Bhupendra Rawat Tag: मुक्तक 46 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Bhupendra Rawat 24 May 2020 · 1 min read कहने को है बहुत कुछ शब्दों के बाज़ार में कहने को है बहुत कुछ शब्दों के बाज़ार में लेकिन कुछ क्षण मौन रह तुझे देखना चाहता हूँ,मैं थक सा गया हूँ,रोशन आफताब की तपीश में तेरी ज़ुल्फ़ों के साये... Hindi · मुक्तक 4 289 Share Bhupendra Rawat 24 May 2020 · 1 min read कहने को है बहुत कुछ शब्दों के बाज़ार में कहने को है बहुत कुछ शब्दों के बाज़ार में लेकिन कुछ क्षण मौन रह तुझे देखना चाहता हूँ,मैं थक सा गया हूँ,रोशन आफताब की तपीश में तेरी ज़ुल्फ़ों के साये... Hindi · मुक्तक 3 335 Share Bhupendra Rawat 22 May 2020 · 1 min read तेरे संग गुज़ारे लम्हों का सवाल है तेरे संग गुज़ारे लम्हों का सवाल है वक़्त के गुज़र जाने का मलाल है खो गए है वो हंसी लम्हें कहीं उन्हीं पलों का आया फिर से ख्याल है भूपेंद्र... Hindi · मुक्तक 3 291 Share Bhupendra Rawat 20 May 2020 · 1 min read कहां तलक ख़्वाब तेरे मुझे ले जायेंगे कहां तलक ख़्वाब तेरे मुझे ले जायेंगे तन्हा सफर में कदम और कहां जायेंगे भटक जायेंगे मंज़िल की राह से जब भी ग़म मिटाने मयखाने की ओर चले जायेंगे भूपेंद्र... Hindi · मुक्तक 5 321 Share Bhupendra Rawat 19 May 2020 · 1 min read भूख मिटाने कुछ लोग, गांव छोड़ शहर की ओर आये थे गांव छोड़ भूख मिटाने कुछ लोग,शहर की ओर आये थे दो वक्त की रोटी के खातिर शहरी रीति रिवाज अपनाये थे मालूम हुआ मज़दूरों को खाने कोरोना भूत शहर आया... Hindi · मुक्तक 4 264 Share Bhupendra Rawat 19 May 2020 · 1 min read जरा सी जेब भारी हुई लोगों के तेवर बदल गए जरा सी जेब भारी हुई लोगों के तेवर बदल गए बदलते रिश्तों के साथ जीने के ढंग बदल गए आज इंसान इंसानियत को तलाश रहा बदलते मौसम के जैसे आज... Hindi · मुक्तक 5 2 626 Share Bhupendra Rawat 6 May 2020 · 1 min read तेरे नाम की एक शाम और ढल गयी तेरे नाम की एक शाम और ढल गयी इंतेज़ार के तन्हा सफर में तू छल गयी इंतेज़ार के ज़िंदा लम्हों में अब शेष मायूसी है तेरे इंतेज़ार में ज़िन्दगी श्मशान... Hindi · मुक्तक 4 3 310 Share Bhupendra Rawat 6 May 2020 · 1 min read भूल चुके है लोग रिश्ते निभाना भूल चुके है लोग रिश्ते निभाना बात बात पर आता है,रूठ जाना होता नही सहन कुछ भी,उनसे आ गया हर बात में ताने सुनाना भूपेंद्र रावत 6।05।2020 Hindi · मुक्तक 3 454 Share Bhupendra Rawat 1 May 2020 · 1 min read सफ़र ज़िन्दगी का रुक ही गया सफ़र ज़िन्दगी का रुक ही गया मन्ज़िल का सफ़र अधूरा छूट ही गया ज़िद्द थी,जीने की और तुझे ऐ ज़िन्दगी मग़र मौत के आगे आखिर झुक ही गया भूपेंद्र रावत... Hindi · मुक्तक 4 406 Share Bhupendra Rawat 1 May 2020 · 1 min read क्या पता था लोगों के रंग बदल जायेंगे क्या पता था लोगों के रंग बदल जायेंगे आस्तीन के साँप बाहर निकल कर आयेंगे झूठ ही तो सहारा था सच को छुपा लेने का मंझधार की डूबती कश्ती को... Hindi · मुक्तक 4 447 Share Bhupendra Rawat 28 Apr 2020 · 1 min read ख्वाइशें जीने कहां देती है ख्वाइशें जीने कहां देती है गर बिछड़ना भी चाहो,तो मरने कहां देती है उम्र कट जाती है,ख्वाइशों के बोझ तले अधूरी ख्वाइशें सजा-ए-मौत सुना देती है भूपेंद्र रावत 28।04।2020 Hindi · मुक्तक 5 383 Share Bhupendra Rawat 28 Apr 2020 · 1 min read तुम्हारा इंतेज़ार है मुझको तुम्हारा इंतेज़ार है मुझको तिल तिल करके मरने से प्यार है मुझको जब तक सांसे है निहार लेने दे तेरे दीदार का आज तक इंतेज़ार है मुझको भूपेंद्र रावत 28।04।2020 Hindi · मुक्तक 4 269 Share Bhupendra Rawat 28 Apr 2020 · 1 min read इस तरह खुद को ज़ाया करते है इस तरह खुद को ज़ाया करते है तड़पते है,और खुद को भिगाया करते है जीने की ये भी एक कला है,सीख लो गुज़रें लम्हों को याद कर यूं मन्द मन्द... Hindi · मुक्तक 5 395 Share Bhupendra Rawat 28 Apr 2020 · 1 min read ज़िन्दगी एक सफ़र में गुज़र जाती है ज़िन्दगी एक सफ़र में गुज़र जाती है मन्ज़िल अंत तक अधूरी रह जाती है कोई खड़ा इंतेज़ार करता रहता है चोरी से आकर मौत गले लगाकर चले जाती है भूपेंद्र... Hindi · मुक्तक 4 198 Share Bhupendra Rawat 26 Apr 2020 · 1 min read पुरानी कोई कहानी न पूछो पुरानी कोई कहानी न पूछो उनकी दी हुई निशानी न पूछो आज भी तन्हा भटका है मुसाफ़िर तन्हा सफर की ज़िंदगानी न पूछो भूपेंद्र रावत 24।04।2020 Hindi · मुक्तक 1 451 Share Bhupendra Rawat 26 Apr 2020 · 1 min read फासलों से दूरी है मेरी फासलों से दूरी है मेरी आज भी मोहब्बत अधूरी है मेरी खफ़ा तू जब से है वफ़ाओं से दूरी है मेरी भूपेंद्र रावत 25।04।2020 Hindi · मुक्तक 1 517 Share Bhupendra Rawat 26 Apr 2020 · 1 min read एक और मज़हब बना कर देखते है एक और मज़हब बना कर देखते है इंसानो का दर्द मिटा कर देखते है न हो बैर इंसानो का इंसानो से ऐसी रस्म निभा कर देखते है भूपेंद्र रावत 25।04।2020 Hindi · मुक्तक 1 217 Share Bhupendra Rawat 26 Apr 2020 · 1 min read हर रोज़ आँखों में एक ख़्वाब सजाता हूँ हर रोज़ आँखों में एक ख़्वाब सजाता हूँ मैं रोज़ ख्वाबों का सौदागर बन जाता हूँ खूबसूरत दुनिया ख्वाबों की,झूठी कहानी है सुबह उठता हूँ तो,एक ख़्वाब बेच आता हूँ... Hindi · मुक्तक 1 226 Share Bhupendra Rawat 26 Apr 2020 · 1 min read घर मे क़ैद खुद को कर लिया है घर मे क़ैद खुद को कर लिया है तेरे शहर में कदम अपना रख लिया है लोकडाउन है आजकल दुनिया सारी तेरे दिल को ही अपनी दुनिया समझ लिया है... Hindi · मुक्तक 1 262 Share Bhupendra Rawat 26 Apr 2020 · 1 min read तेरे इश्क़ की नदियों में बहता जा रहा हूँ तेरे इश्क़ की नदियों में बहता जा रहा हूँ हर मोड़ पर राह बदलता जा रहा हूँ अब मन्ज़िल की तलाश है, बस मैं खुद से ही दूर होता जा... Hindi · मुक्तक 1 328 Share Bhupendra Rawat 26 Apr 2020 · 1 min read तेरी हर चाल से वाकिफ हूँ मैं तेरी हर चाल से वाकिफ हूँ मैं अनजाने सफ़र का ठहरा मुसाफ़िर हूँ मैं सोच समझकर रखा है क़दम अंगारों में घायल सिरफिरा सा आशिक़ हूँ मैं भूपेंद्र रावत 21।04।2020 Hindi · मुक्तक 1 649 Share Bhupendra Rawat 26 Apr 2020 · 1 min read तेरी खामोशी मजबूर कर देती है तेरी खामोशी मजबूर कर देती है होता हूँ दूर,थोड़ा और दूर कर देती है ख्यालों में तेरे चूर कर देती है बातों ही बातों में चश्म-ए-दस्तूर कर देती है भूपेंद्र... Hindi · मुक्तक 1 500 Share Bhupendra Rawat 17 Apr 2020 · 1 min read सत्ता के गलियारों में दोषी निर्दोष ही रहेंगे मुक्तक...... सत्ता के गलियारों में दोषी निर्दोष ही रहेंगे ग़रीब,मज़दूर बेचारे खड़े चुप खामोश ही रहेंगे गुज़ार लेंगे कुछ और दिन दोषियों के पाप की सज़ा जब तक अंधी कानून... Hindi · मुक्तक 2 243 Share Bhupendra Rawat 17 Apr 2020 · 1 min read एक दायरा हमनें भी बना रखा है एक दायरा हमनें भी बना रखा है अपनी ख्वाइशों को हमनें भी दबा रखा है माना गर्दिश में सितारे है आजकल मौत को हमनें भी गले से लगा रखा है... Hindi · मुक्तक 2 220 Share Bhupendra Rawat 17 Apr 2020 · 1 min read जब तक जीवित है ज़िंदा एक प्यास रख जब तक जीवित है ज़िंदा एक प्यास रख झूठी ही सही एक छोटी सी आस रख डरी सहमी सी लगती है आवाज़ कोई ज़िन्दगी जीने का खास अंदाज़ रख भूपेंद्र... Hindi · मुक्तक 1 274 Share Bhupendra Rawat 17 Apr 2020 · 1 min read आज एक नई कहानी लिखे आज एक नई कहानी लिखे इश्क़ तेरी मेहरबानी लिखे आज मजबूर हूँ खुद के किये पर उनकी कोई दी हुई निशानी लिखे भूपेंद्र रावत 16।04।2020 Hindi · मुक्तक 1 533 Share Bhupendra Rawat 9 Apr 2020 · 1 min read मैं तेरी बातों को कैसे झुठला सकता हूँ मैं तेरी बातों को कैसे झुठला सकता हूँ तुझे सोच कर मैं वक़्त अपना गुज़ार सकता हूँ बात जन्मों जन्मांतर की है, तू सोच कर तो देख इन बन्दिशों में,मैं... Hindi · मुक्तक 3 531 Share Bhupendra Rawat 29 Feb 2020 · 1 min read वो इंसान मुझे हिंदुस्तान का ग़द्दार दिखाई देता है मुझे तो बस अपना हिंदुस्तान दिखाई देता है चन्द लोगों का बिकता ईमान दिखाई देता है कुछ सत्ताधीशों की क्या कहूँ जो चन्द टुकड़ों में बिक जाते है वो इंसान... Hindi · मुक्तक 4 254 Share Bhupendra Rawat 28 Feb 2020 · 1 min read सत्ताधीश जब मौन धारण कर लेते है सत्ताधीश जब मौन धारण कर लेते है फ्री की राजनीति में गुंडे जीता देते है कुर्सी के स्वार्थ में इंसानो को मरवा देते है फिर घड़ियाली आँसू का मटका भर... Hindi · मुक्तक 1 211 Share Bhupendra Rawat 28 Feb 2020 · 1 min read अब मुझे कोई इंसान नज़र नही आता अब मुझे कोई इंसान नज़र नही आता पत्थरों की सिवा कोई भगवान नज़र नही आता जलती रही दिल्ली दिन के उजयारे में सुलगते राख के सिवा कुछ और नज़र नही... Hindi · मुक्तक 1 199 Share Bhupendra Rawat 28 Feb 2020 · 1 min read बस्ती जलाने तुम ही आगे आए थे बस्ती जलाने तुम ही आगे आए थे इंसानियत को मिटाने तुम ही आगे आए थे तुमने ही लूट लिया सब बस्ती को शहर बसाने तुम ही आगे आए थे भूपेंद्र... Hindi · मुक्तक 1 193 Share Bhupendra Rawat 8 Jan 2020 · 1 min read लिबास ओढ़कर नया साल आ गया लिबास ओढ़कर नया साल आ गया पुराना बिता नही,ज़ेहन में सवाल आ गया मुकर गए किए वादों से अपने फिर नए वादों का ज़ेहन में ख्याल आ गया। भूपेंद्र रावत... Hindi · मुक्तक 1 294 Share Bhupendra Rawat 19 Dec 2017 · 1 min read आईने ने भी सच दिखाना छोड़ दिया मुक्तक.......... आईने ने भी सच दिखाना छोड़ दिया सूरत को मेरी मेरा बताना छोड़ दिया अब करे विश्वास किस पर इस दुनिया में ज़ालिम दुनिया ने अपना बताना छोड़ दिया... Hindi · मुक्तक 1 397 Share Bhupendra Rawat 30 Nov 2017 · 1 min read कांटो ने जीने का सलीखा नही सीखा मुक्तक.......... कांटो ने जीने का सलीखा नही सीखा आँचल में फूलों के रहकर महकना नही सीखा फितरत ही है जख़्म देना कांटो की फूलों की तरह फितरत से परे रहना... Hindi · मुक्तक 1 286 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read तेरे इश्क़ में गुमनाम हो गया मुक्तक ..... तेरे इश्क़ में गुमनाम हो गया मैं तो अब बदनाम हो गया तूने ही नही चाहा दिल से मैं तो अब तेरे नाम हो गया Hindi · मुक्तक 1 341 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read तुम मेरी जान लेकर क्यों ऐसा करती हो मुक्तक.......... तुम मेरी जान लेकर क्यों ऐसा करती हो मेरी हर बात पर तुम क्यों अकड़ती हो तुम आदत बन गयी ,तुमको ये मालूम है भला आदत बन तुम क्यों... Hindi · मुक्तक 1 696 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read कभी रोना तो कभी मुस्कुराना भी पड़ता है मुक्तक.............. कभी रोना तो कभी मुस्कुराना भी पड़ता है ज़िन्दगी में कोई पल ऐसे बिताना भी पड़ता है कट जाते है ये पल भी समय के साथ कभी दूसरों की... Hindi · मुक्तक 1 444 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read अब खुद से अनजान बन बैठा हूँ मुक्तक........... अब खुद से अनजान बन बैठा हूँ अब उसकी पहचान बन बैठा हूँ नहीं है दिल मेरा, मेरा मेरे वश में अब उसका मेहमान बन बैठा हूँ भूपेंद्र रावत... Hindi · मुक्तक 1 265 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read दर्द दिया है तो इलाज़ भी तू बता मुक्तक….......... दर्द दिया है तो इलाज़ भी तू बता मेरे आब की प्यास भी अब तू बुझा मुझे तो मिल गया फल कर्मो का अपने कर्मो का हिसाब अब तू... Hindi · मुक्तक 1 258 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read सफिने का समुन्द्र में डूब जाना मुश्किल था मुक्तक....... सफिने का समुन्द्र में डूब जाना मुश्किल था उनके जहां से खुद को बाहर पाना मुश्किल था डूब गया सफीना जब अपने हीआशियाने में समुन्द्र में सफिने को बहाना... Hindi · मुक्तक 1 617 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read जब यादों के सहारे जिंदगी जीनी मुश्किल हो जाती है मुक्तक...... जब यादों के सहारे जिंदगी जीनी मुश्किल हो जाती है तो मौत ही एकराह नज़र आती है डूब जाती है कश्ती भी शांत धारा में जब ये अटकने लग... Hindi · मुक्तक 1 523 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read मेरा वज़ूद इस जहाँ में ना होता मुक्तक........ मेरा वज़ूद इस जहाँ में ना होता माँ अगर तेरा हाथ ना होता. भटकता रहता यूँ ही खुले आसमाँ में अगर माँ तेरा आशीर्वाद न होता। भूपेंद्र रावत Hindi · मुक्तक 1 251 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read तुम क्या जानो जरूरत क्या होती है मुक्तक........... तुम क्या जानो जरूरत क्या होती है बिन जरूरत तो रोटी भी रोड किनारों में पड़ी होती है मर जाते है मज़दूर के बच्चे भूख में शरीर को समेटकर... Hindi · मुक्तक 1 296 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read अब मेरी किस्मत में नहीं हो तुम मुक्तक......... अब मेरी किस्मत में नहीं हो तुम बेवफ़ा नही तो, बावफ़ा भी नही हो तुम जीने की अस्बाब तुम थी कल तक रंज ओ गम की वजह भी हो... Hindi · मुक्तक 1 392 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read नहीं जीने दिया हालात ने मुझे मुक्तक........ नहीं जीने दिया हालात ने मुझे तड़पाते रहे दिन रात वो मुझे नहीं था अश्क उनकी आँखों से जुदाई का अपने अश्क देकर समुन्द्र बना दिया मुझे भूपेंद्र रावत... Hindi · मुक्तक 1 320 Share Bhupendra Rawat 13 Aug 2017 · 1 min read एक बार दिल लगाते तो जरा एक बार दिल लगाते तो जरा । दिल लगा कर पास आते तो जरा। तुम तो मुस्कराए और चल दिए। कभी पास आकर हमें भी हंसाते तो जरा। हंस कर... Hindi · मुक्तक 1 404 Share