Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Jul 2017 · 1 min read

भजन -जयश्रीकृष्ण

हे कृष्णमुरारी ,हे गिरिधरधारी ।
हे मुरलीधारी ,मकृराकृतकुण्डलधारी ।
कंठवैजंतीधारी , शीशमोरमुकुटधारी।
हे कान्हा ! तू दधिमुखलिपटाये ।
तू गोपिनका भरमाये।
तू राधासंगिरासरचाये ।
तेरी मनमोहनी सुरतिया ।
देखि देखि नंदबाबा यशोदा मैया ।
मनहिं मा एकदूजे का देखि हर्षाये ।
बारि बारि यही कहे अँखिया बसे छवि ऐसी।
सज्जो चतुर्वेदी********जय श्रीकृष्ण

Language: Hindi
343 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
इक नेता दूल्हे का फूफा,
इक नेता दूल्हे का फूफा,
*Author प्रणय प्रभात*
बेख़ौफ़ क़लम
बेख़ौफ़ क़लम
Shekhar Chandra Mitra
सावन म वैशाख समा गे
सावन म वैशाख समा गे
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
‌एक सच्ची बात जो हर कोई जनता है लेकिन........
‌एक सच्ची बात जो हर कोई जनता है लेकिन........
Rituraj shivem verma
"व्यक्ति जब अपने अंदर छिपी हुई शक्तियों के स्रोत को जान लेता
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
*कांच से अल्फाज़* पर समीक्षा *श्रीधर* जी द्वारा समीक्षा
*कांच से अल्फाज़* पर समीक्षा *श्रीधर* जी द्वारा समीक्षा
Surinder blackpen
*खर्चा करके खुद किया ,अपना ही सम्मान (हास्य कुंडलिया )*
*खर्चा करके खुद किया ,अपना ही सम्मान (हास्य कुंडलिया )*
Ravi Prakash
देश के दुश्मन कहीं भी, साफ़ खुलते ही नहीं हैं
देश के दुश्मन कहीं भी, साफ़ खुलते ही नहीं हैं
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
सच में कितना प्यारा था, मेरे नानी का घर...
सच में कितना प्यारा था, मेरे नानी का घर...
Anand Kumar
खोटा सिक्का
खोटा सिक्का
Mukesh Kumar Sonkar
हर परिवार है तंग
हर परिवार है तंग
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
नींव में इस अस्तित्व के, सैकड़ों घावों के दर्द समाये हैं, आँखों में चमक भी आयी, जब जी भर कर अश्रु बहाये हैं।
नींव में इस अस्तित्व के, सैकड़ों घावों के दर्द समाये हैं, आँखों में चमक भी आयी, जब जी भर कर अश्रु बहाये हैं।
Manisha Manjari
2342.पूर्णिका
2342.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
सफलता की ओर
सफलता की ओर
Vandna Thakur
आदमी सा आदमी_ ये आदमी नही
आदमी सा आदमी_ ये आदमी नही
कृष्णकांत गुर्जर
संघर्ष हमारा जीतेगा,
संघर्ष हमारा जीतेगा,
Shweta Soni
जरूरत के हिसाब से ही
जरूरत के हिसाब से ही
Dr Manju Saini
मिसाल उन्हीं की बनती है,
मिसाल उन्हीं की बनती है,
Dr. Man Mohan Krishna
"सपनों का संसार"
Dr. Kishan tandon kranti
बापू गाँधी
बापू गाँधी
Kavita Chouhan
मज़हब नहीं सिखता बैर
मज़हब नहीं सिखता बैर
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
कभी कभी चाहती हूँ
कभी कभी चाहती हूँ
ruby kumari
ये धोखेबाज लोग
ये धोखेबाज लोग
gurudeenverma198
तेरे संग बिताया हर मौसम याद है मुझे
तेरे संग बिताया हर मौसम याद है मुझे
Amulyaa Ratan
निराली है तेरी छवि हे कन्हाई
निराली है तेरी छवि हे कन्हाई
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
पृथ्वी
पृथ्वी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मेरे हौसलों को देखेंगे तो गैरत ही करेंगे लोग
मेरे हौसलों को देखेंगे तो गैरत ही करेंगे लोग
कवि दीपक बवेजा
प्यार जताना नहीं आता मुझे
प्यार जताना नहीं आता मुझे
MEENU
प्रेम
प्रेम
विमला महरिया मौज
जीवन छोटा सा कविता
जीवन छोटा सा कविता
कार्तिक नितिन शर्मा
Loading...