डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 578 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 Jul 2017 · 1 min read राख(कविता) *राख* ****** सुला कर गोद में अपनी झुलाया पूत को पलना तड़प कर रो उठी ममता पड़ा अपमान जब सहना। बह रहे आँख से आँसू निकल घर द्वार से अपने... Hindi · कविता 1 558 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 7 Aug 2017 · 3 min read भाई -बहन का प्यारा बंधन : रक्षाबंधन (लेख) भाई-बहन का प्यारा बंधन : रक्षा बंधन ****************************** जी चाहे बारिश की स्याही,बनूँ कलम में भर जाऊँ। मन के भाव पिरो शब्दों में,तुझको पाती लिख पाऊँ।। नेह सरस हरियाली में... Hindi · लेख 2 557 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 May 2018 · 1 min read कुल्हड़ की चुस्की (कविता) "कुल्हड़ की चुस्की" **************** घाट किनारे ठाट-बाट से यारों की महफ़िल सजती थी, चाय के संग धूम धड़ाका कुल्हड़ की प्याली जमती थी। चीनी मिट्टी के प्यालों में मधुर छुअन... Hindi · कविता 553 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 25 Mar 2018 · 3 min read "माँ" "माँ" ***** "माँ" शब्द को परिभाषित करना आसान नहीं है क्योंकि इस एक शब्द में समस्त सृष्टि समाहित है। माँ तो साक्षात् ईश्वर की छवि है। माँ के कदमों में... Hindi · लेख 1 570 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 14 Jul 2017 · 2 min read "ज़िंदगी" कहानी *ज़िंदगी* ******** धूप की तरह खिलखिलाती राहत की ज़िंदगी में इस तरह अँधेरी रात ग्रहण बन कर आएगी ये उसने तब जाना जब अस्पताल में ज़िंदगी और मौत के बीच... Hindi · कहानी 1 663 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 19 Apr 2020 · 1 min read गीत स्वार्थ ,नफ़रत, द्वेष तज निज मन निरंजन कर चलो, गर्त्त का पर्दा हटाते आत्ममंथन कर चलो। आँख में भरकर उमंगें मूल्य अपना आँकते, लालसा के रथ चढ़े उपलब्धियों को नापते।... Hindi · गीत 1 538 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 May 2020 · 1 min read मुकरी छंद कह मुकरी हीरे मोती तन बिखराए बालों में जाकर लिपटाए जा कपोल पर मारे ठुमका ए सखि साजन ?ना सखि झुमका! कारी-कारी बदरी छाई देख पिया के मन को भाई... Hindi · कविता 2 2 542 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 Feb 2017 · 4 min read काशी नगरी और भोले की बारात मित्रों, आज मैं आपको भोले की नगरी काशी की शिव बारात से रू-ब-रू कराती हूँ ,जिसमें शिवजी भस्मी रमाये दूल्हा बनकर निकलते हैं और पूरी काशी हर्षोल्लास से बारात की... Hindi · लेख 546 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 11 Jan 2018 · 1 min read हिंदी को सम्मान दो *हिंदी को सम्मान दो* संस्कृत से जन्मी हिंदी ने भाषा का संसार दिया, 'देवनागरी' लिपि में जिसने भाषा को विस्तार दिया। 'आगत' शब्द समाहित करके विश्व पटल प्रतिमान दिया, शब्दकोश... Hindi · कविता 1 530 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 19 May 2018 · 1 min read आरजू काफ़िया- आनी रदीफ़-सनम दे दो बह्र-1222 1222 1222 1222 "आरजू" ******** अकेले रो लिए तुम आज वीरानी सनम दे दो। तरसती आरजू को आज हैरानी सनम दे दो। बहुत तड़पे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 549 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 5 Aug 2017 · 1 min read "वीर शपथ तुम आज लो" देशभक्ति गीत जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी *देश प्रेम गीत* ?वीर शपथ तुम आज लो? ********************* छंद मुक्त रचना तर्ज--फूल तुम्हें भेजा है ख़त में.. ************* वीर शपथ तुम आज लो, माँ का... Hindi · गीत 1 518 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 14 Jan 2018 · 1 min read हंसीन स्वप्न (गीतिका) 'हंसीन स्वप्न' *********** साथ मिला होता जीवन में , खुशबू सरसाती आँगन में। उदित भानु की लाली लेकर, सिंदूरी माँग सजाता मैं। भोर की रश्मि की रोली से, भाल की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 529 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 19 Nov 2021 · 1 min read कबीर, केवट, रोटी, चुनाव,घाव प्रदत्त शब्दों पर दोहे कबीर राग, द्वेष उर में लिए, आहत फिरै कबीर। ढाई आखर प्रेम का, हरे जगत की पीर।। केवट केवट पाँव पखारता, चिंता नाव सताय। रघुनंदन का... Hindi · दोहा 1 538 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 25 Jun 2017 · 1 min read ईद मुबारक(मुक्तक) ईद मुबारक !!! मुबारक ईद हो तुमको तुम्हारी दीद बन जाऊँ। बनी मुस्कान अधरों की तुम्हारी प्रीत बन जाऊँ। भुला रंज़ों ग़मों को प्यार से रिश्ते निभा डालो। गले लग... Hindi · मुक्तक 1 532 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 8 Mar 2019 · 3 min read लेख "वर्तमान समय में घरेलू महिलाओं में समय की कमी क्यों ,हक़ीक़त के धरातल पर कारण व निवारण" सहधर्मिणी, संस्कारिणी, नारायणी की प्रतीक नारी की महत्ता को शास्त्रों से लेकर साहित्य... Hindi · लेख 1 550 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 2 Sep 2018 · 1 min read गीत *जीवन साथी* जीवन पथ पर साथ चले हम थामे बाहें बाहों में चूमे इक-दूजे के छाले पाए थे जो राहों में। कितने पतझड़ सावन आए कितने पथ में शूल मिले... Hindi · गीत 1 593 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 21 Nov 2021 · 1 min read कठिन परीक्षा सत्य की "कठिन परीक्षा सत्य की" कठिन परीक्षा सत्य की, समझो मत आसान। हरीश्चंद्र को अंत तक, देने पड़े प्रमाण।। कठिन परीक्षा सत्य की, देकर पाया मान। धरा समाई जानकी, सह दुष्कर... Hindi · दोहा 540 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 Jan 2018 · 3 min read मुक्तक छा गई पनघट उदासी गीत बिन सूना जहाँ। घाट आतप से तपे हैं प्रीत बिन सूना जहाँ। कृषक अंबर को तके खलिहान सूखे रो रहे- सरित सागर खार बनती मीत... Hindi · मुक्तक 550 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 22 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक अँधेरे रास क्या आते उदासी सह नहीं पाया। तुम्हारे बिन गुज़ारीं रात तन्हा रहह नहीं पाया। मिला धोखा मुहब्बत में नहीं उम्मीद थी जिसकी- गिला,शिकवा, शिकायत को कभी मैं कह... Hindi · कविता 1 576 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 19 Jul 2017 · 1 min read "मधुशाला" मुक्तक "मधुशाला" मुक्तक ********* छुआ दे आज अधरों से अधर का जाम मतवाला। बुझे ना प्यास महफ़िल में लगे फ़ीकी सरस बाला। भिगो कर जिस्म नूरानी फ़िज़ाओं में महक भर दूँ।... Hindi · मुक्तक 2 546 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 2 Sep 2018 · 1 min read कविता ?आशा? आशाओं के स्वर्ण कलश ने बूँद एक जब छलकाई। उर में आशा का दीप जला पुलक-पुलक कर मुस्काई।। पुष्प चक्षु से तंद्रा हरके हरिताभा सी बरसाई। सूखे पतझड़ के... Hindi · कविता 534 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 29 May 2020 · 1 min read कविता 'राधाकृष्ण' मोर पंखी मुकुट सिर पर पीतवर्णी वसन हैं, माल वैजंती सुशोभित नील नीरज नयन हैं। केश घुँघराले घटा सम रूप का रसपान करते, राधिका के साथ मोहन मग्न होकर... Hindi · कविता 1 1 541 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 Jan 2017 · 1 min read "वीर शपथ तुम आज लो" जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी *देश प्रेम गीत* ?वीर शपथ तुम आज लो? छंद मुक्त रचना तर्ज--फूल तुम्हें भेजा है ख़त में.. ************* वीर शपथ तुम आज लो, माँ का मान... Hindi · गीत 561 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 22 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक अँधेरे रास क्या आते उदासी सह नहीं पाया। तुम्हारे बिन गुज़ारीं रात तन्हा रहह नहीं पाया। मिला धोखा मुहब्बत में नहीं उम्मीद थी जिसकी- गिला,शिकवा, शिकायत को कभी मैं कह... Hindi · मुक्तक 497 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 28 Apr 2020 · 1 min read मदिरा सवैया छंद छंद- मदिरा सवैया (वर्णिक) विधान-7 भगण +एक गुरु गोकुल में प्रभु रास रचा, अब मोर शिरोमणि श्याम रमे। होठ धरी मुरली हरि के, जन चैन चुरा कहुँ रूप जमे। साँवरि... Hindi · कविता 4 1 632 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 5 Jun 2017 · 3 min read "विश्व पर्यावरण दिवस" "विश्व पर्यावरण दिवस" पर्यावरण दिवस एक अभियान है जिसकी घोषणा संयुक्त राष्ट्र महासभा के द्वारा मानव पर्यावरण के संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के अवसर पर 1972 में हुई थी। हालांकि, यह... Hindi · लेख 583 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 6 Jun 2019 · 1 min read कविता विषय - मकरन्द छंद विधान~ [ नगण यगण नगण यगण नगण नगण नगण नगण गुरु गुरु] (111122,111122,11111111,111122) 26 वर्ण,4 चरण,यति 6,6,8,6,वर्णों पर दो-दो चरण समतुकांत,पहली दूसरी यति अंत तुकान्तता हो... Hindi · कविता 621 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 11 May 2020 · 1 min read गीत "उर्मिल की विरह-वेदना' छा गयी वीरानगी उर देख लक्ष्मण का गमन, आज उर्मिल घात निष्ठुर सह रही पीड़ा सघन। टूट अंतर्मन गया सुख कामना अब खो गयी, भोर के बुझते... Hindi · गीत 5 2 491 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 8 Oct 2018 · 1 min read गीत "दीप जला रख छोड़ा है" ******************** काली रात विरह की आई, दीप जला रख छोड़ा है। सजल नयन सूरत को तरसें, तम से नाता जोड़ा है।। यौवन से मदमाती रजनी,... Hindi · गीत 1 1 623 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 12 Nov 2021 · 1 min read आराम, सुकून विषय-आराम, सुकून श्रम को पूँजी मान कर, नित्य करें जो काम। तजें सदा आराम को, मिलें सफल परिणाम।। महँगाई की मार ने, छीना चैन-सुकून। सत्ता के हाथों हुआ,अरमानों का खून।।... Hindi · दोहा 1 498 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 19 Nov 2021 · 1 min read रक्षाबंधन 'रक्षाबंधन' (1) रक्षाबंधन प्रीति का, है पावन त्योहार। धागा रक्षा सूत्र है, कीमत इसकी प्यार।। (2) राखी नाना रंग की, सजे-धजे बाज़ार। धागों में गूँथा मिले , सुंदर नेह अपार।।... Hindi · दोहा 2 2 484 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 8 Oct 2018 · 1 min read गीत *बूंदों की खनखन* बारिश में बूँदों की खनखन आहट तेरी लाती है धड़कन में साँसों की सरगम गीत प्रेम के गाती है। घटा घिरी घनघोर गगन में धरती भी हर्षाती... Hindi · गीत 528 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 9 Dec 2018 · 2 min read गीत मुखड़ा- घटा घिरी घनघोर गगन में, गीत प्रेम के गाती है। चंचल काया नर्तन करती, राग-रंग बरसाती है। अंतरा-(1) लौट शहर से जब घर आता मेला बहुत लुभाता है, लाल-हरित... Hindi · गीत 2 526 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 3 Aug 2019 · 5 min read गीत 'रेत' #सघन मित्रवत साथ रेत का, तेरी याद दिलाता है। मंद पवन का झोंका छूकर, दे संदेश रुलाता है।। #रेत समेटे अहसासों की, सुंदर स्वप्न सजाया था। कोमल अँगुली के... Hindi · गीत 1 496 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 2 Jun 2017 · 1 min read "क्षणिकाएँ" क्षणिकाएँ (१)"बात" ****** कौन कहता है तन्हाई अकेली और खामोशी मौन होती है? जब मिल बैठती हैं एक साथ तो बात ही बात होती है। (२)"सूनापन" ******** मन व्यथित हो... Hindi · कविता 1 537 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 6 Aug 2018 · 1 min read गीत "अविरल नीर बरसता है" ******************** समझ न पाऊँ प्रेम विधा मैं उर में नेह उपजता है रोम-रोम मदमाता मेरा अविरल नीर छलकता है। निश्छल प्रेम सहज जीवन में अनुरागी मन... Hindi · लेख 517 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 8 Oct 2018 · 1 min read मुक्तक मुक्तक झुका ये शाख-ए-गुल चंदा' गज़ब की प्रीत बरसाए। ज़मीं पे ख़ुशनुमा मौसम फ़िज़ा में गीत भरमाए। छिटकती चाँदनी करती बहारों को यहाँ सजदा- लिए आगोश में लतिका शज़र सा... Hindi · मुक्तक 1 565 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 29 May 2020 · 1 min read कविता 'राधाकृष्ण' मोर पंखी मुकुट सिर पर अधर वंशी राजती है, माल वैजंती गले में पाँव पायल बाजती है। केश घुँघराले घटा सम रूप का रसपान करते, राधिका के साथ मोहन... Hindi · कविता 2 1 506 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 11 Mar 2017 · 1 min read "होली के रंग" "होली के रंग" सोच रही हूँ कलम हाथ ले रँग दूँ सबको होली में, फाग बयार झूम कर कहती चल गरीब की खोली में। रँगी बेबसी धूमिल सा मुख जिस्म... Hindi · कविता 513 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 13 Mar 2020 · 1 min read शिव विवाह 'शिव-विवाह' हे महादेव औघड़ दानी हे शिव शंकर हे नगवासी, हे करुणाकर हे कालेश्वर हे भोलेश्वर हे गिरिवासी! सिर सोम गंग बिराज रहे विष भोले कंठ समाया है, गल नाग... Hindi · गीत 556 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 9 Nov 2021 · 1 min read दोहे "फिर से होना चाहिए" फिर से होना चाहिए, दूर सभी व्यभिचार। हर कन्या भयभीत है, बढ़ता पापाचार।। आज प्रदूषण बढ़ रहा, पाए रोग- विकार। फिर से होना चाहिए, पर्यावरण सुधार।।... Hindi · दोहा 1 476 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 16 Jun 2017 · 1 min read "पुस्तक" अक्षर विन्यास "पुस्तक" संस्कृति संज्ञान शिक्षा सोपान दे सम्मान विज्ञान ज्ञान मान सुज्ञान शुचि ज्ञान शब्द जहान संस्कृति ज्ञान ********** शिक्षण आधार जीवन सार शब्दागार आधार मित्र ज़िक्र भंडार ग्रंथागार ज्ञान संसार... Hindi · कविता 530 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 4 Aug 2017 · 1 min read मुक्तक मुक्तक ***** जहाँ इंसान बिकता है वहाँ किसका ठिकाना है। फ़रेबी बात उल्फ़त में यहाँ करता ज़माना है। समझ कर कीमती मुझको लगादीं बोलियाँ मेरी- सिसकती आबरू कहती यही मेरा... Hindi · मुक्तक 1 486 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 29 Jun 2018 · 2 min read हाइकु रक्षाबंधन/भैया दूज *************** (1)भाल तिलक भगिनी अनुराग है सुखदाई। (2)स्नेह बंधन भाई बहन का ये उल्लास भरा। (3)तिलक भाल हस्त सूत्र बाँधती माँगे वचन। (4)दूज का पर्व भगिनी मुसकाई ले... Hindi · हाइकु 494 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 24 Mar 2019 · 1 min read ग़ज़ल *धोखा* 2122 1212 22/112 बस इसी बात का गिला मुझको। हर कदम पर मिला दग़ा मुझको। बेवफ़ा यार गैर सा निकला दाग़ मेरे दिखा रहा मुझको। खा गई प्यार में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 491 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 20 Apr 2020 · 1 min read गीत प्रकृति नील नीरद नेह बरसाकर हँसाने आ गया, पीर वसुधा की चुराकर गुदगुदाने आ गया। वृक्ष, पर्वत, चंद्र, सूरज बन रहे उपहार हैं, ऊष्ण, बंजर इस धरा का कर रहे... Hindi · गीत 1 1 474 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 1 Aug 2017 · 1 min read "मेंहदी" (हाइकु) "मेंहदी" (हाइकु) मन भावन मेंहदी रचे हाथ पिया का साथ। पीस पत्तियाँ करतल सजाईं खूब रचाईं। मेंहदी लगी जो पिया मन भाई सुर्ख कलाई। प्रीत बढ़ाएँ मेंहदी रचे हाथ पिया... Hindi · हाइकु 1 467 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 28 May 2020 · 1 min read गीत पञ्चचामर छंद में गीत 'भारती पुकारती' धरा सपूत ओज पुंज भारती पुकारती, मशाल हाथ थाम भक्ति भारती हुँकारती। सुना रहीं शहादतें शहीद की कहानियाँ, मिटो स्वदेश के लिए दिखें नहीं... Hindi · गीत 1 1 462 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 6 Jan 2019 · 1 min read कविता *कलुषित स्पर्श* रो रही कुदरत ज़मीं पर मृत अधर भी काँपते हैं, देश की बेटी लुटी है लोग चोटें नापते हैं। लूट तन बाहें घसीटीं चींख सुन कोई न आया,... Hindi · कविता 1 544 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 10 Nov 2021 · 1 min read सूर्योपासना सूर्योपासना कीजिए, मिटते सारे पाप। सकल व्याधि तन मुक्त हो, रहे नहीं संताप।। छठ है सूर्योपासना, पूजा, व्रत त्योहार। पूर्ण सकल हों कामना, भरे रहें भंडार।। देती सूर्योपासना, सुख, वैभव,... Hindi · दोहा 2 483 Share Previous Page 2 Next