Rita Singh Tag: कविता 81 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Rita Singh 1 Jan 2017 · 1 min read शुभकामना पल पल खुशियाँ रास रचाएँ जीवन में उल्लास रहे , नेह दीप रहे ज्योतिर्मय ह्रदय में मधुर प्रकाश रहे निश्छल भावों से हों सुरभित कलुष भाव न पास रहे ,... Hindi · कविता 530 Share Rita Singh 25 Dec 2016 · 1 min read देश मेरा है बड़ा निराला देश मेरा है बड़ा निराला हर मजहब को चाहने वाला , हिंदू मुस्लिम सिक्ख इसाई सबको सम हक देने वाला । देश मेरा है बड़ा निराला ।। भेदभाव नहीं करे... Hindi · कविता 1 558 Share Rita Singh 23 Dec 2016 · 1 min read वृक्षों का दरबार देखी जंगल में भी एक बस्ती एक से एक बड़ी वहाँ हस्ती । रहते वृक्ष इंसाँ की भाँति करते बहुत वहाँ वो मस्ती । बरगद पेड़ों का बन राजा जब... Hindi · कविता 426 Share Rita Singh 19 Dec 2016 · 1 min read हे सत्य कहाँ छिपे हो तुम ! हे सत्य कहाँ छिपे हो तुम अपने से ही मुँह मोड़े । प्रतिद्वंद्वी ये झूठ तुम्हारा तुम्हारे ही सिर चढ़ बोल रहा है, तुम्हें चाहने वालों के इस देश में... Hindi · कविता 2 255 Share Rita Singh 9 Dec 2016 · 1 min read मैं भी एक इंसान हूँ न मैं दुर्गा , न मैं लक्ष्मी न देवी और महान हूँ , नारी रूप में धरती पर मैं भी एक इंसान हूँ । न अनोखी शक्ति मुझमें न देवीत्व... Hindi · कविता 750 Share Rita Singh 4 Dec 2016 · 1 min read सड़कें सड़कें निर्माण के अगले ही वर्ष क्यों बीमार हो जाती हैं सड़कें ? कुछ तो बताओ निर्माताओं किन तत्वों से बनती हैं सड़कें ? क्यों जल्दी घायल हो जाती हैं... Hindi · कविता 301 Share Rita Singh 28 Nov 2016 · 1 min read आओ चिड़िया रानी आओ आओ चिड़िया रानी आओ फुदक फुदक कर नाच दिखाओ चहक चहक कर गीत सुनाओ आओ चिड़िया रानी आओ । आँगन में जब आती हो मन मेरा हर्षाती हो गीत मधुर... Hindi · कविता 847 Share Rita Singh 26 Nov 2016 · 1 min read संविधान और मूल अधिकार आज़ादी के बाद देश में बना हमारा नया विधान , गणतंत्र भारत को मिला अपना एक लिखित संविधान । बाबा अंबेडकर निर्माता इसके कानून के थे वो ज्ञाता 26 नवम्बर... Hindi · कविता 1 675 Share Rita Singh 16 Nov 2016 · 1 min read शरद ऋतु के जंगल शरद ऋतु के जंगल भोर की मुस्काती बेला में कोहरे की पतली सी चादर में रवि रश्मि के स्वागत को आतुर घने घने से मिले मिले से शांत भाव से... Hindi · कविता 1 371 Share Rita Singh 9 Nov 2016 · 1 min read नोट बने कागज के पत्ते हर गली और हर नुक्कड़ पर आज यही एक शोर है , नोट बने कागज के पत्ते फुटकर बन गए सिरमौर हैं । बच्चों की गुल्लक खर्च उठाए तिजोरी बनी... Hindi · कविता 546 Share Rita Singh 7 Nov 2016 · 1 min read नतमस्तक हुआ विज्ञान नत मस्तक हुआ विज्ञान आज प्रकृति के आगे , प्रदूषण की है मार पड़ी कहाँ जाएँ मनुज अभागे । साँस लेना भी हो गया दूभर प्राण वायु भी नखरे दिखलाए,... Hindi · कविता 548 Share Rita Singh 5 Nov 2016 · 1 min read माधव इस संसार में माधव इस संसार में तरह तरह के लोग , कुछ माया में हैं रमे कुछ का जीवन योग । जो सत्कर्म में निरत हुए उनका जीवन योग , जो माया... Hindi · कविता 1 512 Share Rita Singh 31 Oct 2016 · 1 min read गौमाता गौमाता तैंतीस कोटि देवों ने भी जिसे बनाया अपना धाम , ऐसी गौ माता को हम निश - दिन करें प्रणाम ।। गौमाता के हित में देखो भगवन भी गोपाल... Hindi · कविता 481 Share Rita Singh 30 Oct 2016 · 1 min read मैं दीपक हूँ मैं दीपक हूँ , मंद मंद मुस्काता हूँ सबको लगता है जलता हूँ जलकर ही अंधियारा हरता हूँ , पर जलना नहीं कहो उसे वो कर्म तो तप है मेरा... Hindi · कविता 901 Share Rita Singh 28 Oct 2016 · 1 min read अंतर्तम प्रकाशित कर लो भौतिक जग में उजियारे संग अतंर्तम प्रकाशित कर लो । जय पाओ मन के अंधियारे पर अंधकार धरा का सब हर लो । करें कामना सबके हित की सबके हित... Hindi · कविता 300 Share Rita Singh 26 Oct 2016 · 1 min read मत चल मानुष ! उल्टी चालें ताटंक छंद मत चल मानुष ! उल्टी चालें एक दिवस पछताएगा । समय निकलने पर हाथों से वापस कभी न आएगा । जो सच्चे - सीधे होते हैं वे आगे... Hindi · कविता 1 715 Share Rita Singh 19 Oct 2016 · 1 min read जीवन साथी जीवन साथी जीवन का सबसे अनमोल रतन , जन्म से नाता न होकर भी है कितना उसमें अपनापन । अपने सुख दुख जिससे बाँट सके मन की उलझन सब सुलझा... Hindi · कविता 1k Share Rita Singh 11 Oct 2016 · 1 min read विजय पर्व आ गया फिर बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व , मनाएंगे सब इसे पूरे हर्षोल्लास से और बधाई देंगे एक दूसरे को इस विजय पर्व की । फिर शाम... Hindi · कविता 501 Share Rita Singh 10 Oct 2016 · 1 min read जिस आँगन नहीं होती बेटी जिस आँगन नहीं होती बेटी वहाँ कितना सूना होता है ! कोई पर्व सुहाना नहीं होता है न उत्सव मस्ताना होता है ।। दीवाली पर बिटिया ही दीप सजाया करती... Hindi · कविता 364 Share Rita Singh 5 Oct 2016 · 1 min read जग जननी कल्याण करो आ जाओ माँ धरा पर भी रक्त बीजों ने शीश उठाया है , घात किया है तेरे नारी रूप पर नहीं वश में किसी के आया है । आकर प्रहार... Hindi · कविता 439 Share Rita Singh 2 Oct 2016 · 1 min read गाँधी एक बार भारत में गाँधी एक बार भारत में फिर से आकर देखो तो, जो फसल तुम बोकर गये उसको आकर सींचो तो । सत्य - अहिंसा तो देखो किताबी नारे लगते हैं, सुनने... Hindi · कविता 236 Share Rita Singh 30 Sep 2016 · 1 min read अमर रहे गौरव सेना का अमर रहे गौरव सेना का नित सम्मान बढ़ाती जाए । गर्व से शीश उठा सकें हम विजय ध्वज फहराती जाए । जाकर दुश्मन की धरती पर नाकों चने चबाती जाए... Hindi · कविता 542 Share Rita Singh 28 Sep 2016 · 1 min read बेटी आ रही है आज जब से सुना है पापा ने कि बेटी आ रही है आज, खुशी आँखों में समायी है उमंग ह्रदय में छायी है, लगे हैं तैयारी में पसंद का सामान जुटाने... Hindi · कविता 607 Share Rita Singh 27 Sep 2016 · 1 min read समय बुला दो समय बुला दो सुभाष चंद्र को वो 'जय हिन्द' गा कर जोश भरें, खून के बदले आजादी दे दें जनता का सब प्रलाप हरे । समय बुला दो भगत सिंह... Hindi · कविता 4 517 Share Rita Singh 24 Sep 2016 · 1 min read आतंकवाद एक वाद ऐसा भी दुनिया में जो मानवता संहारी है , इंसां की साँसों से ज्यादा दानवता जिसको प्यारी है । वो आतंकवाद ही है जिसने एक मजहब को बदनाम... Hindi · कविता 401 Share Rita Singh 24 Sep 2016 · 1 min read मेरा सौर मंडल इस दुनिया की छोटी सी आकाश गंगा में एक नन्हा सौर मंडल है मेरा । मेरे प्रिय वर हैं सूरज उसके मैं उनसे रोशन धरती हूँ , उनसे ही है... Hindi · कविता 1k Share Rita Singh 24 Sep 2016 · 1 min read बिन बेटी ममता न पूरी बिन बेटी ममता न पूरी माँ की कितनी आस अधूरी । बेटी है हर घर का गहना बिन बेटी सब आँगन सूना । बेटी बिना त्योहार अधूरे बेटी बिना संस्कार... Hindi · कविता 573 Share Rita Singh 23 Sep 2016 · 1 min read चिट्ठी कितनी सच्ची थी चिठ्ठी कितनी अच्छी थी चिठ्ठी । सुख- दुख मेरे ले जाती थी मन की अपने कह जाती थी , मेरे अपनों की गाथा कुछ ही शब्दों में... Hindi · कविता 301 Share Rita Singh 22 Sep 2016 · 1 min read अंतर्वेदना बहुत रोई थी उस दिन मेरी संवेदना जब मेरी माँ ने मेरी होने वाली बहन को उसके जन्म लेने से पहले ही अपने गर्भाश्य की छोटी सी दुनिया से निकाल... Hindi · कविता 1 1 810 Share Rita Singh 22 Sep 2016 · 1 min read नेह नेह की परिभाषा क्या है ? नेह की अभिलाषा क्या है ? नेह बगिया में खिलता फूल नेह मानव की प्यारी भूल । नेह ही नेह का है अहसास नेह... Hindi · कविता 538 Share Rita Singh 21 Sep 2016 · 1 min read ' देख जवानों की कुर्बानी' देख जवानों की कुर्बानी आज तिरंगा भी रोया है । जाग उठा जनमत भारत का बीज एकता का बोया है । रोष है छाया अब लो बदला शोर मचा है... Hindi · कविता 446 Share Previous Page 2