Suneel Pushkarna Tag: कविता 48 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Suneel Pushkarna 11 May 2020 · 1 min read मधुशाला मंदिर-मस्जिद बंद कराकर , लटका विद्यालय पर ताला ! सरकारों को खूब भा रही , धन बरसाती मधुशाला ... डिस्टेंसिंग की ऐसी तैसी , लाकडाउन को धो डाला ! भक्तों... Hindi · कविता 4 529 Share Suneel Pushkarna 27 Apr 2020 · 1 min read दर्द की आवाज़ हूँ। ज़िन्दगी ख़ुशी की मुसलसल तलाश है फिर मिलती नहीं है क्यों जब इतनी पास है? मिल जाये भी तो मेहमां होती है कुछ पलों की बुझती ही नहीं यह कैसी... Hindi · कविता 6 5 1k Share Suneel Pushkarna 27 Apr 2020 · 1 min read अ से ज्ञ हिन्दी वर्णमाला का क्रम से कवितामय प्रयोग-बेहतरीन है *अ* चानक *आ* कर मुझसे *इ* ठलाता हुआ पंछी बोला *ई* श्वर ने मानव को तो *उ* त्तम ज्ञान-दान से तौला *ऊ*... Hindi · कविता 5 4 778 Share Suneel Pushkarna 27 Apr 2020 · 1 min read वो तुम "हो" चाँद सी मोहक अदाएं हैं जिसकी... वो तुम "हो" पवित्र चन्दन सा आकर्षण कुमकुम सी कोमलता है जिसकी... वो तुम हो दीप सी दमकती आभा है जिसकी... वो तुम हो... Hindi · कविता 3 2 333 Share Suneel Pushkarna 1 Sep 2018 · 1 min read वो तुम हो चाँद सी मोहक अदाएं हैं जिसकी... वो तुम हो पवित्र चन्दन सा आकर्षण कुमकुम सी कोमलता है जिसकी... वो तुम हो दीप सी दमकती आँखे हैं जिसकी... वो तुम हो... Hindi · कविता 2 3 464 Share Suneel Pushkarna 17 Apr 2018 · 1 min read रात आँखों में गुजरी फिर भी बहुत छोटी थी कल रात मेरा चाँद मेरी बाँहों में पिघल रहा था सुलगते बदन में कैसे कोई कैसे रह सकता है...? चांदनी की अगन... Hindi · कविता 1 333 Share Suneel Pushkarna 17 Apr 2018 · 1 min read आओ थोडा प्यार कर लें आओ थोडा प्यार कर लें चूम लें तुम्हे आंसुओं से धुली आँखों की पाक नज़रों में बसी उदासी को विरह में जलते ह्रदय से उठती भाप से सूखे पपडाए होंठो... Hindi · कविता 2 262 Share Suneel Pushkarna 30 Nov 2017 · 2 min read मेरी कोई जायदाद नहीं मेरी कोई जायदाद नहीं एक दिन मैं तन्हा बैठा था अपने मकान में, चिड़िया बना रही थी घोंसला रोशनदान में. पल भर में आती .. पल भर में जाती थी... Hindi · कविता 1 1k Share Suneel Pushkarna 14 Nov 2017 · 1 min read बाल दिवस" सभी बालक-बालिकाओं को "बाल दिवस" की अनंत शुभकामनाएं... 14 नवम्बर "बाल दिवस" छोटा सा जीवन है बच्चों बनाना तुम भी बड़े महान फिर जग में चाचा नेहरू सा अमर रहेगा... Hindi · कविता 1 252 Share Suneel Pushkarna 11 Jun 2017 · 1 min read "नश्वर जगत" "नश्वर जगत" देह वस्त्र है, सांसारिकता सर्वत्र दृष्टिगत है विलीन हो जाना है इसे यही सत्य है... तथापि मिथ्या, प्रपंच, आडम्बर सर्वत्र है काया का दर्प, माया का अभिमान मनुष्य... Hindi · कविता 2 912 Share Suneel Pushkarna 16 Apr 2017 · 1 min read ऐसा जीवन क्लेष,ईर्ष्या,द्वेष,क्रोध रुपी अनल का प्रभंजन यज्ञ की आहुति,उपासना एवं हवन शुद्ध,सुरभित जीवन,निर्मल मन जैसे अग्नि से तप्त हो स्वर्ण हुआ कुंदन ऐसे ही सद्भभाव की ज्वाला से प्रदीप्त हो गृह... Hindi · कविता 1 411 Share Suneel Pushkarna 11 Apr 2017 · 1 min read भगवान "भगवान" भूमि गगन वायु अग्नि नीर इन पांच तत्तवों से मिलकर बनता है "भगवान" अर्थात हम सब "भगवान" हैं... परन्तु अपने कर्मोँ के अनुसार कहलाते हैं- भगवान,इंसान,शैतान सुनील पुष्करणा Hindi · कविता 1 2 474 Share Suneel Pushkarna 11 Apr 2017 · 1 min read ईश्वर भूमि, अग्नि, वायु, गगन, नीर के सम्मिश्रण के साथ ईश्वर सृष्टि के कण-कण में है व्याप्त मनुष्य इन्हीं पंचतत्वों का है मिलाप... कर्मों से है मानव-दानव का प्रताप मानवता है... Hindi · कविता 1 340 Share Suneel Pushkarna 9 Apr 2017 · 1 min read व्यथित पर्यावरण व्यथित पर्यावरण अंगार चण्ड निदाघ ताप धिक् मानव किया तूने प्रकृति का सत्यानाश भू-स्खलन,पर्वत स्खलन,मृदा अपर दन परितंत्र का क्षरण, प्रदूषण का प्रभंजन नगाधिराज हतप्रभ निस्तब्ध ग्लानि नहीं तुमको लेशमात्र... Hindi · कविता 1 572 Share Suneel Pushkarna 6 Apr 2017 · 1 min read वैशाखी आयी वैशाखी आयी शस्योत्सव हरित जड़ित नवान्न की झांकी आई हुई प्रकृति नन्दित तरु, विटप पर स्वर्ण क्रान्ति आई नव बालियों की मुक्ता से अलंकृत नव-वधू प्रकृति पर अनुपम कान्ति आई... Hindi · कविता 1 261 Share Suneel Pushkarna 6 Apr 2017 · 1 min read प्रणय मुकुलन प्रणय मुकुलन विरह के अश्रु बिंदु पर मिलन का इंद्रधनुषी रंग देखा है करुण -वियोग की ज्वाला में प्रणय का रुदन देखा है प्रतीक्षारत दृगों में प्रेम का अमिट रंग... Hindi · कविता 1 329 Share Suneel Pushkarna 6 Apr 2017 · 1 min read आशा आशा आशा, संकल्प, श्रद्धा, ज्ञान का कर वरण तिमिर ने ओढा शुभ्र वितान आ रहा अब अलौकिक,दिव्य विहान संवेदना का किरीट,स्वर्णरश्मि का दिव्य ज्ञान प्रशस्त है नव दिशा, नूतन आयाम... Hindi · कविता 1 361 Share Suneel Pushkarna 28 Mar 2017 · 1 min read मंगलकारी नवरात्रि चैत्र मास की वासन्तिक मंगलकारी नवरात्रि आदिशक्ति माता का पदार्पण ,करें हम आरती नैवेद्य, अक्षत, रोली, पुष्प-प्रसाद सह माता को असीम श्रद्धा पुकारती सुस्वागतम् माता करें हम तेरी आरती चित्त... Hindi · कविता 304 Share Suneel Pushkarna 24 Mar 2017 · 1 min read आह्वान आह्वान संस्कृति की गात पर डार, द्रुभ, पात-पात पर आज पुनः हम आचार, नैतिकता, मानवता का आह्वान करें... द्वेष, भ्रष्टाचार, आडम्बर, अहंकार का त्याग करें... शुचिता, पवित्रता, मर्यादा परहित कामना... Hindi · कविता 1 279 Share Suneel Pushkarna 20 Mar 2017 · 2 min read भगवे की है उठी सुनामी "भगवे की है उठी सुनामी , संग मे यूपी डोली है ," "सीएम अपना माँग रही ये , योगी योगी बोली है........" "गोरखपुर बड़भागी है जो , योगी योगी गाता... Hindi · कविता 734 Share Suneel Pushkarna 8 Mar 2017 · 1 min read महिला दिवस "एक विवाह ऐसा भी"- की सभी महिला कलाकारों को महिला दिवस पर समर्पित------ सृष्टि रचयिता, भक्ति स्वरूपा, ममता की पावन सरिता विविध रूप ऐ तेरे वनिता... "कलावती" का विराट स्वरूप... Hindi · कविता 376 Share Suneel Pushkarna 8 Mar 2017 · 1 min read महिला दिवस वेदों में माता तुम, पुराणों की गाथा तुम नव स्वरूपों की अधिष्ठाता तुम... जननी, सुता, सहचरी, प्राण निहित है तुममे सृष्टि का कल्याण... सरस्वती रूपा ज्ञान-विज्ञान शक्ति स्वरूपा दुर्गा के... Hindi · कविता 330 Share Suneel Pushkarna 5 Mar 2017 · 1 min read होली होली ना शीत, ना ही पावस की जलधार... है ये इंद्रधनुषी फाल्गुनी बयार... इंदु गर्वित है नव यौवन से धरा-नभ प्रफुलित है सब रंग से मादक हो मन मयूर गुलाल... Hindi · कविता 1 312 Share Suneel Pushkarna 5 Mar 2017 · 1 min read होली होली फाल्गुन के सतरंगी कलश का उपहार करो "देव राज मित्तल" से स्वीकार सर्वश्री आदरणीय "जसबीर" संग "दिग्विजय" मस्तक पर शोभित करुँ स्नेहिल अबीर सादर "माँ सा" के कर चरण... Hindi · कविता 565 Share Suneel Pushkarna 5 Mar 2017 · 1 min read होली होली ना शीत, ना ही पावस की जलधार है ये आदरणीय "कलावती" की इंद्रधनुषी फाल्गुनी बयार... "संजना" गर्वित है नव यौवन से "अंतरा" प्रफुलित है सब रंग से.... "सुमन" का... Hindi · कविता 356 Share Suneel Pushkarna 16 Jan 2017 · 1 min read नववर्ष नववर्ष पर मेरे विचारों का यह अनुअंकन व्यतीत होते वर्ष को करे प्रणाम दीं जिसने हमें सुखद अनुभूतियाँ,सान्निध्य में जिसके विस्मृत हो गईं सकल विसंगतियां माता-पिता, अग्रजों का स्नेहिल आर्शीवचन... Hindi · कविता 485 Share Suneel Pushkarna 16 Jan 2017 · 1 min read मोदी-गांधी "मोदी" किस अधिकार से तू चरखे से फोटो जोड़ आया था...? "गांधी" बैरिस्टर बड़े घर का सभी कुछ छोड़ आया था... "मोदी" कभी कुर्ता तेरा मैला, और अब है, सूट... Hindi · कविता 262 Share Suneel Pushkarna 2 Jan 2017 · 1 min read नूतन वर्ष मांगलिक अभिनन्दन नववर्ष पर मेरे विचारों का यह अनुअंकन व्यतीत होते वर्ष को करे प्रणाम दीं जिसने हमें सुखद अनुभूतियाँ,सान्निध्य में जिसके विस्मृत हो गईं सकल विसंगतियां माता-पिता, अग्रजों का स्नेहिल आर्शीवचन... Hindi · कविता 1 2 1k Share Suneel Pushkarna 7 Dec 2016 · 1 min read प्रेम "प्रेम" एक व्यापक एवं दिव्य शब्द है..असीम अनुराग में मनुष्य स्नेहासिक्त हो अपने प्रिय हेतु सर्वसमर्पित होता है... माता-पिता,भगिनी-भ्राता,पुत्र-पुत्री,पति-पत्नी प्रियतम आदि विविध स्वरूपों में जब प्रेम अपनी पराकाष्ठा को प्राप्त... Hindi · कविता 1 521 Share Suneel Pushkarna 24 Nov 2016 · 1 min read शुभ प्रभात हमारा व्योम के उर से उदित कर अठखेलियां रवि अपनी रश्मि के साथ तुम्हे नव स्फूर्ति, नूतन ऊर्जा का दे संचार वो क्षण तुम्हे शुभ प्रभात हमारा निशब्द अपराह्न की एकाकी... Hindi · कविता 1 2 909 Share Suneel Pushkarna 2 Nov 2016 · 4 min read सुविचार 1 बड़ी मंज़िलों के मुसाफ़िर छोटा दिल नहीं रखते...! 2 मैं धर्म में विशवास रखता हूँ... इसीलिए ईश्वर और शांति में विशवास रखता हूँ...! 3 ज़रूरत के वक़्त ख़ुदा को... Hindi · कविता 649 Share Suneel Pushkarna 1 Nov 2016 · 1 min read दूरियां दूरियां दूरियां प्यार को कभी ख़त्म नहीं कर सकती....बल्कि बढ़ा देती हैं एक-दूसरे की महत्ता को.... कभी नदी किनारे नर्म ठंडी रेत पर बैठकर डूबते हुए सूरज को निहारता हूँ....... Hindi · कविता 1 311 Share Suneel Pushkarna 1 Nov 2016 · 1 min read रिश्तों का फूल रिश्तों का फूल मन में थी मिलने की इच्छा... तभी तो गणपति ने हमको मिलाया है... किसी से नहीं किया, सलाह मशवरा... फिर भी हमने रिश्तों का फूल खिलाया है...... Hindi · कविता 603 Share Suneel Pushkarna 1 Nov 2016 · 1 min read "मेरी यादें" "मेरी यादें" मैं फिर से बैंक कॉलोनी के अंतिम मकान में जाना चाहता हूँ... कुछ कच्चे-कुछ पक्के अमरुद और अनार तोड़ना चाहता हूँ मिटटी में करना चाहता हूँ अठखेलियां और... Hindi · कविता 336 Share Suneel Pushkarna 31 Oct 2016 · 1 min read उदास घर दिल्ली पहुंचने पर बंद पड़े दरवाज़े पर नहीं कर रहा था कोई इन्तजार सूखे हुए कुछ पत्ते और कबूतरों की बीठ सीढि़यों को ढाँपे हुए थीं... न सत्कार में जुड़े... Hindi · कविता 333 Share Suneel Pushkarna 7 Aug 2016 · 1 min read मित्रता सभी मित्रों को "मित्रता दिवस" की शुभकामनाएं--------- मित्रता एक अक्षर नहीं... शब्द नही...पंक्ति नहीं... गद्य नहीं...कोई पद्य नहीं... मित्रता तो पवित्र "चारु" है..."आराधना" है "अर्चना" है..."आरती" है भावना है...एहसास है ... Hindi · कविता 804 Share Suneel Pushkarna 30 Jul 2016 · 1 min read अवध ना रही है सुबह-ए-बनारस ना ही रही है शाम-ए-अवध ना ही नवाबों की नफ़ासत ना ही तहज़ीब और ना ही नज़ाकत... रौनक-ए-अवध चली गई ईमान-ए-अवध चला गया वो शोख़ियां चली गई... Hindi · कविता 1 577 Share Suneel Pushkarna 26 Jul 2016 · 1 min read इश्क़ जब भी बैठता हूँ कुछ लिखने डूब जाता हूँ उनकी यादों के समंदर में मदहोश कर देती हैं उनकी यादें क्यूंकि.... इश्क़-ए-मौहब्बत की स्याही अब सूख चुकी है.... सुनील पुष्करणा Hindi · कविता 369 Share Suneel Pushkarna 26 Jul 2016 · 1 min read सत्य" नहीं "अर्धसत्य" ये "सत्य" नहीं "अर्धसत्य" है... बरसों से "कलम" भी बिकती है "कलमकार" भी बिकता है... तभी तो सरेबाज़ार "विद्या की किताबें" बिकती हैं सुबह-सुबह "अखबार" बिकता है... दुनिया ज़रूर पलट... Hindi · कविता 405 Share Suneel Pushkarna 26 Jul 2016 · 1 min read मखमली बदन अक्षर-दर-अक्षर शब्द-दर-शब्द जोड़कर बनाता हूँ कुछ पंक्तियाँ... कुछ गीत... कुछ कविताएँ... जिन्हे उतारना चाहता हूँ तुम्हारे मखमली बदन के केनवास पर तुम्हारे प्रेम के रंग में.....रंग कर Suneel Pushkarna Hindi · कविता 1 825 Share Suneel Pushkarna 26 Jul 2016 · 1 min read मोदी-मोदी दूध से सफ़ेद बाल दूध सी सफ़ेद दाढ़ी ढक देते हैं "मोदी" जी आपके आधे चेहरे को लगता हो जैसे बादलों ने ढांक रखा हो चांद को... लेकिन जब भी... Hindi · कविता 474 Share Suneel Pushkarna 25 Jul 2016 · 1 min read पूस की इस चांदनी रात पूस की इस चांदनी रात तुम चलोगी कुछ दूर साथ? जवानी के जिस रस्ते पर मै चल रहा था वो मुझे सपने में ले जा रहा था मेरे पास साहस... Hindi · कविता 517 Share Suneel Pushkarna 25 Jul 2016 · 1 min read विलीन हो जाता है "विलीन" धरा के कोख़ में एक बीज.... विशाल दरख़्त में परिवर्तन पाने के लिए धरा के साथ विद्रोह एवं क्रान्ति कर... धरा के सीने को चीर कर... Hindi · कविता 1 395 Share Suneel Pushkarna 25 Jul 2016 · 1 min read दफ़न अपने आप में ही दफ़न हुए जाते हैं फिर भी शिकायत है इस ज़माने को हम इसे समझ नहीं पाते हैं इसको समझने में अपने को समझाने में ये उम्र... Hindi · कविता 1 267 Share Suneel Pushkarna 25 Jul 2016 · 1 min read समुद्र मंथन यदि एक बार फिर से हो जाए... "समुद्र मंथन" तो नहीं होगी लड़ाई "अमृत" के लिए... अब तो लड़ाई होगी "विष" के लिए क्यूंकि लम्बी उम्र के आशीर्वाद भी अभिशाप... Hindi · कविता 1 868 Share Suneel Pushkarna 25 Jul 2016 · 1 min read वक़्त घड़ी की टिक-टिक करके बढ़ती सुइंयाँ कर जाती हैं इशारा... पल भर में देखना चाहते हो जितना... देख लो उतना... क्यूंकि अगला पल मैंने किसी और के नाम कर रखा... Hindi · कविता 1 458 Share Suneel Pushkarna 25 Jul 2016 · 1 min read सफर सफर में साथ चलने वाले सभी तो नहीं होते हमसफ़र सभी तो होते हैं नितान्त,अजनबी जिन से नहीं होता कुछ भी परिचय फिर भी सफर में ये बन जाते हैं... Hindi · कविता 1 270 Share Suneel Pushkarna 25 Jul 2016 · 1 min read अजनबी अजनबी के साथ सफर में हम सफर बनना कितना अच्छा लगता है उस वक्त नहीं होती कहीं उम्र नहीं होता कोई बन्धन होता है तो बस साथ चलते रहने का... Hindi · कविता 1 499 Share