प्रमिला तिवारी 30 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid प्रमिला तिवारी 18 Jul 2021 · 1 min read भोजपुरी "ग़जल" #भोजपुरी ग़जल# "ग़ज़ल" दूर कइसन हो गइल बा आदमी से आदमी । खो गईल बा जिंदगी में आदमी के सादगी। जिंदगी के राह मे शिकवा शिकायत ढेर बा , छोड़... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 540 Share प्रमिला तिवारी 7 Jul 2021 · 1 min read ग़जल प्राण सखा श्री कृष्ण भोजपुरी ग़ज़ल प्रयास 122 122 , 122 122 सुना दी सुना दी, मुरलिया सुना दी। मधुर प्रेम से श्याम,ज़ीनगी खिला दी। रहब आप से दूर कैसे... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 307 Share प्रमिला तिवारी 5 Jul 2021 · 1 min read मतगयंद सवैया विधा -- मत्तगयंद सवैया छन्द विषय-- पावस 1. पावस आइल बा सजनी चल साजन के पतिया लिखवाईं। दादुर मोर पपीहा पुकारत पीर जिया सब बात बताईं। मोहि डरावत बा बदरा... Bhojpuri · सवैया 3 2 702 Share प्रमिला तिवारी 3 Sep 2017 · 1 min read गीत हृदय में मिले थे तुम्हीं गीत बनकर चले तुम गए दृग में आँसू सजाकर बस गये हो तुम सितारों में जाकर यादों में आकर बरसने लगे हो जब से गए... Hindi · गीत 1 1 650 Share प्रमिला तिवारी 2 Mar 2017 · 1 min read कविता "मीत जिन्दगी" गम उठाने के लिए हीं जिन्दगी होती है । कब सुख से भरपूर ये जिन्दगी होती है । जिसने दुख से नाता बना लिया उसकी , फूल सी... Hindi · कविता 2 379 Share प्रमिला तिवारी 6 Feb 2017 · 1 min read मुक्तक "जिन्दगी" शाम की कुछ गीत गाने दे मुझे । आजमाना हो गया मुस्कुराने दे मुझे । रात दिन डुबी हुई , मै किसी की याद मे, इस लिए कह रही... Hindi · मुक्तक 1 301 Share प्रमिला तिवारी 6 Feb 2017 · 1 min read मुक्तक फिर वही यादें भूली बिसरी हुई आई । संग मीठी मधुर खुशबू ,बिखरी हुई आई । लौट आई हवा वसंती भी ,आंगन मे मेरे , सजी सवंरी रूत बीती ,फरवरी... Hindi · मुक्तक 1 1 302 Share प्रमिला तिवारी 1 Feb 2017 · 1 min read मुक्तक "याचना" हे वीणा धारण करने वाली माता सरस्वती । अज्ञान को दूर करने वाली माता सरस्वती । परमेश्वरी कुबद्धिरूपी अंधकार दूर करना देवि सदा मंगल करने वाली माता सरस्वती ।... Hindi · कविता 1 334 Share प्रमिला तिवारी 1 Feb 2017 · 1 min read कविता "याचना" हे वीणा धारण करने वाली माता सरस्वती । अज्ञान को दूर करने वाली माता सरस्वती । परमेश्वरी कुबद्धिरूपी अंधकार दूर करना देवि सदा मंगल करने वाली माता सरस्वती ।... Hindi · कविता 293 Share प्रमिला तिवारी 31 Jan 2017 · 1 min read कविता "वंदना" मातु सरस्वती जय वीणा पाणी । जय हो जय देवी ,विद्यारूपिणी । सप्त स्वरों की तू है महारानी वेद पुरान भी महिमा न जानी । "माँ"दीप जला दे सप्त... Hindi · कविता 425 Share प्रमिला तिवारी 25 Jan 2017 · 1 min read कविता कल- कल करती नदिया कहती । जीवन भी एक नदी सी बहती । बह गई जो धारा यहाँ से, लौट कभी क्या आया करती । चलना चलते जाना जीवन रोके... Hindi · कविता 875 Share प्रमिला तिवारी 10 Jan 2017 · 1 min read कविता "बेटियाँ" अब परिचय की मोहताज नही बेटियाँ आज माँ पिता की सरताज हैं बेटियाँ । गंगा जैसी निर्मल,अग्नि सी निश्च्छल शीतल समीर की झोंका हैं बेटियाँ । प्राण वायु हम... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 787 Share प्रमिला तिवारी 10 Jan 2017 · 1 min read कविता "हमारी बेटियाँ" अब परिचय की मोहता नही बेटियाँ आज माँ पिता की सरताज हैं बेटियाँ । गंगा जैसी निर्मल,अग्नि सी निश्च्छल शीतल समीर की झोंका हैं बेटियाँ । प्राण वायु... Hindi · कविता 1 318 Share प्रमिला तिवारी 1 Jan 2017 · 1 min read कविता नये वर्ष मे असंख्य खुशियँ मस्तियाँ, अपने मे समेटे, धरती पे बिखराने ! आय है नया वर्ष आज तो बस नई सुबह है नई किरणका, उठकर स्वागत करें, बरबस लगे... Hindi · कविता 265 Share प्रमिला तिवारी 31 Dec 2016 · 1 min read मुक्तक हिम्मत न रूकता ,कभी आंधियों से ना सहमता कभी , बरबादियों से चाहा जो हिम्मत, फिर करके छोड़ा हिम्मत न हिलता,कभी दुश्वारियों से प्रमिला श्री Hindi · मुक्तक 476 Share प्रमिला तिवारी 31 Dec 2016 · 1 min read हिम्मत न रूकता ,कभी आंधियों से सहमता ना कभी ,बरबादियों… हिम्मत न रूकता ,कभी आंधियों से सहमता ना कभी ,बरबादियों से चाहा जो हिम्मत, फिर करके छोड़ा हिम्मत न हिलता कभी, दुश्वारियों से प्रमिला श्री Hindi · कविता 1 237 Share प्रमिला तिवारी 31 Dec 2016 · 1 min read मुक्तक हिम्मत न रूकता ,कभी आंधियों से सहमता ना कभी ,बरबादियों से चाहा जो हिम्मत, फिर करके छोड़ा हिम्मत न हिलता कभी, दुश्वारियों से। © प्रमिला श्री Hindi · मुक्तक 256 Share प्रमिला तिवारी 30 Dec 2016 · 1 min read कविता साथ जिन्दगी के दर्द का इम्तिहान तो रोज देते हैं भोर होते ताजगी मे नहा लेते हैं । पन्ने पलट जाते हैं रोज जिन्दगी के जख्म छुपा कर मुस्कुरा लेते... Hindi · कविता 256 Share प्रमिला तिवारी 16 Dec 2016 · 1 min read मुक्तक "प्रिय मिलन" सखि भला किस बिधि सुर को सजाऊँ मैं आज आऐंगे मीत पिया ,मन हीं मन मुस्काऊँ मैं आज । मै कुसुम मृदुल आहत मन मेरा, था चातक सा... Hindi · मुक्तक 1 284 Share प्रमिला तिवारी 10 Dec 2016 · 1 min read मुक्तक मै सोचती हूँ कुछ बातें कभी-कभी जो जन्म लेगा मानव अभी-अभी उनकी नन्हीं - नन्ही हथेलियों मे खंजर या लेखनी होगी दबी-दबी । प्रमिला श्री Hindi · कविता 295 Share प्रमिला तिवारी 9 Dec 2016 · 1 min read कविता "सफर तुमसे" अनचिन्हे से राहों मे निशां कदमों के तुम्हारे चिन्हित है अमिट लकीरें राह दिखाती साथ चलती ख्यालों मे हमारे धड़कती, साँसे बिन हवा की चलती अंतस के भीतर... Hindi · कविता 422 Share प्रमिला तिवारी 8 Dec 2016 · 1 min read कविता "तुम्हारी यादे" जब तुम नही हो अब आस पास होता क्यों हर पल तुम्हारा एहसास रूहकी गहाईयों से उठती कोई आवाज जाने कैसी रहती ये अनजानी तलाश कोहरे के बीच... Hindi · कविता 1 342 Share प्रमिला तिवारी 3 Dec 2016 · 1 min read मुक्तक याचना जय हे माँ सरस्वती तू है पालनकारिणी शिव कल्याणी मातु भवानी, वीणा पाणी अंधी पथिक मै, राह भूली विजन वन मे सरल अभिव्यक्ति,दो माँ मुझे सजल वाणी प्रमिला श्री Hindi · कविता 265 Share प्रमिला तिवारी 1 Dec 2016 · 1 min read कविता सर्द हवा इन दिनों दस्तक सुखी -सुखी, सर्द हवाओं का एक हिस्से मे सर्द एक हिस्से मे थोड़ा दर्द का यादों मे है सीलन सा कुछ कुछ गीलेपन का हवा... Hindi · कविता 1 371 Share प्रमिला तिवारी 29 Nov 2016 · 1 min read मुक्तक रोको ये मंजर, बदल दो नजारा कुछ भी करो, अब ना हो ये दुबारा गंदे पड़ोसी की हो जाए छुट्टी कहता है खुलकर तिरंगा हमारा । _______प्रमिला श्री Hindi · मुक्तक 1 455 Share प्रमिला तिवारी 29 Nov 2016 · 1 min read मुक्तक नमन शहीदों को, गंदा पाकिस्तान रोको ये मंजर, बदल दो नजारा कुछ भी करो, अब ना हो ये दुबारा गंदे पड़ोसी की हो जाए छुट्टी कहता है खुलकर तिरंगा हमारा... Hindi · मुक्तक 1 239 Share प्रमिला तिवारी 29 Nov 2016 · 1 min read लेख "शरद के रंग" सागर का जल शान्त गम्भीर सारी वस्तुऐं स्वभाविक रूप से सुन्दर, आकाश भी जल की भाँति निर्मल श्याम मेघो का उमड़ना रूक गया है। दिन मे कड़ी... Hindi · लेख 268 Share प्रमिला तिवारी 27 Nov 2016 · 1 min read मुक्तक हर तरफ लगी होड़ ,ये दौड़ कैसी है मानवी आधार भी ताख पर रखी जैसी है जीवन के सुखद पहलू भी नजर अंदाज कर हर इंसान शेर की सवारी कर... Hindi · कविता 1 320 Share प्रमिला तिवारी 26 Nov 2016 · 1 min read मुक्तक बिन हवा के खूशबू कभी बिखरती नही नही खिले फूल तो बगिया सवंरती नहीं राहों मे बिछे फूल हीं फूल नहीं काटें भी हैं बिन चुभे पाँव मे कांटे मंजिल... Hindi · मुक्तक 270 Share प्रमिला तिवारी 26 Nov 2016 · 1 min read मुक्तक संकट मे कोई साथ दे , ऐसा होता कहाँ मदद पर कोई आ जाए , ऐसा होता कहाँ ना टुटे आत्म बल डोरी कभी अपनी किसी भरोषे पर बात बने... Hindi · मुक्तक 1 429 Share