।
डॉ.सीमा अग्रवाल
सुनील गावस्कर
सुनील गावस्कर
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हरा नहीं रहता
हरा नहीं रहता
Dr fauzia Naseem shad
*ग़ज़ल*
*ग़ज़ल*
आर.एस. 'प्रीतम'
" ऐसा रंग भरो पिचकारी में "
Chunnu Lal Gupta
वक्त
वक्त
Shyam Sundar Subramanian
मंजिलों की तलाश में, रास्ते तक खो जाते हैं,
मंजिलों की तलाश में, रास्ते तक खो जाते हैं,
Manisha Manjari
आनंद
आनंद
RAKESH RAKESH
“ प्रेमक बोल सँ लोक केँ जीत सकैत छी ”
“ प्रेमक बोल सँ लोक केँ जीत सकैत छी ”
DrLakshman Jha Parimal
मतदान
मतदान
Sanjay ' शून्य'
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
घे वेध भविष्याचा ,
घे वेध भविष्याचा ,
Mr.Aksharjeet
आखिर क्यूं?
आखिर क्यूं?
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
संभावना
संभावना
Ajay Mishra
*गम को यूं हलक में  पिया कर*
*गम को यूं हलक में पिया कर*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*योग-ज्ञान भारत की पूॅंजी, दुनिया को सौगात है(गीत)*
*योग-ज्ञान भारत की पूॅंजी, दुनिया को सौगात है(गीत)*
Ravi Prakash
2843.*पूर्णिका*
2843.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
|| हवा चाल टेढ़ी चल रही है ||
|| हवा चाल टेढ़ी चल रही है ||
Dr Pranav Gautam
जीभ/जिह्वा
जीभ/जिह्वा
लक्ष्मी सिंह
25 , *दशहरा*
25 , *दशहरा*
Dr Shweta sood
प्रेरणा
प्रेरणा
पूर्वार्थ
💐💐💐दोहा निवेदन💐💐💐
💐💐💐दोहा निवेदन💐💐💐
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
Loading...