Ashok Kumar Raktale 16 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ashok Kumar Raktale 27 Jul 2016 · 1 min read सावन ( दोहा छंद ) काँपी रह-रह घाटियाँ, आया विकट असाढ़ | थर्राए गिरि देख कर , लाया ऐसी बाढ़ || सावन जहँ गाने लगा, रह-रह राग मल्हार | अँगड़ाई लेती दिखीं , तहँ नदिया... Hindi · दोहा 2 5 1k Share Ashok Kumar Raktale 24 Jul 2016 · 1 min read हो उजाला ज़रा दीप ही बार दो मुड़ न जाएँ कदम ये बदी की तरफ दोस्त जाना नहीं मतलबी की तरफ फर्ज इनका यही धर्म उनका यही आदमी को रखे आदमी की तरफ आ गए फिर घने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 3 274 Share Ashok Kumar Raktale 21 Jul 2016 · 1 min read मन उस आँगन ले जाए (गीतिका) आकर साजन तू ही ले जा क्यूँ ये सावन ले जाए अधरों पर छायी मस्ती ये क्यूँ अपनापन ले जाए भिगो रहा है बरस-बरस कर मेघ नशीला ये काला कहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 4 591 Share Ashok Kumar Raktale 18 Jul 2016 · 1 min read दुश्मन नए मिले जब छीनने छुडाने के साधन नए मिले हर मोड़ पर कई-कई सज्जन नए मिले कुछ दूर तक गई भी न थी राह मुड़ गई जिस राह पर फूलों भरे गुलशन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 5 362 Share Ashok Kumar Raktale 16 Jul 2016 · 1 min read खपरैल. (दोहे) मिट्टी के खपरैल घर , संजोये हैं गाँव | वही चर्मराती खाट औ, घने नीम की छाँव || गाँवों में अब घर हुए, कितने आलीशान | मगर कहाँ सबको मिला,... Hindi · दोहा 2 6 435 Share Ashok Kumar Raktale 11 Jul 2016 · 1 min read कुण्डलिया बूँदे लेकर रसभरी , वसुधा को महकाय | क्या है मन में मेघ के, कोई समझ न पाय || कोई समझ न पाय, किसे यह तर कर देगा, कब तोड़ेगा... Hindi · कुण्डलिया 1 4 387 Share Ashok Kumar Raktale 10 Jul 2016 · 1 min read तम से लड़ी है जिंदगी मौत है निष्ठूर निर्मम तो कड़ी है जिंदगी जो ख़ुशी ही बाँटती हो तो भली है जिंदगी लोग जीने के लिए हर रोज मरते जा रहे ये सही है तो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 6 543 Share Ashok Kumar Raktale 6 Jul 2016 · 1 min read कह-मुकरी उसका रूप भुला ना पाऊं, छोडूं ना मैं जब पा जाऊं, उसके बिन यह दुनिया खोटी, क्या सखि साजन ? ना सखि रोटी ! गर्म करे वो रातें मेरी, ढँक... Hindi · कविता 1 2 683 Share Ashok Kumar Raktale 5 Jul 2016 · 1 min read बेबस बदन देखा हमने यहीं पर ये चलन देखा हर गैर में इक अपनापन देखा देखी नुमाइश जिस्म की फिरभी जूतों से नर का आकलन देखा हर फूल ने खुश्बू गजब पायी महका... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 4 781 Share Ashok Kumar Raktale 5 Jul 2016 · 1 min read भीनी प्रेम फुहार ले-लेकर घन दौड़ती, यहाँ-वहाँ दिन रात | वही हवा बरसात की, लाती शुभ सौगात || आये वारिद झूम के, भिन्न-भिन्न आकार | ढांक रहे हैं व्योम को , अपने पंख... Hindi · दोहा 1 10 414 Share Ashok Kumar Raktale 27 Jun 2016 · 1 min read मुक्तक. 1 बोझ में मँहगाई के मत देश को उलझाइये कौन कहता है जमीं पर चाँद लेकर आइये एक निर्धन किसतरह जीता है मेरे देश में, वक्त हो गर तो मेहरबां... Hindi · मुक्तक 1 3 384 Share Ashok Kumar Raktale 26 Jun 2016 · 1 min read कुण्डलिया मँहगाई नकदी रहे, होती नहीं उदार | इसका कब शनिवार या, होता है रविवार || होता है रविवार, जहाँ इक छुट्टी का दिन, वहीँ पसारे पैर, और ले बदले गिन... Hindi · कुण्डलिया 1 2 545 Share Ashok Kumar Raktale 26 Jun 2016 · 1 min read घर बिखर गया खूँ हो गया सफ़ेद कोई जैसे मर गया रिश्तों से रंग प्यार का ऐसे उतर गया कोई कमी न थी न कोई चाह थी मगर बदला उधर जो दौर इधर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 3 267 Share Ashok Kumar Raktale 24 Jun 2016 · 1 min read दोहे/ नैन हुए नमकीन. मृगनयनी शरमा गई, छवि अपनी ही देख | अपलक रही निहारती, पैर ठुकी ज्यों मेख || अधर प्रेम रस के कुएँ, नैना शीतल धाम | हँसी उत्स उत्साह का, क्या... Hindi · दोहा 1 3 388 Share Ashok Kumar Raktale 22 Jun 2016 · 1 min read मनहरण घनाक्षरी / कैसी सरकार है. मेरा भी कहा न माने, तेरा भी कहा न माने, किसी का कहा न माने, कैसी सरकार है सुने ये गरीब की ना, सुने ये अमीर की ही, सुने नहीं... Hindi · कविता 1 2 621 Share Ashok Kumar Raktale 19 Jun 2016 · 1 min read प्यार भरा अहसास. रहे उदासी दूर ही,....जबतक माँ हो पास | माँ की ममता में छुपा, प्यार भरा अहसास || होता है आवास में,..प्यार भरा अहसास | जब अपनों के संग का, फैले... Hindi · दोहा 1 4 587 Share