Neelam Sharma 635 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Neelam Sharma 22 Jul 2017 · 1 min read शांत रस हर बार तुम शांत चित्त से मेरी पीड़ा हर लेते हो। कैसे हृदय दुखी मेरे को, हर्षित पुलकित कर देते हो? विरह वेदना में डूबे,मेरे तन मन को, चंचल चितवन... Hindi · गीत 1 4k Share Neelam Sharma 19 Aug 2017 · 1 min read अनुप्रास अलंकार सादर प्रेषित हर पल घटता झीना झरना सम, जीवन जल है। शनै:शनै: कम होती आयु,त्वम जीवन छल है। रह रह रतिभ्रम में मानव हृदय विकल विह्लल है । सरल सोम्य... Hindi · कविता 1 2k Share Neelam Sharma 25 Dec 2016 · 3 min read किन्नर ......माँ के नाम एक पाती , जो लिखी है रह जाती माँ के नाम एक पाती , जो लिखी है रह जाती किन्नर ...... कहते हैं मनुष्य गलतियों का पुतला है.यह सार्वविदित व स्वीकार्य भी है ,किंतु ईश्वर ! क्या ईश्वर... Hindi · कविता 1 2k Share Neelam Sharma 30 Jul 2017 · 1 min read एक भारत श्रेष्ठ भारत अद्वितीय अद्भुत अतुल्य अगम्य, भारत राष्ट्र हमारा है। दुनिया-भर मे सबसे न्यारा अति श्रेष्ठ भारत हमारा है। "एक भारत श्रेष्ठ भारत" यही हम सबका नारा है, कितना सुंदर,कितना प्यारा उत्कृष्ट... Hindi · गीत 1k Share Neelam Sharma 16 Jun 2017 · 1 min read मुस्कान मुस्कुराहट तेरे होठों पर खिलती जो,मेरे चेहरे की वो रौनक है। मुस्कुराहट-मुस्कान तेरी, कभी है शहद, कभी नमक है। सुन, दिव्य आभा और नूर सहेजे है तेरी मुस्कान। हृदय मेरे... Hindi · कविता 1k Share Neelam Sharma 4 Aug 2017 · 1 min read स्वाभिमान स्वाभिमान को मारकर जीना यह न तुम स्वीकार् करो ओरों के उपकार पर जीना, खुद पर है धिक्कार अहो। माना परिभाषाएं स्वाभिमान की,बस शब्दों में सीमित हैं। मूल्य संज्ञान अब... Hindi · कविता 1 1k Share Neelam Sharma 8 Jun 2017 · 1 min read अनुराग प्रणय स्नेह अनुरक्ति प्रेम और अनुराग जीवन की बगिया खिलाते जैसे पुष्प पराग। अनुराग है कण कण में, अनुराग है जन्म मरण में। अनुराग है नभ और थल में, है... Hindi · कविता 1 1 1k Share Neelam Sharma 19 Aug 2017 · 1 min read करुण रस है बैठी भू,वसुधा,अति सुन्दरी भावुक और चिन्तालीन प्रदूषण,प्रलय भय से व्याकुल,स्वर्णिम हुई अति मलीन। नवल कोमल सौरभ मय सुंदर सरसिज शोभा कभी पाते थे तितली,बुलबुल, कोयल,मधुकर भी कितने आनंदित हो... Hindi · कविता 1k Share Neelam Sharma 17 Jul 2017 · 1 min read फूलों की बगिया मदहोश दिवाना हुआ भंवर,अलि मधुकर है बवराया देख कोंपले बगिया में षटपद भृंगी होमंत्रमुग्ध भरमाया। भूला पुष्प सहेजें शूल,रहा कलियों पर भ्रमर वो झूल, खूब खिले सुमन कुसुम मंजरी रंग... Hindi · कविता 1k Share Neelam Sharma 11 Jun 2017 · 1 min read उल्लाला छंद उल्लाला छंद मृगनयनी है राधिका,मोहन चंचल मन अधीर। लाज हया सब भूलकर,मिलते हैं यमुना तीर। जाने जो बात हिय की, सुमीत उसे कहते हैं। छू जाये सबका हृदय, संगीत उसे... Hindi · तेवरी 1 2 1k Share Neelam Sharma 4 Jun 2017 · 1 min read धागे धागे मजबूत डोर होते हैं, अनमोल रिश्तों के धागे। कभी भी जो नहीं टूटे, हैं मजबूत जोड़ ये धागे। हर समस्या का हैं होते,सफल तोड़ ये धागे प्रीत का बंधन... Hindi · कविता 1 1k Share Neelam Sharma 15 Aug 2017 · 1 min read कविता चाहो उड़ालो हमारी हसीं,हंसता हर पल छोड़ जाऊंगा। सुन मैं तो झोखा हूं हवाओं का साथ उड़ा ले जाऊंगा। मैं तो बहता दरिया हूं ए जहां न तू रोक मुझे... Hindi · कविता 994 Share Neelam Sharma 14 Jul 2017 · 1 min read मन मयूर देखो नाचता मन मयूरा, हैं पंख छितराये, मेरा पंख फैलाने को जी चाहता है। नहीं पंख इसके, मगर दिल एक पंछी उन्मुक्त उड़ जाने को, जी चाहता है। बिगुल हैं... Hindi · कविता 864 Share Neelam Sharma 31 Jul 2017 · 1 min read जन्नत कहां ढूंढता मानव तू ,उक़बा, ख़ुल्द,बहिश्त और जन्नत। इरम,ग़ैब,कौसर सब यहीं है,तू कर्म कर और मांग मन्नत। स्वर्ग, बैकुण्ठ, परलोक,सुरलोक और देवलोक भी यहीं है। प्राकृतिक सौंदर्य ग़र बचाले, स्वर्गिक... Hindi · कविता 1k Share Neelam Sharma 24 Jul 2017 · 2 min read शक शक"एक लघु कथा कहते हैं शक का इलाज तो हकीम लुक़मान के पास भी नहीं था। शक को कई समस्याओं की जड़ माना जाता है।इस शक की बीमारी को मनोविज्ञान... Hindi · लघु कथा 835 Share Neelam Sharma 20 Jan 2022 · 1 min read राग छंद आधार छन्द- राग (मापनीयुक्त वर्णिक) वर्णिक मापनी- गालगाल गालगाल गालगाल गा (13 वर्ण) पिंगल सूत्र- र ज र ज ग 2121 212 1 2121 2 रूपसी रसी विशेष रीत राग... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 866 Share Neelam Sharma 16 Jun 2017 · 1 min read दोस्ती और प्यार दोस्ती और प्यार है दोनों में गूढता अपार...... न बदलें हैं न बदलेंगे दोस्ती और प्यार के मायने। इनके समय बेहतर परस्पर सरोकार के मायने। अगर दोस्ती दामन है तो... Hindi · कविता 2 874 Share Neelam Sharma 20 Jul 2017 · 2 min read शिव श्रावण झडी़ लग गई, घटा घनी घनघोर। भांग धतूरा घुट रहा, चढ़ा भक्ति का जोर। श्रावण मन-भावन अति, खूब सजै देवालय। शिव पूजन सुमास यह, सब पूज रहे शिवालय। हे... Hindi · गीत 754 Share Neelam Sharma 31 Jan 2020 · 1 min read सायली छंद पता नहीं क्यो? यादों के पन्ने आज फिर फड़फड़ाते। मोह के धागे तेरी उँगलियों में, जा उलझे क्यों? संभली तुफानो से समंदर में फँसकर हिदायतें लिख दी। सहेजती अश्रु अँखियाँ,... Hindi · कविता 4 1 720 Share Neelam Sharma 15 Jun 2017 · 1 min read भोला बचपन सुनो, क्या आपने पहचाना मुझे? अरे भाई! मैं हूं भोला-मस्तमोला बचपन। खेल रहा है भोला बचपन,रोज नए अहसासों से, मन में उमंग भरने वाले, शरारती आभासों से। बारिश में ,... Hindi · गीत 1 746 Share Neelam Sharma 16 Jan 2022 · 1 min read दोधक छंद आधार छन्द- दोधक/बन्धु (मापनीयुक्त वर्णिक) वर्णिक मापनी- गालल गालल गालल गागा (11 वर्ण) पिंगल सूत्र- भ भ भ ग ग ध्रुव शब्द- जीवन (छन्द में कहीं भी आ सकता है)... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 970 Share Neelam Sharma 13 Nov 2018 · 1 min read मां माँ (1) जननी, माँ, प्रसू,धात्री,वत्सला,सुदर्शना ममतामयी ओस कणों सी निर्मल कोमल जीवन बगिया सरसा गयी आँखों में है नीर तेरे ,माँ त्याग है तेरे आँचल में नित कष्ट नए सहकर... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 10 67 705 Share Neelam Sharma 13 Jul 2017 · 1 min read चांद का झूला आओ तुम्हें चाँद पर झूला दूँ, धवल बादल का बिस्तर बिछा दूँ। आओ तुम्हें झूला झूला दूं। पेंग बढ़ाकर नभ को छूलें। प्रेम प्रीत में सबकुछ भूलें। पेंग बढ़ाकर नभ... Hindi · गीत 687 Share Neelam Sharma 19 Nov 2017 · 1 min read अंदाज अपना अपना कभी भी छेड़ दो नीलम, हृदय का साज अपना है। नहीं पीटा ढिंढोरा आज तक, कुछ ऐसा राज़ अपना है। नहीं कुछ आम,सुन ऐ सनम जब मैं खुद ही हूं... Hindi · कविता 698 Share Neelam Sharma 13 Aug 2017 · 1 min read कृष्ण हे वासुदेव केशव सर्वपालक तुम्हारा क्या मैं अर्थात लिखूं? तुम अच्युत, गोपाल, उपेंद्र, पुरुषोत्तम क्या मैं यथार्थ लिखूं। हे परमआनंद,सागरअनंता, कामसांतक,कंस वधकर्ता अद्भुत सौंदर्य के स्वामी, किन शब्दों में परमार्थ... Hindi · कविता 2 661 Share Neelam Sharma 16 Jul 2017 · 1 min read आवाज़ का आगाज़ घोष,ध्वनि,नाद,बन धड़कन, गूँजती साँसों में मधुर तेरी याद । रौरव,शब्द ,आवाज़, सुन कण-कण मुखर हर साज़। आहट,कोलाहल,कलरव,रव, और वाद तेरी चाहत गूंजती बन उल्लसित उर उन्माद। धूम,ग़ुल,उच्चारण कृष्ण बांसुरी सम... Hindi · कविता 719 Share Neelam Sharma 22 May 2017 · 1 min read सिंदूरी शाम सिंदूरी शाम थककर है आया देख सूरज सांझ की बांहों में, शर्म से हो गई सांझ सिंदूरी। भोर बोली कि सूरज मेरा है पास तेरे आना बस है मजबूरी। कुछ... Hindi · कविता 694 Share Neelam Sharma 22 Jul 2017 · 1 min read बारिश बारिश उमड़ उमड़ रहे घुमड़ घुमड़, घन बरसाने को वर्षा घरड़ घरड़ सुन गरज गरज, प्यासी धरा उर हर्षा। छम छम बूंदें बाज रहीं, थिरके प्रकृति अलबेली। श्रावण माह में... Hindi · गीत 657 Share Neelam Sharma 12 Jan 2019 · 2 min read संस्मरण बिलखते अहसास "वेल्यु आफ इंग्लिश!" मालिनी अध्यापिका है, बहुत मेहनती भी है और बच्चों के स्तर को समझकर ही उन्हें कुछ सिखाने के लिए प्रयासरत रहती है। हमेशा अपने स्कूल... Hindi · लघु कथा 2 1 676 Share Neelam Sharma 10 Jun 2017 · 1 min read इंसान इंसान क्यों न रहा इंसान तू बता ए मानुष मनुष्य, तू क्यों रहा न आदमी बता यह नर रहस्य l एेसा हुआ क्या जो बना तू असुर और निशाचर, है... Hindi · कविता 649 Share Neelam Sharma 31 May 2017 · 1 min read दर्पण दर्पण हो अपलक कर रहा,प्रेयसी का मनुहार। है पिया मिलन को कर रही सुरभित पुष्प श्रृंगार। चंचल चितवन,चंदन सा बदन,है चंद्र सम आभा, नयनों में स्वप्न चमक रहे लिए प्रेम... Hindi · मुक्तक 654 Share Neelam Sharma 7 Jul 2017 · 1 min read आफताब वो आफताब है महफिल का उसे चमकने दो यारों वो माहताब है दिल का उसे चहकने दो यारों उसी के आने से खिलती है मेरे जीवन की फुलवारी वो गुलाब... Hindi · कविता 618 Share Neelam Sharma 14 Aug 2017 · 1 min read माखन चोर क्यों मैया मुझे माखनचोर सब कहते? मैं चोरी नहीं करता। थोड़े से माखन मिश्री से भला किसका पेट मां भरता। मां कल तो हद ही पार हो गई, मिलीं बरसाने... Hindi · कविता 635 Share Neelam Sharma 3 Aug 2017 · 1 min read मत जाना सादर प्रेषित स्वरचित मिले हमदम हम मुश्किल से, कि मुख तुम मोड़ मत जाना। जिंदगी में तन्हा हमको सनम तुम छोड़ मत जाना। ख़ता और मेरी गलती माफ कर देना।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 643 Share Neelam Sharma 28 Apr 2018 · 2 min read पावस ऋतु हरित त्वरित प्रकृति लहराई,सप्त रंग पहनी सावन पाग। पड़ी पहली पावस बूंद अधर,गया योवन रोम-रोम में जाग। सादर प्रेषित। प्रदत्त शब्द :-पावस खड़ी बोली हिंदी विधा:-स्वतंत्र कविता दिन :-शनिवार दिनांक:-२८-०४-२०१८... Hindi · कविता 1 598 Share Neelam Sharma 7 Jul 2017 · 1 min read नारी नारी तेरे कई रूप तू वसुधा तुझमें समाए सब स्वरूप चंचल तन है और मन निर्मल व्यवहार भी कुशल और वाणी कोमल सदैव समर्पिता तू , ममता का आँचल |... Hindi · कविता 656 Share Neelam Sharma 21 May 2017 · 1 min read सीप और मोती सीप और मोती मेरा दिल बंद सीप है और सनम तू उसमें है मोती तेरा मेरा साथ ऐसा है कि जैसे दीपक संग ज्योति। तू जुल्म करता है मुझपर, दिल... Hindi · गीत 609 Share Neelam Sharma 8 Nov 2017 · 1 min read कविता ढल रहा है क्षितिज तले भानु शिथिल होकर, हो रही अलंकृत सांझ, कुछ सुरमई सी होकर। बाट जोहती सिंदूरी संध्या फैली गगन में, पी से मिलन की है सहेजे नव... Hindi · कविता 570 Share Neelam Sharma 26 Oct 2017 · 1 min read गिद्ध जीवन की आपाधापी में सूनापन ही संग बस रह गया हाय,मतलबी गिद्धों के बीच इक ठूंठा तरु बस रह गया थी कभी हरियाली मम जिंदगी और वृद्ध वृक्ष पर आज... Hindi · कविता 587 Share Neelam Sharma 19 Nov 2017 · 1 min read बीस वर्ष दिल के अरमान, सुनहरे सपनों की डोर पिया है तुमसे बांधी। तुमसे रिश्ता मेरा नहीं तोड़ पाई, तुम्हारे कुछ रिश्तों की आंधी। मुझको तन्हा किया जिनकी खातिर, सदा ढूंढें वो,रिश्तों... Hindi · कविता 631 Share Neelam Sharma 8 Jun 2018 · 1 min read पेड़ वृक्ष हाइकु 1) पेड़ विटप प्राकृतिक सम्पदा पर्यावरण। 2) धरा श्रृंगार जीवन के आधार तरु वल्लरी। 3) दें प्राणवायु औषधि ऑक्सीजन हरित वन। 4) पेडों की छाया पंछी रैनबसेरा पाते... Hindi · हाइकु 2 593 Share Neelam Sharma 24 Dec 2017 · 1 min read नौजवान हे ऊर्जस्वित नोजवान लहू तुम तुम गतिमान रहो सदा हर्ष में। बदल दो तस्वीर राष्ट्र-सुदेश की मानवीय मूल्य चमके उत्कर्ष में। नव पीढ़ी तुम नव प्रभात में, अग्रसर रहो ले... Hindi · कविता 1 553 Share Neelam Sharma 8 Jun 2017 · 1 min read जब चांद घिरा बादलों में। देख अकेला रजनीश को एक दिन आ घेरा मेघों ने। परिवेश भयावह बना दिया होकर एकजुट घने काले मेघों ने। विशाल गगन में था चांद अकेला नहीं साथ थे तारे।... Hindi · कविता 606 Share Neelam Sharma 11 Dec 2017 · 1 min read ओस ओस अहा! प्रभात ऊषा बेला में,किसने छिड़की ओस की बूंदें। श्वेत धवल मोती की सी लड़ी, होती ओस की बूंदें। कौन जोहरी है गया भूल,ये उज्ज्वल चौंध के हीरे। देख... Hindi · कविता 582 Share Neelam Sharma 29 Jun 2017 · 1 min read जीवन की कहानी जीवन की कहानी पाँच तत्त्वों में सीमित हमारी जिंदगानी है। पृथ्वी,अग्नि,आकाश,हवा और पानी है। यही जीवन की कहानी है। जीवन हर क्षण युद्ध कुरुक्षेत्र है जिसमें सत्य को विजय दिलानी... Hindi · कविता 586 Share Neelam Sharma 16 Jan 2022 · 1 min read भुजंगप्रयात आधार छन्द- भुजंगप्रयात (मापनीयुक्त वर्णिक) वर्णिक मापनी- यमाता यमाता यमाता यमाता (12 वर्ण) पिंगल सूत्र- य य य य ध्रुव शब्द- अकेला अकेला रहा तू अकेला सहा तू। सदा बैठ... Hindi · मुक्तक 1 553 Share Neelam Sharma 9 Apr 2018 · 1 min read आहुति आहुति जीवन चक्र के अग्निकुंड संग, नित वेदी बनकर सजती हूं। आहुति स्व उम्मीदों की,,,,,निस हवन में स्वयं को तजती हूं। छूने सूरज- चांद-तारे बढ़,नीले अंंबर की चोटी चढ़ती हूं।... Hindi · कविता 2 546 Share Neelam Sharma 10 Jun 2017 · 1 min read प्रेम गीत प्रेम हे प्रेम,तू सप्तसुरी सरगम का राग है, हर प्रेमी के जीवन में इन्द्रधनुषी फाग है तू है माथे की बिन्दिया,तू अमर सुहाग है तू ही ताप है जीवन का... Hindi · गीत 590 Share Neelam Sharma 13 Jun 2017 · 1 min read संत वल्गा- संत विद्या-दोहा मुक्तक संत संत अब हैं नहीं,सतपथ दीना छोड़। भाव भक्ति भुला दिये,लगी स्वांग में होड़। धन भंडारे भर रहे, सभी चोर पर मोर, कौन प्रथम पहुंचे नरक,... Hindi · दोहा 1 550 Share Neelam Sharma 28 May 2018 · 2 min read काश तुम समझ पाते सादर प्रेषित मेरी अदृश्य डायरी से एक पृष्ठ....... काश! तुम समझ पाते मेरे दिल के हालात् ! कैसे कहूँ? शब्द निशब्द हुए जाते हैं..................कहने को.................. ॥ काश!!!तुम समझ पाते कि... Hindi · लेख 1 560 Share Page 1 Next