Rita Yadav Tag: कविता 24 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Rita Yadav 12 Jul 2017 · 1 min read ईट का जवाब पत्थर पाक का नापाक इरादा ,, लॉघता हमेशा मर्यादा े इनके साथ बात विचार नहीं,, इनके खातिर तलवार सही l इट का जवाब पत्थर से दो,, एक का बदला चार से... Hindi · कविता 1 602 Share Rita Yadav 9 Jul 2017 · 1 min read कशमकश में जिंदगी कशमकश में बढ़ रही है जिंदगी आगे हर पल कभी अनुभूति प्रेम की कभी दिमागी हलचल आज एक दिवस फिर गुजरा कैसा रहेगा कल परिश्रम और संघर्ष का हमेशा मीठा... Hindi · कविता 3 283 Share Rita Yadav 3 Jul 2017 · 1 min read नारी का अपमान कब तक यूं होता रहेगा नारी का अपमान कहता है जिसको लक्ष्मी उसका नहीं सम्मान मां ,बेटी ,बहन, बहू का रिश्ता बखूबी निभाती हैl फिर भी इस जहान में दर्द... Hindi · कविता 1 1k Share Rita Yadav 2 Jul 2017 · 1 min read तू क्या है? तू क्या है? ए तू ही जाने ,, तेरा मन दर्पण ही जाने ,, दूजे के भला बुरा कहने से,, क्यों हर्ष-विषाद करें.? दूसरे का कहना न मान,, तू क्या... Hindi · कविता 1 664 Share Rita Yadav 1 Jul 2017 · 1 min read उर्मिला पलकन अश्रुवन, धीमी गति धड़कन, विरह व्यथा सहन कर तड़पन, लक्ष्मण को विदा कर वन, उर्मिला धूमिल कर निज मन , बैठ भवन में याद करे बिछड़न, शेष दिन चौदह... Hindi · कविता 1 422 Share Rita Yadav 30 Jun 2017 · 1 min read उनका फोन बड़े दिनों बाद उन्हें मेरा ख्याल आया पूछने को उनका फोन मेरा हाल आया ठीक है कह देती तो ठीक था जख्मी दिल का हाल बता दी तो एक भूचाल... Hindi · कविता 1 692 Share Rita Yadav 27 Jun 2017 · 1 min read तन्हाई कैसी तन्हाई बसी है इस भरी महफिल में लबों पर मुस्कान हैl दर्द भरा है दिल में बतलाता नहीं दर्द इंसान हंस कर दुनिया रुलाएगी अपने बहते अश्कों से वह... Hindi · कविता 2 1 509 Share Rita Yadav 26 Jun 2017 · 1 min read अभिशाप कहे अभिशाप कहे संताप कहे या इसको कोई पाप कहे जहां दो वक्त की रोटी नहीं इस को भला क्या आप कहें? मुफलिसी के दायरे को ए कैसा लगा इक शाप... Hindi · कविता 2 1 415 Share Rita Yadav 26 Jun 2017 · 1 min read बेटी की अभिलाषा पढ़-लिखकर कुछ करना चाहूं भेदभाव का खंडहर ढाहूं खुले आसमां के नीचे मैं भी खुला उड़ना चाहूं बंदिशें न हो कोई जो चाहूं, कर लूं वही क्या बेटी होना पाप... Hindi · कविता 1 1 735 Share Rita Yadav 24 Jun 2017 · 1 min read "हमारा प्रेम" हमारा प्रेम एक नहीं प्रेम है लाखों हजार रखते प्रेम को दिल में दिखाते नहीं बाजार माता पिता भाई बहन सगे-संबंधी से प्यार जिन्हें हमारे प्रेम पर भरपूर है अधिकार... Hindi · कविता 1 340 Share Rita Yadav 23 Jun 2017 · 1 min read उड़ो मत हवा में उड़ते हुए कब किसी ने, सारी जिंदगी गुजारी है l उड़ती है पतंग आसमां में, पर घड़ी दो घड़ी के लिए l होती है,एक दूजे में होड़, कौन किसे काट... Hindi · कविता 1 629 Share Rita Yadav 23 Jun 2017 · 1 min read वास्ता टूट गया दीया जलाने लगे आजकल हम आंधी में आग बुझती ही नहीं जो लगी है पानी में सत्य छुपता नहीं है झूठ की कहानी में सर झुकता नहीं है किसी से... Hindi · कविता 272 Share Rita Yadav 22 Jun 2017 · 1 min read कैसा लगा रोग न जाने एक तबके को कैसा लगा रोग, हाथ पैर कटवा कर भीख मांगते लोग, पेट भरने के लिए क्या मर-मर जीना जरूरी है? जान बूझकर कटवाते अंग यह कैसी... Hindi · कविता 362 Share Rita Yadav 22 Jun 2017 · 1 min read प्रेम दर्द निकाल दो हृदय तल से , क्या रखा है दर्द पीने में ? अंतर्मन आलोकित कर लो , प्रेम दीप जलाकर सीने में, प्रेम है ताकत प्रेम है दौलत,... Hindi · कविता 1 546 Share Rita Yadav 21 Jun 2017 · 1 min read समय समय की बात समय समय की बात हैl सावन में हरियाली दिखे, पतझड़ में झड़ता पात है l ै समय समय की बात है l दिवा में भास्कर दिखे अंबर , चांद तारों... Hindi · कविता 1 1 579 Share Rita Yadav 21 Jun 2017 · 1 min read अभिनेता आजकल का अभिनेता आजकल का हर शख्स हो गयाl l खालिस दिलों का अब इस जहां में खो गया ll मिलते हैं गले हम हमारे दिल नहीं मिलते l झूठी है मुस्कान... Hindi · कविता 299 Share Rita Yadav 20 Jun 2017 · 1 min read मेरी अंबे माता मन का मैंने दीप जलाया , श्वास श्वास विश्वास है l आएगी मेरी अंबे माता, दिल में दृढ़ विश्वास है l राह मां की तकते नैना , भक्तों का आज... Hindi · कविता 285 Share Rita Yadav 20 Jun 2017 · 1 min read दिल की बात दिल की बात जुबां पर आ कर क्यों रह गई ? कह सकी नहीं जुबांअदाएं सब कुछ कह गई l लड़खड़ाए जुबान जो कोई बात कहने में , बहुत कुछ... Hindi · कविता 475 Share Rita Yadav 19 Jun 2017 · 1 min read धर्म कोई कहता नहीं दर्द दे कर तूने क्या पाया ? क्या दर्द देने ही जहां में आया ? देकर खुशियां थोड़ी खुशियां ले लो, ऐसे न तुम जीवन से खेलो, जीने दो औरों... Hindi · कविता 426 Share Rita Yadav 19 Jun 2017 · 1 min read होठों पर कभी अंगार मायूसी का मत रखना , होठों पर कभी अंगार , जल जाएगी खुशियां सारी , मन पर दुखों का होगा , बहुत बड़ा सम्राज्य , बाहें फैलाकर आगोश में ,... Hindi · कविता 296 Share Rita Yadav 19 Jun 2017 · 1 min read मौन आंखें मौन आंखे मौन आंखे बोलती है , भेद हृदय का खोलती है l हृदय है या दुख का दरिया , मन ही मन टटोलती है l दुखों का सम्राज्य दिल... Hindi · कविता 313 Share Rita Yadav 19 Jun 2017 · 1 min read बहन बेटियों की लाज बचाइए मां फिर से अपने हाथों में कटार उठाइए l लूट रही बहन बेटियों की लाज बचाइए l मधु ,कैटभ हुए बहुत ,अब हजारों महिषासुर - आकर शेर की सवारी पर... Hindi · कविता 533 Share Rita Yadav 18 Jun 2017 · 1 min read घोर कलयुग घोर कलयुग लिया पनाह हैl अच्छाई ही बड़ा गुनाह है l अच्छे बुरे का भेद नहीं, बुराई करके खेद नहीं , अच्छाई दर-दर ठोकरें खाती हैl बुराई मौज मनाती हैl... Hindi · कविता 811 Share Rita Yadav 17 Jun 2017 · 1 min read भारत मां का लाल दुलारा आज सूर्य एक अस्त हुआ है l दूसरा कल उदित होगा , मन दुखों में है अभी, फिर से यह मन प्रमुदित होगा l धीर था वह वीर था l... Hindi · कविता 2 1 501 Share