Neelam Sharma Tag: कविता 204 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Neelam Sharma 19 Jun 2018 · 1 min read नाव डगमग डगमग डोले मनवा, ,,,,,,,,,बाल हृदय अनोखा चाव है। आओ देखो बंटी - बबली क्या खूब बनी कागज की ये नाव है। पहली बूंद पावस की पाकर, हरित वसुधा का... Hindi · कविता 2 336 Share Neelam Sharma 7 Jun 2018 · 1 min read एक विचार शब्द- मंथन,कथन, चिंतन, सृजन,हनन मंथन,मथना अथार्त गूढ़ तत्त्वों की छान-बीन, बिन मंथन निष्कर्ष पर,पँहुचे दीन मति हीन। चिन्तन बाधाओं के निवारण का है प्राकृतिक साधन। चिंतन विचारार्थ समस्याओंं का मानसिक... Hindi · कविता 1 268 Share Neelam Sharma 4 Jun 2018 · 1 min read पर्यावरण दिवस या विवश? पर्यावरण विवश!!! विश्व स्तर पर फैला प्रदूषण, कर पर्यावरण को विवश। देखो,मात्र कुछ वृक्ष लगाकर, मन रहा पर्यावरण दिवस। ये तो वही बात हो गई कि माँ को समय पर... Hindi · कविता 2 519 Share Neelam Sharma 31 May 2018 · 1 min read पाबंद मगर स्वतंत्र नारी पाबंद मगर स्वतंत्र नारी...... पाबंदी-ए-आवाज़ लगा, ,,,,,,कहते हो तुम स्वतंत्र नारी। पाबंदी-ए-परवाज़ लगा, ,,,,,कहते हो तुम स्वतंत्र नारी। पाबंदी लबों पर लगादी, ,,,,,,,कहीं गुनगुना न पाऊँ मैं। पाबंदी ख्वाबों पर... Hindi · कविता 1 432 Share Neelam Sharma 28 May 2018 · 1 min read कल्पना एक कला कल्पना एक शक्ति एक कला कल्पना निरभ्र गगन में उन्मुक्त पंछी कल्पना रोचक रोमांचक स्वछंद उड़ान। कल्पना सप्तरंगी सपनों का मधु प्रारब्ध, मन देह की सीमाओं में जो नहीं होती... Hindi · कविता 1 499 Share Neelam Sharma 25 May 2018 · 1 min read दौलत-ए-बचपन दौलत-ए-बचपन......…✍️ सुनों, बेहिसाब सी गलतियाँ होती हैं बचपन की बेशुमार दौलत। देतीं हैं सबक भी अनेकोंबार और संग सुधरने की हज़ार मौहलत। बचपन की दौलत होतीं हैं, दादी-नानी की कहानियाँ।... Hindi · कविता 1 613 Share Neelam Sharma 17 May 2018 · 1 min read कविता आ मेरे सपनों के सौदागर, मेरी बाहों में खो जाओ। प्रेम की बौछार से साजन, नीलंबर को ताल बनाओ। इंद्रधनुषी रंगी हैं फिजायें, गुलाबी है अंबर गुलाबी हवाएं। स्नेह की... Hindi · कविता 1 263 Share Neelam Sharma 16 May 2018 · 1 min read कविता नारी बनाम मील का पत्थर......! सादर प्रेषित सुनो!ईश्वर की रची सर्वाधिक सुंदर कृति है 'स्त्री'। प्रकृति ने उसे कोमल अवश्य बनाया है , पर उसने परंपराओं से बाहर निकलकर मील... Hindi · कविता 1 545 Share Neelam Sharma 16 May 2018 · 1 min read कविता सुनों, शहरीकरण की आधुनिक चकाचोंध से परे कभी कोशिश की है नारी के अस्तित्व को पहचानने की, जानने की। उस स्त्री शक्ति की जो सिल्क, मलमल और फैशन के क्षितिज... Hindi · कविता 1 430 Share Neelam Sharma 8 May 2018 · 1 min read तूफान तूफान...….!!! उठ रहा जो हृदय मेरे,तीव्र जिसके अति झोंकें। रेतिले-बर्फीले इस तुफान को कोई तो रोके। अस्मिता लूटता रहा,मानव तू क्यों दानव सा होके। ले आज प्रकृति क्रोधित हुई,रुकती नहीं... Hindi · कविता 1 527 Share Neelam Sharma 28 Apr 2018 · 2 min read पावस ऋतु हरित त्वरित प्रकृति लहराई,सप्त रंग पहनी सावन पाग। पड़ी पहली पावस बूंद अधर,गया योवन रोम-रोम में जाग। सादर प्रेषित। प्रदत्त शब्द :-पावस खड़ी बोली हिंदी विधा:-स्वतंत्र कविता दिन :-शनिवार दिनांक:-२८-०४-२०१८... Hindi · कविता 1 626 Share Neelam Sharma 27 Apr 2018 · 1 min read बेकली बेचैन दिल की धड़कन,सुन हवाएं बेचैन हैं, न सकुन दिन में हासिल रातों को भी न चैन हैं। पथराई संवेदना सब ओर बेकली है, कोई नहीं बताता, किश्ती किधर चली... Hindi · कविता 1 367 Share Neelam Sharma 25 Apr 2018 · 1 min read माटी का सजीव पुतला बना सजीव माटी का पुतला,थी कुदरत उत्साहित। बीच चौरासी योनि थी हुई, अद्भुत सुकृति निर्मित। नीलम नभ में घुमा चाक,स्वयं प्रकृति ने माटी सानी। सोचा कि नव निर्माण करेगा और... Hindi · कविता 1 538 Share Neelam Sharma 22 Apr 2018 · 1 min read वसुधा दो हाथों की अंजुरी में सहेजती प्रकृति परिवेश। मानव तेरे स्व-लोभ में घर - नगर बचे न ही देश। हाहाकार मचा धरा,नहीं जल-उपवन-अन्न शेष। क्यूँ तू प्रलय लाने तुला,धरा क्यूँ... Hindi · कविता 1 230 Share Neelam Sharma 21 Apr 2018 · 1 min read किसान प्रदत्त शब्द- किसान दिनांक-21/4/18 दिन-शनिवार नित रोप बीज कर्म, वसुधा पर,किस्मत से सु-आस संजोता हूँ। रखुँ अकळामण उम्मीद धरा से,जिस हिये हल चुभोता हूँ। जोत-जोत काया धरिणी की,कण-कण मैंने कर... Hindi · कविता 1 528 Share Neelam Sharma 9 Apr 2018 · 1 min read आहुति आहुति जीवन चक्र के अग्निकुंड संग, नित वेदी बनकर सजती हूं। आहुति स्व उम्मीदों की,,,,,निस हवन में स्वयं को तजती हूं। छूने सूरज- चांद-तारे बढ़,नीले अंंबर की चोटी चढ़ती हूं।... Hindi · कविता 2 592 Share Neelam Sharma 7 Apr 2018 · 1 min read पत्थर के इंसान हम सनम तैराक हैं दर्द-ए-समंदर के बिना तिनके के सहारे है पाई मंजिल। सोचकर सूखा हुआ पतझड़ का पत्ता मुझको रौंदते-कुचलते बढ़ते गए, यार बहुत हैं संगदिल। झेले हैं खूब... Hindi · कविता 564 Share Neelam Sharma 31 Mar 2018 · 1 min read मत जाओ मत जा, ए मेरे हमदम, यूं मुझको तन्हा त्याग के। कैसे जीऊंगी तुझ बिन, कैसे दिन कटेंगे बैराग के। तेरे सिवा न कोई मेरा, तेरा हृदय है कूचा मेरा। बुझा... Hindi · कविता 482 Share Neelam Sharma 31 Mar 2018 · 1 min read पनघट दिन- शनिवार दिनांक -३१/३/१८ शरद *पूनो रजनी में तुम, ज्यूं माहताब हो नीलम *अंखियन में। जागे नैना सुन सारी रैना , तुम कान्हा ख्वाब हो नीलम *अंखियन में। पनघट *प्यासो... Hindi · कविता 247 Share Neelam Sharma 30 Mar 2018 · 1 min read कविता हैं लब तेरे खामोश मगर नैना हैं बोलते। सुन राज़ तेरे दिल का, इशारों से खोलते। कुछ लोग नीलम पक्के बहुत नाप तोल में भावों को लेते भांप, फिर ही... Hindi · कविता 297 Share Neelam Sharma 30 Mar 2018 · 1 min read गांव की पगडंडियां 'गांव की पगडंडियां' विद्या - छंद मुक्त दिन- रविवार दिनांक -25/3/18 सुन,गांव से आई *सीली-सीली बासंती *बाल। पूछा मैंने,बता, क्या मेरे *गाम का *स हाल ? क्या अब भी वैसा... Hindi · कविता 432 Share Neelam Sharma 30 Mar 2018 · 1 min read आसमां आसमान किस असमंजस में है, नीलम अंंबर का गलियारा। क्यों ये आसमां गुमसुम,क्यूं चुप आसमान ये सारा। चांद तारों की सभा सजी है,पूनो का फैला उजियारा। चुप सा है विशाल... Hindi · कविता 1 372 Share Neelam Sharma 30 Mar 2018 · 1 min read मौसम पतझड़ का भय हाय क्यों है? जब है मौसम बहार का। आई मिलन की ऋतु सुनो, अब वक्त गया इंतज़ार का। समेटकर के दूर कर, तू दूरियां नीलम। अब तो... Hindi · कविता 210 Share Neelam Sharma 17 Mar 2018 · 1 min read आधुनिकता आधुनिकता पाश्चात्य गुणगान में, हुए हम अति आधुनिक ट्रेंड । माडर्न र्फ्रैंडशिप डे मना रहे, सब बांध हाथ में बैंड। आधुनिक रिश्ते निभ रहे,कर व्हाट्सऐप मेसेज सैंड। बर्दाश्त किंचित शेष... Hindi · कविता 389 Share Neelam Sharma 4 Feb 2018 · 1 min read कविता अभी हूँ जीत से कुछ दूर मगर कुंठित नहीं हूँ मैं खड़ी हूँ पैरों पर अपने मगर लुंठित नहीं हूँ मैं हाँ बनाती हूं नित कूप मैं निज प्यास की... Hindi · कविता 357 Share Neelam Sharma 13 Jan 2018 · 1 min read सत्ता विधा :- कविता दिनांक:-13/01/2018 सादर प्रेषित दी गई शब्दावली संग नाओनोश - बहुत शराब पीना नक्बत - दुर्भाग्य निगेहबाँ - पहरे दार रक्षक महफ़िल - सभा सनक - पागलपन प्रभुत्व... Hindi · कविता 594 Share Neelam Sharma 5 Jan 2018 · 1 min read तन्हा रास्ते तन्हा रास्ते.... कोई होता जिसको अपना,हम अपना कह पाते कान्हा तू भी पास नहीं सुन मेरे,जिसको मैंने अपना जाना। तन्हा तन्हाई बस संग है और हुई दुनिया बेरंग है दूर... Hindi · कविता 1 567 Share Neelam Sharma 28 Dec 2017 · 1 min read विरह आज का कार्य - चित्रलेखन ================= छिप छिप झांके चंद्र धवल, बादल के पट खोल। शोभित श्वेत वसन नहीं,तू क्यों है मूक अनबोल। हो,विकल लहरें पूछतीं, विरहन से हृदय की... Hindi · कविता 554 Share Neelam Sharma 24 Dec 2017 · 1 min read नौजवान हे ऊर्जस्वित नोजवान लहू तुम तुम गतिमान रहो सदा हर्ष में। बदल दो तस्वीर राष्ट्र-सुदेश की मानवीय मूल्य चमके उत्कर्ष में। नव पीढ़ी तुम नव प्रभात में, अग्रसर रहो ले... Hindi · कविता 1 581 Share Neelam Sharma 23 Dec 2017 · 1 min read नौजवान हे ऊर्जस्वित नोजवान लहू तुम तुम गतिमान रहो सदा हर्ष में। बदल दो तस्वीर राष्ट्र-सुदेश की मानवीय मूल्य चमके उत्कर्ष में। नव पीढ़ी तुम नव प्रभात में, अग्रसर रहो ले... Hindi · कविता 321 Share Neelam Sharma 20 Dec 2017 · 1 min read गंगा व्यथा गंगा भागीरथ के पुण्य कर्मों से मानव मैं तेरे पास हूं। खत्म हुआ जाता अस्तित्व मेरा, इसलिए उदास हूं। गंग अंजलि भर भी सुन अब जल नहीं मेरे पास है।... Hindi · कविता 394 Share Neelam Sharma 19 Dec 2017 · 1 min read दीदी तेरा देवर बहना सुनो देवर तुम्हारा,बहुत ही शेखीबाज़ है। दिखता है सीधा सादा मगर अलग उसका अंदाज है। अलग ही है राग, उसका अलग ही सुन साज़ है। मुझे डालता है दाना... Hindi · कविता 500 Share Neelam Sharma 11 Dec 2017 · 1 min read ओस ओस अहा! प्रभात ऊषा बेला में,किसने छिड़की ओस की बूंदें। श्वेत धवल मोती की सी लड़ी, होती ओस की बूंदें। कौन जोहरी है गया भूल,ये उज्ज्वल चौंध के हीरे। देख... Hindi · कविता 639 Share Neelam Sharma 11 Dec 2017 · 1 min read गीत चयनित मुख्य शब्द-बोले- कहा, सांस, पलकें,झूकी,उठी, पर्यायवाची-हौले- धीरे, मद्धम,धीमे,दबी दबी- हल्के से, धीरे से, बिना बोले-अमूक, चुप,आंख-नयन, नज़र, निगाह,रब- मौला,वक्त - ग़ज़र,ख्वाब- सपना स्वप्न, मूल शब्द भेद-कुल शब्द- सलाम, सलामत,सरल,... Hindi · कविता 326 Share Neelam Sharma 8 Dec 2017 · 1 min read उपवन सुन,मनु यह जीवन है उपवन,उपवन में फूल सहस्त्र हज़ार। चंपा, चमेली से खूब खिले मन,जुही, कचनार से आए बहार। हरित चुनरिया धरा ने ओढ़ी,सुमनों से किया शुभश्रृंगार झूला सुख दुख... Hindi · कविता 318 Share Neelam Sharma 7 Dec 2017 · 1 min read कविता #आखर_व्यूह_ भेदन न पूछो हमसे कि क्या हाल-ए-दिल का है आलम, नसीब में सुन लिखा फकत इंतज़ार तेरा बालम। रुह-ए नज़र की चाहत है बस दीदार-ए-सनम। दिल की भी चाहत... Hindi · कविता 443 Share Neelam Sharma 3 Dec 2017 · 1 min read बीस वर्ष हमें २० वीं सालगिरह की हार्दिक मंगलकामनाएँ एवं मांगलिक शुभकामनाएँ। परिणय सूत्र के बीस साल, आज हुए हैं भूतकाल। तोता मैना युगल जैसे हों, अपने आने वाले साल। हे कृष्ण... Hindi · कविता 458 Share Neelam Sharma 1 Dec 2017 · 1 min read कोहरा कोहरा लाख समझाया पर न माना, देखो अब दिल रो रहा। कैसे अपना हाथ थामे कि घना है कोहरा। हमने सोचा हमने तो जीत ली है बाज़ी, प्यार की। ना... Hindi · कविता 387 Share Neelam Sharma 26 Nov 2017 · 2 min read १८ जन्मदिन ??????????????? मेरे प्राण,मेरे प्रिय हृदय पुष्प और मेरे नयनों के तारे आज जन्मदिन है तेरा,तुझे सुख मिलें वैभव सारे। हो मुबारक जन्मदिवस का मधुमय ज्योतिर्मय मंगल विहान। पुष्प बनकर तू... Hindi · कविता 416 Share Neelam Sharma 26 Nov 2017 · 2 min read गंगा विद्या- कविता विषय- गंगा हे सुरधुनि, सुरनदी, सुरसरि, सुरापगा, हे नदीश्वरी, मंदाकिनी, विष्णुपदी, देवापगा। हे सरयू त्रिपथगामिनी,गंगा, जाह्नवी,त्रिपथगा देव सरिता। हे जीवन दायिनी भागीरथी, शिव स्वयं हैं तेरी सुंदरता। त्वं... Hindi · कविता 459 Share Neelam Sharma 23 Nov 2017 · 1 min read राहगीर शब्द - मुसाफिर हे पंथी,राही,अथक राहगीर पथ भूल न जाना पथिक कहीं । सुन पथ में बहुत हैं तीक्ष्ण शूल, तो कष्ट अत्यधिक होंगे हीं। लता पुष्प वल्लरियां चाहे हो... Hindi · कविता 535 Share Neelam Sharma 22 Nov 2017 · 1 min read तिमिर तिमिर सुन,स्याह तिमिर के पीछे देखो,झांक रहे हैं उजियारे हटाकर घटा तम की,कर उजास अंधियारे जो गलियारे। क्यों चुरा बैठी है अमा तू झिलमिलाते चांद सितारों की तरुणाई, बस तब... Hindi · कविता 578 Share Neelam Sharma 21 Nov 2017 · 1 min read किस्मत सुन,लगी है फिर से रेस,मुझमें और मेरे हालात में। देखो बैठी है मेरी किस्मत लगाकर अचूक घात में। मैं तो उलझनों से उभरने का खोज रही थी मौका देकर मुझे... Hindi · कविता 661 Share Neelam Sharma 19 Nov 2017 · 1 min read प्रेम पाती लिखते लिखते पाती तुमको, कितनी सुबहें शाम हो गई। खत के उसके इंतजार में, सारी जिंदगी तमाम हो गई। भूल न पाऊं तेरी बातें खत लिख लिखकर मैं हारी साजन... Hindi · कविता 478 Share Neelam Sharma 19 Nov 2017 · 1 min read अंदाज अपना अपना कभी भी छेड़ दो नीलम, हृदय का साज अपना है। नहीं पीटा ढिंढोरा आज तक, कुछ ऐसा राज़ अपना है। नहीं कुछ आम,सुन ऐ सनम जब मैं खुद ही हूं... Hindi · कविता 798 Share Neelam Sharma 19 Nov 2017 · 1 min read बीस वर्ष दिल के अरमान, सुनहरे सपनों की डोर पिया है तुमसे बांधी। तुमसे रिश्ता मेरा नहीं तोड़ पाई, तुम्हारे कुछ रिश्तों की आंधी। मुझको तन्हा किया जिनकी खातिर, सदा ढूंढें वो,रिश्तों... Hindi · कविता 777 Share Neelam Sharma 18 Nov 2017 · 1 min read दूरी बनाम दायरे दूरी बनाम दायरे सुन, इस कदर इक दूजे से,दूर हम होते चले गए। न मंजिलें मिली हमको, रास्ते भी खोते चले गए। न मैं कुछ बोली तुमसे और न तुम... Hindi · कविता 360 Share Neelam Sharma 13 Nov 2017 · 1 min read सैलाब हां नहीं रुकता है किसी के रोके, मेरे अश्कों का ये अविरल सैलाब सनम। हां रुके भी तो आखिर कैसे रुके, झट से टूटे,थे देखे जो ख्वाब नीलम। आजकल चांदनी... Hindi · कविता 378 Share Neelam Sharma 11 Nov 2017 · 1 min read पकवान अहा!शीत ऋतु लेकर आईं खुशियां और अनुराग हर घर पकते पकवान नये,हर घर की अलग है लाग। कहीं बाजरा खिचड़ी कहीं मक्का रोटी सरसों साग मूंफली गज्जक रेवड़ी खाते सभी... Hindi · कविता 257 Share Neelam Sharma 11 Nov 2017 · 1 min read सुबह सुबह सवेरे शुरू हो जाती जीवन की आपाधापी भागम भाग दिनचर्या बनी है,हलचल विश्वव्यापी। उफ्फ!शरद की ऊषा,कोहरे के घूंघट में ठुमक चलत मतवाली ओस बनी हार मोतियन का, रची अधर... Hindi · कविता 506 Share Previous Page 2 Next