Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
Comments (6)

You must be logged in to post comments.

Login Create Account
16 Dec 2020 12:25 PM

अति सुन्दर

18 Jul 2016 11:05 AM

प्रथम दोहे में हुई त्रुटि के लिए मैं क्षमाप्रार्थी हूँ. कृपया उसे नीचे लिखे अनुसार पढ़ें. सादर आभार.

मिट्टी के खपरैल घर , संजोये हैं गाँव |
चर्र-चर्र वह खाट औ, घने नीम की छाँव ||

वाह्ह्ह्ह्ह बहुत सुन्दर दोहे1

18 Jul 2016 11:07 AM

प्रस्तुत दोहों पर उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार आदरणीया निर्मला कपिला जी.सादर.

17 Jul 2016 07:54 AM

वाह्ह्ह्ह्ह् अति सुन्दर दोहे । वाह्ह्ह्

17 Jul 2016 10:32 AM

सादर आभार आदरणीया डॉ. अर्चना गुप्ता जी. सादर.

Loading...