डॉ सुलक्षणा अहलावत 129 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डॉ सुलक्षणा अहलावत 13 Oct 2022 · 1 min read करवाचौथ कितना पावन पर्व है करवा चौथ हम महिलाओं के लिए, इस दिन के आगे और खुशियाँ हैं कम महिलाओं के लिए। कई दिन पहले से इस दिन की तैयारियाँ शुरू... Hindi · कविता 1 171 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 2 Jun 2021 · 1 min read बारिश की बूंदें बारिश की बूँदों में अपनी पहली मुलाक़ात याद आई, दिल से दिल मिले जिसमें फिर वो बरसात याद आई। वो कुछ पल की मुलाक़ात हमारे दिलों को धड़का गई, बरसात... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 5 478 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 2 Jun 2021 · 1 min read छम छम गिरती बरसात खिड़की के बाहर छम छम गिरती बरसात, दिल में उमड़ उमड़ आते तुम्हारे ख्यालात, अब वो खुदा ही जाने क्या होगा। मेरे दिल की बढ़ती जा रही हैं बेचैनियां, काबू... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 5 449 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 2 Jun 2021 · 1 min read सावन जैसी झड़ी रूक रुक कर होती ये बरसात ठीक नहीं, मेरे लिए आपके ये ख्यालात ठीक नहीं। मत लगाओ प्रभु ये सावन जैसी झड़ी, जानते हो आप तो मेरे हालात ठीक नहीं।... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 3 548 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 1 Feb 2021 · 1 min read मोहब्बत करने में वक़्त लगा ऐ ज़माने! मुझे मोहब्बत करने में वक़्त लगा। दिलबर अपने को खत लिखने में वक़्त लगा। इस कद्र डूबी रही मैं उसकी मोहब्बत में, मुझे खुदा की इबादत करने में... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 12 52 887 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 4 Jan 2021 · 1 min read कोरोना को हराने की ठान लो अब इस कोरोना को हराने की ठान लो, खुद को घर में ही बहलाने की ठान लो। लाशों के ढ़ेर लग जाएंगे लापरवाही से, दूरियां एक दूजे से बढ़ाने की... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 42 115 1k Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 23 Sep 2020 · 1 min read खामोश राहें अतृप्त मन की मौन इच्छाएं जान सका न कोई अंतहीन सफर की खामोश राहें पहचान सका न कोई है हँसती आँखों में बेपनाह दर्द मान सका न कोई नफरतों की... Hindi · कविता 4 322 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 3 Nov 2018 · 1 min read माँ "माँ" वो एक लफ्ज़ जिसमें तीनों लोक समाए हैं, ब्रह्मा विष्णु महेश भी जिसने गोद में खिलाए हैं। नतमस्तक रहना सदा अपनी जननी के आगे तुम, तुम्हें पाने को ना... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 38 148 4k Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 16 Oct 2018 · 1 min read देखो कह कर बात नेता जी मुकर गए देखो कह कर बात नेता जी मुकर गए कहा था सत्ता में आते ही लोकपाल लाएंगे, भ्रष्टाचार करने वालों को जेल में भिजवाएंगे, पर देखो कह कर बात नेता जी... Hindi · कविता 8 402 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 15 Oct 2018 · 1 min read कहानी लिखूँगी कांपते हाथों से मेरे देश की कहानी लिखूँगी, इन राजनेताओं का खून हुआ पानी लिखूँगी। फ़ौजी हर रोज़ शहीद हो रहे हैं वहाँ सीमा पर, फ़ौजियों के नाम पर हो... Hindi · कविता 7 379 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 14 Oct 2018 · 1 min read छूना चाहता हूँ मैं छूना चाहता हूँ मैं तेरे अनकहे जज्बातों को होंठो में दबी रह गयी बातों को बोलो इसका कोई जतन नहीं क्या? छूना चाहता हूँ मैं तेरे दिल के उस कोने... Hindi · कविता 9 4 609 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 14 Oct 2018 · 1 min read कोई उम्मीद नहीं रही देख तेरे तेवर अब कोई उम्मीद नहीं रही, सच कहूं आज से मैं तेरी मुरीद नहीं रही। पहले लड़ लेती थी मैं जमाने से तेरे लिए, लेकिन अब वो पहले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 715 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 31 Aug 2018 · 2 min read हाँ मैं शूद्र हूँ हाँ मैं शूद्र हूँ सही कहा तुमने आज मैं औरत नहीं शूद्र हूँ सच में हर रूप में शूद्र हूँ मैं माँ के रूप में भी शूद्र हूँ मैं क्योंकि... Hindi · कविता 7 4 446 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 24 Jun 2018 · 1 min read मिजाज ए दुनिया पता नहीं दुनिया वाले क्या सोचते रहते हैं, सच कहने सुनने वालों को कोसते रहते हैं। मोहब्बत में हदें हर कोई पार करता है यहाँ, पर पता लगने पर औरों... Hindi · कविता 5 469 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 20 Jun 2017 · 2 min read दर्द पिता की मौत का उन क्षणों का दर्द कोई नहीं समझ सकता इस संसार में जब तक वो क्षण जिंदगी में ना आएं घर में छोटा था मैं पर अचानक से बड़ा बन गया... Hindi · कविता 6 1k Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 15 Feb 2017 · 1 min read याद मेरे गाँव की मुझे सोने नहीं देती, खुश होने नहीं देती, याद मेरे गाँव की, याद मेरे गाँव की। जिस आँगन में बचपन बीता वो सूना पड़ा है, खंडहर हो गया पर घर... Hindi · कविता 8 5 2k Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 13 Jan 2017 · 1 min read बेटी जिस घर के आँगन में बेटी है वहाँ तुलसी की जरूरत नहीं, देखो बेटी की सूरत से जुदा यहाँ किसी देवी की सूरत नहीं। खुशियाँ पता पूछती हैं उस घर... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 5 2 4k Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 24 Dec 2016 · 1 min read सदा सच की तरफदारी करूँगी सदा सच की तरफदारी करूंगी, कुछ हो जाये उम्र सारी करूंगी। परवाह नहीं मुझे इस ज़माने की, दुश्मनों का जीना भारी करूंगी।। कलम शमशीर से मैं वार करुँगी, शब्द बाणों... Hindi · कविता 5 2 750 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 21 Dec 2016 · 1 min read हर कोई ताकने लगा लगता है जवानी की दहलीज पर कदम रख दिया, मेरी बेटी को अब हर कोई ताकने लगा है। सुनसान पड़ी गली हमारी में चहलकदमी बढ़ गयी, जिसे देखो गली के... Hindi · कविता 4 1 348 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 21 Dec 2016 · 1 min read राधा बन प्यार करूँ मीरा बन पूजूँ तन्नै अर राधा बन प्यार करूँ, खुद तै घणा साजन मेरे, तेरे प ऐतबार करूँ। कोलेज की याद रह रह कै दिल म्ह उठे जां, फेर ठा... Hindi · कविता 2 346 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 21 Dec 2016 · 1 min read अखण्ड भारत बनाना होगा खण्ड खण्ड होते भारत को अखण्ड बनाना होगा, सरदार पटेल जी आपको दोबारा से आना होगा। निज स्वार्थ को असंख्य घाव दे दिए नेताओं ने, आ कर भारत के हर... Hindi · कविता 2 335 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 21 Dec 2016 · 1 min read बेटी पढ़ लेती है वो मेरे दिल के भावों को समझ लेती है मेरी उधेड़बुन को निर्मल गंगा सी पवित्र है वो मन की दर्द को जान लेती है एक पल... Hindi · कविता 2 749 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 13 Dec 2016 · 1 min read पैगाम भेजा मोहब्बत पर लाज का पहरा बिठा आँखों से पैगाम भेजा, हाल ऐ दिल लिख अपना पहला खत तुम्हारे नाम भेजा। सोच कर मदहोशी मोहब्बत की कहीं कम ना हो जाये,... Hindi · कविता 3 645 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 10 Dec 2016 · 1 min read दिल से नहीं निकलता जो वो ख्याल हो तुम दिल से नहीं निकलता जो वो ख्याल हो तुम, उस खुदा की रचनाओं में बेमिसाल हो तुम। तुम्हें पाने की ख्वाहिश दिल में लिए हुए हैं, समझ ना सके वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 733 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 2 Dec 2016 · 1 min read इंतजार मेरी सुबहों को तेरी शामों का इंतजार रहता है, मेरे टूटे हुए दिल में बस तेरा ही प्यार रहता है। मेरी आँखों से तेरे दिए दर्द का दरिया बहता है,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 379 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 28 Nov 2016 · 1 min read दास्ताँ ऐ मोहब्बत दिल के दरवाजे पर नजरों से दस्तक दी थी कभी, दबे पैर आकर मेरी जिंदगी में आहट की थी कभी। कोरा कागज था जीवन मेरा तुमसे मिलने से पहले, कोरे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 706 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 28 Nov 2016 · 1 min read दास्ताँ ऐ दर्द मिलना कभी तुम फुर्सत में हाल ऐ दिल बताएंगे, जख्म अपने दिल के उस रोज तुम्हें हम दिखाएंगे। सीने में अपने दर्द का ज्वालामुखी दबा कर बैठे हैं, कराह उठोगे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 879 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 28 Nov 2016 · 1 min read ये जिंदगी हरिश्चंद्र के वचन जैसी, मीरा बाई के भजन जैसी, है ये जिंदगी। ऋषियों के तप जैसी, राम नाम के जप जैसी, है ये जिंदगी। श्री कृष्ण के योग जैसी, ईश्वर... Hindi · कविता 2 475 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 20 Nov 2016 · 1 min read यादों का कोहरा यादों के कोहरे ने ढ़क लिया बेवफाई का आसमान, मुझसे ही दगा कर रहा है देखो ये मेरा दिल बेईमान। आज भी धड़कनें तेज़ हो जाती हैं तेरे नाम से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 418 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 17 Nov 2016 · 1 min read दर्द ऐ गरीबी कभी देखती हूँ खाली कढ़ाही को, कभी बच्चों के खाली पेट को, साहब कभी मन को अपने मार कर देखती हूँ खाली पड़ी प्लेट को। सभी को पता हैं हालात... Hindi · कविता 2 1 558 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 17 Nov 2016 · 1 min read खो गए वोट और नोट लागी कालजे चोट, लेवां क्यूकर ओट, एक झटके म्ह खुगे, म्हारै वोट अर नोट, इब काम ना दूजा बचा, चक्रव्यूह उसनै यू रचा, भतेरे दोष सर धर लिए, पर किसै... Hindi · कविता 2 296 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 11 Nov 2016 · 1 min read धनवानों की सरकार ने धनवानों को लूट लिया धनवानों की सरकार ने धनवानों को लूट लिया, देख हालात ये विपक्ष ने सिर अपना कूट लिया। देखो किसी से दर्द अपना कह भी नहीं सकते हैं, दर्द सीने में... Hindi · कविता 2 657 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 11 Nov 2016 · 1 min read यादों को उनकी दिल से मिटाने चली हूँ फिर से मोहब्बत की बस्ती बसाने चली हूँ, यादों को उनकी दिल से मिटाने चली हूँ। जब अकेली थी तब बड़ी खुश रहती थी, अब फिर से वो ही जिंदगी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 442 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 7 Nov 2016 · 1 min read माटी स यू चाम बावले तज दे नै काम बावले, माटी स यू चाम बावले, एक दिन पछतावैगा, ना टैम उल्टा आवैगा, हो ज्यागा बदनाम बावले। काम के वश म्ह हो कै मान मर्यादा भुला,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 469 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 2 Nov 2016 · 1 min read आंतकियों के इस एनकाउंटर पर देखो मचा है बवाल आंतकियों के इस एनकाउंटर पर देखो मचा है बवाल, जिसे देखो उठा रहा है वो इस एनकाउंटर पर सवाल। कोई बता रहा है इसे फर्जी, कोई कह रहा है इसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 360 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 28 Oct 2016 · 1 min read जो दे रहे थे कल स्वदेशी अपनाने की सलाह खुलकर जो दे रहे थे कल स्वदेशी अपनाने की सलाह खुलकर, चाइनीज लड़ियाँ सजाई उन्होंने सब बातों को भूलकर। दूसरों को दे रहे थे बड़े बड़े उपदेश सोशल मीडिया में, चाइना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 327 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 27 Oct 2016 · 1 min read चलो अबकी बार हटकर दिवाली मनाएं हम चलो अबकी बार हटकर दिवाली मनाएं हम, शहीद जवानों के नाम एक दीया जलाएं हम। करने को रौशनी उन शहीद जवानों के घरों में, लगाकर गले से उनके परिवारों को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 293 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 26 Oct 2016 · 1 min read तेरी यादों के साये में जिंदगी का चिराग जल रहा है तेरी यादों के साये में जिंदगी का चिराग जल रहा है, वक़्त ठहर गया है बस सूरज निकलकर ढ़ल रहा है। तुम्हारे इक वादे पर जिंदगी की रफ्तार रुकी हुई... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 580 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 25 Oct 2016 · 1 min read तीन तलाक खुश हो लिए तुम तीन बार तलाक कह कर, पता है मन भर गया है तुम्हारा साथ रह कर। एक पल को भी नहीं सोचा कहाँ जाऊँगी मैं, क्या तुम्हारा... Hindi · कविता 3 1k Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 22 Oct 2016 · 1 min read अहोई अष्टमी छोड़ देती है माँ को संतान आज देखो दर दर भटकने के लिए, फिर भी माँ रखती है व्रत उसी संतान का भाग्य पलटने के लिए। कार्तिक मास की अष्टमी... Hindi · कविता 3 1k Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 22 Oct 2016 · 1 min read दिल का दर्द मैं दिल में पाले बैठी हूँ दिल का दर्द मैं दिल में पाले बैठी हूँ, गम तेरी मोहब्बत का संभाले बैठी हूँ। खुद को उलझाये रखती हूँ कामों में, तेरी यादों पर लगा कर ताले बैठी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 342 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 19 Oct 2016 · 1 min read कितना पावन पर्व है करवा चौथ कितना पावन पर्व है करवा चौथ हम महिलाओं के लिए, इस दिन के आगे और खुशियाँ हैं कम महिलाओं के लिए। कई दिन पहले से इस दिन की तैयारियाँ शुरू... Hindi · कविता 1 356 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 19 Oct 2016 · 1 min read करवा चौथ पर एक रचना सूर्योदय से पहले उठी मैं, किया जलपान मैंने, जलपान में लिया चूरमा और कुछ मिष्ठान मैंने। करके स्नान उस प्रभु के नाम की ज्योति जगाई, पति की लम्बी उम्र का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 343 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 16 Oct 2016 · 1 min read सपना म्ह बी टोहै ना पावैं थमनै ये स्कूल सरकारी (हरियाणवी) सपना म्ह बी टोहै ना पावैं थमनै ये स्कूल सरकारी, इनकी जो या हालत होरी स सब कमी स र म्हारी। कई यूनियन बन री पर आपस म्ह तालमेल कोणी,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 529 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 16 Oct 2016 · 1 min read कहाँ से चली आई तुम जिंदा लाशों की बस्ती में कहाँ से चली आई तुम जिंदा लाशों की बस्ती में, सब बापू के बंदर बने बैठे हैं आसों की बस्ती में। आइना बेचने निकली हो तुम अँधों के शहर में,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 341 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 15 Oct 2016 · 1 min read नेता जी बस इस चुनाव में मुझे भी टिकट दे दो नेता जी बस इस चुनाव में मुझे भी टिकट दे दो, नेता बनने के सारे गुण हैं, चाहे इम्तिहान ले लो। नेता जी झूठ बोलने में बड़ी महारत हासिल है,... Hindi · कविता 911 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 14 Oct 2016 · 1 min read मेरे दर पर वो आया नहीं कभी मेरे दर पर वो आया नहीं कभी, आकर गले से लगाया नहीं कभी। राह तकते तकते आँखें थक गयी, चेहरा उसने दिखाया नहीं कभी। गया था करके वादा लौट आऊँगा,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 250 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 14 Oct 2016 · 1 min read तुम ही बताओ कैसे होगा सुधार तुम ही बताओ कैसे होगा सुधार वहाँ पर, हर बात को धर्म से जोड़ा जाए जहाँ पर। देखो भगत सिंह को हर कोई बुला रहा है, पर अपने घर नहीं... Hindi · कविता 305 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 14 Oct 2016 · 1 min read मैं कवयित्री नहीं हूँ ....................मैं कवयित्री नहीं हूँ..................... मैं कोई कवयित्री नहीं हूँ अरे मैं कोई कवयित्री नहीं हूँ कवयित्री की कलम तो निस्वार्थ भाव से चलती है सोये हुए इंसानों को जगाकर उनमें... Hindi · कविता 1 704 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 13 Oct 2016 · 1 min read पीट कर मुझे तुम मर्द बनते हो पीट कर मुझे तुम मर्द बनते हो, तनते हो मेरे ही सामने, भूल गए उन वचनों को दिए थे जब आये थे हाथ थामने। असली मर्दानगी मुझ पर हाथ उठाने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 548 Share Page 1 Next