Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 May 2020 · 1 min read

मंजिल अपनी दूर

मई दिवस पर समसामयिक गीत

कठिन परिश्रम करें नित्य हम भारत के मजदूर.
जाने क्यों फिर भी रहती है मंजिल अपनी दूर..

गर्मी सर्दी जाड़ा बारिश हर मौसम को झेल रहे.
मजदूरी दो सौ दे आटा गायब सब्जी तेल रहे.
अन्धकार में बीते जीवन मिलता हमें प्रकाश नहीं.
हाथ पाँव जब घायल होते तो इलाज अवकाश नहीं.
नियति हमारी शोषित होना यह समाज मजबूर
जाने क्यों फिर भी रहती है मंजिल अपनी दूर..

शिक्षा स्वास्थ्य चिकित्सा सुविधा सारी हमसे दूर रहे
संतति अपनी मजदूरी ही करने को मजबूर रहे
बरस बहत्तर बीते साथी फिर भी अब तक घाव हरा
होठों पर मुस्कान रखें हम यद्यपि दिल में दर्द भरा
सबके ही सहयोगी हम पर मन में नहीं गुरूर
जाने क्यों फिर भी रहती है मंजिल अपनी दूर..

कागज़ पर ही चले योजना इसका हमको भान नहीं
पी० ऍफ़० और पेंशन बीमा क्या होता है ज्ञान नहीं
बेटी व्याही कर्ज भाग्य में ऐसा है जीवन अपना
मजदूरी में भुगतें क्या-क्या कर्जमुक्ति ही है सपना
मोदीजी से आस हमारी समझें हमें हुजूर
जाने क्यों फिर भी रहती है मंजिल अपनी दूर..

–इंजी० अम्बरीष श्रीवास्तव ‘अम्बर’

Language: Hindi
Tag: गीत
2 Likes · 1 Comment · 232 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*रामपुर दरबार-हॉल में वाद्य यंत्र बजाती महिला की सुंदर मूर्त
*रामपुर दरबार-हॉल में वाद्य यंत्र बजाती महिला की सुंदर मूर्त
Ravi Prakash
वर्तमान समय में रिश्तों की स्थिति पर एक टिप्पणी है। कवि कहता
वर्तमान समय में रिश्तों की स्थिति पर एक टिप्पणी है। कवि कहता
पूर्वार्थ
गांधी जी का चौथा बंदर
गांधी जी का चौथा बंदर
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
हर जगह तुझको मैंने पाया है
हर जगह तुझको मैंने पाया है
Dr fauzia Naseem shad
Ranjeet Shukla
Ranjeet Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
गाओ शुभ मंगल गीत
गाओ शुभ मंगल गीत
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
बहना तू सबला बन 🙏🙏
बहना तू सबला बन 🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
धूर्ततापूर्ण कीजिए,
धूर्ततापूर्ण कीजिए,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
यह तुम्हारी गलत सोच है
यह तुम्हारी गलत सोच है
gurudeenverma198
बुढापे की लाठी
बुढापे की लाठी
Suryakant Dwivedi
जीवन को सफल बनाने का तीन सूत्र : श्रम, लगन और त्याग ।
जीवन को सफल बनाने का तीन सूत्र : श्रम, लगन और त्याग ।
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
जिंदगी का ये,गुणा-भाग लगा लो ll
जिंदगी का ये,गुणा-भाग लगा लो ll
गुप्तरत्न
🙏
🙏
Neelam Sharma
संत गाडगे सिध्दांत
संत गाडगे सिध्दांत
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
प्रतीक्षा
प्रतीक्षा
Dr.Priya Soni Khare
शाम
शाम
N manglam
#मुक्तक-
#मुक्तक-
*Author प्रणय प्रभात*
14. आवारा
14. आवारा
Rajeev Dutta
आकाश के सितारों के साथ हैं
आकाश के सितारों के साथ हैं
Neeraj Agarwal
3051.*पूर्णिका*
3051.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जब काँटों में फूल उगा देखा
जब काँटों में फूल उगा देखा
VINOD CHAUHAN
जिंदगी की खोज
जिंदगी की खोज
CA Amit Kumar
आज का अभिमन्यु
आज का अभिमन्यु
विजय कुमार अग्रवाल
"दिल्लगी"
Dr. Kishan tandon kranti
भोले नाथ है हमारे,
भोले नाथ है हमारे,
manjula chauhan
कब हमको ये मालूम है,कब तुमको ये अंदाज़ा है ।
कब हमको ये मालूम है,कब तुमको ये अंदाज़ा है ।
Phool gufran
अनेकों ज़ख्म ऐसे हैं कुछ अपने भी पराये भी ।
अनेकों ज़ख्म ऐसे हैं कुछ अपने भी पराये भी ।
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मनुष्य तुम हर बार होगे
मनुष्य तुम हर बार होगे
Harish Chandra Pande
वो और राजनीति
वो और राजनीति
Sanjay ' शून्य'
Loading...