डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' Tag: कविता 103 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 11 Jul 2017 · 1 min read **मील का पत्थर** *पहुँचाकर मंजिल पर राही को अभी भी वहीं खड़ा हूँ | *धूल से ढककर, सूरज से तपकर अभी भी अडिग खड़ा हूँ | *रुका न कोई पलभर भी न पूछा... Hindi · कविता 1k Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 1 Jul 2017 · 1 min read चंद्रज्योत्ना-सी आभा लिए **एकता** *खिलती हुई कली के जैसी उगती हुई सुबह के जैसी चंद्रज्योत्सना जैसी शीतल ऐसी है उसकी मुस्कान जहाँ भी जाए या न भी जाए खुशबू और प्रकाश फैलाए ऐसा है... Hindi · कविता 1 1 1k Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 1 Jul 2017 · 1 min read ***बारिश की बूंदे*** *काले घने फूस से बादल, घिर-घिर कर जब आएँ| मन हर्षित हो जाए, जब घनघोर घटाए छाएँ| *बारिश की बूंदे संग लेकर, काली बदली मन हर्षाए| देखो-देखो काले बादल, नभ-तल... Hindi · कविता 1k Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 7 Jun 2017 · 3 min read *अनुस्वार ( ं ) और अनुनासिक ( ँ ) पर करें विचार** सुगम सरल हो व्याकरण ज्ञान* अनुस्वार ( ं ) व्यंजन है कहलाता | अनुनासिक ( ँ ) स्वर का नासिक्य विकार कहा जाता | चलो करें इनका अभ्यास | काव्यात्मक व्याकरण बोध के ज़रिए व्याकरण... Hindi · कविता 4 1 26k Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 7 Jun 2017 · 1 min read ***हमारी निराली मेट्रो ट्रेन*** बाल कविता **ट्रेन है मेट्रो बड़ी निराली भू-तल से ऊपर चलने वाली समय सभी का यह बचाती मिनटों में गंतव्य पहुँचाती || **ए.सी भी इसमें चलता है महिला डिब्बा अलग होता है... Hindi · कविता 1 2k Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 6 Jun 2017 · 2 min read **एक-एक पौधा सभी लगाओ , पर्यावरण दिवस सार्थक बनाओ | *पर्यावरण दिवस की सभी को शुभकामनाएँ ! वृक्षारोपण करके अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाओ | सभी मिलकर 'पर्यावरण दिवस' सार्थक बनाओ || *आज हमने बगिया में जाकर वृक्षारोपण करवाया... Hindi · कविता 662 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 5 Jun 2017 · 3 min read **वर्तनी विचार और शब्द विचार** करो सभी अब ऐसे याद** सुगम सरल हिंदी व्याकरण वर्तनी विचार और शब्द विचार सरल सुगम करो व्याकरण ज्ञान ****** वर्तनी ***** * लेखन में प्रयुक्त लिपि चिन्हों के व्यवस्थित रूप को कहते हैं वर्तनी वर्तन करना जिसका अर्थ... Hindi · कविता 1k Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 4 Jun 2017 · 2 min read **चलो करें हम 'वर्ण विचार'** सुगम सरल व्याकरण बोध- २ काव्यात्मक स्वरूप में हिंदी व्याकरण बोध को सरल सुगम बनाने का प्रयास || ****** वर्ण विचार ****** *भाषा की सबसे छोटी इकाई कहलाती ध्वनि के नाम से संबोधित की जाती... Hindi · कविता 734 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 2 Jun 2017 · 1 min read **ईश्वर की कृपा जीव लोक तक**जापानी काव्य शैली-ताँका जापानी काव्य शैली-ताँका संरचना- 5+7+5+7+7= 31 वर्ण दो कवियों के सहयोग से काव्य सृजन पहला कवि-5+7+5 = 17 भाग की रचना , दूसरा कवि 7+7 की पूर्ति के साथ श्रृंखला... Hindi · कविता 490 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 2 Jun 2017 · 1 min read ***मन हुआ मगन प्रकृति संग***जापानी विद्या-चोका जापानी साहित्य विद्या- चोका -5+7+5+7+5+7+5+7+7.... *मन प्रसन्न हुआ यह मगन विहग नभ करते विचरण शाम सुहानी विलीन दिवाकर प्रकृति शोभा नभ तल चाँदनी तरिणी जल जन-जीवनदानी चाँद शीतल रजनी मतवाली... Hindi · कविता 430 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 1 Jun 2017 · 1 min read भाषा के दो ही रूप लिखित, मौखिक इसका स्वरूप**व्याकरण प्रवाह**सरल, सुगम व्याकरण बोध- १ *****भाषा***** भाषा के हैं दो ही रूप मौखिक लिखित इसका स्वरूप मौखिक है अस्थाई भाषा जिसमें वाचन कौशल आता || लिखित स्थाई भाषा कहलाती लेखन की हर विद्या इसमें समाती... Hindi · कविता 3 2 27k Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 31 May 2017 · 1 min read ***** सागर की गहराई**** **** *सागर ने जाकर अंत में अपने एक क्षितिज बनाया जहाँ पर उसने जाकर धरती और आकाश को मिलाया *तेज लहरों से उसने अपनी बालू का ज़र्रा बनाया फिर उसने... Hindi · कविता 350 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 25 May 2017 · 5 min read **** स्मृतियों के पन्ने ****(संस्मरण) ****समय पंख लगाकर कैसे उड़ गया पता ही नहीं चला | माँ का कमरे से आवाज लगाना दौड़कर माँ के नजदीक पहुँच जाना अभी भी याद है | वह समय... Hindi · कविता 404 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 14 May 2017 · 2 min read ****माँ ! आज तुम्हारी बहुत याद आई**** मेरी ओर से विश्व की सभी माताओं को मातृदिवस की बहुत-बहुत बधाई |||| माँ की याद में कुछ भाव उमड़ आए जिन्होंने बीते लम्हे कुछ इस कदर याद दिलाए |||||... Hindi · कविता 914 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 8 May 2017 · 1 min read *****सूरज से थोड़ी सी गप्पें**** *दूर हो खूब मगर हमें जलाकर चले जाते हो क्या खाते हो ? जो इतने गर्म तुम नज़र आते हो *कैसे कपड़े पहनते हो? जो चमकते ही जाते हो उषा... Hindi · कविता 3 2 10k Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 8 May 2017 · 1 min read *****माँ जैसा कोई नहीं**** करुणामयी , ममतामयी होती है सिर्फ माँ सब पर प्यार बरसाने वाली होती है सिर्फ माँ ममता का आँचल फैलाने वाली होती है सिर्फ माँ हँसकर गले लगाने वाली होती... Hindi · कविता 851 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 3 May 2017 · 1 min read ****मेरे घर आई एक नन्ही परी**** *चाँद से, फूलों के रथ पर सवार घर रोशन किया है नन्हीं परी ने ईश्वर तुझे कोटि-कोटि प्रणाम *लक्ष्मी स्वयं चलकर हमारे घर आई है बरसों से जो थी मन... Hindi · कविता 3 1 16k Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 2 May 2017 · 1 min read *****हास्य रस की गागर**** *दिया है जीवन ईश्वर ने संजोना है इसे हास्य से भरकर गागर इसकी जीना है इसे | *जितनी छलकाओगे उतना ही आनंद पाओगे अपने जीवन के साथ-साथ दूसरों के जीवन... Hindi · कविता 362 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 13 Apr 2017 · 1 min read *सुहानी बसंत ऋतु आई रे* *अनंत, असीम, आलौकिक आनंद लिए अनोखी छटा छाई है | आई-रे-आई बसंती बसंत ऋतु आई है| प्रसून देख तितली मुस्काती हँस-हँस गाती इठलाती | पुरवा सुहानी विहग पंख डोलाई है... Hindi · कविता 696 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 13 Apr 2017 · 1 min read *एक प्रश्न आपके लिए* 1 मई, साल के एक दिन या हर दिन 1 मई हम मजदूर दिवस के रूप में मनाते हैं| क्यों हम एक ही दिन मजदूरों के सम्मान को दिलाते हैं ? क्या वह सब एक ही दिन के हकदार... Hindi · कविता 499 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 1 Apr 2017 · 1 min read *अपनी संस्कृति को पहचानो* जागो ! हिंदुओं जागो ! *अप्रैल फूल कहने से पहले वास्तविकता इसकी क्यों नहीं जान रहे हो ? पावन महीने की शुरुआत को मूर्खता दिवस कहकर क्यों मना रहे हो ? *चलता आ रहा है,... Hindi · कविता 652 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 19 Mar 2017 · 3 min read ***भारत देश के वासी हो तुम**इस मिट्टी पर अभिमान करो** *भारत माँ के लाल हो तुम इस माता का सम्मान करो तीन रंग का मान करो अपमान ना इसका आज करो *जिस जन्म भूमि पर जन्म लिया जड़ उसकी न... Hindi · कविता 785 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 18 Mar 2017 · 1 min read *** आओ मनाएँ भारतीय नव वर्ष **** *चैत्र, वैशाख, जेष्ठ,आषाढ़ है सुना किसी ने इनका नाम नहीं सुना तो आज बताती सार्थकता इनकी भारतवासी को आज *यह नाम नहीं साधारण सुन लो सभी जन यह आज हिंदी... Hindi · कविता 419 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 16 Mar 2017 · 1 min read **दूर रहकर भी तुम नज़दीक हो मेरे**यादों में हर पल हो तुम मेरे *** रूठे हो तुम जो मुझसे कैसे तुम्हें मैं मनाऊँ सोच रही हूँ मैं कैसे तुम्हें नज़दीक बुलाऊँ | ******** इन दूरियों को एक दिन जरूर मिटाऊँगी मैं पास तुम्हें... Hindi · कविता 503 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 13 Mar 2017 · 1 min read **रंगों का त्योहार मंगलमय बनाएँगे---- बड़ों का आशीर्वाद आज सभी हम पाएँगे |||||| *फागुन का यह मास है रंगों का त्योहार है और मिठास का एहसास है | **होली है मंगल मिलन का त्यौहार होली है सतरंग बरसाने का त्योहार होली है बहुत... Hindi · कविता 330 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 9 Mar 2017 · 1 min read ****नारी ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ रचना***** ****----****----**** १. ***नारी दे ,नारी को मान तभी बनेगा वंश विशाल नारी को दें पूर्ण सम्मान नारी है ममता की खान २. ***नारी तू शक्ति है ,सत है सृष्टि की... Hindi · कविता 1 1k Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 8 Mar 2017 · 1 min read **दुख-सुख की सिर्फ एक ही साथी** नर नहीं है वो है सिर्फ नारी ** दुख सुख में जो साथ है देती और नहीं कोई, नारी है मुश्किल से जो जूझ है जाती और नहीं कोई, नारी है ** रोने कभी नहीं देती वो... Hindi · कविता 853 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 4 Mar 2017 · 2 min read **मेरी कलम से सुनो ! लोकतंत्र का हाल*** **कलम की ताकत को मैं आज , समक्ष तुम्हारे लाया हूँ | कितना अब तक बदल गए हैं , तस्वीर दिखाने आया हूँ | **कितना बदले हम वर्षों में, सब... Hindi · कविता 2 794 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 24 Feb 2017 · 2 min read ***सात फेरों के सातों वचन ***अटूट बंधन*** ?????? ***सात फेरों के सातों वचन ***अटूट बंधन*** *नहीं पूर्ण जिसके बिना मानव जीवन संपूर्ण । वैदिक संस्कृति के अनुसार विवाह ही है परिपूर्ण । *जिसके अर्थ में छिपा है... Hindi · कविता 3k Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 21 Feb 2017 · 2 min read ****नहीं भूलेंगे **नहीं भूलेंगे** ये सुनहरे पल**** ***नहीं भूलेंगे ****नहीं भूलेंगे ****यह सुनहरे दिन**** ** सुबह जल्दी उठना वैन के हॉर्न का बजना स्कूल पहुँचने की मारामारी और लेट कभी न होना **नहीं भूलेंगे, नहीं भूलेंगे, नही... Hindi · कविता 515 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 20 Feb 2017 · 2 min read ****ज्ञान के सागर से भर लो गागर**** * गागर 'मस्तिष्क' है कहलाता,* ***'हिंदी व्याकरण'*** **ज्ञान का सागर कहा है जाता** <<<<>>>> *** अध्यापिका हूँ बच्चों की परेशानी भांप जाती हूँ | कहाँ उन्हें है आती परेशानी जल्दी... Hindi · कविता 751 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 17 Feb 2017 · 1 min read *****मैं हूँ एक 'सुंदर' सुमन**** **कलम चली है आज जो अब लिखने को किया अनुरोध किसी ने कुछ लिखने को **औरों के ऊपर नहीं सिर्फ उस पर लिखने को किया अनुरोध आज किसी ने कुछ... Hindi · कविता 375 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 15 Feb 2017 · 1 min read *****मैं हूँ मात्रिक छंद*** दोहा***** **काव्य का है छंद कहलाता , मात्राओं पर आधारित गुण दर्शाता | मात्रिक छंद की आभा लिए , दो पंक्तियों में लिखा है जाता | **दो चरण हर पंक्ति में... Hindi · कविता 414 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 14 Feb 2017 · 1 min read *** सफलता का राज़***स्वम का स्वम पर विश्वास****** *ऊँचाइयों को छूना आसान नहीं होता मझधारों को पार करके किनारों तक पहुँचना हर किसी का काम नहीं होता ******** *जो करते हैं काम अच्छे जग में सिर्फ उन्हीं का... Hindi · कविता 1 283 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 13 Feb 2017 · 2 min read ****दिन है परीक्षा परिणाम का**** बच्चों के साल भर के प्रयास का**** ****परीक्षा परिणाम का दिन जब आता है | *****बच्चों का मन एकदम सहम जाता है | *बच्चों से ज्यादा अभिभावकों को डर सताता है | परीक्षा के बाद परिणाम का... Hindi · कविता 1 5k Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 10 Feb 2017 · 2 min read ***नारी है ***कमजोर नहीं तू *** ***अबला जीवन तेरी यही कहानी*** *******आँचल में है दूध****** ***********और*********** *******आंखों में है पानी****** (((इस कथन को हमें झुठलाना है))) *****नारी तू कमजोर नहीं है***** #*#* सिर्फ शक्ति का खजाना... Hindi · कविता 1 2 2k Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 9 Feb 2017 · 2 min read ****वैलेंटाइन डे****होता है क्या??????? शायद एक भ्रम वैलेंटाइन डे का अर्थ आज तक न मुझे समझ आया है | व्यर्थ के दिनों ने युवाओं को भ्रमित कर डाला है | स्लैप डे ,चॉकलेट डे ,एनिमी डे ,ऐसे... Hindi · कविता 300 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 9 Feb 2017 · 3 min read "नए समाज की ओर"** काव्यात्मक लघु नाटिका पात्र- माँ , बेटी , पिता और सूत्रधार ************************** *** सूत्रधार - आज देश में कई प्रकार की बुराइयाँ फैली हुई है | इन बुराइयों और रूढ़िवादिता को त्याग कर... Hindi · कविता 561 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 8 Feb 2017 · 1 min read *****ज़रा सोचिए????? रोटी का सत्य*** क्या कहें हम किसी से , ये छोटी सी बात | सबने यही कहा कि रोटी बुझाती है , इस भूखे पेट की आग | मगर नहीं सोचा यह कि... Hindi · कविता 401 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 6 Feb 2017 · 1 min read **** 'सीख' होती है अनमोल***** *पंछी से सीखा है मैंने ऊँचें उड़ना चहचहाना | *सूरज से सीखा है मैंने नई सुबह की किरण फैलाना | *ऊँचे नभ-गगन से सीखा शीतलता का एहसास पुराना| *अपनी इस... Hindi · कविता 396 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 3 Feb 2017 · 1 min read ***जन्मदिन पर शुभकामना संदेश*** १. फूलों ने बोला खुशबू से खुशबू ने बोला भवरों से भवरों ने बोला तितली से तितली ने बोला वर्षा से वर्षा ने बोला मेघों से मेघों ने बोला लहरों... Hindi · कविता 3 2 10k Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 3 Feb 2017 · 1 min read *****'प्रेरणा' ***शक्ति और ऊर्जा की संवाहक*** देखकर बाधा विविध, बहु विघ्न न घबराना | रह भरोसे भाग के, दुख भोग न पछताना | काम जितना भी हो कठिन, किंतु कभी न उबलाना | भीड़ में चंचल... Hindi · कविता 614 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 31 Jan 2017 · 1 min read ****'खामोशी' भी बोलती है***** *खामोश हूँ,पर कहना अभी बाकी है बहुत कुछ | जिंदगी के लम्हे कम है मगर कहने को बातें अभी बाकी हैं बहुत कुछ | *दिया जो साथ जिंदगी ने खामोशी... Hindi · कविता 1 428 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 29 Jan 2017 · 1 min read ******धुंधली सी यादें****** ************************* आज खामोश है जमाना, बोलती हैं केवल तस्वीरें ही| यही आधुनिकता है, पुरातन नहीं कहीं से भी | रोज सुबह उठती हूँ, सोचती हूँ हर बार | क्या लौटकर... Hindi · कविता 1 628 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 28 Jan 2017 · 1 min read ***प्रदूषण एक बड़ी समस्या*** *प्रदूषण है एक बड़ी समस्या, काबू इस पर पाना है| प्रदूषण को दूर भगाकर स्वच्छ वातावरण हमें लाना है| *प्रदूषण की खातिर लोगों, ओजोन परत हो रही है नष्ट| नहीं... Hindi · कविता 1k Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 27 Jan 2017 · 1 min read ***'भ्रष्टाचार' है एक अभिशाप***रोको इसे, मत फलने दो *फैला है कैसा भ्रष्टाचार, पढ़े लिखे हैं यहाँ बेकार, *अनपढ़ करते देश पर राज़, ऑफिस दफ्तर या दुकान, हर तरफ है भ्रष्टाचार| *नेता करते हैं व्याभिचार, हर तरफ यहाँ उन्हीं... Hindi · कविता 1 583 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 26 Jan 2017 · 1 min read हमारा गर्व है गणतंत्र (गणतंत्र दिवस की सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ) ये 26 जनवरी का दिन, नव उल्लास ले आया| स्वतंत्रता की याद दिलाकर, सजग हमें करने आया| ये 26 जनवरी का दिन, नव... Hindi · कविता 223 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 26 Jan 2017 · 3 min read बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ एक दिन यूँ ही बैठी, कुछ सोच रही थी| अपने आप से पूछे, एक प्रश्न का उत्तर खोज रही थी| क्या? क्या? बेटी होना अभिशाप है, या सृष्टि के लिए... Hindi · कविता 747 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 11 Jan 2017 · 2 min read लहर ' नोट बंदी अभिशाप या वरदान' "यह रचना उस समय लिखी गई जब देशवासी नोट बंदी से बेहाल थे।" मेरे देश में एक नई लहर चली है। नोट बंदी को लेकर एक नई जंग छिड़ी है।... Hindi · कविता 968 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 10 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ नव प्रभात की लालिमा हैं बेटियां, मां-बाप के लिए वरदान हैं बेटियां। सूनी अंगनाई की बहार हैं बेटियां, कलरव करती मीठा गान हैं बेटियां। पराई नहीं, स्वाभिमान हैं बेटियां, बेटे... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 901 Share Previous Page 2 Next