Sajoo Chaturvedi 26 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Sajoo Chaturvedi 14 Nov 2017 · 1 min read विधा-चूरनवाला बाल कविता_*चूरनवाला* देखो चूरनवाला चूरन लाया । संग में रंगबिरंगी गोलियाँ लाया।। कुछ खट्टी मीठी और तीखी लाया। फिर ऊँचे स्वर में आवाज लगाया।। मोटा सेठ निकलकर आया। मुछें अँइठी... Hindi · कविता 1 1 269 Share Sajoo Chaturvedi 12 Nov 2017 · 1 min read विधा―प्रदूषण ―प्रदूषण वो सिगरेट सुलगा रहा था। वो जिंदगी को जला रहा था।। **** वो कश पे कश लगा रहा था । वो फेंफड़ों को गला रहा था ।। ****** साया... Hindi · कविता 1 1 441 Share Sajoo Chaturvedi 15 Oct 2017 · 1 min read विधा दीपावली **दीपावली **दीपों का त्यौहार घर को करें रोशनी से जगमग अमावसी रात उजाला चहुँ ओर-- धनतेरस धनलक्ष्मी बौछार। नरकासुरवध नरकनिकार। शाम नाली दीपक जलाएँ, अमवस्या दीपकों की कतार।। अँधेरे से... Hindi · कविता 352 Share Sajoo Chaturvedi 14 Oct 2017 · 1 min read विधा तारीख एक *तारीख* वो थी। पापा रिश्वतखोर थे।। मम्मी परेशान थी। सब मचाये शोर थे।। बंधी हथकड़ी देखे वो थी। थानेदार पकड़े पतिचोर थे।। बच्चें माँगे फीस वो थी। मम्मी देखे... Hindi · कविता 251 Share Sajoo Chaturvedi 12 Oct 2017 · 1 min read विधा आओ चले कहीं दूर देश आओ चले कहीं दूर देश पंख फैला विचरण करते आओ चले कही दूर देश हिंद का शांति संदेश पहुँचाते चलो शांति दूत बन जाते आओ चले कहीं दूर देश विरानो... Hindi · कविता 390 Share Sajoo Chaturvedi 7 Oct 2017 · 1 min read विधा करवाचौथ करवाचौथ की हार्दिक शुभकामनाएं करवाचौथ तो एक बहाना है। जीवनसाथी साथ निभाना है।। चूड़ियाँ खनकना तूझे बुलाना है। पायलिया रुनझुन तुझे हँसाना है।। चंदा सी बिदियाँ दमके अंगारा है। सुहागसिंदूरकवच... Hindi · कविता 309 Share Sajoo Chaturvedi 6 Oct 2017 · 1 min read विधा कविता क्या कहूँ क्या कहूँ वो आई चुपके से कार पे क्या कहूँ। आज टीम ने पकड़ा मैं क्या कहूँ।। पुलिस हाथ मलते रह गयी क्या कहूँ। बेटी होने की दुहाई दी कया... Hindi · कविता 395 Share Sajoo Chaturvedi 6 Oct 2017 · 1 min read विधा शरदपूर्णिमा शरदपूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं -- कान्हा रासरसाइया पूनों रात। मुरली बजाइया गोपी दौड़ि आत। सारी रात बाँसुरी धुन मा लीन रही, सुबह भई जो जहाँ वो वहाँ पात।। कोई चावल... Hindi · कविता 240 Share Sajoo Chaturvedi 9 Aug 2017 · 1 min read विधा बुढ़ापा बुढ़ापा जापान में माता पिता का बुढ़ापा। अकेले मे रोबोट से खेलता बुढापा।। अपनत्व का एहसास दिलाता बुढ़ापा। जवानी से बढ़ापे की ओर जाता बुढ़ापा।। खाना पानी दवाई रोबोट से... Hindi · कविता 592 Share Sajoo Chaturvedi 8 Aug 2017 · 1 min read विधा बरसाती रोग बरसात का देखिए कमाल। कहीं सूखा है कहीं बाढ़। तबाही चारों ओर है मची बरसाती रोंगों की भरमार।।. डाक्टर के नखरे हजार। रोगी है रोग से लाचार। नर्सिंगहोम के क्या... Hindi · कविता 335 Share Sajoo Chaturvedi 7 Aug 2017 · 1 min read विधा दोहे रक्षाबंधन भाई पिता समान है ,कहती भारतभूमि। प्यार भरे रिश्ते है ,हिन्द की है कर्मभूमि।। पोहे अनगिनत मोती ,धागे है अनमोल। बहना न माँगे गहना , रक्षा करोगे बोल।। कच्चा धागा... Hindi · दोहा 376 Share Sajoo Chaturvedi 7 Aug 2017 · 1 min read विधा कुण्डलिका रक्षाबंधन पर यादें हैं बचपने की, राखी है बँधवाए। मुँह में मिठाई खाये, एक रूपया टिकाए।। एक रुपया टिकाए , चार दूरहीं दिखाये।। बारि बारि चिढ़ाये ,रूठूँ पास आए मनाये भगिनी संगी... Hindi · कविता 298 Share Sajoo Chaturvedi 7 Aug 2017 · 1 min read विधा मित्रता मित्रता पे संदेह किया सुदामा ने। द्वारिका नंगे पाँव आये थे। दीनता फिर भी न गयी अंतर्यामी से चने छुपाये थे।।. पड़े पाँव में छाले थे। अश्रुओं से पग धोये... Hindi · कविता 498 Share Sajoo Chaturvedi 24 Jul 2017 · 1 min read विधा बाल लीला श्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण कन्हाईया तूझको पुकारे यशोदा मैया वेणीबनावे मनहिं हर्षावे माटीखाये देखे तौ भूमण्डलदिखावे देखि मैया धरा गिरती उठे सबहिं देयि भुलाये गले लगाये मनहिं भरमाये कहे सखी ऐसे कान्हा कै... Hindi · कविता 320 Share Sajoo Chaturvedi 20 Jul 2017 · 1 min read भजन -जयश्रीकृष्ण हे कृष्णमुरारी ,हे गिरिधरधारी । हे मुरलीधारी ,मकृराकृतकुण्डलधारी । कंठवैजंतीधारी , शीशमोरमुकुटधारी। हे कान्हा ! तू दधिमुखलिपटाये । तू गोपिनका भरमाये। तू राधासंगिरासरचाये । तेरी मनमोहनी सुरतिया । देखि देखि... Hindi · कविता 352 Share Sajoo Chaturvedi 20 Jul 2017 · 1 min read मुक्तक -जयश्रीकृष्ण तेरी छोटी पयियाँ तेरी चूमती हथियाँ तू धरती चूमें तेरी पकड़ती बयियाँ तेरी छोटी मोती दतियाँ तेरी बजती पयजनियाँ तू कठुला मुखडाले तेरी साँवरी सुरतिया तुझे काला टीका लगाऊँ जगकी... Hindi · मुक्तक 236 Share Sajoo Chaturvedi 20 Jul 2017 · 1 min read कविता --विरहणी विरहणी ऐ पवन ! जरा रुकजा मेरे संगसंग चल। राहें भूली मैं प्रियतम राह दिखाते चल। राह पथिक बनके जरा धीरे --धीर चल। मै आई दूर देश से स्वपन्न सुनहरे... Hindi · कविता 489 Share Sajoo Chaturvedi 19 Jul 2017 · 1 min read विधा कविता विरहणी ऐ पवन ! जरा रुकजा मेरे संगसंग चल। राहें भूली मैं प्रियतम राह दिखाते चल। राह पथिक बनके जरा धीरे --धीर चल। मै आई दूर देश से स्वपन्न सुनहरे... Hindi · कविता 748 Share Sajoo Chaturvedi 18 Jul 2017 · 1 min read मुक्तक चाँद में पिया को देखूँ "माँ भारती" ऐ चाँद तुझे बारि बारि देखूँ । अँधेरी राते पिया को तुझमें दखूँ। तारे टिमटिमाते हँसी उड़ाते, मुखड़े पे छायी उदासी देखूँ।।. पलके झुकाऊँ कभी उठाऊँ। कभी मनहिं... Hindi · कविता 294 Share Sajoo Chaturvedi 17 Jul 2017 · 1 min read वंदे मातरम माँ युद्धभूभि में घूमती। राक्षसों सें कभी नहीं डरती । गरजतेहुये सिंहों से कभी डरो नहीं, वीरों शक्ति से सामना करो।।. कभी कायरता अपनाओं नही। बढ़ो दुश्मनो का सामना करो।... Hindi · कविता 319 Share Sajoo Chaturvedi 17 Jul 2017 · 1 min read अंधविश्वास सपेरे साँपो को पालते है । बिषैले दाँतो को जो तोड़ते है। आतंकी अपनो में है खुला घुमता, निरापराधी प्राणी को जो जकड़ते है.।।. बीनकी धुनो पे जो नाचते है।... Hindi · कविता 648 Share Sajoo Chaturvedi 16 Jul 2017 · 1 min read मुक्तक - सावन कजरी आईं सखियाँ गाये कजरी। बिजुरिया मोती सी चमकी। पिया ठाड़े दूरहि मुस्काये, भीजी चुनरिया तनहिं लिपटी।।. ****** मेंहदी रची सखी हँसती। देखि पिया महकी कहती। दौड़े आये झूला झूले, देखि... Hindi · कविता 646 Share Sajoo Chaturvedi 13 Jul 2017 · 1 min read मुक्तक --सुनहरा सपना धरा से आतंकियो को मिटा दो। अहिंसा की ज्योति को जगा दो। तीर्थयात्री जयकारा लगाते चलें, त्रिलोकनगरी फूलों से खिला दो। ************ सुगंधितकेशरक्यारियों को महका दो। झीनीचुनरी नायिकाओं की उड़ा... Hindi · कविता 498 Share Sajoo Chaturvedi 13 Jul 2017 · 1 min read मुक्तक-- काश्मीर धरा से आतंकियो को मिटा दो। अहिंसा की ज्योति को जगा दो। तीर्थयात्री जयकारा लगाते चलें, त्रिलोकनगरी फूलों से खिला दो। सज्जो चतुर्वेदी******काश्मीर Hindi · कविता 251 Share Sajoo Chaturvedi 12 Jul 2017 · 1 min read मुक्तक--घरौंदा रेत का घरौंदा सागर का किनारा प्यार से बनाया भूलक्कड़ मस्तिष्क हाथ रखा टूट गया सज्जो चतुर्वेदी***** Hindi · मुक्तक 361 Share Sajoo Chaturvedi 25 Feb 2017 · 1 min read किस रूप में मानव माथे पड़ी लकीर कभी मिटती नहीं फकीर माँगे देने से अमीरी घटती नहीं। प्रभु न जाने किस भेष मे आ जाये द्वार, दर्शन पा जीवन धन्य कभी नजर झुकती... Hindi · मुक्तक 302 Share