डॉ सुलक्षणा अहलावत Tag: कविता 61 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डॉ सुलक्षणा अहलावत 13 Oct 2022 · 1 min read करवाचौथ कितना पावन पर्व है करवा चौथ हम महिलाओं के लिए, इस दिन के आगे और खुशियाँ हैं कम महिलाओं के लिए। कई दिन पहले से इस दिन की तैयारियाँ शुरू... Hindi · कविता 1 166 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 2 Jun 2021 · 1 min read बारिश की बूंदें बारिश की बूँदों में अपनी पहली मुलाक़ात याद आई, दिल से दिल मिले जिसमें फिर वो बरसात याद आई। वो कुछ पल की मुलाक़ात हमारे दिलों को धड़का गई, बरसात... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 5 470 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 2 Jun 2021 · 1 min read छम छम गिरती बरसात खिड़की के बाहर छम छम गिरती बरसात, दिल में उमड़ उमड़ आते तुम्हारे ख्यालात, अब वो खुदा ही जाने क्या होगा। मेरे दिल की बढ़ती जा रही हैं बेचैनियां, काबू... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 5 445 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 2 Jun 2021 · 1 min read सावन जैसी झड़ी रूक रुक कर होती ये बरसात ठीक नहीं, मेरे लिए आपके ये ख्यालात ठीक नहीं। मत लगाओ प्रभु ये सावन जैसी झड़ी, जानते हो आप तो मेरे हालात ठीक नहीं।... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 3 543 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 1 Feb 2021 · 1 min read मोहब्बत करने में वक़्त लगा ऐ ज़माने! मुझे मोहब्बत करने में वक़्त लगा। दिलबर अपने को खत लिखने में वक़्त लगा। इस कद्र डूबी रही मैं उसकी मोहब्बत में, मुझे खुदा की इबादत करने में... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 12 52 882 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 4 Jan 2021 · 1 min read कोरोना को हराने की ठान लो अब इस कोरोना को हराने की ठान लो, खुद को घर में ही बहलाने की ठान लो। लाशों के ढ़ेर लग जाएंगे लापरवाही से, दूरियां एक दूजे से बढ़ाने की... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 42 115 1k Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 23 Sep 2020 · 1 min read खामोश राहें अतृप्त मन की मौन इच्छाएं जान सका न कोई अंतहीन सफर की खामोश राहें पहचान सका न कोई है हँसती आँखों में बेपनाह दर्द मान सका न कोई नफरतों की... Hindi · कविता 4 317 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 3 Nov 2018 · 1 min read माँ "माँ" वो एक लफ्ज़ जिसमें तीनों लोक समाए हैं, ब्रह्मा विष्णु महेश भी जिसने गोद में खिलाए हैं। नतमस्तक रहना सदा अपनी जननी के आगे तुम, तुम्हें पाने को ना... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 38 148 4k Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 16 Oct 2018 · 1 min read देखो कह कर बात नेता जी मुकर गए देखो कह कर बात नेता जी मुकर गए कहा था सत्ता में आते ही लोकपाल लाएंगे, भ्रष्टाचार करने वालों को जेल में भिजवाएंगे, पर देखो कह कर बात नेता जी... Hindi · कविता 8 392 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 15 Oct 2018 · 1 min read कहानी लिखूँगी कांपते हाथों से मेरे देश की कहानी लिखूँगी, इन राजनेताओं का खून हुआ पानी लिखूँगी। फ़ौजी हर रोज़ शहीद हो रहे हैं वहाँ सीमा पर, फ़ौजियों के नाम पर हो... Hindi · कविता 7 370 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 14 Oct 2018 · 1 min read छूना चाहता हूँ मैं छूना चाहता हूँ मैं तेरे अनकहे जज्बातों को होंठो में दबी रह गयी बातों को बोलो इसका कोई जतन नहीं क्या? छूना चाहता हूँ मैं तेरे दिल के उस कोने... Hindi · कविता 9 4 605 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 31 Aug 2018 · 2 min read हाँ मैं शूद्र हूँ हाँ मैं शूद्र हूँ सही कहा तुमने आज मैं औरत नहीं शूद्र हूँ सच में हर रूप में शूद्र हूँ मैं माँ के रूप में भी शूद्र हूँ मैं क्योंकि... Hindi · कविता 7 4 442 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 24 Jun 2018 · 1 min read मिजाज ए दुनिया पता नहीं दुनिया वाले क्या सोचते रहते हैं, सच कहने सुनने वालों को कोसते रहते हैं। मोहब्बत में हदें हर कोई पार करता है यहाँ, पर पता लगने पर औरों... Hindi · कविता 5 461 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 20 Jun 2017 · 2 min read दर्द पिता की मौत का उन क्षणों का दर्द कोई नहीं समझ सकता इस संसार में जब तक वो क्षण जिंदगी में ना आएं घर में छोटा था मैं पर अचानक से बड़ा बन गया... Hindi · कविता 6 1k Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 15 Feb 2017 · 1 min read याद मेरे गाँव की मुझे सोने नहीं देती, खुश होने नहीं देती, याद मेरे गाँव की, याद मेरे गाँव की। जिस आँगन में बचपन बीता वो सूना पड़ा है, खंडहर हो गया पर घर... Hindi · कविता 8 5 2k Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 13 Jan 2017 · 1 min read बेटी जिस घर के आँगन में बेटी है वहाँ तुलसी की जरूरत नहीं, देखो बेटी की सूरत से जुदा यहाँ किसी देवी की सूरत नहीं। खुशियाँ पता पूछती हैं उस घर... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 5 2 4k Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 24 Dec 2016 · 1 min read सदा सच की तरफदारी करूँगी सदा सच की तरफदारी करूंगी, कुछ हो जाये उम्र सारी करूंगी। परवाह नहीं मुझे इस ज़माने की, दुश्मनों का जीना भारी करूंगी।। कलम शमशीर से मैं वार करुँगी, शब्द बाणों... Hindi · कविता 5 2 745 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 21 Dec 2016 · 1 min read हर कोई ताकने लगा लगता है जवानी की दहलीज पर कदम रख दिया, मेरी बेटी को अब हर कोई ताकने लगा है। सुनसान पड़ी गली हमारी में चहलकदमी बढ़ गयी, जिसे देखो गली के... Hindi · कविता 4 1 340 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 21 Dec 2016 · 1 min read राधा बन प्यार करूँ मीरा बन पूजूँ तन्नै अर राधा बन प्यार करूँ, खुद तै घणा साजन मेरे, तेरे प ऐतबार करूँ। कोलेज की याद रह रह कै दिल म्ह उठे जां, फेर ठा... Hindi · कविता 2 342 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 21 Dec 2016 · 1 min read अखण्ड भारत बनाना होगा खण्ड खण्ड होते भारत को अखण्ड बनाना होगा, सरदार पटेल जी आपको दोबारा से आना होगा। निज स्वार्थ को असंख्य घाव दे दिए नेताओं ने, आ कर भारत के हर... Hindi · कविता 2 328 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 21 Dec 2016 · 1 min read बेटी पढ़ लेती है वो मेरे दिल के भावों को समझ लेती है मेरी उधेड़बुन को निर्मल गंगा सी पवित्र है वो मन की दर्द को जान लेती है एक पल... Hindi · कविता 2 741 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 13 Dec 2016 · 1 min read पैगाम भेजा मोहब्बत पर लाज का पहरा बिठा आँखों से पैगाम भेजा, हाल ऐ दिल लिख अपना पहला खत तुम्हारे नाम भेजा। सोच कर मदहोशी मोहब्बत की कहीं कम ना हो जाये,... Hindi · कविता 3 633 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 28 Nov 2016 · 1 min read ये जिंदगी हरिश्चंद्र के वचन जैसी, मीरा बाई के भजन जैसी, है ये जिंदगी। ऋषियों के तप जैसी, राम नाम के जप जैसी, है ये जिंदगी। श्री कृष्ण के योग जैसी, ईश्वर... Hindi · कविता 2 455 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 17 Nov 2016 · 1 min read दर्द ऐ गरीबी कभी देखती हूँ खाली कढ़ाही को, कभी बच्चों के खाली पेट को, साहब कभी मन को अपने मार कर देखती हूँ खाली पड़ी प्लेट को। सभी को पता हैं हालात... Hindi · कविता 2 1 550 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 17 Nov 2016 · 1 min read खो गए वोट और नोट लागी कालजे चोट, लेवां क्यूकर ओट, एक झटके म्ह खुगे, म्हारै वोट अर नोट, इब काम ना दूजा बचा, चक्रव्यूह उसनै यू रचा, भतेरे दोष सर धर लिए, पर किसै... Hindi · कविता 2 293 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 11 Nov 2016 · 1 min read धनवानों की सरकार ने धनवानों को लूट लिया धनवानों की सरकार ने धनवानों को लूट लिया, देख हालात ये विपक्ष ने सिर अपना कूट लिया। देखो किसी से दर्द अपना कह भी नहीं सकते हैं, दर्द सीने में... Hindi · कविता 2 638 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 25 Oct 2016 · 1 min read तीन तलाक खुश हो लिए तुम तीन बार तलाक कह कर, पता है मन भर गया है तुम्हारा साथ रह कर। एक पल को भी नहीं सोचा कहाँ जाऊँगी मैं, क्या तुम्हारा... Hindi · कविता 3 1k Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 22 Oct 2016 · 1 min read अहोई अष्टमी छोड़ देती है माँ को संतान आज देखो दर दर भटकने के लिए, फिर भी माँ रखती है व्रत उसी संतान का भाग्य पलटने के लिए। कार्तिक मास की अष्टमी... Hindi · कविता 3 1k Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 19 Oct 2016 · 1 min read कितना पावन पर्व है करवा चौथ कितना पावन पर्व है करवा चौथ हम महिलाओं के लिए, इस दिन के आगे और खुशियाँ हैं कम महिलाओं के लिए। कई दिन पहले से इस दिन की तैयारियाँ शुरू... Hindi · कविता 1 352 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 15 Oct 2016 · 1 min read नेता जी बस इस चुनाव में मुझे भी टिकट दे दो नेता जी बस इस चुनाव में मुझे भी टिकट दे दो, नेता बनने के सारे गुण हैं, चाहे इम्तिहान ले लो। नेता जी झूठ बोलने में बड़ी महारत हासिल है,... Hindi · कविता 903 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 14 Oct 2016 · 1 min read तुम ही बताओ कैसे होगा सुधार तुम ही बताओ कैसे होगा सुधार वहाँ पर, हर बात को धर्म से जोड़ा जाए जहाँ पर। देखो भगत सिंह को हर कोई बुला रहा है, पर अपने घर नहीं... Hindi · कविता 297 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 14 Oct 2016 · 1 min read मैं कवयित्री नहीं हूँ ....................मैं कवयित्री नहीं हूँ..................... मैं कोई कवयित्री नहीं हूँ अरे मैं कोई कवयित्री नहीं हूँ कवयित्री की कलम तो निस्वार्थ भाव से चलती है सोये हुए इंसानों को जगाकर उनमें... Hindi · कविता 1 695 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 6 Oct 2016 · 1 min read बस उनसे कुछ सामान खरीद लेना कुछ बैठे दिखेंगे तुम्हें सड़क किनारे, कुछ मिलेंगे तुम्हें रेहड़ी लगाये बेचारे, बस उनसे कुछ सामान खरीद लेना। इससे चंद खुशियाँ उन्हें भी मिल जाएँगी, दिल की मुरझाई कलियां खिल... Hindi · कविता 1 1 526 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 24 Sep 2016 · 1 min read गरीबी का मजाक (रिम्स घटना पर रचना) क तुम यूँ मेरी गरीबी का मजाक मत उड़ाओ, परमपिता परमात्मा के खेल बड़े निराले हैं। इतिहास पढ़ना फुर्सत में सच जान जाओगे, रंक से राजा और राजा से रंक... Hindi · कविता 465 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 19 Sep 2016 · 1 min read भगवान बिकने लगे टीवी पर घोर कलजुग आग्या ईब तो भगवान बी बिकें सं। किते लछमी किते हनुमान टीवी प बिकते दिखे सं। लोगाँ नै सब त बढ़िया धंधा यु बना लिया स आज, एक... Hindi · कविता 258 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 16 Sep 2016 · 1 min read गणपति विसर्जन या धर्म का उपहास कैसा यह त्यौहार हुआ, हिन्दू खुद शर्मसार हुआ। खंडित हुई सारी मूर्तियाँ, आस्था पर ये प्रहार हुआ। कोसते थे औरों को हम, पर हिन्दू खुद लाचार हुआ। बड़े चाव से... Hindi · कविता 3 451 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 15 Sep 2016 · 1 min read दिल की बात मैं कहूँ तुम सुनते रहो तुम कहो मैं सुनती रहूँ प्यार के दो मीठे अल्फाज तुम मुझे देखतो रहो बस मैं तुम्हें देखती रहूँ छोड़ दुनिया की शर्म ओ लाज... Hindi · कविता 1 279 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 14 Sep 2016 · 1 min read हिंदी मातृ भाषा हिंदुस्तान वतन है मेरा और हिंदी मेरी मातृ भाषा, गुणगान करें सब हिंदी का बस यही है अभिलाषा। जन जन को आपस में जोड़े रखती है सरलता से, दिलों में... Hindi · कविता 310 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 13 Sep 2016 · 2 min read दर्द बेटी का हाये प्रभु क्यों मुझे लड़की बना आपने भेजा इस पापी संसार में। जहाँ लोग गूंगे बहरे बने रहते हैं इज्जत लूट ली जाती भरे बाजार में। जन्म से लेकर बुढ़ापे... Hindi · कविता 742 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 13 Sep 2016 · 1 min read आपकी गली से आपकी गली से गुजरता हूँ आपका दीदार करने के लिए। देख कर आपको अंदर ही अंदर ठंडी आहें भरने के लिए। और कुछ नहीं मांगता मैं उस खुदा से अपनी... Hindi · कविता 299 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 7 Sep 2016 · 1 min read शिक्षा चैन से कैसे सोऊँ मैं, मुझे शिक्षा की अलख जगानी है, मेरे देश में जड़ जमा चुकी हर बुराई दूर मैंने भगानी है। शिक्षा से ही बदलाव संभव है, शिक्षा... Hindi · कविता 2 584 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 5 Sep 2016 · 1 min read शिक्षक ::::::::::::::::::::::::::::::शिक्षक:::::::::::::::::::::::::::::: वो शिक्षक ही होता है जो हमें बोलना सिखाता है। जो ऊँगली पकड़ कर हमारी हमें चलना सिखाता है। वो शिक्षक ही होता है जो हाथ पकड़ कर लिखना... Hindi · कविता 524 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 30 Aug 2016 · 1 min read जिंदगी तपते रेगिस्तान के रेत सी हो गयी है जिंदगी। दुनिया की दिए गमों में खो गयी है जिंदगी। दुनिया की भीड़ से हटकर पहचान बनानी थी, सच की चाह में... Hindi · कविता 535 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 30 Aug 2016 · 1 min read कौन हूँ मैं कौन हूँ मैं लाडली बेटी के रूप में मेरी माँ ने जनी। मैं किसी की बहन तो किसी की पोती बनी। समय के साथ साथ मैं बढ़ती गयी। पाबंदियां मुझ... Hindi · कविता 1 383 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 28 Aug 2016 · 1 min read नजरें माँ मैं आज के बाद घर से बाहर नहीं जाऊँगी, कारण मत पूछना मुझसे मैं बता नहीं पाऊँगी। फिर भी तुम सुनना ही चाहती हो तो सुनो माँ, आज अपना... Hindi · कविता 1 2 692 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 27 Aug 2016 · 1 min read इंसानियत की लाश कँधे पर उसके पत्नी की नहीं इंसानियत की लाश थी, एम्बुलेंस नहीं मिली, चुकाने को नहीं कीमत पास थी। जब से सुनी मैंने ये खबर रोटी मेरे गले से नहीं... Hindi · कविता 1 607 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 23 Aug 2016 · 1 min read दोषी कौन? नेता या जनता मैं नेता हूँ एक राजनेता इसीलिए बहुत बदनाम हूँ मैं। मुँह पर तुम जैसों से सुनता प्रशंसा सुबह शाम हूँ मैं। पीठ पीछे तुम जैसे मुझे गाली देते हैं देते... Hindi · कविता 513 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 15 Aug 2016 · 1 min read अभी तो गुलाम हैं हम किस आज़ादी की बात करते हो तुम अभी तो गुलाम हैं हम, जयचन्दों के कारण नहीं अपने खुद के कारण बदनाम हैं हम। हमने इंसानियत को मार दिया, संस्कारों का... Hindi · कविता 2 289 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 13 Aug 2016 · 1 min read इस स्वतंत्रता दिवस पर मोदी जी स्वतंत्रता दिवस पर एक नई पहल की शुरुआत करो, इस दिन लाल किले पर तिरंगे की डोर जवानों के हाथ करो। नेताओं ने बहुत फहरा लिया तिरंगा स्वतंत्रता... Hindi · कविता 1 497 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 12 Aug 2016 · 2 min read हे पुरुष मानसिकता बदल लो हे पुरुष मेरी तुझसे हाथ जोड़ कर इतनी सी विनती है। मानसिकता बदल ले तू अगर तेरी देवताओं में गिनती है। मेरी ही कोख से तूने जन्म लिया। मेरी ही... Hindi · कविता 1 392 Share Page 1 Next