डॉ०प्रदीप कुमार दीप 117 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डॉ०प्रदीप कुमार दीप 2 Apr 2017 · 7 min read राष्ट्र निर्माण और विकास में महिलाओं की भूमिका " राष्ट्र निर्माण और विकास में महिलाओं की भूमिका " ============================ "नारी" विधाता की सर्वोत्तम और नायाब सृष्टि है | नारी की सूरत और सीरत की पराकाष्ठा और उसकी गहनता... Hindi · लेख 4 3 29k Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 30 Apr 2017 · 4 min read साहित्य समाज का दर्पण है " साहित्य समाज का दर्पण है " ------------------- लेखन ऐसा चाहिए,जिसमें हो ईमान | सद्कर्म और मर्म ही,हो जिसमें भगवान || --------------------------- जिस प्रकार आत्मा और परमात्मा का बिम्ब एक... Hindi · लेख 1 13k Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 20 Mar 2017 · 4 min read भारतीय संस्कृति की विशेषता तथा बचाने के उपाय " भारतीय संस्कृति की विशेषता तथा बचाने के उपाय " ----------------------------------------------------- " संस्कृति " एक ऐसी ऐतिहासिक सांस्कृतिक , भौगोलिक , दार्शनिक और नीतिगत मानवीय व्यवस्था है , जिसमें हम... Hindi · लेख 7k Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 16 Apr 2017 · 3 min read स्वाभिमान बनाम अभिमान " स्वाभिमान बनाम अभिमान " --------------------------------------- सांख्य दर्शन की 'प्रकृति' की तरह ही मानवीय रचना भी त्रिगुणमयी है ,जिसमें सत्व ,रज और तम गुणों की प्रधानता पाई जाती है |... Hindi · लेख 2 6k Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 10 Apr 2017 · 3 min read भारत में लोकतंत्र : उद्देश्य एवं उपलब्धियाँ "भारत में लोकतंत्र : उद्देश्य एवं उपलब्धियाँ " ============================ जन का जनता के लिए ,जन का ऐसा कार | अपनी मर्जी से चुनें , सुयोग्यतम सरकार || ----------------------------------------------------- " लोकतंत्र... Hindi · लेख 1 4k Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 2 Feb 2017 · 1 min read झलकारी बाई "झलकारी बाई" झलकारी की झलक देखकर , वो बुन्देले भी हाँफ गये...... जब उतरी वो समरभूमि में , गौरे भी थर-थर काँप गये || जमुना-कोख से पैदा हुई ,... Hindi · कविता 5 4 4k Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 24 Apr 2017 · 4 min read धार्मिक सहिष्णुता बनाम राष्ट्रीय एकता " धार्मिक सहिष्णुता बनाम राष्ट्रीय एकता " ============================ धार्मिक सहिष्णुता को समझने के लिए "धर्म " और "सहिष्णुता' के वास्तविक मर्म को समझना जरूरी है | क्यों कि धर्म और... Hindi · लेख 4k Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 18 Jan 2018 · 2 min read पुस्तक समीक्षा : रामायण प्रसंग (लेखक- श्री मनोज अरोड़ा) राजस्थान के लब्धप्रतिष्ठित लेखक , समीक्षक , और सामाजिक कार्यकर्ता श्री मनोज अरोड़ा की पुस्तक " रामायण प्रसंग " स्वामी विवेकानन्द द्वारा 31 जनवरी ,1900 ई० को अमेरिका के कैलीफोर्निया... Hindi · लेख 2 1k Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 9 Apr 2017 · 2 min read साहित्यकार और पत्रकार का समाज के प्रति दायित्व साहित्यकार और पत्रकार का समाज के प्रति दायित्व ----------------------------------------------------- लेखन ऐसा चाहिए , जिसमें हो ईमान | सद्कर्म और मर्म ही, हो जिसमें भगवान || जिस प्रकार साहित्य समाज का... Hindi · लेख 1k Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 26 Mar 2017 · 4 min read देश मेरा मेरी पहचान " देश मेरा मेरी पहचान " ------------------------------- देश मेरा है मेरी जान , सदा मेरा पल-पल अभिमान | इसकी रक्षा धर्म है मेरा , देश मेरा मेरी पहचान || ----------------------------------... Hindi · लेख 1k Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 1 Nov 2018 · 1 min read मां माँ ______ सबसे प्यारा और अनोखा ! रिश्ता अपनी "माँ" का है | तीनों लोक समा जाएेंगें..... ऐसा आँचल " माँ " का है || जननी बनकर जन्मा है और... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 12 34 1k Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 3 Apr 2020 · 2 min read बदलते मानवीय मूल्य, घटती संवेदनशीलता ! बदलते मानवीय मूल्य, घटती संवेदनशीलता ! - डॉ० प्रदीप कुमार "दीप" जन्म से मनुष्य एक जैविक प्रक्रिया का परिणाम है और सजीव जगत की सर्वोत्तम प्रजाति की चरम परिणति है... Hindi · लेख 1 2 1k Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 21 Mar 2017 · 4 min read बहू भी बेटी ही होती है " बहू भी बेटी ही होती है " ------------------------------------ "नारी" विधाता की सर्वोत्तम और नायाब सृष्टि है | नारी की सूरत और सीरत की पराकाष्ठा और उसकी गहनता को मापना... Hindi · लेख 1k Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 28 Sep 2019 · 3 min read आभासी दुनिया और युवा पीढ़ी आभासी दुनिया और युवा पीढ़ी _______________________ - डॉ० प्रदीप कुमार "दीप" प्रसिद्ध अद्वैतवादी दार्शनिक शंकराचार्य ने अपने मायावाद की स्थापना में माया की दो शक्तियों का उल्लेख किया था -... Hindi · लेख 4 5 870 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 8 Mar 2017 · 1 min read नारी गरिमा "नारी-गरिमा" ---------------- सोचती हूँ ! जब भी मैं ! एकांत में....... निर्निमेष होकर कि आखिर कौन हूँ मैं ? जो सहती रहती हूँ ! अपने ही तन-मन पर ! कभी... Hindi · कविता 779 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 23 Feb 2017 · 2 min read पतासी काकी " पतासी काकी " (लघुकथा) ----------------------- कहने को तो जमीन-जायदाद ,आलिशान घर और गाय-भैंसें सभी थी पतासी काकी के पास | लेकिन ! एक ही कमी खलती थी उसे ,... Hindi · लघु कथा 844 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 14 Jan 2018 · 2 min read पुस्तक भूमिका : महाभारत प्रसंग भूमिका ---------------- भारतीय पुरातन सभ्यता , संस्कृति, संस्कार और सद्गुणों के आलोक में महान् विभूतियों के कर्म और मर्म को जानकर उन्हें पुन: प्रतिष्ठित करते हुए सुरूचिपूर्ण ,सार्थक, सकारात्मक और... Hindi · लेख 1 746 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 8 Mar 2017 · 1 min read मैं शक्ति हूँ " मैं शक्ति हूँ " """""""""""" मैं दुर्गा हूँ , मैं काली हूँ ! मैं ममता की रखवाली हूँ !! मैं पन्ना हूँ ! मैं हाड़ी हूँ ! मैं फूलों... Hindi · कविता 768 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 2 Apr 2020 · 7 min read रामायण का नीतिमीमांसीय महत्व रामायण का नीतिमीमांसीय महत्व ______________ -डॉ० प्रदीप कुमार "दीप" मानव कल्याण की भावना से परिपूर्ण , गृहस्थ कर्त्तव्यबोध एवं कर्मयोग की दीक्षा , धर्म रक्षा एवं पालन , मानवीय मूल्यों... Hindi · लेख 3 2 857 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 15 Apr 2020 · 1 min read साक्षात्कार साक्षात्कार (लघुकथा) __________ हरिराम की उच्च आकांशा ने उसे कब क्रूर और अमानवीय बना दिया उसे पता ही नहीं चला । नित्य वन्यजीवों का शिकार कर उनका मांस और चर्म... Hindi · लघु कथा 2 726 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 28 Jan 2017 · 1 min read बेटी की व्यथा "बेटी की व्यथा " """"""""""""""""""""" माँ ! तेरी इन बाहों में....... तेरी स्नेहिल निगाहों में , तेरे आँचल की पनाहों में , एक बार तो ! ले ले तू मुझको... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 699 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 26 Apr 2017 · 1 min read पुरूष हूँ ! पुरूष हूँ ! --------------- पुरूष हूँ ! कोई पत्थर तो नहीं ! मुझमें भी है ... एहसास ! निर्मलता ! और मानवता | सदियों से ही कहते आए हैं कि... Hindi · कविता 754 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 11 Nov 2017 · 2 min read पवित्र साध्य-प्रेम " पवित्र साध्य- प्रेम " ---------------------------- रहिमन धागा प्रेम का ,मत तोड़ो चटकाय | टूटे से फिर ना जुड़े ,जुड़े गाँठ परि जाय || --------------------------------------------------- उक्त दोहे के माध्यम से... Hindi · कविता 669 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 27 Jan 2018 · 2 min read गुरू की गरिमा का अवसान ! गुरू की गरिमा का अवसान ! गुरू का पद वैदिक काल से ही सतत् गरिमामय रहा है ,पर आज अक्सर देखने में आता है कि कुछेक असामाजिक तत्वों ने गुरू... Hindi · लेख 1 652 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 1 Mar 2017 · 1 min read रोटी "रोटी" -------- रोटी कि क्या बात करें ? रोटी तो रोटी होती है | पतली-पतली गेहूँ की ! मक्के-बाजरे की मोटी है || कहीं सिकता ! तंदूर तड़पकर !! कही... Hindi · कविता 616 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 10 Aug 2018 · 1 min read सूक्ष्म आलोचना सूक्ष्म आलोचना ------------------------ सूक्ष्म-आलोचना अमृत के समान है जिसे सहर्ष स्वीकार करना अपने व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास करना है जबकि अति-प्रशंसा धीमा जहर है जो हमें विनाश की ओर ले... Hindi · लेख 1 636 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 11 Dec 2017 · 1 min read जीवन का आधार जीवन का आधार ------------------------------- जीवन का आधार प्रेम है , दिया गया आभार प्रेम है ! लैला की चलती हुई सांसें, मजनूं का एतबार प्रेम है | सीरी की आँखों... Hindi · कविता 622 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 16 May 2017 · 2 min read माँ नियति है " माँ नियति है " ------------------- माँ गीता... माँ कुरान है ! माँ आन-बान और शान है | माँ ममता है माँ त्याग है ! माँ बच्चों का भाग है... Hindi · कविता 615 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 21 Nov 2017 · 1 min read सृजना की महत्ता सृजना की महत्ता ---------------------------------- क्यों हुआ है खून का पानी ? करते रहते सब मनमानी.... जोशीले शब्दों के संग में क्यों रक्त अब बहता नहीं ?? लुट जाती नारी की... Hindi · कविता 573 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 14 Apr 2020 · 1 min read मैं भारत का संविधान हूं । मैं भारत का संविधान हूं । ___________________ गणतंत्र का सजग प्रहरी... मैं भारत का संविधान हूं । समानता का पाठ पढ़ाता , मैं विस्तृत हिन्द-वितान हूं ।। हम भारत के... Hindi · कविता 3 2 577 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 5 Mar 2017 · 1 min read खुली आँखों के सपने "खुली आँखों के सपने" ---------------------------- सत्य है ! कि देखता हूँ मैं भी खुली आँखों से सपने | वो सपने ! जो हैं अपने ! भोर में ! दोपहर में... Hindi · कविता 552 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 21 Aug 2017 · 2 min read पवित्र साध्य - प्रेम " पवित्र साध्य- प्रेम " ---------------------------- रहिमन धागा प्रेम का ,मत तोड़ो चटकाय | टूटे से फिर ना जुड़े ,जुड़े गाँठ परि जाय || --------------------------------------------------- उक्त दोहे के माध्यम से... Hindi · लेख 632 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 23 Mar 2017 · 1 min read सवा-सेर " सवा-सेर " --------------- सुखदेव भगतसिंह राजगुरू...... हिन्दुस्तान के शेर थे | कभी झुके ना ! कभी रूके ना ! वो गौरों पर ...... सवा-सेर थे || पहन बंसती चोले... Hindi · कविता 636 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 12 Apr 2017 · 3 min read पुस्तक समीक्षा " पुस्तक समीक्षा " ----------------------------- पुस्तक : बचपन पुकारे ! बालक मन के भोले गीत लेखिका : विमला महरिया "मौज " अध्यापिका ,राजकीय सावित्री बालिका उ०मा०वि० ,लक्ष्मणगढ़... Hindi · कविता 626 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 17 May 2017 · 1 min read मतलब " मतलब " --------------- मतलब...... केवल स्वार्थ नहीं ! लेकिन यह........ कोई परार्थ नहीं | बहुत से मायने हैं इस मतलब के ! जैसे कि -- अर्थ तात्पर्य समझ स्वार्थ... Hindi · कविता 1 596 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 22 Jun 2017 · 1 min read हासिल क्या ? हासिल क्या ? ---------------- मेरे त्याग और बलिदान से हासिल क्या ? हुआ मुझको !! कभी मिली दुत्कार मुझे ! तो कभी मिला कुआँ मुझको !! मैं छली गई !... Hindi · कविता 568 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 29 Mar 2017 · 1 min read नादानी " नादानी " --------------- याद है मुझे ! वो नादान........ नटखट बचपन | कितना आजाद था ? कितना मगरूर था ? ना कोई कर्तव्य ! ना कोई जिम्मेदारी ! वो... Hindi · कविता 574 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 18 Jul 2021 · 2 min read पतासी काकी " पतासी काकी " (लघुकथा) ----------------------- कहने को तो जमीन-जायदाद ,आलिशान घर और गाय-भैंसें सभी थी पतासी काकी के पास | लेकिन ! एक ही कमी खलती थी उसे ,... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 2 541 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 17 Apr 2020 · 6 min read पप्पू की बुद्धिमानी " पपलू की बुद्धिमानी " (बाल कहानी) ------------------------------- कई साल पहले ढ़ोसी गाँव में तीन चूहों के दल अपने -अपने सदस्यों के साथ निवास करते थे | जरबिल और झाऊ... Hindi · कहानी 3 562 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 27 Mar 2017 · 1 min read भोला बचपन " भोला बचपन " --------------------- खेल रहा है..... भोला बचपन ! सागर के एहसासों से | निर्मित करते एक घरौंदा ! अपने कोमल हाथों से | उम्र है छोटी सोच... Hindi · कविता 535 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 18 Aug 2017 · 1 min read मैं भारत माता हूँ "मैं भारत माता हूँ !" ------------- पहचाना मुझे ? नहीं ना !! पहचानोगे भी कैसे ? तिरंगा तो नहीं है हाथ में... शेर पर भी सवार नहीं हूँ ! मुकुट... Hindi · कविता 609 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 9 Nov 2017 · 1 min read नाज नाज होता है अक्सर तेरे दिल पर मुझे ऐसा दिल बहुत मुश्किल से मिलता है | ---------- दीप Hindi · शेर 558 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 8 Apr 2017 · 1 min read बेटी " बेटी " --------------- हरी घास पर क्षण भर बैठी ! ये भारत की शान | मन में एक उमंग है होठों पर मुस्कान || यही आन है .... यही... Hindi · कविता 561 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 1 Feb 2017 · 1 min read पद्मिनी की मर्यादा " पद्मिनी की मर्यादा " """"""""""""""""""""""""""""""""""""" उस जौहर व्रत की अग्नि में , पद्मा ने खुद को हवन किया | वो नारी थी ,वो सबला थी , शक्ति को जिसने... Hindi · कविता 563 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 3 Apr 2020 · 2 min read गुरू की गरिमा का अवसान ! गुरू की गरिमा का अवसान ! डॉ० प्रदीप कुमार "दीप" मानव कल्याण की भावना से परिपूर्ण गृहस्थ कर्त्तव्ययोगी , सृजनशीलता एवं दायित्व-बोध से युक्त गुरूओं ने इस जगत में मार्गदर्शक... Hindi · लेख 1 1 519 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 11 Apr 2017 · 1 min read हुनर " हुनर " ---------- मुझ में भी था हुनर ! टीलों पहाड़ों और वृक्षों पर चढ़ने का | बहते झरने बहती नदियों और बहती हवा की मंदित-मंदित ध्वनि का एहसास... Hindi · कविता 517 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 28 Feb 2017 · 1 min read एकाकार "एकाकार" --------------- एकाकार हुए है देखो ! कितने सुन्दर ? वृक्ष विशाल | खो रही जो .... प्रीत की थाति ! जला रहे ! उसकी मशाल || मनुज-स्नेह भी गौण... Hindi · कविता 509 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 17 Oct 2018 · 1 min read मेरे देश का क्या होगा ? आदमी का आदमी से ब्याह होगा औरत का औरत से निकाह होगा बहुत चिंता में रहता हूं आजकल मैं न जाने; मेरे देश का क्या होगा!!! चढ़ती हैं बेटियां घोड़ी... Hindi · कविता 1 1 476 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 4 Feb 2018 · 3 min read पवित्र साध्य है बेटी पवित्र साध्य है बेटी ------------------------- आन कहूँ या शान कहूँ ! मान कहूँ या मर्यादा ! खुशियों की चाबी कहूँ या हिस्सा कहूँ मैं आधा | हाँ ! सब कुछ... Hindi · लेख 1 534 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 11 Jan 2019 · 1 min read न तन तेरा न मन मेरा न तन तेरा न मन मेरा _________________ न तन तेरा ,न तन मेरा , न मन तेरा,न मन मेरा । न दिल तेरा ,न दिल मेरा , फिर होता क्यों... Hindi · कविता 2 492 Share Page 1 Next