अंतर्तम प्रकाशित कर लो
भौतिक जग में उजियारे संग
अतंर्तम प्रकाशित कर लो ।
जय पाओ मन के अंधियारे पर
अंधकार धरा का सब हर लो ।
करें कामना सबके हित की
सबके हित में अपना हित हो
दीप जलें तो जलें प्रेम के
द्वेष भरा न कोई चित्त हो ।
डॉ रीता
आया नगर,नई दिल्ली ।