स्वर्णलता विश्वफूल Language: Hindi 69 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid स्वर्णलता विश्वफूल 23 Nov 2021 · 1 min read पत्रकारिता : फ़ैशन और पैशन गलत धंधेबाज लोग मजे से जीवन काट रहे हो और मैं सच्चाई का चबेना चबा रहा हूँ, तो मेरा फ़र्ज़ है कि उनके द्वारा गलत तरीके से प्राप्त सुख की... Hindi · लेख 6 2 273 Share स्वर्णलता विश्वफूल 6 Nov 2021 · 1 min read मेरे भाई 'बहनदूज' मनाते हैं मैं न छोटे भाई के लिए भाईदूज मनाती हूँ, ना ही बड़े भैया के लिए भैयादूज ! मेरे भाई मेरे लिए इस बहन के सम्मान में, नारियों के सम्मान में... Hindi · कविता 3 374 Share स्वर्णलता विश्वफूल 6 Nov 2021 · 1 min read धन तरस रोशनी लापता है यहाँ, प्रेम के ! कि दिल के दीये में, तेल कौन भरे ? छल के दीपक जलाकर क्या करूँ? बच्चा नहीं हूँ कि पटाखे की हठ भरूँ... Hindi · कविता 1 579 Share स्वर्णलता विश्वफूल 12 Oct 2021 · 1 min read धन्य है परसाई जी हरिशंकर परसाई ने सच लिखा है- 'भेड़िये' यानी जनता के कथित प्रतिनिधियों के आसपास 'सियार' यानी चमचे या कहूँ बिचौलिए या दलाल अवश्य बैठे रहते हैं ? ताकझाँक आसान नहीं,... Hindi · कविता 3 2 352 Share स्वर्णलता विश्वफूल 12 Sep 2021 · 1 min read बेईमानी का लिस्ट ! किसी ने सच कहा है- ईमानदारी का लिस्ट जब भी बनाइये, घर से बनाइये; सिर्फ एक दिन आप बीवी से बात ना करें या वो आपसे ! तो अगले दिन... Hindi · कविता 3 2 559 Share स्वर्णलता विश्वफूल 12 Sep 2021 · 1 min read हिंदी दिवस बकैती ! किसी ने बढ़िया पोस्टमार्टम किया है। गुरुदेव रवींद्रनाथ 'ठाकुर' से 'टैगोर' कैसे हो गए ? यह भारतीय संस्कृति पर 'अंग्रेजियत' तो नहीं ! बावजूद हम कहते- जय हिंदी दिवस !... Hindi · कविता 2 2 536 Share स्वर्णलता विश्वफूल 12 Sep 2021 · 1 min read आँख-मिचौली खेल 8 घंटे के बाद बिजली आयी, 2 घंटे रहकर फिर चली गई, फिर आयी है ? इसी माह चुनाव है, तो क्या शासन भी यानी आयी, गई, आयी, गई- की... Hindi · कविता 1 440 Share स्वर्णलता विश्वफूल 5 Sep 2021 · 1 min read दिवस है पर शिक्षक के प्रति सम्मान गायब माता-पिता को जो जीवन के प्रथम गुरु हैं। शिक्षक दिवस पर सादर प्रणाम। उन गुरुओं को भी जिनसे मैं 'क' से कविता लिखने की समझ पाई एवं प्रेम और वियोग... Hindi · कविता 4 316 Share स्वर्णलता विश्वफूल 22 Aug 2021 · 1 min read देह की सुंदरता ! आपके सोचों में और आपकी लोचों में सुंदरता नहीं है, तो मुखों पे छायी सुंदरता और देह्यष्टि लिए सुंदरता बेकार है, लिजलिजी है ! आपके सरल स्वभाव आपकी सफलता के... Hindi · कविता 4 4 511 Share स्वर्णलता विश्वफूल 13 Aug 2021 · 1 min read तेरा यही अंजाम होगा हँसकर लगाना- फाँसी का फँदा तभी तुझे पुकारेगी ये दुनिया, अपने-पराए का भेद मिटाकर- माँ की आँचल का लाज रखना। बहन की राखी, यूँ न फेंकना सरहद पर तेरा नाम... Hindi · कविता 2 348 Share स्वर्णलता विश्वफूल 13 Aug 2021 · 1 min read हम कौन हैं आपके (व्यंग्य) कुँवारी थी, तो कहती रही- हम साथ-साथ हैं ! ....और शादी होते ही कह दी तुरंत बगैर समय गँवाए- हम आपके हैं कौन ? Hindi · कविता 2 247 Share स्वर्णलता विश्वफूल 12 Aug 2021 · 1 min read तुम कब जाओगी ? एक चित्र में ट्रेन जा रही है, इस ट्रेन से भी उनके पति उतरे नहीं, महिला उदास बैठी है और सोच रही है..... 'तुम कब आओगे ?' xxx उधर पति... Hindi · लघु कथा 2 419 Share स्वर्णलता विश्वफूल 9 Aug 2021 · 1 min read बेहतर पति-पत्नी कौन ? जीवन में बदलाव जरूरी है ! बदलाव चाहे बेहतर हो या बदतर, हमें हरतरह के बदलाव के लिए तैयार रहना चाहिए ! बेहतर पति-पत्नी वही है, जो आपसी समन्वय रखकर... Hindi · कविता 4 8 464 Share स्वर्णलता विश्वफूल 6 Aug 2021 · 1 min read रसीली और नशीली बारिश किरासन पी जाते हैं कंटोलवाले ! जिसके कारण बारिश में अँधेरा कायम है ! बिजली नहीं है. बारिश रसीली और नशीली हो गयी है, मिट्टी का घर गिर गया. टीन... Hindi · कविता 4 1 481 Share स्वर्णलता विश्वफूल 6 Aug 2021 · 1 min read कोई नहीं हमसफ़र किसी ने शुरुआत भी नहीं की और मंजिल मिल गयी, तो किसी को हम-आपकी तरह जिंदगी भर सफ़र करने पड़ते हैं और फिर भी मंजिल मिलती नहीं ! न ही... Hindi · कविता 5 2 255 Share स्वर्णलता विश्वफूल 30 Jul 2021 · 2 min read आदमखोर कहानी कभी खूब वर्षा, कभी रिमझिम बारिश ! कभी सूरजमल सेठ का आकाशी प्रहार ! कभी बिजली ऐसी कि पंखे से निकलती शीतल बयार । कभी बेडशीट ओढ़ती- ओढाती है। कभी... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 6 6 679 Share स्वर्णलता विश्वफूल 28 Jul 2021 · 1 min read अड़ियल सावन मैं इतनी प्रायोगिक हो गयी हूँ, कि नास्तिकता के करीब हो गयी हूँ ! तथापि झूमता सावन अड़ गया है, तन-मन में जलफुहार भर गया है ! Hindi · कविता 3 8 354 Share स्वर्णलता विश्वफूल 27 Jul 2021 · 1 min read इस्तरी और स्त्री इस्तरी और स्त्री एक कपड़े सीधी करते, दूजे मरद को ! वरगद या वर गदगद ! मैं अपने आदरणीयों के अंधभक्त नहीं हूँ ! Hindi · कविता 3 2 496 Share स्वर्णलता विश्वफूल 26 Jul 2021 · 1 min read जो बेटियों को नहीं पढ़ा पाए जो बेटियों को नहीं पढ़ा पाए, उनसे क्या उम्मीद ? वह आम आदमी नहीं, कटहल आदमी है ! पदार्थ की तीन अवस्थाएं होती हैं, मनुष्य की भी- धन के पीछे... Hindi · कविता 4 1 262 Share स्वर्णलता विश्वफूल 25 Jul 2021 · 1 min read मर्दवादी सोच दादाजी को कभी नहीं देखी दादीजी के पैर छूते हुए ! पिताजी को भी नहीं देखी है, माँ के चरणस्पर्श करते हुए ! यही तो है मर्दवादी सोच.. भारत में... Hindi · कविता 3 3 344 Share स्वर्णलता विश्वफूल 25 Jul 2021 · 1 min read अवैचारिक लोग और प्रेमचंद प्रेमचंद जन्म-सप्ताह आज से शुरू ! अब कई अवैचारिक लोग उनपर विचार रखेंगे ! क्या प्रेमचंद ने प्रेम किए थे ? नहीं, तो नाम 'चंद' के साथ प्रेम क्यों ? Hindi · कविता 3 1 328 Share स्वर्णलता विश्वफूल 20 Jul 2021 · 1 min read गोपालदास नीरज अंदाज़े फन 'ए भाई, जरा देखके चलो.... आगे भी, पीछे भी, बायें भी, दायें भी....' विदा हो गए कवि सम्राट ! गोपालदास नीरज- न जन्म कुछ, न मृत्यु कुछ, कि... Hindi · कविता 5 6 325 Share स्वर्णलता विश्वफूल 18 Jul 2021 · 1 min read प्यार का मतलब शरीर पाना नहीं ओठ, छाती, कमर, नितम्ब आदि-इत्यादि ही क्या औरत है ? पति का अर्थ सिर्फ प्रजनन भर है, क्या यही प्रेम है ? ससुराल गेंदाफूल नहीं, भेड़ियाशाला है क्या ? प्यार... Hindi · कविता 4 9 303 Share स्वर्णलता विश्वफूल 17 Jul 2021 · 1 min read अदृश्य शिष्य एक दिन मैं अकेली उसी नयी रास्ते से जा रही थी मैं यहाँ हूँ, मास्टर दी लगा कोई मुझे आवाज दे रहे हैं, भ्रम समझ नज़रअंदाज़ कर दी परंतु अगले... Hindi · कविता 4 1 490 Share स्वर्णलता विश्वफूल 16 Jul 2021 · 1 min read प्यार है पानी के बुलबुले प्यार है फ़ख़त, पानी के बुलबुले; देखने में सुंदर, छुओ तो खतम ! जवानी और तूफान, एक जैसे हैं, आखिर दोनों 144 लगाकर ही जाते हैं। Hindi · कविता 4 1 294 Share स्वर्णलता विश्वफूल 15 Jul 2021 · 1 min read मैन की बात मन की बात.. दिल है कि मानता नहीं ! आपके जन्मरात्रि पर आपको स्वस्थ और सानंद जीवन की सादर हृदकामनाएँ ! ये तो है- मन नहीं, मैन की बात ! Hindi · तेवरी 5 1 493 Share स्वर्णलता विश्वफूल 13 Jul 2021 · 1 min read ज़िन्दगी शॉर्टकट लेकिन उसदिन ऐसा नहीं हो सका वह नदी में गिरकर विलीन हो गया था और अगले दिन देखी नदी भी सूखने लगी थी सप्ताहभर में वो नदी भी सूख गयी... Hindi · कविता 4 6 590 Share स्वर्णलता विश्वफूल 9 Jul 2021 · 1 min read सहारा यह अज़ीब है न ! लोग अर्थी को कंधा देकर अपने को धन्य और पुण्य-पात्र समझते हैं, किन्तु ज़िंदा को कंधा (सहारा) नहीं देंगे ! Hindi · कविता 4 4 275 Share स्वर्णलता विश्वफूल 8 Jul 2021 · 1 min read वो मृग-मरीचिका जब भी याद आये मेरा तो दुःख में भी मुस्कराते याद कर लेना, मैं हाज़िर हो जाऊंगा ! मैं इस खामोशी के बाद स्कूल आ गयी, घटना किसी को बतायी... Hindi · कविता 3 283 Share स्वर्णलता विश्वफूल 7 Jul 2021 · 1 min read अजीब बात (व्यंग्य) कुछ महिला पदाधिकारी, जो पुरुष पदाधिकारी से दुगुनी 'डिक्टेटर' होती हैं ? कार्य कम करती हैं, सुर्खियाँ ज्यादा बटोरती हैं ? ×××× फेसबुक पर कई महिलाएँ पति के साथ या... Hindi · मुक्तक 4 1 486 Share स्वर्णलता विश्वफूल 6 Jul 2021 · 1 min read मित्र की परिभाषा मेरी परिभाषा में मित्र वही है, जो सिर्फ आपदकाल में ही नहीं, बगैर काम के अन्य दिनों भी याद कर लें, हालचाल पूछ लें ! Hindi · कविता 3 6 637 Share स्वर्णलता विश्वफूल 5 Jul 2021 · 1 min read फंटूश मित्र जो मित्र आपकी जिंदगी में हर पल कद्र करें, उसे आप सपनों में भी नहीं भूलिए ! ऐसे मित्र भी हैं, जो मुझसे काम लेने के लिए खूब अनुनय-चिरौरी करेंगे,... Hindi · कविता 4 4 300 Share स्वर्णलता विश्वफूल 4 Jul 2021 · 1 min read चमचौआ शॉर्टकट एक दिन की है बात वैसे उसे मैं रोज देखती पत्थरों की ढेरी पर कि एक छोटा-सा गोल-मटोल 'चमचौआ' पत्थर ना-ना पत्थर का बच्चा कहिये ढेरी से लुढ़क कर नदीजल... Hindi · कविता 3 2 365 Share स्वर्णलता विश्वफूल 3 Jul 2021 · 1 min read यह प्यार नहीं घनचक्कर है यह कैसा प्यार है ? जो जान लेकर ही जुबां पे सिर्फ याद रखती हैं ! लैला-मजनूँ की हत्या हीर-राँझा की मौत सोहनी-महीवाल भी मिले नहीं ! यह प्यार नहीं,... Hindi · कविता 3 4 356 Share स्वर्णलता विश्वफूल 2 Jul 2021 · 1 min read तुम खुद गुलदस्ते हो दाग थी वहीं-कहीं, पता चला यहीं है, इशारे भद्दे लिए, आँखें उनकी यहीं-कहीं है, सोची- बधाई दूँ नववर्ष की एक गुलदस्ता पर, उन्होंने कहा- तुम खुद गुलदस्ते हो ! Hindi · कविता 5 4 269 Share स्वर्णलता विश्वफूल 2 Jul 2021 · 1 min read मुझे बदनाम कर गयी एक पत्थर तबियत से उछाली हवा को फाड़ गयी दूजे पत्थर मैंने उछाली नदियाँ विभाजित हो गयी तीजे पत्थर ने मेहँदी रंगायी चोथे ने दिल को कर तार-तार बदनाम कर... Hindi · कविता 4 2 264 Share स्वर्णलता विश्वफूल 1 Jul 2021 · 1 min read चिकित्सक माँ हमें एकबार जन्म देती है, किन्तु सुयोग्य डॉक्टर हमें कई पुनर्जन्म देते हैं ! Hindi · कविता 5 2 450 Share स्वर्णलता विश्वफूल 30 Jun 2021 · 1 min read धरती भी नारी है गतिशून्य और अपराजिता भी हो जाऊँ, मगर एक नारी एक स्त्री के लिए है, धरती प्यारी क्योंकि धरती भी नारी है, भार उठाकर भी जो, नदियाँ-पहाड़ के दर्द में हैं... Hindi · कविता 5 6 347 Share स्वर्णलता विश्वफूल 29 Jun 2021 · 1 min read औरत तो माचिस की छोटी तीली है, जो बेवक्त अंगारे बना दी जाती है ! यहाँ न आती माँ-बाबा की 'पढ़ने बैठो' की आवाज़ें, न भैया की डाँट, न छोटे भाई-बहन का प्यार, अचीन्हीं यहाँ की घर की दीवार भी । न यहाँ आँगन में... Hindi · कविता 4 2 430 Share स्वर्णलता विश्वफूल 28 Jun 2021 · 1 min read मेरी तितली कितनी सयानी ? "मुझ पंछियों को मेरी ही भाषा में रहने दो.... ....मैं आज़ादी खोना नहीं चाहती 'दी, रंग-बिरंगी पंख है मेरी, यही मेरी साक्षरता है.... और मेरी चहचहाना ही मेरी एम.ए., पी-एच.डी.... Hindi · कविता 3 491 Share स्वर्णलता विश्वफूल 28 Jun 2021 · 1 min read मृत्यु को बदलने का साहस किसी में नहीं ! नदियों के बहने से रोकना, उनकी धारा को मोड़ना झरनों को गिरने से रोकना बर्फों को जमने से रोकना है यह प्रकृति से छेड़छाड़ जीवन-मृत्यु के कदमताल में यह सिर्फ... Hindi · कविता 2 326 Share स्वर्णलता विश्वफूल 27 Jun 2021 · 1 min read धोखे में प्रेम मैंने इत्ती धोखा खाई है कि मैं किसी भी व्यक्ति से 'घनिष्ठ' नहीं हो पाती हूँ ! Hindi · मुक्तक 2 3 319 Share स्वर्णलता विश्वफूल 26 Jun 2021 · 1 min read कोई भी शरीर से सुंदर नहीं होते शरीर के कोई अंग सुंदर नहीं होते ! न चेहरे, न ओठ, न नैन-नक्श, न छरहरी बदन ! जो सुंदर होते हैं, वह शरीर नहीं, संस्कार होते हैं ! Hindi · तेवरी 4 10 532 Share स्वर्णलता विश्वफूल 25 Jun 2021 · 1 min read एकाकीपन से क्यों घबराती हैं स्त्रियाँ ? परिवार बसाना क्या है जरूरी ? परिवार तो मीराबाई भी बसाई थी, सोचती हूँ कई भेड़िऐं से अच्छा है, एक भेड़िया में टिक जाऊँ ! एक स्त्री एकाकीपन से क्यों... Hindi · कविता 3 1 415 Share स्वर्णलता विश्वफूल 24 Jun 2021 · 1 min read मुस्कराना प्यार नहीं उसने मुझे देख, फिर से मुस्करा दिये, बावजूद मुझे नहीं पता कि वो मुझसे, प्यार करते भी या नहीं ! Hindi · तेवरी 5 1 345 Share स्वर्णलता विश्वफूल 23 Jun 2021 · 1 min read ओनली प्यार मर्जी आपकी, खुदगर्जी मेरी ! अगर आलोचना बर्दाश्त नहीं कर सकते, तो ऐसे मित्र मुझे भी नहीं चाहिए ! नो कमेंट्स, नो तकरार, ओनली प्यार ! Hindi · कविता 5 2 602 Share स्वर्णलता विश्वफूल 22 Jun 2021 · 1 min read स्वर्ग में कुछ नहीं रखा है नारी नहीं, नरता हूँ, अंतिम पंक्ति में हूँ , मौन हूँ, पर महाशक्ति हूँ । समय का इतिहास नहीं, परिहास हूँ, नर्त्तन करते शिव की इति हूँ, आकाश/पाताल/मंगल शनि/सूर्य/शशि/तारे और... Hindi · कविता 5 1 272 Share स्वर्णलता विश्वफूल 21 Jun 2021 · 1 min read योग और भोग साथ-साथ नहीं चल सकते ! योग और भोग साथ-साथ नहीं चल सकते ! योग के लिए गृहस्थ जीवन में भी ब्रह्मचर्य पालन करने होंगे, तो भोग-विलास से दूरी भी ! योग सिर्फ आसन नहीं, अपितु... Hindi · कविता 5 9 750 Share स्वर्णलता विश्वफूल 20 Jun 2021 · 1 min read जो बिना बाप के बच्चे हैं, वे क्या मना पाएंगे फादर्स डे ? जो बिना बाप के बच्चे हैं, वे क्या मना पाएंगे फादर्स डे ? कभी मुज़फ़्फ़रपुर चतुर्भुज स्थान की बहनों की संतानें, कभी कोलकाता सोनागाछी की बहनों की संतानें मना पाते... Hindi · कविता 6 3 520 Share स्वर्णलता विश्वफूल 19 Jun 2021 · 1 min read मेरे घर में कहीं भी परदे नहीं टंगे हैं क्या कहूँ ? इन उदास चेहरों के बारे में कभी गाँवों, तो कभी शहरों में कभी सड़कों, तो कभी गलियारों में जब भी पाती हूँ इन्हें मैं जब भी देखती... Hindi · कविता 6 4 488 Share Page 1 Next