सतीश तिवारी 'सरस' Language: Hindi 52 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid सतीश तिवारी 'सरस' 16 Feb 2024 · 1 min read कुण्डलिया छंद (1) औरों को दें मान वह,अपनों को दुत्कार। बनी रीति क्यों आजकल,बोलो मेरे यार।। बोलो मेरे यार,प्यार का क्योंकर टोटा। सच्चा है गुमनाम,पूज्य है क्यों अब खोटा।। कह सतीश कविराय,पदक... Hindi · कुण्डलिया 1 92 Share सतीश तिवारी 'सरस' 16 Feb 2024 · 1 min read चंद दोहा (1) जीवन अपना वेद सम,किन्तु गुज़रता व्यर्थ। है जीवन का मर्म क्या,ढूँढ़ न पाते अर्थ।। (2) भरा बंधु हर वेद में,जग का सारा ज्ञान। कहते ऐसा संतजन,हरदम करते गान।। (3)... Poetry Writing Challenge-2 1 167 Share सतीश तिवारी 'सरस' 31 May 2023 · 1 min read साधक जलहरण घनाक्षरी छंद (8,8,8,8) -- दम हो आराधना में साधक की साधना में, कहते हैं संत ऐसा मिलते हैं हरिहर। निषकाम साधना ही होती है फलित प्यारे, परहित करने को... Poetry Writing Challenge · कविता · घनाक्षरी छंद 369 Share सतीश तिवारी 'सरस' 29 May 2023 · 1 min read ज़रूरत ज़िन्दगी में प्यार की बेहद है ज़रूरत, वीणा में जैसे तार की बेहद है ज़रूरत। मत वासना का नाम दो इसको मेरे सखे, मन में रमे सितार की बेहद है... Poetry Writing Challenge · कविता · मुक्तक 1 390 Share सतीश तिवारी 'सरस' 29 May 2023 · 1 min read एक मुक्तक *एक मुक्तक* तुलसी ही सच्चे प्यार की कीमत है जानती, सच पूछिये तो यार मुहब्बत है जानती। पलता हृदय में प्यार कहे मीत से प्रायः, होती कोई तो खास जो... Poetry Writing Challenge · कविता · मुक्तक 1 243 Share सतीश तिवारी 'सरस' 20 Mar 2019 · 1 min read होली (1) इसकी होली उसकी होली मँहगाई सँग खिसकी होली। (2) गाती होली भाती होली रंगों के सँग छाती होली। (3) रुकती होली चलती होली रंग वदन पर मलती होली। (4)... Hindi · कविता 1 349 Share सतीश तिवारी 'सरस' 20 Feb 2019 · 1 min read देश टूटेगा नहीं... प्रिय शहीदों को नमन् है देवता, जिनसे ज़िन्दा निज वतन है देवता! शत्रु को सैनिक सबक सिखलाएँगे, जलती उर में यूँ अगन है देवता! फूल खिलते हैं जहाँ बलिदान के,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 316 Share सतीश तिवारी 'सरस' 13 Feb 2019 · 1 min read देखो तो क्या कहर ढा रहा वेलेंटाइन डे वेलेंटाइन डे है आ रहा वेलेंटाइन डे, काश! मिले अब हूर,गा रहा वेलेंटाइन डे! जन्म-जन्म की ले तन्हाई जिए जा रहे हम, इसी से हमको नहीं भा रहा वेलेंटाइन डे!... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 329 Share सतीश तिवारी 'सरस' 17 Aug 2018 · 1 min read अटल जी के प्रति..... अश्रु आ रहे आँख में,दुख उर में भर आय। गया छोडकर के हमें,जो कैदी कविराय।। जो कैदी कविराय,नाम था अटलबिहारी। राष्ट्रभक्ति थी मीत,जिसे ख़ुद से भी प्यारी।। कह सतीश कविराय,लोग... Hindi · कुण्डलिया 1 362 Share सतीश तिवारी 'सरस' 3 Aug 2018 · 1 min read सीख जो देवें बड़े कविता रचना ख़ुद करो वरना बनो श्रोता सखे, काम कविता चोरी का अच्छा नहीं होता सखे! कविता किसी कवि की लगे तुमको अगर अच्छी बहुत, नाम ले उसका पढ़ो पर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 361 Share सतीश तिवारी 'सरस' 14 Jul 2018 · 1 min read जहाँ तक हो.... कि तुम बोलो या हम बोलें, जहाँ तक हो तो कम बोलें! ००० कभी सुख डोलते उर में, कभी दुःख खौलते उर में! हृदय में जब भी ग़म बोलें, जहाँ... Hindi · गीत 1 547 Share सतीश तिवारी 'सरस' 10 Jul 2018 · 1 min read .... देख लेना सरस दिल तुम्हारा रहे या हमारा रहे, यत्न हो वह सदा प्यारा-प्यारा रहे! बात गर सत्य हो झट से स्वीकारिये, झूठ लेकिन कभी ना गवारा रहे! जो जिएँ सो लिखें हूक़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 601 Share सतीश तिवारी 'सरस' 30 Jun 2018 · 1 min read सपनों की बारात है,तो...... मन में कोई बात है तो बोल दो, खौलता ज़ज़्बात है तो बोल दो! सुख की प्रातः का मज़ा अपनों के सँग, ग़म की कोई रात है तो बोल दो!... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 537 Share सतीश तिवारी 'सरस' 28 Jun 2018 · 1 min read उल्फ़त है कहाँ? आज अपने ही सुजन कितने दलों में बँट गये, कुछ सहज गद्दार लोगों से ही नाहक पट गये! जिनका परिचय वास्तव में गोष्ठियों से ही बढ़ा, मंच क्या उनको मिला... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 337 Share सतीश तिवारी 'सरस' 27 Jun 2018 · 1 min read बुन्देली ग़ज़ल मौन की वे तौ ठाने बैठे, जइसै भौत चिमाने बैठे! बात का कै दइ हमनैं सच्ची, दुश्मन हमखौं माने बैठे! वे ख़िलाफ़ हमरे बतियावे, तर्क-कुतर्क जुटाने बैठे! जिनकी लुटिया डूबी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 586 Share सतीश तिवारी 'सरस' 21 Jun 2018 · 1 min read महज़ सपना बहुत दिन हुए नहीं बात की किसी अपने से/बहुत दिन हुए मुलाक़ात नहीं हुई हृदय में उमड़ते सपने से/बहुत दिन हुए नहीं पी चाय किसी अपने के घर बैठ/बहुत दिन... Hindi · कविता 1 383 Share सतीश तिवारी 'सरस' 21 Jun 2018 · 1 min read सिखलाता है श्वांस नियंत्रण..... स्वार्थ-अहं अरु द्वेष भाव को सचमुच प्यारे तोड़े योग, व्यर्थ भटकते जीवन को है सही दिशा में मोड़े योग। ००० ध्यान-धारणा आये ख़ुद ही तनिक शान्त होकर बैठें, दुःख-तनाव पर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 656 Share सतीश तिवारी 'सरस' 19 Jun 2018 · 1 min read बात कह दो....! पक्ष में तुम रहो या कि फिर न रहो, दिल दुखे जिससे यूँ बात तो मत कहो! दिल दुखाया किसी बात ने आपका, कह दो,भीतर-ही-भीतर मगर मत दहो! बात मन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 592 Share सतीश तिवारी 'सरस' 28 Feb 2018 · 1 min read किसके सँग हम खेलें होली? होली आने वाली लेकिन हमजोली है साथ नहीं, किसके सँग हम खेलें होली प्रिय टोली है साथ नहीं! ००० अपने दिल का प्रेम जगाने वाले मीत नहीं सँग में, या... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 241 Share सतीश तिवारी 'सरस' 11 Feb 2018 · 1 min read मनुहार वक़्त की झेल रहे हम मार वक़्त की, धार तेज है यार वक़्त की। ००० धुल जातीं सब शास्त्र की बातें, पडती जब भी धार वक़्त की! ००० रूठे-रूठे से सब दिखते,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 476 Share सतीश तिवारी 'सरस' 5 Feb 2018 · 1 min read बलि-बलि जाऊँ कहती क्या,जाने ऋतु बसंत मन का बसंत सूना-सूना है पास नहीं मनमीत कोई, यह दर्द बढ़े निशिदिन दूना। हो गया प्रकृति से हृदय दूर फिर गीत प्यार के गाये क्या,... Hindi · कविता 1 438 Share सतीश तिवारी 'सरस' 28 Jan 2018 · 1 min read ख़ुद को ही ख़ुद का सगा कीजिये आप चिढ़ते हैं मुझसे चिढ़ा कीजिये, चिढ़के पर दोस्त-से मत दिखा कीजिये! ००० बेवफ़ाई जो करनी,तो खुल के करें- मैं ना कहता कि मुझसे वफ़ा कीजिये! ००० दोस्ती चाहती सिर्फ़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 229 Share सतीश तिवारी 'सरस' 19 Jan 2018 · 1 min read दो मुक्तक दो मुक्तक *(1)* प्रलोभन के दाने लिये घूमते वो, फँसें लोग जाले में,तो झूमते वो! जिन्हें आत्मसम्मान है सबसे प्यारा, चरण दिलज़लों के नहीं चूमते वो! *(2)* मेरे मीत दुश्मन... Hindi · मुक्तक 2 322 Share सतीश तिवारी 'सरस' 15 Sep 2017 · 1 min read हे,प्रियवर...! मैं नहीं देता बधाई हिन्दी दिवस की आखिर क्यों दूँ? हिन्दी हमारी न सिर्फ़ मातृभाषा अपितु है राष्ट्रभाषा भी अतः क्यों बाँधें हम उसे किसी दिवस विशेष के दायरे में??... Hindi · कविता 1 308 Share सतीश तिवारी 'सरस' 14 Sep 2017 · 1 min read हिन्दी के प्रति... जन-जन की है भाषा हिन्दी, प्रीति की है परिभाषा हिन्दी! ००० निज गौरव-इतिहास रचेगी, भारत की है आशा हिन्दी! ००० जो अनभिज्ञ हैं,उनकी ख़ातिर- उर की सहज-पिपासा हिन्दी। ००० इंग्लिश... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 477 Share सतीश तिवारी 'सरस' 6 Aug 2017 · 1 min read दिल कहे.... एक मैंने है कविता रची, उससे सूरत मिले आपकी। ००० पास में जो नहीं आप,तो- गंध कविता में ली भाव की। ००० जानता आपको मैं न,पर- चाह दिल में मुलाक़ात... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 503 Share सतीश तिवारी 'सरस' 23 Jul 2017 · 1 min read परम-प्रेमिका अब तलक दूर है प्रेम-पुलकन पलक से झरी जा रही, पर परम-प्रेमिका अब तलक दूर है। उर की अभिलाषा ख़ुद में मरी जा रही, पर परम-प्रेमिका अब तलक दूर है। ००० माह सावन का... Hindi · गीत 1 380 Share सतीश तिवारी 'सरस' 1 Jul 2017 · 1 min read हम स्वयं के बल रहे... रास्ते पर बिनु डरे हम चल रहे, इसलिये बस दोस्तों को खल रहे। ००० साथ पाया ना कभी उनका मगर, सच कहूँ तो हम स्वयं के बल रहे। ००० सूर्य... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 256 Share सतीश तिवारी 'सरस' 26 Jun 2017 · 1 min read पिता आपकी याद में... पिता पर केन्द्रित तीन कुण्डलिया छंद (1) पिता आपकी याद में,गुज़रें दिन अरु रात। किन्तु आपके बिनु मुझे,कुछ भी नहीं सुहात।। कुछ भी नहीं सुहात,भोज का स्वाद न भाये। सब... Hindi · कुण्डलिया 1 680 Share सतीश तिवारी 'सरस' 26 Jun 2017 · 1 min read नहीं जगाना चाह.... अन्तर्राष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस (26 जून) प्रसंग पर (तीन कुण्डलिया छंद) (1) करता नाशी चित्त की,नशा सुनिश्चित मीत। बीड़ी अरु सिगरेट से,कभी न करना प्रीत।। कभी न करना प्रीत,और मत... Hindi · कुण्डलिया 1 375 Share सतीश तिवारी 'सरस' 12 Jun 2017 · 1 min read वक़्त-वक़्त की बात..... पहले जब कभी आते थे वह मेरे शहर तब मिलते थे मुझसे सबसे पहले पर अब आते हैं चुपके से शहर की महफ़िलों में और चले जाते हैं हौले से... Hindi · कविता 1 535 Share सतीश तिवारी 'सरस' 9 Jun 2017 · 1 min read ...यह क्या..! चिड़िया उड़ी लेकर आशा छाया की वृक्ष की ओर/पर यह क्या? इससे पहले कि वह शरण गहती वृक्ष की/पत्ते झड़ गये सारे गर्मी के कारण देखकर नज़ारा शांत थी शाखायें... Hindi · कविता 1 263 Share सतीश तिवारी 'सरस' 7 Jun 2017 · 1 min read एक कुण्डलिया छंद वाह-वाह की भूख भी,होती बड़ी विचित्र। मगर कभी कहते नहीं,जाने क्यों निज मित्र।। जाने क्यों निज मित्र,दिखाते मुझे अँगूठा। देते उसका साथ,जो दिल से पक्का-झूठा।। कह सतीश कविराय,हुई कम उम्र... Hindi · कुण्डलिया 1 359 Share सतीश तिवारी 'सरस' 28 May 2017 · 1 min read हम के लिये 'मैं' 'मैं' है और 'तुम' 'तुम' अतः क्योंकर भिड़ना किसी के 'मैं' से? यह जानते हुये भी कि न तो 'मैं' 'तुम' हो सकता है और न ही 'तुम' 'मैं'... Hindi · कविता 1 388 Share सतीश तिवारी 'सरस' 14 May 2017 · 1 min read माँ तो माँ है...... *मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ प्रस्तुत हैं कुछ दोहे....*?? माँ तो माँ होती सरस,खटती दिन अरु रात। सुखी हो सुत इस वास्ते,कष्ट स्वयं सह जात।। ००० बेटे को... Hindi · दोहा 655 Share सतीश तिवारी 'सरस' 29 Mar 2017 · 1 min read सच की हरदम ही जय होवे नया वर्ष मंगलमय होवे, दुःख-दर्दों का ख़ुद क्षय होवे. ००० रमा जो निज आनंद ह्रदय में, पस्त हर इक उससे भय होवे. ००० कभी जो बिछड़ा कोई अपना, पुनः वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 556 Share सतीश तिवारी 'सरस' 22 Mar 2017 · 1 min read तीन कुण्डलिया छंद (1) सच को मैं जो थामता,उतने हों वो दूर. अहंकार में ख़ुद रमें,हमें कहें मगरूर. हमें कहें मगरूर,चूर नफ़रत में रहते. स्वयं साधते स्वार्थ,स्वार्थी हमको कहते. कह सतीश कविराय,जाये ज्यों... Hindi · कुण्डलिया 448 Share सतीश तिवारी 'सरस' 20 Mar 2017 · 1 min read काश! पुनः लौटें दिन... चिट्ठियाँ नहीं आतीं अब अपनों की आते हैं कॉल औपचारिकता निभाने जबकि चिट्ठियाँ सिर्फ़ सम्बन्ध निभाने का जरिया नहीं अपितु परिचायक होती थीं कि लिखी गयीं वह भीतर से उठने... Hindi · कविता 445 Share सतीश तिवारी 'सरस' 17 Mar 2017 · 1 min read समाये रहें रंग... लो आ गयी रंगपंचमी आज पर फीका है जीवन का रंग नहीं पास में स्थायी रोज़गार का रंग और न ही जीवन में रस भरने वाली एक सौम्य-संगिनी का संग... Hindi · कविता 368 Share सतीश तिवारी 'सरस' 17 Mar 2017 · 1 min read कठिन बहुत जीवन की राहें... कभी-कभी लगता है हमको, कठिन बहुत जीवन की राहें, ००० जो कुछ भी उपलब्ध हमें है, उसको हम पहचान न पाते. जो कुछ अपने पास नहीं है, मिलेगा कैसे जान... Hindi · गीत 712 Share सतीश तिवारी 'सरस' 16 Mar 2017 · 1 min read गीत लिखूँ क्या? भाव अभी अज्ञातवास पर गीत लिखूँ क्या, दोस्त ही खंजर भोंकने तत्पर गीत लिखूँ क्या? ००० आज वही निज साथ छोड़कर ऱूठ गये, जिनका साथ दिया पग-पग पर गीत लिखूँ... Hindi · कविता 487 Share सतीश तिवारी 'सरस' 12 Mar 2017 · 1 min read होली उत्सव प्रसंग पर... तीन कुण्डलिया छंद (1) बहे बसंती पवन ले,अपने उर में प्यार. कोयल गाकर कह रही,सरस करो सत्कार. सरस करो सत्कार,पर्व यह प्रेम-भाव का. होवे सच की जीत,शमन होवे दुराव का.... Hindi · कुण्डलिया 494 Share सतीश तिवारी 'सरस' 9 Mar 2017 · 1 min read उर का कान्हा..... *चंद दोहे* कठिन स्वयं को जानना,सचमुच मेरे मीत. बिनु जाने ख़ुद को सरस,मिले न दुख पर जीत. ००० कौन है अपना दोस्तो,कौन पराया यार. आता ना हमको समझ,लोगों का व्यवहार.... Hindi · दोहा 574 Share सतीश तिवारी 'सरस' 26 Feb 2017 · 1 min read कुण्डलिया छंद के बारे में... प्रिय मित्रो, मैं आपसे 'कुण्डलिया छंद' के बारे में कुछ बातें साझा करना चाहता हूँ.इतना सब जानते हैं कि *दोहा-रोला* से मिलकर बने छंद को *कुण्डलिया* कहते हैं,जिसमें दोहे का... Hindi · लेख 787 Share सतीश तिवारी 'सरस' 24 Feb 2017 · 1 min read काश.... एक पत्नी का होना भी ज़रूरी है जीवन में/ऐसा मुझे लगता है पल-प्रतिपल/क्योंकि कुछ बातें ऐसी होती हैं ज़िन्दगी में जिन्हें बहन तो क्या माँ से भी साझा नहीं किया... Hindi · कविता 2 671 Share सतीश तिवारी 'सरस' 23 Feb 2017 · 1 min read तीन कुण्डलिया (१) आ़यी जीवनसंगिनी,नहीं अब तलक यार. जाने कब देगा सरस,दुलहिन इक करतार. दुलहिन इक करतार,माँगती रहती माता. मिलेगी या न यार,प्रश्न यह दिल में आता. कह सतीश कविराय,उदासी मन में... Hindi · कुण्डलिया 2 1 620 Share सतीश तिवारी 'सरस' 31 Jan 2017 · 1 min read हे,मन बढ़तों का हाथ थामते लोग समझ रहे ख़ुद को तीसमारखाँ जो देते रहे साथ उनका हरदम उनको छोड़कर थाम रहे हाथ तथाकथित रहनुमाओं का पाते रहे जिनसे प्रशंसा हरदम अच्छे... Hindi · कविता 1 351 Share सतीश तिवारी 'सरस' 22 Jan 2017 · 1 min read गाना होगा हों लाख व्यस्ततायें पगले, पर गान तो निज गाना होगा. आखिर तो किसी के भी दिल में, निज प्यार के हित थाना होगा. *** दिल ढूँढ़े मीत सतत् ख़ुद-सा, पर... Hindi · गीत 363 Share सतीश तिवारी 'सरस' 21 Jan 2017 · 1 min read तीन कुण्डलिया छंद (१) मेरे-तेरे में लगा,क्यों कर के साहित्य. दिखे न अब उर का सरस,लेखन में लालित्य. लेखन में लालित्य,कहाँ से आये भैया. रहा व्यक्ति को पूज,आज का काव्य-खिवैया. कह सतीश कविराय,ह्रदय... Hindi · कुण्डलिया 1 456 Share सतीश तिवारी 'सरस' 17 Jan 2017 · 1 min read एक कुण्डलिया परम्परा को तोड़ना,नव-पीढ़ी की रीत. जो कुछ गाया जा सके,वही कहाये गीत. वही कहाये गीत,सहज में जो आ जाये. अनपढ़ भी सुन बन्धु,जिसे निज लय में गाये. कह सतीश कविराय,हो... Hindi · कुण्डलिया 382 Share Page 1 Next