स्वर्णलता विश्वफूल 69 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 स्वर्णलता विश्वफूल 19 Jun 2021 · 1 min read दैहिक प्यार के लिए फॉर्मूला जिनके पेट नहीं भरते, ढंग के कपड़े नहीं मिलते, बरसात में घर चूते, उन्हें खुशियाँ कहाँ से आएगी ? दैहिक प्यार हो या मानसिक प्यार हो या तो भावनात्मक प्यार... Hindi · कविता 4 4 250 Share स्वर्णलता विश्वफूल 18 Jun 2021 · 1 min read तूने और रंगीले कैसे-कैसे जादू किया ? तूने और रंगीले कैसे-कैसे जादू किया ? पिया-पिया बोले मतवाला जिया ! हाथ ना मिलाके, पास ना बुलाके, गले ना लगाके; एकदम्मे प्यार किया ! एक फिल्मी गीत पैरोडी। ओय... Hindi · कविता 4 2 247 Share स्वर्णलता विश्वफूल 18 Jun 2021 · 1 min read गधेवाली इलु इलु कभी गधे भी प्रेमी होते हैं ? मैंने प्रेमी को गधा नहीं कहा ! पाप लगेगा, कहना भी नहीं ! तुम नहीं हो, तब तुम्हारी याद मन में लाती हूँ... Hindi · कविता 5 4 275 Share स्वर्णलता विश्वफूल 17 Jun 2021 · 1 min read असफल प्रेम एक बात गाँठ बाँध लेंगे कि श्रेष्ठता की संस्कृति विकसित करने के लिए हमें 'दकियानूसी' व्यवहार और 'कूपमण्डूक' ज्ञान से बाहर आने होंगे ! प्रेमी-प्रेमिका के बीच अगर दकियानूसी व्यवहार... Hindi · कविता 7 7 330 Share स्वर्णलता विश्वफूल 16 Jun 2021 · 1 min read चमड़े की सुंदरता जितने हम चवन्निया मुस्कान बिखेरेंगे उतने ही सुंदर दिखेंगे ! किन्तु 'बाहरी सुंदरता' क्षणभंगुर है, यह चमड़े की सुंदरता है, परंतु आंतरिक सुंदरता है बेस्ट और है यह अदृश्य !... Hindi · कविता 5 3 563 Share स्वर्णलता विश्वफूल 15 Jun 2021 · 1 min read काजलवाली आँखों से प्यार सच में, ऐसे भी क्षण आते हैं, जब शब्दसृजक के पास भी कुछ कहने के लिए शब्द कम पड़ जाते हैं, किंतु यहाँ मेरे पास आपको देने के लिए शब्द... Hindi · कविता 6 5 279 Share स्वर्णलता विश्वफूल 14 Jun 2021 · 1 min read पल दो पल का प्यार पल दो पल का प्यार सिर्फ कॉमा होती है, फुल स्टॉप नहीं ! जीवन में प्यार अगर डॉट-डॉट-डॉट लिए हो और यह चले अनवरत तो 'प्यार डॉट कॉम' तक बात... Hindi · कविता 4 7 478 Share स्वर्णलता विश्वफूल 13 Jun 2021 · 1 min read जवानी 'पीकदान' है आज के हालात में 'जवानी' पीकदान की तरह है, जिनमें सब कोई थूकयाते हैं, फिर काहे को जवानी ज़िंदाबाद ! Hindi · मुक्तक 3 5 261 Share स्वर्णलता विश्वफूल 12 Jun 2021 · 1 min read औरत इधर से भी बदनाम और उधर से भी जिसतरह मत्स्यगंधा से निकल सत्यवती और उनकी अम्बिके-अम्बालिके कठपुतली भर रह गयी.... या गंगा भी करती रहीं पुत्रों के तर्पण वो तस्लीमा ही निर्वासिता क्यों ? महुआ घटवारिन का दोष... Hindi · कविता 4 7 404 Share स्वर्णलता विश्वफूल 11 Jun 2021 · 1 min read प्रेम एक गुप्तरोग है प्रेम या लव एक 'गुप्तरोग' है, जो अपने आप लग जाती है ! जिसे बताया नहीं जाता, किन्तु लोग इसे जान ही लेते हैं ! इश्क़ का रंग है लाल,... Hindi · कविता 6 10 287 Share स्वर्णलता विश्वफूल 10 Jun 2021 · 1 min read बगैर 'पिया मिलन' की ज़िंदगी निकल गई तुमने जो पाया, वो तो मेरे लिए पाया। मैंने जो खोई, वो तो तेरे लिए खोई। इस पाने-खोने के बीच पूरी ज़िंदगी बगैर मिलन की निकल गई ! Hindi · कविता 5 9 241 Share स्वर्णलता विश्वफूल 9 Jun 2021 · 1 min read प्यार में झारखंड हो गयी ! शादी से पूर्व मैं सिर्फ़ यही चाहती हूँ कि प्यार में झारखंड होना चाहती हूँ, क्योंकि यहाँ है हरियाली और आपदाएँ कम ! यहाँ है मस्त जंगल-झाड़, केन्दु फल को... Hindi · कविता 4 11 240 Share स्वर्णलता विश्वफूल 8 Jun 2021 · 1 min read मेरी 'लव केमिस्ट्री' उनके लिए नीड़ बनायी थी मैंने तिन-तिन स्वप्निल रेखाओं से प्रेम को आलिंगन कर सपनों को सँवार कर हृदयनिल सीमेंट से भावनाओं के ईंट-पाथर जोड़कर सरिया के छोटे टुकड़े कर,... Hindi · कविता 5 5 324 Share स्वर्णलता विश्वफूल 7 Jun 2021 · 1 min read शादी के बाद ज़िन्दगी उत्तराखंड हो जाती है ? क्या शादी के बाद ज़िन्दगी उत्तराखंड हो जाती है ? क्योंकि वहाँ की वादियों में खूबसूरती तो है, पर उन वादियों में आपदाएँ भी बहुतायत में हैं ! इसलिए तो... Hindi · कविता 3 6 425 Share स्वर्णलता विश्वफूल 6 Jun 2021 · 1 min read कौन हैं यहाँ 'दूध की धुली' ? मित्रो ! सुनो, मेरी बात !! कि कौन हैं यहाँ दूध की धुली ? किस हाथ में दही नहीं जमता, दीया बिना बाती, कली बिन सोलहों श्रृंगार, यादों के रोशन... Hindi · कविता 5 6 454 Share स्वर्णलता विश्वफूल 4 Jun 2021 · 1 min read बरसात में जवान लड़की मायूस हो जाती है ! अब तो पोखर पर मॉल बने हैं नालियाँ भी ठसमठस भरे हैं मेढकों ने टर्राने छोड़ दिए हैं उनके घर मानचित्र से गायब हैं ! बारिश का पानी सड़क पर... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 41 562 Share स्वर्णलता विश्वफूल 3 Jun 2021 · 1 min read कर्ण का क्या दोष ? सूरज भी जानता था अनछुई है कुंती, कुंती भी जानती थी अपनी सीमाएँ, परंतु यह प्यार थी या बलात्कार या प्रबल कामेच्छा या भूकंप का आना या तूफाँ कर जाना... Hindi · कविता 5 12 438 Share स्वर्णलता विश्वफूल 3 Jun 2021 · 1 min read मैं बिल्कुल अकेली लड़की हो गई हूँ अकेली ? यहाँ न आती माँ-बाबा की 'पढ़ने बैठो' की आवाज़ें, न भैया की डाँट, न छोटे भाई-बहन का प्यार, अचीन्हीं यहाँ की घर की दीवार भी।... Hindi · कविता 6 21 485 Share स्वर्णलता विश्वफूल 15 Jan 2017 · 1 min read ''चाक पर चढ़ी बेटी'' उस स्त्रीलिंग प्रतिमा, यौवन-उफनाई प्रतिमा को-- एक पुरुष ने खरीदा और सीमेंटेड रोड पर पटक-पटक / चू्र कर डाला । प्रतिमा के चूड़न को-- सिला में पीस डाला, और अपनी... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 6 15 570 Share Previous Page 2