Rajesh Kumar Kaurav Tag: कविता 121 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Rajesh Kumar Kaurav 5 Jul 2020 · 1 min read राधेकृष्ण (कविता) कविता राधेकृष्ण का जाप करें, एक नाम दो रूप हैं। राधा भी तो कृष्ण रूप कृष्ण ही राधा रूप हैं। कृष्ण बिन राधा आधी राधा बिन कृष्ण अधूरे हैं। राधाकृष्ण... Hindi · कविता 2 1 546 Share Rajesh Kumar Kaurav 19 Jun 2020 · 1 min read बुद्धिजीवी बुद्धिजीवी अफसोस है आधुनिक युग में बुद्धिजीवी लोग चाँद मंगल की सोचते हैं। लाखों करोड़ों का खर्च सालों साल से करते फिर भी असफलता बार बार प्रयास करते हैं। धरती... Hindi · कविता 3 546 Share Rajesh Kumar Kaurav 19 Jun 2020 · 1 min read बुद्धिजीवी बुद्धिजीवी अफसोस है आधुनिक युग में बुद्धिजीवी लोग चाँद मंगल की सोचते हैं। लाखों करोड़ों का खर्च सालों साल से करते फिर भी असफलता बार बार प्रयास करते हैं। धरती... Hindi · कविता 3 486 Share Rajesh Kumar Kaurav 18 May 2020 · 1 min read ड़ीजीलेप(व्यंग्य कविता) मोबाइल मत देना छोटे बच्चों के हाथ। कल तक कहते थे विशेषज्ञ दिनरात। आँखों को हानिकारक बिगाड़े मानसिक स्वास्थ्य। छिना छपटी में पिटतें माता पिता के हाथ। शिक्षाविदों से लेकर... Hindi · कविता 4 365 Share Rajesh Kumar Kaurav 17 May 2020 · 1 min read गृहे गृहे यज्ञ (चौपाई छंद) चौपाई छंद मृत्युल़ोक पर संकट आया*देश देश कोरोना छाया। देव दनुज धर मानव रूपा*निज कृत कर्म करहिं ज्यों भूपा। रूप रंग पहचान न होई*धर्म कर्म नहिं मानत कोई। होहिं अचंभित... Hindi · कविता 6 2 508 Share Rajesh Kumar Kaurav 13 Apr 2020 · 1 min read श्रद्धाँजलि *श्रद्धाँजलि* जलियांवाला बाग दिवस, याद हमें दिलाता है। वीर शहीदो के चरणों शीश स्वयं झुक जाता है। गुलामी के अत्याचारों की याद सदा दिलाता है। निर्दोषो की हत्या सुन पढ़... Hindi · कविता 6 4 258 Share Rajesh Kumar Kaurav 8 Apr 2020 · 1 min read रक्षा करो रक्षा करो(वर्ण पिरामिड़) हे वीर लंगूर हनुमान पवनपुत्र केसरी नंदन रोग फैला है भारी । श्री राम सेवक बजरंगी सुनो पुकार जग रखवारे कोरोना महामारी । जै जय रामेष्ट वरदानी... Hindi · कविता 4 5 353 Share Rajesh Kumar Kaurav 8 Apr 2020 · 1 min read रक्षा करो रक्षा करो (वर्ण पिरामिड) हे वीर लंगूर हनुमान पवनपुत्र केसरी नंदन रोग फैला है भारी । श्री राम सेवक बजरंगी सुनो पुकार जग रखवारे कोरोना महामारी । जै जय रामेष्ट... Hindi · कविता 2 475 Share Rajesh Kumar Kaurav 3 Apr 2020 · 1 min read लड़ना होगा ताटक छंद तैयार सभी भारत वासी,लड़ाई बहुत होना है। अपनी सुरक्षा करते रहें ,कोरोना को धोना है। सुनो पहले धर्मांधता से, बाहर भी आना होगा। अज्ञान मजहब भतभेद को,देश से... Hindi · कविता 2 472 Share Rajesh Kumar Kaurav 30 Mar 2020 · 1 min read श्रीराम संदेश संदेश यही श्रीराम दिया धर्म एक ही मानवता। सब राष्ट्र मिल एक होगें एक विश्व की राष्ट्रयिता। भूल कर मतभेद आपसी सीखेंगे बंधुत्व एकता। सूक्ष्म कारण रूप लेकर सक्रीय होगी... Hindi · कविता 3 1 522 Share Rajesh Kumar Kaurav 1 Jan 2020 · 1 min read संस्कृति अनमोल सावधान क्यों मना रहें जश्न कलेंडर भर ही तो बदला है। ईस्वी सन् हो गया अब बीस हिंदुस्तानी साल न बदला है। भूल गये नवबर्ष हमारा हम चैत्र शुक्ल प्रतिपदा... Hindi · कविता 4 467 Share Rajesh Kumar Kaurav 17 Nov 2019 · 1 min read नैतिकता है कहाँ समझ आधुनिक संसार अब भूल गए हम नैतिकता का पाठ। ये नग्न फैशन वेशभूषा मर्यादा हीन बोलचाल आज बड़प्पन के ठाठ। लो जान संस्कृति मझधार पुकार रही करने... Hindi · कविता 1 219 Share Rajesh Kumar Kaurav 27 Oct 2019 · 1 min read दीप जलाये (गीत) दीप जलाये (गीत) घर आंगन दीपक से जगमग, मन मंदिर से अज्ञान भगाये। बुद्धि विवेक उल्लास भर के, आओ घर घर दीप जलाये। लक्ष्मी पूजन हो घर घर में, धन... Hindi · कविता 1 499 Share Rajesh Kumar Kaurav 19 Jun 2019 · 1 min read संविधान शर्मसार हुआ (कविता) संविधान शर्मसार हुआ ****************** संसद में शपथ देखकर, संविधान शर्मसार हुआ। किसी ने बोला जय श्री राम , कुछ अल्ला से मांगी दुआ। किसी ने काली नाम पुकारा, कोई दुर्गा... Hindi · कविता 2 521 Share Rajesh Kumar Kaurav 3 May 2019 · 1 min read वर्ण पिरामिड (मैं कौन हूं?) मैं पूछ रहा हूं स्वयं से अपना राज मिल रहा साथ जीवन में सबका। ये नहीं संयोग मैं कौन हूं अनजान सा पाकर बंधन भूला पहचान। हे मन अब तो... Hindi · कविता 1 354 Share Rajesh Kumar Kaurav 21 Mar 2019 · 1 min read होली का रंग-बहनों के संग (कविता) *होली का रंग बहनों के संग* ******************** भाई को चिंतित देख, होलिका वेदी चढ़ी। ऐसा सच्चा प्रेम स्नेह , बहनों में दिखता आज भी। माता-पिता भाई की, आलोचना न कभी... Hindi · कविता 1 393 Share Rajesh Kumar Kaurav 18 Dec 2018 · 1 min read श्रीमद्भगवद्गीता ? अद्भुत ग्रंथ है श्रीमद्भगवद्गीता। प्रभू की अमृतवाणी है गीता। प्रिय सखा की सलाह है गीता। ऋषियों की सिद्धि है गीता। गुरु का उपदेश है गीता। दार्शनिक का दर्शन है गीता।... Hindi · कविता 4 265 Share Rajesh Kumar Kaurav 14 Dec 2018 · 1 min read भाव, शब्द भाव शब्द शब्द पुष्प है भाव मूल है, बिन मूल के शब्द शूल है। भाव की है अभिव्यक्ति, बिन भाव शब्द निर्मूल है। परमात्मा की भाव शक्ति, शब्दब्रह्म प्रतिध्वनि ऊं... Hindi · कविता 2 378 Share Rajesh Kumar Kaurav 14 Dec 2018 · 1 min read भाव, शब्द भाव शब्द शब्द पुष्प है भाव मूल है, बिन मूल के शब्द शूल है। भाव की है अभिव्यक्ति, बिन भाव शब्द निर्मूल है। परमात्मा की भाव शक्ति, शब्दब्रह्म प्रतिध्वनि ऊं... Hindi · कविता 1 462 Share Rajesh Kumar Kaurav 8 Nov 2018 · 1 min read पारसमणी मंत्र है मां मेरी तेरी सबकी मां, विविध रूप पर एक है मां। अभिव्यक्ति की प्रथम किरण, सृष्टि की आधार है मां। सुबह है ऊषा शाम की संध्या, चढ़त दुपहरी रात भी मां।... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 13 32 903 Share Rajesh Kumar Kaurav 8 Nov 2018 · 1 min read पारसमणी मंत्र है मां "मां" मेरी तेरी सबकी मां, विविध रूप पर एक है मां। अभिव्यक्ति की प्रथम किरण, सृष्टि की आधार है मां। सुबह है ऊषा शाम की संध्या, चढ़त दुपहरी रात भी... Hindi · कविता 2 1 369 Share Rajesh Kumar Kaurav 29 Oct 2018 · 1 min read अटूट बंधन (वर्ण पिरामिड कविता) अटूट बंधन (वर्ण पिरामिड कविता) क्यों रही सदा से भारत में दाम्पत्य जोड़ी सफल जीने में गौरवमयी पद्धति। थी सारी दुनिया अनजान भारतीय स्त्री पति को देवता स्वरूप समझती। वो... Hindi · कविता 1 530 Share Rajesh Kumar Kaurav 7 Oct 2018 · 1 min read मतदान (कविता) मतदान प्रजातंत्र में पर्व बड़ा यह, मतदान राष्ट्र की पूजा है। ऊच नीच व जाति भेद का, स्थान नहीं कोई दूजा है। सबको अवसर सबकी इच्छा, किसे किसको चुनना है।... Hindi · कविता 391 Share Rajesh Kumar Kaurav 17 Aug 2018 · 1 min read अटल अटल (कविता) बिषम परिस्थितियों से टकराना, जीवन जिसका लक्ष्य रहा था। कभी न हारा कभी न टूटा, संघर्ष भरा जिसका जीवन था। हिंद देश के स्वाभिमान हित, हिंदुत्व जीवन जो जीता था।... Hindi · कविता 291 Share Rajesh Kumar Kaurav 29 Jul 2018 · 1 min read ये युग (वर्ण पिरामिड) ये युग बदल रहा है रे प्रगतिशील परिवर्तन है संकट तो आवेगे। जो लोग चाहते सुविधाएं सरलता से उन्हें पराक्रम अपनाने ही होगें। को रहा सफल आज तक स्थिरता पर... Hindi · कविता 266 Share Rajesh Kumar Kaurav 24 Jul 2018 · 1 min read शालीनता (वर्ण पिरामिड, कविता) ये पप्पू क्या किया सारा देश शर्मशार है मुखिया बनना रहा न आसान है। तू कब समझा तेरे लिए मां कुर्बान तेरी खातिर सहती रहती वरन् जाती ईरान। ओ मेरे... Hindi · कविता 548 Share Rajesh Kumar Kaurav 18 Jul 2018 · 2 min read क्यों हम पीछे हैं (कविता) क्यों हम पीछे हैं (कविता) विकास की गति बहुत तेज, फिर भी क्यों हम पीछे हैं। दशकों से दौड़ रहे सब, फिर आगे क्योंनहीं बढते हैं। सीमा पर होती हलचल... Hindi · कविता 550 Share Rajesh Kumar Kaurav 20 Jun 2018 · 1 min read कह कर बदलना (कविता) कह कर बदलना, आम बात है जी। जनसाधारण ही नहीं, राजनीति में खास है जी। जो जितना बदलता, चर्चा में बनता है जी। झूठ बोलने का चलन, बहुत बढ़ रहा... Hindi · कविता 1 510 Share Rajesh Kumar Kaurav 8 Apr 2018 · 1 min read चलन मेरे देश का कैसा है यह चलन , मेरे भारत देश का। दोषी की जमानत पर, माहोल बनता जश्न का। आतिशबाजी हर तरफ, जयकार ढ़ोल मृदंग का। लगता विजयश्री पाई, मान घटाया दुश्मन... Hindi · कविता 517 Share Rajesh Kumar Kaurav 18 Mar 2018 · 1 min read शुभकामना नवसंवत्सर की (कविता) नवसंवत्सर आ गया अब, खुशियों का त्यौहार। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि, सृष्टि सृजन आधार। सृष्टिकर्ता ब्रह्मा जी दीना, संयोगों का उपहार। शुभकामना नवसंवत्सर की, सब ही को बारम्बार। नवरात्र का... Hindi · कविता 735 Share Rajesh Kumar Kaurav 6 Mar 2018 · 1 min read योद्धा नहीं सिर्फ वो (कविता) योद्धा नहीं सिर्फ वो, जो रणभूमि को जाते। समाज में रहने वाले कब, उनसे कम आंके जाते। ना देखा युद्ध क्षेत्र कभी, ना तलवार गही हाथ में। दयानंद, शंकराचार्य,स्वामी विवेकानंद,... Hindi · कविता 276 Share Rajesh Kumar Kaurav 6 Mar 2018 · 1 min read योद्धा नहीं सिर्फ वो (कविता) योद्धा नहीं सिर्फ वो, जो रणभूमि को जाते। समाज में रहने वाले कब, उनसे कम आंके जाते। ना देखा युद्ध क्षेत्र कभी, ना तलवार गही हाथ में। दयानंद, शंकराचार्य,स्वामी विवेकानंद,... Hindi · कविता 814 Share Rajesh Kumar Kaurav 3 Jan 2018 · 1 min read भूलें नहीं नववर्ष भूलें नहीं नववर्ष हमारा, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को आता है। सृष्टि का यह जन्म दिवस, सत्य ,सनातन , शाश्वत है। वह असीम संस्कृति हमारी, जिसमें सभी समाहित है। अध्यात्मिक व... Hindi · कविता 1 252 Share Rajesh Kumar Kaurav 31 Dec 2017 · 1 min read नववर्ष पर सूर्य संदेश नववर्ष पर भेजा सूर्यदेव ने, प्रथम किरण के साथ संदेश। चुनौतियों से भरा वर्ष है, सम्हलो, छोड़ो राग द्वेष। बीते वर्षों से भी सीखों, रूठा है प्रकृति परिदृश्य। सत्ता,स्वार्थ, लोलुपता... Hindi · कविता 547 Share Rajesh Kumar Kaurav 21 Dec 2017 · 1 min read युग सृजेता सम्मेलन युग सृजेता सम्मेलन गूंज रही है दसों दिशाएं, शंखनाद अब व्याप्त है। युवा क्रांति की हलचल से, युग परिवर्तन की आश है। उत्तर-दक्षिण पूरब पश्चिम, चहुंओर जोर की आंधी है।... Hindi · कविता 273 Share Rajesh Kumar Kaurav 10 Dec 2017 · 1 min read अभिव्यक्ति (कविता) अभिव्यक्ति की आज़ादी है, जो चाहो सो बोलो। पर वाणी की भी मर्यादा है, जहर न उसमें घोलो। मीठी भाषा में कह सकते, अच्छे हो या बुरे विचार। गंदी भाषा... Hindi · कविता 5k Share Rajesh Kumar Kaurav 4 Dec 2017 · 1 min read भर्ती(व्यंग्य कविता) पटवारी की भर्ती पर, अभी नहीं कोई भरोसा। यू टर्न कब हो जावे, रखना सदा अंदेशा। अतिथि बनने फार्म भरे, लगभग माह जुलाई में। दिसंबर तक चर्चा नहीं, भूले सभी... Hindi · कविता 489 Share Rajesh Kumar Kaurav 29 Nov 2017 · 1 min read गीता बोध जगद्गुरु भगवानश्री कृष्ण से, शिष्य अर्जुन सुनता गीता है। मानव प्रतिनिधि अर्जुन संग, संवाद वाणी ही श्री गीता है। शब्द-अक्षर के ही नहीं श्लोक, दिव्य ऊर्जाओं के स्रोत है। सूत्ररूप... Hindi · कविता 605 Share Rajesh Kumar Kaurav 20 Oct 2017 · 1 min read कानून तोड़ना (व्यंग्य) गुलामी में तोड़ा था कानून, आज भी पढ़ते इतिहास में। सराहा जाता है उन्हें हरदम, सम्मिलित जो नमक कानून में। आज आजादी के बाद तोड़ते, कानून हम नित नए। पर... Hindi · कविता 637 Share Rajesh Kumar Kaurav 16 Oct 2017 · 1 min read हमारी संस्कृति हमारी संस्कृति शश्ववत है, सनातन है मानवता वाही है। न जाति की न सम्प्रदाय की, प्रकृति पोषक सत्य स्वीकार है। पर वर्तमान में क्यों होता पक्षपात, पश्चिमी सभ्यता को होते... Hindi · कविता 398 Share Rajesh Kumar Kaurav 12 Oct 2017 · 1 min read दीपपर्व की सीख दीपावली आती हैं , लाती है संदेश। साफ सफाई करने से, स्वच्छ होगा सारा देश। जो भी हो धार्मिक व सांस्कृतिक, मान्यता त्योहार की। पर स्वच्छता से जुड़ी सीख, नहीं... Hindi · कविता 749 Share Rajesh Kumar Kaurav 30 Sep 2017 · 2 min read रावण का साक्षात्कार(व्यंग्य) रावण का साक्षात्कार?? दशहरा पर मिल गया, रावण मैदान में। डरते हुए पूछा मैने, कैसा लग रहा इस हाल में। रावण बोला पश्चाताप है मुझे, आज तकविभीषण जिंदा है। उसी... Hindi · कविता 1 1 632 Share Rajesh Kumar Kaurav 28 Sep 2017 · 1 min read नवदुर्गाओं के औषधिय रूप दैत़्य रूपी रोगे से लडती, दुर्गा औषधि रूप में । 'हरड़' रूप धर शैलपुत्री, लडती उदर विकार में।। ब्रह्मचारिणी है ब्राह्मी 'में, बुद्धी देती विचार में । चन्द्रघण्टा वसती 'चंदूसुर'में,... Hindi · कविता 1 434 Share Rajesh Kumar Kaurav 14 Sep 2017 · 1 min read मैं हिन्दी हूँ । (हिन्दी दिवस पर) मैं हिन्दी हूँ, भारत की राजभाषा । सात दशक से खड़ी, लेकर मन में एक अभिलाषा। राष्ट्रभाषा का सपना, पूरा होगा एक दिन । स्वतंत्रता की प्राप्ति, पूरी नहीं मातृभाषा... Hindi · कविता 1 537 Share Rajesh Kumar Kaurav 5 Sep 2017 · 1 min read शिक्षक संकल्प शिक्षक दिवस दिया है हमको, उनको शत शत कोटि प्रणाम । वरन शिक्षक कि मिट जाति, पूछ परख सिर्फ बचता नाम। शिक्षक भी गौरव को भूला, किया कलंकित अपना काम।... Hindi · कविता 1 296 Share Rajesh Kumar Kaurav 5 Sep 2017 · 1 min read शिक्षक संकल्प शिक्षक दिवस दिया है हमको, उनको शत शत कोटि प्रणाम । वरन शिक्षक कि मिट जाति, पूछ परख सिर्फ बचता नाम। शिक्षक भी गौरव को भूला, किया कलंकित अपना काम।... Hindi · कविता 1 469 Share Rajesh Kumar Kaurav 6 Aug 2017 · 1 min read रक्षाबंधन की शुभकामना रक्षाबंधन के अवसर पर, कोटि कोटि शुभकामना । विजयी हो मेरा भाई, हर बहिन करती कामना ।। न पूजा किसी देवी देव की, न आरती न किसी की प्रार्थना। नारी... Hindi · कविता 1 520 Share Rajesh Kumar Kaurav 27 Jul 2017 · 1 min read शिक्षा की हालत आज भी एकलव्य, मिट्टी के पुतले से शिक्षा पाता है। पहले राजवंश था, अब गरीबी से नहीं पढ़ पाता है।। लिखाता है नाम, सरकारी स्कूल भी जाता है। शिक्षक विहीन... Hindi · कविता 1 423 Share Rajesh Kumar Kaurav 1 Jul 2017 · 1 min read विश्व रिकार्ड(व्यंग्य) विश्व रिकार्ड बनाने की, लग रही भारत में हो़ड़। गिनीज बुक में नाम हो, कर रहे सब जोड-तोड।। देश काल और परिस्थिति से, हट रहा अब सबका ध्यान। गिनीज बुक... Hindi · कविता 1 560 Share Rajesh Kumar Kaurav 29 Jun 2017 · 1 min read मन की बात मन मन की सब कोई कहे, दिल की कहे ना कोई। जो कोई दिल की कहे, उसे सुनता नही है कोई। मन पापी मन चोर है, कहते चतुर सुजान। दिल... Hindi · कविता 1 275 Share Previous Page 2 Next