Radha jha Language: Hindi 125 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Radha jha 2 Sep 2020 · 1 min read पवित्र रिश्ते कुछ रिश्ते की कागजों पे जुबानी नहीं होती, हर एक रिश्ते के जन्म की कहानी नहीं होती, रास्ते में मिलें थे ना जाने वे कहां, कब हो गए अपने पता... Hindi · कविता 1 2 568 Share Radha jha 29 Aug 2020 · 1 min read रिश्ते गुड्डे-गुड़ियों सा खेल खेलना बंद करो, रिश्ते को रिश्ते सा महत्व दो, क्या हर वक्त अदला बदली करते रहते, पक्षियों कि तरह क्यो जिते हो, कभी तो इंसान बन कर... Hindi · कविता 3 2 231 Share Radha jha 28 Aug 2020 · 1 min read एक प्रयास राज्य नहीं राम , जो रखो तुम न्याय की उम्मीद, यह तो हस्तिनापुर वह गद्दी है, जो कभी अपने पांव पे चलती हि नहीं, यहां तो जरुरत हर वक्त विद्रोह... Hindi · कविता 1 2 356 Share Radha jha 26 Aug 2020 · 1 min read संवाद धरा २ ग़म की दुनिया में अपने खोज रहीं, रो रही हु मै तड़प तड़प के, दर्द कि कथा किसे सुनाऊं मैं, यहां अकेली बैठी मैं सोच रही, सर्वार्थी तुम दुनिया वाले,... Hindi · कविता 1 2 423 Share Radha jha 25 Aug 2020 · 1 min read धरा से संवाद १ माता, इतनी कहर क्यो बड़पा रही, हमें क्यों इतना तड़पा रही, हो गए हैं हम बेघर, अब बताओ हम जाएं किधर, करते जो तेरा चिर हरण, उनका ना कुछ हुआ... Hindi · कविता 3 453 Share Radha jha 24 Aug 2020 · 1 min read दुर्योधन का सत्कार कैसी लगी केशव तैयारियां मेरी कहीं रह ना गईं कोई कमी?? क्या प्रसन्नता हुई द्वारकाधीश, हमारी मेजबानी से, भूल कर रहे हो दुर्योधन तुम, अभी तो मैं आया बन शांतिदूत... Hindi · कविता 2 390 Share Radha jha 12 Jul 2020 · 1 min read प्रेम अगर बलिदान ना होता प्रेम हवस नहीं बलिदान होता है, अगर ऐसा ना होता तो, कृष्ण राधा का होकर भी, रुक्मणि का ना होता, प्रेम अगर बलिदान ना होता, तो सीता फिर से वन... Hindi · कविता 4 6 482 Share Radha jha 4 Jul 2020 · 1 min read कविता आज लिखने बैठी में कविता, शब्दों से भरे झोली के साथ, पर, बेचारे शब्द खेल रहे अकड़ - बकड़, तंग कर रहे मुझे हर पल, नज़र अंदाज़ कर में इन... Hindi · कविता 2 4 331 Share Radha jha 27 Jun 2020 · 1 min read मुक्तक रित से प्रित करो कबहो ना, फूल खिलन मुरझाए जाएं, अगर अंधा प्रेम जो करत फूल से, बेचारा गंवा जाएं जिवन से, रित से प्रित करो कबहो ना, सांझ धरी... Hindi · मुक्तक 5 265 Share Radha jha 27 Jun 2020 · 1 min read सावन आ जा आ जा सावन आ जा, दिल का दर्द मिटा जा, प्रेम की नई गीत सुना जा, आ जा सावन आ जा, खुशियां का जल बरसा जा, आ जा सावन आ... Hindi · कविता 5 6 469 Share Radha jha 14 Jun 2020 · 2 min read यमराज की चतुराई एकांत में बैठे यमराज, ना जाने कौन से चिन्ता में खोए थे। चित्रगुप्त ने भंग कर उनका एकांत , प्रशन किया शीश नवाकर, क्या बात है महाराज?? ऐसे मूंह क्यो... Hindi · कविता 727 Share Radha jha 29 May 2020 · 1 min read भाग्य समय का कोई तो शौध करो मेरे भाग्य पे, आखिर क्या क्या लिख रखा है ख़ुदा ने, काल ने सौदा किया मृत्यु से मेरे कि काल में, कोई तो पूछो तिखे प्रशन... Hindi · कविता 4 2 296 Share Radha jha 20 May 2020 · 1 min read घूमने आई बरखा घूमने आई धरा पे बरखा, संग पवन के साथ, स्वागत में साड़ी नदियां खड़ी, ले कर माला हाथ, सौदामिनी भी आई संग में,पर रह गई वह मेघ के साथ, चमक... Hindi · कविता 2 4 293 Share Radha jha 9 May 2020 · 1 min read आंसु कोई ग़म में तो कोई खुशी, पर आंसु तो सभी बहा रहे, कोई अपनों के लिए कोई अपने लिए, पर, धारा सभी के निकल रहे नयनों से, कोई दर्द में... Hindi · कविता 6 5 511 Share Radha jha 5 May 2020 · 1 min read लोभ लोभ में लोग क्या क्या कर जाते हैं, हाथ कुछ आता नहीं सिवा मिथ्या प्रसन्नता के, फिर भी दूसरों के साथ लोग अपना भी घर उजाड़ जाते हैं बच नहीं... Hindi · कविता 3 446 Share Radha jha 30 Apr 2020 · 1 min read बेहते जाना है टूटी मझधार में देखो कितनी विक्राल है धारा ना मंजिल है ना मोह सिर्फ बेहते जाना है, चलना है चलाना है सब कुछ अपने साथ ले जाना है, रूकेंगे ना... Hindi · कविता 2 498 Share Radha jha 27 Apr 2020 · 1 min read मन मेरे कुछ बोल मन मेरे बातें तोल के ना बोल, चंचल नैनवा की सुन ना कोई बोल, कुछ तो अपने मन की भी बोल, मन मेरे बातों में प्रेम मिश्री घोली, प्रियतम कि... Hindi · कविता 2 406 Share Radha jha 25 Apr 2020 · 1 min read सूने महल सुनें महल में जीऊं सहारे किसके सावारियां, छोड़ गए क्यों हमें हमको, युही तड़पते, अधुरी क्यों छोड़ी हमारी कहानियां, ऐसा क्यों किया ये सावारियां, हमें क्यों बना गया तु अपनी... Hindi · कविता 1 2 281 Share Radha jha 10 Apr 2020 · 1 min read धरती का त्यागपत्र २ एकांत में श्री हरि , मन में कर रहे थे विचार, दोनों के रोगों का बेचारे, दूढ़ रहे थे उपचार, आखिर क्या ग़लत कहा धरा ने, आजतक तो हर ग़म... Hindi · कविता 2 3 418 Share Radha jha 10 Apr 2020 · 1 min read धरती का त्यागपत्र १ सौंप दिया धरती ने अपना त्यागपत्र ब्रह्मा को , सभागण सब कर रहे विचार विमर्श , ऐसा क्यों किया धरा ने? होगा क्या सभी जिव जन्तु का?? सोच सोच कर... Hindi · कविता 2 476 Share Radha jha 8 Apr 2020 · 1 min read बातें चांद से मैंने पूछा चांद से क्या हाल है जनाब?? खैरियत तो है सब,क्या प्रसन्न हैं आप? घर भी होगा आपका अब तो साफ़, चांद ने कहा जड़ा चुप भी करो, सर्वार्थी... Hindi · कविता 1 3 370 Share Radha jha 7 Apr 2020 · 1 min read भाग जाएगा कोरोना ज़्यादा भीड़ भाड़ करो ना, बरना आ जाएगा कोरोना, धरा को तंग करो ना, बरना आ जाएगा क्या, आ गया कोरोना। अपने परिवार को संकट में डालो ना, उनको मौत... Hindi · मुक्तक 315 Share Radha jha 26 Mar 2020 · 1 min read स्वार्थी मानव ना चाहते हुए भी, आज खुश होगा आसमान, वह धरती, वह हवाएं ख़ुशी से झूम रहा होगा वह नदियां कि लहरें को, खुब उछलने का मन करता होगा, आकाश पे... Hindi · कविता 1 441 Share Radha jha 29 Jan 2020 · 1 min read वंदना अपने ज्ञान का ज्योति इधर भी फैला, मां तेरे शरण में हम आये अनाथ दोनों हाथ फैलाकर मांगे हम भिक्षा दान मां, झोली में भर दे तुम अपना प्यार मिटा... Hindi · कविता 2 431 Share Radha jha 15 Jan 2020 · 1 min read दुर गगन में दुर गगन कि बात निराली, कभी देखा चंदा कि होशियारी, रोज़ बदलता रूप अपना, जैसे जाना हो उन्हें ससुरारी, टिम टिम करते तारों के बीच, चमकें जैसे जुगुनू के बिज... Hindi · कविता 274 Share Radha jha 3 Jan 2020 · 1 min read दर्द थे कहां तुम ,जब थी जरुरत हमें, अब मृत्यु के पश्चात क्यो चिल्ला रहे हो, कहां गई अम्मा मोरी? नौ महीने गर्भ में पाला था, दर्द ना जाने कितने सही,... Hindi · कविता 235 Share Radha jha 1 Dec 2019 · 1 min read क्या था गुनाह मेरा पनघट पर आज भी करती इंतजार तेरा, तु ना आऐ कान्हा, ऐसा क्या था गुनाह मेरा, अपने ही नजरों से क्यों दुर किया, क्यों तोड़ दिया अपने हि दिल के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 252 Share Radha jha 27 Nov 2019 · 1 min read शोर दिल क्यों मेरा शोर करें, युहीं यह चारों ओर घूरे, याद क्यों आती तु हर लम्हा, दिल मेरा युहीं क्यों तड़पा देख तुझे दर्द मे, दिल मेरा हि क्यों बिलखा,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 390 Share Radha jha 25 Oct 2019 · 1 min read हो गी रात प्यारे रे सूर्य देव सो गए, सो गए चादं -तारे, सो जा मेरे लाला रे, हो गई रात प्यारे रे। नैना बंद करके तु, खो जा सपनों के दुनिया मे, परीयों के... Hindi · गीत 1 1 376 Share Radha jha 2 Oct 2019 · 2 min read शिकायत बापू से राष्ट्रपिता तेरे घरों मे, अब जलती हैं मानवता, जिस भारत के लिए, तुने बलिदान दिया, वह भुल गया तेरी राह, वह भुल गया अहिंसा, तेरे अन्नदाता को,कुबेरों ने कुचल दिया,... Hindi · कविता 1 233 Share Radha jha 19 Sep 2019 · 1 min read दर्द कोई प्रेमी जब छोड़ चला जाता हैं, तो वह असीम पीड़ा से भरी दर्द कहलाता है, तो फिर, उस माँ के अहसास को क्या कहेंगे, जब उन्हें अपने हि घर... Hindi · कविता 189 Share Radha jha 4 Aug 2019 · 1 min read दोस्ती दोस्ती मे दिल जलाया नहीं करते दोस्तो के मन को दुखाया नही करते दोस्ती मे गद्दार को यार बनाया नही करते दोस्तो के पीठ छुरी मारा नही करते दोस्ती मे... Hindi · कविता 416 Share Radha jha 2 Aug 2019 · 1 min read चादं भी कभी झूठ बोला होगा चादं भी कभी झूठ बोला होगा, शायद उसका मन मैला होगा, तभी तो उसके सुन्दर मुखरे पर, ढब्बे के ढ़ेर परे, वह भी कभी किसी को तड़पाया होगा, किसी का... Hindi · कविता 1 396 Share Radha jha 8 May 2019 · 1 min read खुदा , मंजिल है खुदा एक मंजिल है, राहे हजार है, मजहब एक सिढ़ी है, बस चढ़ने कि दरकार है।। नियम , कानुन सब चुनौतियां है, करने हमें पूरा है, सहायक दिमाग है, बस... Hindi · मुक्तक 1 221 Share Radha jha 6 May 2019 · 1 min read हमनें पुछा बरखा से हमने पुछा था बरखा से, तु बेमौसम क्यों बरसती? चुरा के नजर कहा बरखा ने, "पिया मिलन"मे क्यों देरी। हमनें पुछा था बरखा से, फिर सूखी क्यों पड़ी धरती? रुदन... Hindi · कविता 213 Share Radha jha 18 Mar 2019 · 1 min read होरी मे डालु ने रंग गुलाल होरी मे ने डालु रंग गुलाल , सीया होरी मे, जे अहाँ डालवै त कि कहते गौआ(villager) खेलु अहाँ सब चारो बहिना, छोड़ु हमर कपारी ईऐ होरी मे, शयामल मुखरा... Hindi · गीत 1 206 Share Radha jha 13 Mar 2019 · 1 min read औरत औरत कि जुबानी सुनो उसकि कहानी सब के घर मे रौनक लाई यह सब दिलों कि रानी बेटी बन आई लक्ष्मी पिता के घर को, माँ कि सहेलि देखो पापा... Hindi · कविता 1 290 Share Radha jha 28 Jan 2019 · 1 min read सुन कान्हा क्यों तेरे शरणों मे कान्हा, सभी झुकाते अपना मस्तक, ऐसी भी क्या खूबियां हैं तुम में, जो तुम को सब रिझाते है, हम तो तेरे वंशज हैं कान्हा , फिर... Hindi · कविता 1 471 Share Radha jha 21 Dec 2018 · 1 min read शक शक है तलवार वह, जो करती वार सभी पर, ना किसी को जीने देती, हर रिस्ते नाते तोड़ देती , यह शक और कि बात छोड़ो , शक छोड़ती नही... Hindi · कविता 551 Share Radha jha 4 Dec 2018 · 1 min read ढुंढ लिया ग़म में भी ख़ुशी ढुंढ लिया, मैं ने हर ज़ख्म का मलहम ढुंढ लिया।। दर्द में भी राहत ढुंढ लिया, मैं ने प्रेम की व्याख्या ढुंढ लिया।। क्रोध में भी... Hindi · कविता 1 284 Share Radha jha 1 Dec 2018 · 1 min read कम हो जाए ग़म में ही सही, जरा मुस्करा कर तो देखो सायद ग़म कम हो जाए।। कोई नहीं तो मूर्ति से ही बातें कर लो, सायद तान्हा कम हो जाएं।। बत्ती नहीं... Hindi · मुक्तक 1 402 Share Radha jha 1 Dec 2018 · 1 min read ग़रीबी फटे हुए कपड़े है, रूठे हुए नैना, टुठे हुए जवान है, देखो ना घर न बैना, सड़क हि बस्ती है, राह हि स्वर्ग, स्वान है मित्र उनके, किड़े मकोड़े यार... Hindi · कविता 270 Share Radha jha 1 Nov 2018 · 1 min read मां मां एक शब्द नहीं, एहसास है मां वह कल्प वृक्ष है, जो पूर्ण करती सभी मनोरथ को, देवताओं कि हमें जरूरत नहीं, जब तक दुनिया में मां खड़ी मां वह... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 31 481 Share Radha jha 7 Oct 2018 · 1 min read सपने में आई थी नदियां सपने में आई थी नदियां, कहने लगी अपनी कहानियां धरती के आधार कि बातें, सुर्य, चांद , सितारे ओर रातें कि माछ, हंस , शंख है बच्चे उसके, रो रो... Hindi · कविता 1 253 Share Radha jha 30 Sep 2018 · 1 min read सुखी नैन रोना भी भूल गया नेयना उसकी, हंसी तो ना जाने कहां गुम हो गयी, ग़म भी दूर भागती है उससे, देख क्या नसीब उसकी, दुनिया ने सोचा ,वह खुश बहुत,... Hindi · कविता 280 Share Radha jha 21 Sep 2018 · 1 min read सिख लिया बदलते समय में ढलना सिख लिया, तेरे ग़म में अब रोना सिख लिया, अंधेरा में ज्योति जलाना सिख लिया, ग़म में खुशियां ढुंढना सिख लिया, दिल से मुस्कुराना सीख लिया,... Hindi · कविता 430 Share Radha jha 19 Sep 2018 · 1 min read फरेबी बाबा टूट गया सब रिश्ते नाते, टूट गया सब बन्धन यहां, छूट गया सब घर वार मेरा, दुनिया की नजर में, बन गया जब मैं संन्यासी पर मैं बना फरेबी बाबा,... Hindi · कविता 316 Share Radha jha 10 Sep 2018 · 1 min read प्रश्न खुदा का कब कहां था हमने, आप ग़लत हम सही, कब कर रहे थे आप काम सही, जो बाधा बने हम उस कार्य में, कब रुठे थे हम, जो आप आये थे... Hindi · कविता 520 Share Radha jha 17 Aug 2018 · 1 min read बदनामी मौत से डरता नहीं, मौत आती है सभी कि, डरता हुं बदनामी से, जो पूछ कर आती ना कभी, ना जाने कितने को खा गयी, यह"बदनामी" ने हमें तो बचना... Hindi · कविता 1 392 Share Radha jha 9 Aug 2018 · 1 min read भिक्षुक कि जिंदगानी स्वान से बद्तर जिंदगानी मेरी, क्या सुन पाओगे कहानी मेरी? तरसते हैं दाने - दाने के लिए हम, अब क्या बताऊं कहानी अपनी?? घर - आंगन है फुटपाथ मेरा, कीट-पतंगों... Hindi · कविता 441 Share Previous Page 2 Next