Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Jul 2021 · 1 min read

प्यार का मतलब शरीर पाना नहीं

ओठ, छाती, कमर,
नितम्ब आदि-इत्यादि ही
क्या औरत है ?
पति का अर्थ सिर्फ
प्रजनन भर है,
क्या यही प्रेम है ?
ससुराल गेंदाफूल नहीं,
भेड़ियाशाला है क्या ?
प्यार का मतलब
सिर्फ सहवास
या संभोग है !
सिर्फ शरीर
या देह पाना भर है क्या ?
औरत को कब समझेंगे ?
पत्नी को कब समझेंगे ?
प्रेमिका को कब समझेंगे ?
हे दुष्ट भेड़िये की चाल में
मर्द, पुरुष, मेल, मैन,
आदमी आदि-इत्यादि !

Language: Hindi
4 Likes · 9 Comments · 271 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Tum likhte raho mai padhti rahu
Tum likhte raho mai padhti rahu
Sakshi Tripathi
खोज सत्य की जारी है
खोज सत्य की जारी है
महेश चन्द्र त्रिपाठी
अपनी धरती कितनी सुन्दर
अपनी धरती कितनी सुन्दर
Buddha Prakash
दोहे बिषय-सनातन/सनातनी
दोहे बिषय-सनातन/सनातनी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
" अब मिलने की कोई आस न रही "
Aarti sirsat
चुलियाला छंद ( चूड़मणि छंद ) और विधाएँ
चुलियाला छंद ( चूड़मणि छंद ) और विधाएँ
Subhash Singhai
कहमुकरी
कहमुकरी
डॉ.सीमा अग्रवाल
अन्न पै दाता की मार
अन्न पै दाता की मार
MSW Sunil SainiCENA
जब वक़्त के साथ चलना सीखो,
जब वक़्त के साथ चलना सीखो,
Nanki Patre
*घूम रहे जो रिश्वत लेकर, अपना काम कराने को (हिंदी गजल)*
*घूम रहे जो रिश्वत लेकर, अपना काम कराने को (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
बस कुछ दिन और फिर हैप्पी न्यू ईयर और सेम टू यू का ऐसा तांडव
बस कुछ दिन और फिर हैप्पी न्यू ईयर और सेम टू यू का ऐसा तांडव
Ranjeet kumar patre
*आओ मिलकर नया साल मनाएं*
*आओ मिलकर नया साल मनाएं*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
श्रमिक  दिवस
श्रमिक दिवस
Satish Srijan
बचपन अपना अपना
बचपन अपना अपना
Sanjay ' शून्य'
3134.*पूर्णिका*
3134.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
उस देश के वासी है 🙏
उस देश के वासी है 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
दोहा पंचक. . . नारी
दोहा पंचक. . . नारी
sushil sarna
तितली
तितली
Dr. Pradeep Kumar Sharma
असली अभागा कौन ???
असली अभागा कौन ???
VINOD CHAUHAN
वीर रस की कविता (दुर्मिल सवैया)
वीर रस की कविता (दुर्मिल सवैया)
नाथ सोनांचली
*
*"बीजणा" v/s "बाजणा"* आभूषण
लोककवि पंडित राजेराम संगीताचार्य
"ईख"
Dr. Kishan tandon kranti
हम मिले थे जब, वो एक हसीन शाम थी
हम मिले थे जब, वो एक हसीन शाम थी
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
कूल नानी
कूल नानी
Neelam Sharma
शकुनियों ने फैलाया अफवाहों का धुंध
शकुनियों ने फैलाया अफवाहों का धुंध
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
दूर की कौड़ी ~
दूर की कौड़ी ~
दिनेश एल० "जैहिंद"
■
■ "हेल" में जाएं या "वेल" में। उनकी मर्ज़ी।।
*Author प्रणय प्रभात*
ये आंखें जब भी रोएंगी तुम्हारी याद आएगी।
ये आंखें जब भी रोएंगी तुम्हारी याद आएगी।
Phool gufran
जब प्रेम की परिणति में
जब प्रेम की परिणति में
Shweta Soni
दया के सागरः लोककवि रामचरन गुप्त +रमेशराज
दया के सागरः लोककवि रामचरन गुप्त +रमेशराज
कवि रमेशराज
Loading...