आकाश सिन्हा अर्श Tag: कविता 23 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid आकाश सिन्हा अर्श 4 Nov 2019 · 1 min read कोई बता दे आते जाते इन गलियों में पूछू तेरा नाम कोई बता दे कहाँ रहती है मेरी राधा नाम सबको मैं बतलाकर पूछू तेरी बात तमाम कोई बता दे कहाँ मिलेगी मीठी... Hindi · कविता 1 276 Share आकाश सिन्हा अर्श 5 Oct 2019 · 2 min read ज़िंदगी कुछ 'रेशों में रची रचना'^ से 'पुलकित-पल्लव'* बनाती है ज़िंदगी धड़कन^^ और धड़कने का एहसास कराती है ० पहली बार छाती से लगकर ममता एहसास कराती है पीला-अमृत** मुख में... Hindi · कविता 2 1 243 Share आकाश सिन्हा अर्श 4 Oct 2019 · 1 min read व्यापार सोंचता हूँ एक व्यापार कर लूँ भगवान को उसमें बिठा एक दुकान कर लूँ धर्म श्रद्धा का मोल करूँ और हज़ार दो हज़ार में ग्रहों की चाल पलट दूँ सोंचता... Hindi · कविता 1 433 Share आकाश सिन्हा अर्श 25 Jan 2018 · 1 min read 'करणी' के कर्म "क्षत्रिय" तेरी तलवार में नहीं वह धार जिस दिन से तुमने किया, नौनिहालों पर प्रहार !! कुन्द कर गए, राम का इतिहास नहीं बची चौहानों में वह बात कुछ तो... Hindi · कविता 560 Share आकाश सिन्हा अर्श 21 Jan 2018 · 1 min read दाऊ खट्टू सा मैं, बलराम सा वो समग्र चाहतें पूरी कर दे ऐसा हीं था, बलवान था वो ।। चल पड़ा जब, जीवन पथ पर चढ़ती यमुना को चीरे तक्षक का... Hindi · कविता 570 Share आकाश सिन्हा अर्श 20 Jan 2018 · 1 min read गुड्डी गुड्डी सी उड़ती जीवन काया शहद पिलाती थी महामाया पात्र जो छूटा, सब जग रूठा बचपन नहीं रहा अब भींत (पास/भीतर) मृग सा प्यासा उसको ढूँढू बता दो तुम, कहाँ... Hindi · कविता 508 Share आकाश सिन्हा अर्श 7 Dec 2017 · 1 min read लल्ला ____________लल्ला______________ मुरली का संगीत है पसरा वृन्दा व वरसाने में तड़प रही है तेरी मईया लोहे की चार दिवारों में !! रो-रोकर सूखी हैं आँखें बस एक बूँद बची है... Hindi · कविता 425 Share आकाश सिन्हा अर्श 3 Dec 2017 · 1 min read आखिर क्यों ? न जाने शादियों की ये दुकानें क्यों हैं जब मन हीं मन से मिले नहीं तो गुण मिलान की,फरमाइशें क्यों हैं ? पी के रीत से जी लेना हीं जीवन... Hindi · कविता 503 Share आकाश सिन्हा अर्श 3 Dec 2017 · 1 min read गफलत तोड दियें सारी तहमीदें पर कुछ न, अपने हाथ लगा खा चुकें थें सारी कसमे पर रब का ना साथ मिला ।। कसक कसम की अब भी बाकि कुछ प्याले,... Hindi · कविता 270 Share आकाश सिन्हा अर्श 3 Dec 2017 · 1 min read तुम और मैं तू गरजता रहा मैं तरसता रहा शगुफ़ा-ए-दिल हमारा बनता रहा ।। दरस दियो, इस चाहत में आँखें छलकती रहीं, तू इतरता रहा तू मचलता रहा, मैं पिघलता रहा ।। वादें... Hindi · कविता 222 Share आकाश सिन्हा अर्श 3 Dec 2017 · 1 min read अभिमन्यु काश मैं तुझको अपनी उमरिया दे पाता आँसू जो भी होतें उनको पी जाता अपनी खुशियाँ तुझको सारी दे जाता मर के फिर से, लौट के दुनियाँ में आता सीने... Hindi · कविता 220 Share आकाश सिन्हा अर्श 2 Feb 2017 · 1 min read राज़ की बात खुल गई देख लिया गुलाबी सपना आँखों की बात हो गई छुप गया , बदरी में चाँद राज़ की बात खुल गई ।। आँखों हीं आँखों में साथ का वादा भरी बरसात... Hindi · कविता 221 Share आकाश सिन्हा अर्श 2 Feb 2017 · 1 min read अस्मत देखा था उसको कई रोज पहले पहलू में अपनी इज़्ज़त बचाये सरपट दौड़ता एक बाप बच्ची को अपनी काँख में दबाये ।। लूटी थी अस्मत मासूम बाला के उसने कभी... Hindi · कविता 409 Share आकाश सिन्हा अर्श 29 Jan 2017 · 1 min read मंज़िल रात का काजल आँख में मल के ले पुरवईया साथ चले देख दूर वह वहाँ खड़ी है सपने आँखों में कुछ, प्यार लिए । मेरी मंज़िल धुंधली धुंधली दूर बहुत... Hindi · कविता 256 Share आकाश सिन्हा अर्श 26 Jan 2017 · 1 min read उपमा तुझे उपमा दूँ तो आखिर किसकी उपमा से भी तू अनुपम अनुपमता में हीं मैं भटका कैसे करूँ , मैं तेरा वर्णन ।। बर्फ के भीतर से रश्मि, छन कर... Hindi · कविता 602 Share आकाश सिन्हा अर्श 25 Jan 2017 · 1 min read मेरे संग दिखता था हर रोज़ एक सपना नई मंज़िले नपती थीं खिलता था हर रोज़ गुल एक जब मेरे संग वो चलती थी । रत्न बिखरते थें . बालों से जब... Hindi · कविता 395 Share आकाश सिन्हा अर्श 25 Jan 2017 · 1 min read आकर तो देखो आओ बाँहों में , समा कर तो देखो . चाह की तरंग न छिड़े , चले जाना बस एक बार नज़रें , मिला कर तो देखो दूर खड़ा है एक... Hindi · कविता 368 Share आकाश सिन्हा अर्श 25 Jan 2017 · 1 min read सपना एक आसमां एक साहिल हो अपना एक घर , एक आँगन हो अपना । खिलतें फूल हजारों जिसमें खुशियों से महकता घर हो अपना ।। चाँद की मादक किरणों में... Hindi · कविता 493 Share आकाश सिन्हा अर्श 24 Jan 2017 · 1 min read अकेलापन न जोश मुझमें है, न हीं रंग मुझमें है , मुझ हीं से है अकेलापन~अकेलापन~अकेलापन !! दूर तक फैला गम्भीर सा "अर्श" को छूता, मुझसे होता ज़िन्दगी का अंश~अकेलापन..!! थकी... Hindi · कविता 436 Share आकाश सिन्हा अर्श 24 Jan 2017 · 1 min read शेर अब तो ख़ाबों में भी नहीं आतें हैं वो । मैंने खुली नज़रो से कभी ख़्वाब नहीं देखा ।। वह रोटी चुराकर चोर हो गया, लोग मुल्क खा गए कानून... Hindi · कविता 448 Share आकाश सिन्हा अर्श 24 Jan 2017 · 1 min read औरत एक औरत के हैं रंग हज़ार कभी मीरा के पद , कभी लक्ष्मीबाई की दहाड़ ।। कभी सृजनकर्त्री , कभी दुर्गा की तलवार औरत के हैं रंग हजार । नन्हे... Hindi · कविता 457 Share आकाश सिन्हा अर्श 23 Jan 2017 · 1 min read उसकी आँखें रोज़ तकती हैं उसकी आँखे देखतीं हैं सबकुछ उसकी आँखें भँवरे का तड़पना , तडपते रहना हर रोज़ देखतीं हैं आँखें ।। कई बार मैंने कोशिश की थी देखूँ किसे... Hindi · कविता 602 Share आकाश सिन्हा अर्श 23 Jan 2017 · 1 min read तेरी याद मेरे खामोश लबों के हिलने से तेरी आवाज़ आई । सच कहता हूँ उस पल तेरी, बहुत याद आई । पत्तों की सरसराहट से दिल में कहीं हलचल हुई ।... Hindi · कविता 305 Share