संजय सिंह 131 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid संजय सिंह 4 Sep 2018 · 1 min read Il कैसी-कैसी सुनता हूं Il मत पूछो मैं निस दिन किसकी कैसी-कैसी सुनता हूं l सब सपनों में मस्त सो रहे जगकर सपने बुनता हूं ll क्या आएगी कभी धूप मेरे भी छोटे आंगन तक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 3 474 Share संजय सिंह 3 Nov 2018 · 1 min read ll मां ll डांटती है कभी मनाती है l तल्ख बातों में प्यार शामिल हैll "आज सबकुछ मेरा दिया तुझको l कौन कहता करार शामिल है ll" मां ने तुमको बड़ा किया फिर... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 25 631 Share संजय सिंह 9 Feb 2017 · 1 min read II शायरी II भेद दिल के सब बताती शायरी l दो दिलों को पास लाती शायरी ll बात जो बनती नहीं तकरीर से l चंद लफ़्ज़ों में सुनाती शायरी ll आदमी जब जिंदगी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 455 Share संजय सिंह 13 Feb 2017 · 1 min read II ठहर गया हूं मैं II हर कोई गुजर जाता है, हवा के झोंके की तरह l दुनिया की दौड़ में शायद ,ठहर गया हूं मैं lI आज मुझसे भी किसी ने ,उसका पता पूछाl जिसकी... Hindi · शेर 1 289 Share संजय सिंह 13 Feb 2017 · 1 min read II हौसला,इंसान से मशीन II वक्त का अपना कोई आकार नहीं होता , सुना है ईश्वर भी साकार नहीं होता l वक्त पर काम, इंसान मशीन नहीं है, मशीन से कोई सपना, साकार नहीं होता... Hindi · कविता 1 1 452 Share संजय सिंह 16 Feb 2017 · 1 min read II...मैं आईने के सामने....II पहले मैं था,जब, रब ने मिलाया आपसे l आईना था सामने,मैं आईने के सामने ll मैं हूं जाने कहां ,होश अब तक आया नहींl मौत मन की हो गई ,जिंदगी... Hindi · शेर 1 1 257 Share संजय सिंह 17 Feb 2017 · 1 min read II दूर दुनिया की नजरों में .....II दूर दुनिया की नजरों में ,यकीनन फिर भी कहता हूं l मैं जितना पास ना मेरे ,तुम इतना पास हो मेरे ll मैं खुद को भूल जाता हूं ,तेरी फुरकत... Hindi · शेर 1 390 Share संजय सिंह 24 Feb 2017 · 1 min read II कुछ भी हुआ ना पूरा....II कुछ भी हुआ ना पूरा ,हर काम है अधूराl जाना पड़ेगा फिर भी,अनुबंध है करारे ll ना तुम ने कुछ दिया है ,ना मैंने कुछ लिया है l गम और... Hindi · कविता 1 317 Share संजय सिंह 28 Feb 2017 · 1 min read II तुम पिछली कहानी भूल गए....II तुम पिछली कहानी भूल गए, हम बीते कल में ही अटके हैं l जाने तुम रस्ता अपना भूल गए , या हम अपनी ही राहें भटके हैं l ऐसे तो... Hindi · कविता 1 322 Share संजय सिंह 8 Jul 2017 · 1 min read II... गई जब रात सारी....II जो वादा था किया तुमने वो पूरा क्यों नहीं होता l गई जब रात सारी तो सवेरा क्यों नहीं होता ll हमें आती नहीं कोई इबारत खौफ पैदा हो l... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 526 Share संजय सिंह 30 Jan 2018 · 1 min read सब चोर लुटेरे क्या गाऊं घनघोर अंधेरे क्या गाऊं l सब चोर लुटेरे क्या गाऊं ll दुनिया में सपने बिकते हैं l जेब भी खाली क्या गाऊं ll तिरंगा भी लहराता हूं l जन गण... Hindi · कविता 1 426 Share संजय सिंह 30 Jan 2018 · 1 min read आंखों से दूर जाना आंखों से दूर जाना सपनों में आना हो गया l अपनी ही तस्वीर में चेहरा पुराना हो गया ll उस पुराने पेड़ के नीचे कभी मिलते जहां l अब तो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 369 Share संजय सिंह 5 Mar 2020 · 1 min read II इंसान II सब कुछ कितना आसान हो गया l कल का जंगल मैदान हो गया ll टीवी मोबाइल सारे साथ में l नजरों पे चश्मा शान हो गया ll सर्दी या गर्मी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 444 Share संजय सिंह 5 Mar 2020 · 1 min read II जीवन II पहले मन के घोड़े पाले, छोड़े बिना लगाम l अब धीरे-धीरे याद आ रहे, बचे अधूरे काम ll ऐसा जीवन शुरू हुआ,एक तेरे मिल जाने से l घर आंगन ही... Hindi · मुक्तक 1 393 Share संजय सिंह 5 Mar 2020 · 1 min read II दुनिया के मेले II बांध के बंधन घूम रहा तू, इस दुनिया के मेले में l तोड़ के बंधन बैठ के ढूंढो, उसको निपट अकेले में ll बंद आंखों से दिख जाएगा,भीतर में ही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 293 Share संजय सिंह 5 Mar 2020 · 1 min read II छलावा II हार जीत और धन दौलत,सब यार छलावा है l क्या मतलब,जब,सब का एक दिन, वहीं बुलावा है ll चिकनी चुपड़ी सुंदर सूरत, निशदिन ढलती है l रोज ही देखे,पकड़ न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 445 Share संजय सिंह 5 Mar 2020 · 1 min read II ये जरूरी नहीं II मानो तो ये दुनिया है,मानो ये जरूरी नहीं l जीवन में कई रस्मे,जानो ये जरूरी नहीं ll मकसद से ही बढ़ता है,हर एक कदम उसका l जो होता वो होने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 248 Share संजय सिंह 1 Feb 2017 · 1 min read गुजरा हुआ जमाना दिनों के बाद गुजरा सामने से आशियाने के l मिले फिर से कई किस्से मुझे बीते जमाने के ll मिली सूनी पड़ी कोई हवेली राह तकती सी l मिले सूखे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 721 Share संजय सिंह 2 Feb 2017 · 1 min read ढूंढता हूं उसको ढूंढता हूं उसको, जिसका पता नहीं है l चलता हूं रास्ते पर, मंजिल पता नहीं है ll ऐसे गुजारी हमने, अपनी ए उम्र सारी l सांसें तो चल रही हैं,... Hindi · मुक्तक 365 Share संजय सिंह 2 Feb 2017 · 1 min read जो वादा किया तिलक माथे जनता सजाते नहीं है l जो वादा किया वो निभाते नहीं हैं ll भले इनसे तो हैं कसाई के बेटे l झूठा प्यार कोई जताते नहीं है ll... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 541 Share संजय सिंह 2 Feb 2017 · 1 min read हुस्न ए दौलत बेमिसाल चार दिन का रूप तेरा,मुस्कुराना चाहिए l हुस्न-ए-दौलत बे मिसाल,कुछ लुटाना चाहिएll नैन-खंजर छोड़कर भी,प्यार से मिल लो गले l दूर कल जो हम हुए,कुछ याद रहना चाहिए ll संजय... Hindi · शेर 324 Share संजय सिंह 3 Feb 2017 · 1 min read ए मन मेरा हुआ चंचल ए मन मेरा हुआ चंचल न जाने क्यों बहकता है l मेरे घर के रहा जो सामने छत पर टहलता है ll समा है चांदनी रातों का उसपर मेघ काले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 361 Share संजय सिंह 3 Feb 2017 · 1 min read समय सरकता जा रहा समय सरकता जा रहा ,बात पते की जान l मुट्ठी जैसे रेत की ,या गरीब का मान ll या गरीब का मान, पान बिन कत्थे जैसा l जगत करे अपमान,... Hindi · कुण्डलिया 302 Share संजय सिंह 3 Feb 2017 · 1 min read कहां किसी को दर्द हैं सभी यहां पर मर्द, कहां किसी को दर्द l आंखों से दिखता नहीं ,पड़ी हुई है गर्द ll पड़ी हुई है गर्द ,नहीं कुछ फिर भी पीड़ा l राम... Hindi · कुण्डलिया 660 Share संजय सिंह 4 Feb 2017 · 1 min read लोकतंत्र की अवाम यूं हक लोकतंत्र का अता होता ही रहा l रोशनी मिलती रही घर जलता ही रहा ll जड़ों में थी दीमक हवा में धुंआ भी l ऐसे पौधे को लहू... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 336 Share संजय सिंह 4 Feb 2017 · 1 min read शराफत जिंदगी में अब कहां है दूध मे मिलता है पानी, स्कूल में अध्यापक की मनमानीl रोज ही होते घोटाले, खबर अखबारों में आनी जानीll चोर पुलिस सब खेल रहे हैं, जनता के अधिकारों से l... Hindi · कविता 293 Share संजय सिंह 4 Feb 2017 · 1 min read स्थानीय भाषा में लोकगीत चला चली पानी भरी आई... मटकिया अप ने उठाई l ई मटकी मां जान मेरी अटकी.... जाने कब फूटी जाई l.... चला चली ..... पनघट पर छेड़ नंद का लाला... Hindi · गीत 5k Share संजय सिंह 5 Feb 2017 · 1 min read ग़ज़ल होती है खो के सब कुछ भी मिले जो वो ग़ज़ल होती है l नींद आंखों से उड़ा दो तो गजल होती है ll लोग शब्दों से बयां करते जज्बातों को l... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 659 Share संजय सिंह 5 Feb 2017 · 1 min read मैं घरौंदा रेत का सागर सा तू विशाल, मैं घरौंदा रेत का l निश्चित है परिणाम, इस जीवन के खेल का ll उद्देश्य ढूंढता हूं, दो लहरों के दरमियां l क्या सबब है यहां,... Hindi · कविता 488 Share संजय सिंह 6 Feb 2017 · 1 min read जीवन के मदिरालय में सोम सुधारस पान करें हम, जीवन के मदिरालय में l झगड़े झंझट छोड़- छाड़ सब, प्यार भरे मदिरालय में ll तेरी चाहत में जग मिथ्या, निज जीवन का मर्म यही... Hindi · कविता 313 Share संजय सिंह 7 Feb 2017 · 1 min read सारे फरेब बिसात है बिछी ,वह खेल रहा है l सारे फरेब दिल , झेल रहा है ll हम प्यादे वह ,बजीर बादशाह l जीत किसकी ,कोई खेल रहा है ll मर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 306 Share संजय सिंह 7 Feb 2017 · 1 min read II जरूरी है II आंखों की भाषा से आगे, बढ़ना जरूरी है l शब्द ना दे साथ फिर भी, कहना जरूरी है ll आंखों का क्या खुशी में भी, आंसू बहाती है l आंखों... Hindi · कविता 337 Share संजय सिंह 7 Feb 2017 · 1 min read तेरा जादू मोदी तेरा जादू मोदी बड़ा हो गया l यहां पर बखेड़ा खड़ा हो गया ll भरे नोट बोरी में सड़ते यहां l तिजोरी का ताला खुला हो गया ll जहां हम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 370 Share संजय सिंह 7 Feb 2017 · 1 min read वोट अपना कीमती हादसों पर हादसे होते रहे l नींद में पर रहनुमा सोते रहे ll आज फिर ऊंचा तिरंगा हो गया l वादे उसके हम साथ ढोते रहे ll आ गए फिर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 337 Share संजय सिंह 8 Feb 2017 · 1 min read ***चेहरा*** रोज नया एक सूरज निकले, रोज नया एक चेहरा हैl जिससे कल पहचान हुई थी, आज कहां वह चेहरा है ll हर पल दुनिया बदल रही, बहती दरिया के कूलों... Hindi · कविता 309 Share संजय सिंह 8 Feb 2017 · 1 min read # धूप छांव # छांव तो है एक छलावा, धूप मन का है भरम l रात या दिन कर रहे, दोनों के है अपने करम ll धूप में टपके पसीना, जो कभी तेरे बदन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 491 Share संजय सिंह 8 Feb 2017 · 1 min read II डगर आसान हो जाए II सफर में बच के तू रहना कहीं ना रात हो जाए l तेरी जो दौलते असबाब ही जंजाल हो जाए ll ठिकाना ढूंढना अपना समय रहते यहां पर तुम l... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 261 Share संजय सिंह 9 Feb 2017 · 1 min read II चांद को भी मालूम II चांद को भी मालूम, कि चाहता, है उसे कोई चकोर l बीते तभी तो, रात सुहानी, बांधे नैनों की डोर ll चांद को भी मालूम ........ वह भी दूरी ,सह... Hindi · गीत 268 Share संजय सिंह 9 Feb 2017 · 1 min read II गलत लगता है II उम्मीद के दीपक तो ठीक, जलाना गलत लगता है l आंख से आंसू बहते रहे,पर सजाना गलत लगता है ll आगे बढ़ो हिम्मत करो ,सूरज पश्चिम से भी निकलेगा l... Hindi · शेर 245 Share संजय सिंह 10 Feb 2017 · 1 min read II क्या करूं II मैं रहा सुर ताल में ,थी भीड़ ज्यादा क्या करूं l बे सुरों से सुर मिलाना, ही न आया क्या करूं ll आ गया था मैं भी तेरे, दर पे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 396 Share संजय सिंह 10 Feb 2017 · 1 min read II...हदों को तोड़ आया हूं II इश्क की सारी हदों को तोड़ आया हूं l कोरा सा दिल एक पता लिख छोड़ आया हूं lI अब ना जानू रात दिन में फर्क है कितनाl मैं लुटा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 280 Share संजय सिंह 10 Feb 2017 · 1 min read II...अंदाज निराले है II वो डूबती कश्ती है कुछ दूर किनारे हैं l हालात बदलने के अंदाज निराले है ll मैं खुद हि लिपट रोया अपनी नफासत से l है कौन जो ए समझे... Hindi · मुक्तक 308 Share संजय सिंह 10 Feb 2017 · 1 min read II यादें सता रही है II यादें सता रही है गुजरे हुए दिनों की l जो साथ में गुजारे उन कीमती पलों की ll क्या बात मैं बताऊं कहती जो ए हवाएं l सब बात अब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 241 Share संजय सिंह 10 Feb 2017 · 1 min read II चाहे जिसकी सरकार रहे II जब तक सांसे चलती है , जिंदा मेरा प्यार रहेगा l चाहे जिसकी सरकार रहे , इस दिल पर तेरा राज रहेगा ll पाना खोना खो कर पाना, दुनिया का... Hindi · मुक्तक 353 Share संजय सिंह 10 Feb 2017 · 1 min read II प्यार की भाषा... II प्यार की भाषा पढ़ो फिर देखना l नाम मेरा भी जरा लिख देखना ll रोते बच्चों को हंसा दो है बहुत l काबा काशी भी यही तुम देखना ll क्या... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 262 Share संजय सिंह 10 Feb 2017 · 1 min read II तीर शब्दों के बना.... II तीर शब्दों के बना कर , लेखनी में धार कर l चल उठा अपनी कलम तू, जंग का आगाज कर ll देश-दुनिया सब कलंकित, भ्रष्टता अभिशाप है l गूंजे जग... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 293 Share संजय सिंह 11 Feb 2017 · 1 min read II..पाठ पढ़ ले प्रेम का...II बात चलती जब कभी भी बंदगी की l घेरने लगती है यादें फिर किसी की ll मेरा रब वो मेरा ईश्वर है वही सब l क्या है मंदिर और मस्जिद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 481 Share संजय सिंह 11 Feb 2017 · 1 min read II जिंदगी आंसुओं का ए सैलाब भी II हर घड़ी वो जगाता जागो तो कभी l राह तुम को दिखाता देखो तो कभी ll बात कितनी हुई आसमां की मगर l एक गजल झोपड़ी पर कहो तो कभी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 212 Share संजय सिंह 11 Feb 2017 · 1 min read II करीबी कितनी II दो लाइने लिख कर, सभी को जांच लेता हूं l किसमें कसर कितनी, वो भी मैं भाप लेता हूं l करता नहीं शिकवा, कभी जमाने से लेकिन l उससे करीबी... Hindi · मुक्तक 279 Share संजय सिंह 11 Feb 2017 · 1 min read II एक दिया जलता हुआ II एक दिया जलता हुआ रात भर लड़ता रहा l चांदनी का साथ फिर क्यों पतंगा मरता रहा ll ढल गया सूरज भी जब रात की आगोश में l रात को... Hindi · शेर 251 Share Page 1 Next