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वक्त निकल गया
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
बस तेरी अब याद है......(तर्ज़ -चुपके-चुपके रात दिन )
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
बेटी का हक़
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
कुछ सोच रहा हूँ मैं....
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
उसे पाने की ख़ातिर.....
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
मातृ -पितृ भक्ति के दोहे
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
इश्क़ किसे कहते है?
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
कुछ अगर -मगर, कुछ काश में रहे...
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
राम कथा ही गाऊँगा
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
तुम मेरी ही मधुबाला.....
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
उपसंहार
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
शाम भी ढल गई
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
एक नया सवेरा होगा
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
वक्त कहीं थम सा गया है....
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
ये लोग
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
दीवाना हूँ प्रेम गीत गाता हूँ
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
कुछ भी साथ न जाएगा बन्दे
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
याद में तेरी मेरे मोहन
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
खुद को खुली एक किताब कर
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
मनमीत मेरे तुम हो
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
मैं कौन हूँ? मेरा कौन है? सोच तो मेरे भाई
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
लज्जा
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
बैठो दो घड़ी पेड़ो की छाँव में
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
गुजरा ज़माना
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
इकरार
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
जमाने वाले
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
सत्संग की ओर
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
क्या हम वास्तविक सत्संग कर रहे है?
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
जमाने वाले
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
इकरार
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
गुजरा जमाना
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
बैठो दो घड़ी पेड़ों की छांव में
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
लज्जा
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
विचारिए क्या चाहते है आप?
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
कोई विरला ही बुद्ध बनता है
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
आत्मस्वरुप
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
पहला प्यार सबक दे गया
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
संसार का स्वरूप(3)
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
संसार का स्वरूप (2)
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
संसार का स्वरूप
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
मैं कौन हूँ?मेरा कौन है ?सोच तो मेरे भाई.....
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
मनमीत मेरे तुम हो
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
न कहर ना जहर ना शहर ना ठहर
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
राह हूं या राही हूं या मंजिल हूं राहों की
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
चंद किरणे चांद की चंचल कर गई
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
ना चराग़ मयस्सर है ना फलक पे सितारे
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
उसके सवालों का जवाब हम क्या देते
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
जिंदगी क्या है?
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
ताउम्र लाल रंग से वास्ता रहा मेरा
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
देखकर उन्हें देखते ही रह गए
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"