AMRESH KUMAR VERMA 180 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid AMRESH KUMAR VERMA 19 Feb 2024 · 4 min read जुड़वा भाई ( शिक्षाप्रद कहानी ) एक गांव में एक जमींदार रहता है उसकी जमींदारी लगभग छीन गई होती है वह अपनी पत्नी और दो जुड़वा बेटों के साथ रहता है जुड़वा बेटों में एक का... Hindi · कहानी 1 74 Share AMRESH KUMAR VERMA 12 Feb 2024 · 2 min read बढ़ता कदम बढ़ाता भारत जिस भारत का सपना अटल कलम नेहरू ने देखा वह जल्द ही आने वाला है... तम की सीढीओ पर भारत आगे बढ़ता जा रहा इतिहासों के पन्नों में हिंदुस्तान अंकित... Hindi · कविता 1 82 Share AMRESH KUMAR VERMA 24 Jan 2024 · 1 min read जीवन एक संघर्ष हंसी खुशी से है जिंदगी हार जीत से है जिंदगी जीता वही है जो हारा है हारा वही है जो लड़ा न है जीवन है संघर्ष की गाथा... जीवन का... Hindi · कविता 110 Share AMRESH KUMAR VERMA 24 Jan 2024 · 1 min read व्याकुल परिंदा मैं हूं एक व्याकुल सा परिंदा जिसे मंजिल छूने की बेताबी है मैं ऊंचे आसमानों का बाज हूं मुझे बस पिंजरे से निकालो मेरे पंखों को आजाद करो शिखर छूने... Hindi 102 Share AMRESH KUMAR VERMA 24 Jan 2024 · 1 min read माटी माटी हमार है प्यारा दुनिया में है न्यारा यही हमार देश है यही हमार रोटी है । माटी ही है हम माटी ही हो तुम फिर ये भेद कैसा फिर... Hindi · कविता 96 Share AMRESH KUMAR VERMA 23 Dec 2023 · 1 min read दोस्ती एक पवित्र बंधन दोस्ती कोई रिश्ता या फरिश्ता नहीं दोस्ती तो एक प्रेम है दोस्ती वो प्रेम भी नहीं है जिससे कोई निज अभावों को पूर्ण करें दोस्ती तो एक किताब सा है... Hindi · कविता 1 118 Share AMRESH KUMAR VERMA 17 Dec 2023 · 1 min read बितता बदलता वक्त ये वक्त ये पल ये लम्हा धीरे धीरे गुजर ही रही है कुछ खट्टे मीठे यादों के संग ये धुंधली यादें बन रह जाती है जो करना है वह अभी... Hindi · कविता 1 126 Share AMRESH KUMAR VERMA 28 Nov 2023 · 1 min read गुमनाम राही मैं हूं एक गुमनाम सा राही न जाने इस मजमा में कहा गुम हूं पथ में कांटे ही कांटे बिछे हैं सारे इन कांटों को चुग चुग बढ़ना होगा दुष्करो... Hindi · कविता 2 1 213 Share AMRESH KUMAR VERMA 21 Nov 2023 · 1 min read नवयुग का भारत ऐ वतन तेरी इस मिट्टी पर जब जब भी संकट छाया है तब तब हम विध्नों को चीर भारत मां की लाज बचाया... गढ़ने दो कपटी दुर्योधन को अभिमन्यु सा... Hindi · कविता 4 102 Share AMRESH KUMAR VERMA 17 Nov 2023 · 1 min read तन्हा तन्हा ही चलना होगा जिंदगी में तन्हा तन्हा ही चलना होगा दरिया छोड़ पयोधि को तालाशना होगा मंजिल तक तन्हा तन्हा ही चलना होगा अपनी नग्न नयनों से देखो जिंदगी कैसे तन्हा तन्हा चलती... Hindi · कविता 187 Share AMRESH KUMAR VERMA 6 Nov 2023 · 1 min read नया सवेरा माना अभी अंधेरा है माना तम से जूझ रहा हूं एक दिन नया सवेरा लाना है दुनिया को मार्ग दिखलाना है रण में अंत तक बने रहना ही मनुष्य को... Hindi · कविता 243 Share AMRESH KUMAR VERMA 28 Oct 2023 · 1 min read हम गांव वाले है जनाब... हम गांव वाले है जनाब आवारा कहो या गवारा हमें फर्क नहीं पड़ता हम निज माटी के लाल मेहनत कसो की औलाद हमारी लड़खड़ाती बोली की मजाक उड़ाने वालो सुनो... Hindi · कविता 1 139 Share AMRESH KUMAR VERMA 25 Oct 2023 · 1 min read धार में सम्माहित हूं मैं भी धार की दिशा में चल पड़ा हूं पता नहीं ! ये किधर लेके जा रही है बिना ठिकाना जाने ही जा रहा हूं परिणाम अंजाम जानते हुए भी... Hindi · कविता 1 250 Share AMRESH KUMAR VERMA 14 Oct 2023 · 1 min read रुकना हमारा काम नहीं... हे मानव ! तू बढ़ता चल तम को चीर बढ़ता चल न कोई है अपना - बेगाना तो फिर क्यों है सौ बहाना इसी माटी से बना खिलौना है तू... Hindi · कविता 191 Share AMRESH KUMAR VERMA 13 Aug 2023 · 3 min read मेहनत का फल (शिक्षाप्रद कहानी) एक शहर में एक विद्यालय रहता है जो कि शहर के प्रमुख विद्यालयों में से एक माना जाता है इस विद्यालय में लगभग हजारों की संख्या में बच्चे शिक्षा प्राप्त... Hindi · कहानी 607 Share AMRESH KUMAR VERMA 13 Aug 2023 · 1 min read हमारे वीर सैनिक है नमन उन वीरों को जो वतन के काम आए सियाचिन की ग्लेशियर पे बर्फ हो गए खड़े खड़े हम सबों के ही खातिर वो अपनी जवानी गंवा देते 7... Hindi · कविता 199 Share AMRESH KUMAR VERMA 10 Jul 2023 · 1 min read जीवनसंगिनी सी साथी ( शीर्षक) वृक्ष होते हमारे जीवनसाथी जिनसे जीवन में खुशहाली चलो चले करते हैं प्रण हम एक काटे, दस वृक्ष लगाए हम जीवन की आधार वृक्ष है खुशियों की श्रृंगार वृक्ष है... Hindi · कविता 1 144 Share AMRESH KUMAR VERMA 20 Jun 2023 · 1 min read दस्तूर ए जिंदगी जिंदगी किसी की, आसान नहीं होती बिन मेहनत, कोई महान नहीं होती मिथ्या मार्ग हमें, क्षणिक हर्ष दे सकती पर तृप्ति और चैन हमारी, छिन ही लेती मनुष्य निज जिंदगी... Hindi · कविता 296 Share AMRESH KUMAR VERMA 20 Jun 2023 · 1 min read मैं भारत का जवान हूं... ऐ वीर ! आखिर तुझ पर क्या ही लिखूं तुम्हारा जीवन इन चंद शब्दों में कैसे समेटू जो ठंडी , गर्मी , धूप , छांव को ना समझता बस हमारी... Hindi · कविता 1 737 Share AMRESH KUMAR VERMA 8 Jun 2023 · 1 min read प्राणदायिनी वृक्ष वृक्ष हमारा होते संगी-साथी,बसेरा जिसमें बसते सदा ही प्राण हमारे अपनी चंद सुविधा हेतु मानव आज क्यों प्राणदायिनी का कत्ल कर रहा... जो अपना - पराया, जेष्ठ - कनिष्ठ का... Hindi · कविता 1 224 Share AMRESH KUMAR VERMA 29 May 2023 · 1 min read मैं मांझी सा जिद्दी हूं ए अमल चित्त तुम्हें क्या हो गया कभी कुछ सोचते हो कभी कुछ कहीं एक जगह स्थिर ही न रहते तन में कुछ अलग करने की है टीस जो अग्र... Hindi · कविता 1 209 Share AMRESH KUMAR VERMA 24 May 2023 · 1 min read आत्मविश्वास ही हमें शीर्ष पर है पहुंचाती... (काव्य) दुनिया को कुछ देने की ताकत ही तो मानव को पूज्यनीय बनाती इस जग में वरना भव में डांगर भी आते और जाते करना है तो कुछ अलग करो, जिससे... Poetry Writing Challenge · कविता 1 253 Share AMRESH KUMAR VERMA 11 May 2023 · 1 min read एक सबक इश्क का होना हे अभिमानी, हे स्वाभिमानी युवा हे बालक, हे प्रेमी, हे भविष्य हमारे अपनी बर्बादी अपने हाथों क्यों कर रहे ये इश्क की दलदल में फंस क्यों रहे हो अभी जो... Hindi · कविता 2 206 Share AMRESH KUMAR VERMA 11 May 2023 · 1 min read त्याग घर बनाने हेतु हमें घर छोड़ निकलना पड़ता बेहतर जिंदगी पाने हेतु हमें ठोकरें बार बार खाना पड़ता ऐसे ही मंजिल न मिलती मुसाफ़िर को इसके लिए जिद्दी और पागल... Hindi · कविता 3 255 Share AMRESH KUMAR VERMA 11 May 2023 · 1 min read अपना बिहार ऐ बिहार कबसे तू पिछड़ रहा क्या यह अपना वही बिहार है जो सदा ही गौरवशाली रहा आज क्या देखने को मिलती हैं... जो आदिकाल से ही महान थी लगता... Hindi 3 2 335 Share AMRESH KUMAR VERMA 11 May 2023 · 1 min read चिड़िया चली गगन आंकने पेड़ भी हँसती, पेड़ भी रोती इन्हें भी पहुंचाता कष्ट कोई ये भी करती नजर अंदाज.. कष्ट सहना इन्हें भी पड़ती फिर भी रहती हसी खुशी से। चिड़िया चली गगन... Hindi · कविता 1 229 Share AMRESH KUMAR VERMA 11 May 2023 · 1 min read मैं चला बन एक राही मैं चला एक राही बनकर राह साधे मंजिल की ओर कुछ कदमे ही तो चली हमने मन करता लौट चलें दूसरे ओर कुछ लोग मिले कुछ बातें की कुछ सफल... Hindi · कविता 148 Share AMRESH KUMAR VERMA 11 May 2023 · 1 min read सूरज आया संदेशा लाया सूरज जगी, जगो यारों कब तब सोओगे जो है अदम्य, वो तो लगा कबसे है बैठा अपने कार्यों में व्यस्त हम ही कुछ हैं जो सोए बैठे है कब से... Hindi · कविता 265 Share AMRESH KUMAR VERMA 12 Feb 2023 · 1 min read मैं भारत हूं (काव्य) मैं भारत हूं, जी हाँ भारत जिसने संपूर्ण दुनिया को ठीक से गिनती सिखलाई जिसका वृतांत सतत ही गौरवशाली रहा जहां में जिसे जाना जाता था विश्व गुरु के ख्याति... Hindi · कविता 1 149 Share AMRESH KUMAR VERMA 6 Feb 2023 · 1 min read बढ़ने वाला बढ़ रहा, तू यूं ही सोता रह... बढ़ने वाला बढ़ रहा तू यूं ही सोता रह नियति का रोया रोता रह पता है तुझको, पता है मुझको संध्या ढली तो उजालों का आना तय है फिर भी... Hindi · कविता 2 261 Share AMRESH KUMAR VERMA 29 Jan 2023 · 1 min read चलो चले कुछ करते है... उषा से पहले जो उठके हमें उठाएं छोटी सी नव किरण लेके हमें जगाएं उठे जागे जाग के, हम कुछ कर जाएं हर अह्न मिलती नई आस, कुछ कर पाएं...... Hindi · कविता 224 Share AMRESH KUMAR VERMA 11 Jan 2023 · 1 min read जिंदगी किसी की आसान नहीं होती... जिसको भी छुनी है चोटी, इस भव में अपनी उसको पहले चलनी होगी, फिर कुछ करनी... सफलता आपके चाहने, न चाहने से न मिलती बल्कि सफलता स्वामित्व और लगन से... Hindi · कविता 2 2 309 Share AMRESH KUMAR VERMA 11 Jan 2023 · 1 min read एक दिवा रोएगी दुनिया जिंदगी तो विघ्नों से सतत होती भरी पड़ी जिंदगानी जब तलक द्वंद्व भी है तब तलक एक दिन जब ये हयात बिछड़ेगी ही तनु से एक दिवा रोएगी दुनिया ऐसा... Hindi · कविता 159 Share AMRESH KUMAR VERMA 11 Jan 2023 · 1 min read हार कर भी जो न हारे मैं वो पंथी मैं वो राही मैं मुसाफिर मैं बटोही चल दिया हूं चल दिया कर्म पथ पे चल दिया ठोकरें ही तो सिखाती पैर उठाके चलना हार कर भी... Hindi · कविता 1 222 Share AMRESH KUMAR VERMA 11 Jan 2023 · 1 min read गिर गिर कर हुआ खड़ा... ऐ जिंदगी, तू लोगों से इम्तिहान क्यों लेती है जिनकी उम्र अदक्षता की उससे बेगारी क्यों करवाती है जो दो दिन से कुछ खाया ना हो उससे जाके पूछिए 'जनाब'... Hindi · कविता 1 160 Share AMRESH KUMAR VERMA 12 Dec 2022 · 1 min read हमारा संविधान नियम और कानूनों का वह किताब जिसमें जिंदगी जीने का लिखा खिताब न ही लिंग,जात-पात का इनमें भेदभाव न किसी प्रकार छुआ-छुट का भेदभाव वही हमारा उल्लेखनीय है संविधान... जिनमें... Hindi · कविता 3 519 Share AMRESH KUMAR VERMA 12 Dec 2022 · 1 min read मैं अकेला मैं अकेला, हूं अकेला चलते चलते जा रहा अपनी मंजिल पाने को मैं तप करने जा रहा जा रहा हूं, जा रहा हूं मैं अकेला जा रहा अपनी श्रम से... Hindi 2 322 Share AMRESH KUMAR VERMA 31 Oct 2022 · 1 min read वरदान या अभिशाप फोन फोन रखना सबकी सबब है बनी इसके बिन जीना लगता असाभ्य सारी देश , दुनिया की खबर है देती दिखने में छोटी,पर होती बड़ उपयोगी । इस फोन में सब... Hindi · कविता 3 262 Share AMRESH KUMAR VERMA 23 Oct 2022 · 1 min read दीपावली का उत्सव दीपों का यह ललाम सी त्योहार घर - घर जलाते जिन में दीये सब बच्चे पटाखे, फुरझड़िया छोड़ते और नाचगाकर सब उत्सव मनाते । इस दिवाली कुछ गरीबों को भी... Hindi · कविता 4 2 179 Share AMRESH KUMAR VERMA 17 Oct 2022 · 1 min read अनूठी दुनिया यह दुनिया बड़ी अनूठी इसमें ना कोई है दुराय निकृष्ट बनने पर तुले हमने इस विचित्र सी धरती पर जन्म लिया यह सौभाग्य की बात जन्म तो कोई भी लेता... Hindi · कविता 1 219 Share AMRESH KUMAR VERMA 17 Oct 2022 · 1 min read हम स्वार्थी मनुष्य हम सब मानव हैं स्वार्थी अपने गरज हेतु हम नर किसी नि:स्वार्थी को करते मिलजुल कर विकल हम हम मनुजो से लाख गुना होती अच्छी निस्वार्थी प्रकृति यह बिना किसी... Hindi · कविता 2 349 Share AMRESH KUMAR VERMA 17 Oct 2022 · 1 min read हमारी हिन्दी हम सबों की शान है हिंदी संस्कृत की बहन है हिंदी हिंदी से हम, हमसे है हिंदी कवियों की श्रृंगार है हिंदी। मां और पुत्र के समान होती हमारी हिंदी... Hindi · कविता 3 236 Share AMRESH KUMAR VERMA 17 Oct 2022 · 1 min read रुकना हमारा कर्म नहीं चल दिया हूं कर्म पथ पर मन में कुछ आस लिए हम चित्त में कुछ टीस लिए चले रुकना हमारा कर्म नहीं... इस पथ पर चलने में हमे अच्छाई बुराइयां... Hindi · कविता 2 1 214 Share AMRESH KUMAR VERMA 17 Oct 2022 · 1 min read एक गंभीर समस्या भ्रष्टाचारी काव्य भारत जैसे भव्य सी भुवन में भ्रष्टाचारी एक गंभीर समस्या पूर्ण देश में अपनी जाल फैला हमारे मुल्क को कर रही दुर्बल । देश की हालत है इस काबिल कि... Hindi · कविता 241 Share AMRESH KUMAR VERMA 26 Sep 2022 · 1 min read बेटियों की जिंदगी बेटियों की जिंदगी आसान नहीं होती बेटों से बेटियां कभी कम नहीं होती फिर भी इन्हें कम समझा जाता है क्यों कहने को तो बेटियां बराबर है आज बेटों के... Hindi · कविता 7 4 912 Share AMRESH KUMAR VERMA 6 Jul 2022 · 1 min read समय के संग परिवर्तन अवकाश के साथ साथ ये खलक परिवर्तन तो कर ही रही इतस्ततः औवल की यातना में मानुज दूर-दूरस्थ की यात्रा पदाति ही करते सतत् आज न्यून भी न्यारा, परे क्यों... Hindi · कविता 2 651 Share AMRESH KUMAR VERMA 6 Jul 2022 · 1 min read निज सुरक्षित भावी प्रारब्धते जा रही वने इसे हमें आँदना होगा हम सबों को मिलकर लगाना होगा विपिन तब मिलेगी शुद्ध वायु प्रियस्वादु मीजान हमें कानन बढ़ाएं भुवन में जीवन पाए खलक में।... Hindi · कविता 2 1 318 Share AMRESH KUMAR VERMA 6 Jul 2022 · 1 min read मिथ्या मार्ग का फल संप्रति कल के लम्हें में बहुधा मनुष्य संगृहीत कर रहे धन-दौलत को त्रुटिपूर्ण आचरणों से उनका मकसद निरा धन-दौलत संचितना इसके लिए वो किंचिते उदात्तों, अनिंद्यों तक के ऐसे मनुज... Hindi · कविता 1 591 Share AMRESH KUMAR VERMA 5 Jul 2022 · 1 min read अशिक्षा आजकल के इस दौड़ में शिक्षा का होना प्रयोजन बिन नसीहत न होता कुछ न के तुल्य ही मिलता मान अशिक्षा एक गंभीर समस्या। अशिक्षा के सबब ही तो आज... Hindi · कविता 2 579 Share AMRESH KUMAR VERMA 5 Jul 2022 · 1 min read दौलत देती सोहरत प्रतिष्ठा देती यह धन-दौलत आज के अतुलनीय दौड़ में जिसके पार्श्व होते ये विपुल धन - दौलत भव्य, मुल्क में उसका गरोह में अलहदा ही रुतबा, ओहदा रहता है यहां... Hindi · कविता 2 1 1k Share Page 1 Next