Comments (3)
7 May 2020 12:08 AM
फिर वही शाम वही गम वही तन्हाई है।
दिल को समझाने तेरी याद चली आई है।
श़ुक्रिया !
Bhupendra Rawat
Author
7 May 2020 12:37 AM
वाह शानदार
Nice