Neelam Sharma Tag: मुक्तक 34 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Neelam Sharma 20 Feb 2024 · 1 min read दिव्य दर्शन है कान्हा तेरा मुक्तक दिव्य दर्शन है कान्हा तेरा , तेरे रूप में हर अलंकार है बज उठता ह्रदय का तार-तार,तेरे प्रेम की ये झंकार है हे प्राणवंत तुम प्रिय अनंत , जीवन... Poetry Writing Challenge-2 · मुक्तक 110 Share Neelam Sharma 16 Jan 2022 · 1 min read कली छंद आधार छन्द- कली (मापनीयुक्त वर्णिक) वर्णिक मापनी- गालल गालल गालल लगा (11 वर्ण) पिंगल सूत्र- भ भ भ ल ग ध्रुव शब्द- #उर (छन्द में कहीं भी आ सकता है)... Hindi · मुक्तक 1 279 Share Neelam Sharma 16 Jan 2022 · 1 min read सुमुखि छंद आधार छन्द- "सुमुखी" (मापनीयुक्त वर्णिक) वर्णिक मापनी- ललल लगाल लगाल लगा (11 वर्ण) पिंगल सूत्र- न ज ज ल ग ध्रुव शब्द- "कलिका' (छन्द में कहीं भी आ सकता है।)... Hindi · मुक्तक 2 306 Share Neelam Sharma 16 Jan 2022 · 1 min read आधार छंद वृता आधार छन्द- वृत्ता (मापनीयुक्त वर्णिक) वर्णिक मापनी- ललल ल,लल ललगा गागा (11 वर्ण) पिंगल सूत्र- न न स ग ग ध्रुव शब्द- #धन (छन्द में कहीं भी आ सकता है)... Hindi · मुक्तक 1 338 Share Neelam Sharma 16 Jan 2022 · 1 min read आधार छंद सुरसरि आधार छन्द- सुरसरि (मापनीयुक्त वर्णिक) वर्णिक मापनी- गागाल ललल गालल ललगा (12 वर्ण) पिंगल सूत्र- त न भ स ध्रुव शब्द- ह्रदय (छन्द में कहीं भी आ सकता है) 22... Hindi · मुक्तक 1 409 Share Neelam Sharma 16 Jan 2022 · 1 min read भुजंगप्रयात आधार छन्द- भुजंगप्रयात (मापनीयुक्त वर्णिक) वर्णिक मापनी- यमाता यमाता यमाता यमाता (12 वर्ण) पिंगल सूत्र- य य य य ध्रुव शब्द- अकेला अकेला रहा तू अकेला सहा तू। सदा बैठ... Hindi · मुक्तक 1 592 Share Neelam Sharma 16 Jan 2022 · 1 min read आज का छंद - इन्द्रवंशा (वर्णिक) मापनी - गागाल गागाल लगाल गालगा पिंगल सूत्र - त त ज र ध्रुव शब्द - लक्ष्य 22 1 2 2 1 12 1 212 री कौमुदी!री कलिका!पिया गये। राधा... Hindi · मुक्तक 2 2 450 Share Neelam Sharma 16 Jan 2022 · 1 min read मौन अभिव्यंजना क्षुब्ध दृग पलकों के जज़्बात। झरते झर झर अश्रु जलप्रपात।। तुमुल ध्वनि से तम एकाकार। शून्य शैया सुप्त निद्रा तार।। खार हो गई सुरभित पौन। कंपित संवेदना उर पीर है... Hindi · मुक्तक 1 242 Share Neelam Sharma 1 Feb 2019 · 1 min read मुक्तक सुरभित शीत बयार,घन गरजे चपला संग, आने को बरसात, विरहनी भरा मन उमंग। ताड़-तरु खग-विहग संग पूर्वा,लगी गाने, कूके कोयल, मोर, प्रकृति भी नाचे संग-संग। नीलम शर्मा ✍️ Hindi · मुक्तक 303 Share Neelam Sharma 17 Nov 2018 · 1 min read मुक्तक विषय शब्द -धड़कन दिनांक-17-11-18 मिरी चाहत तेरे दिल का, सुरीला साज बन जाती। धड़कने भी सुनो हमदम,मधुर आवाज बन जाती। निगाहों ने निगाहों से इशारों में जो की बातें दीवानों... Hindi · मुक्तक 2 299 Share Neelam Sharma 8 Jun 2018 · 1 min read धन छंदबद्ध काव्य सृजन प्रदत्त शब्द: पैसा / दौलत ; ईश्वर / ख़ुदा ; इंसान/आदमी ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ धन-दौलत आजकल बना धर्म ईमान इंसान, जाति भेद संग्राम में क्यूँ बना मनुज हैवान। सद... Hindi · मुक्तक 2 510 Share Neelam Sharma 8 Jun 2018 · 1 min read इताब-क्रोध सादर प्रेषित?? ❆ विषय - इताब (इताब = क्रोध) ❆ तिथि - 08 जून 2018 ❆ वार - शुक्रवार ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ नीम हकीम परास्त हुए, सुन आगे इताब । क्रोधी और... Hindi · मुक्तक 2 261 Share Neelam Sharma 2 Sep 2017 · 1 min read मुक्तक ?? तड़पनें दो दिलों की,सनम सिसकियां याद रखती हैं मधुर प्रीतम की यादों को, हिचकियां याद रखती हैं । भले बीते अनगिनत साल ,तेरे दिदार को दिलबर, तिरी मीठी छुअन... Hindi · मुक्तक 1 303 Share Neelam Sharma 7 Jul 2017 · 1 min read प्रीत न तोल प्रीत को मेरी तू धन के तराजू में कभी प्रेमी भी धनी हुआ करते हैं मेरा तो खजाना बस तेरी चाहत है तेरी चाहत में ही हम जिया... Hindi · मुक्तक 310 Share Neelam Sharma 16 Jun 2017 · 1 min read मुक्तक सादर प्रेषित सारस मुक्तक वल्गा- प्यार संजीवन प्रसाद है, प्यार उर झंकार। आकुल व्याकुल रहता, जी चाहे मनोहार। त्याग,लाग,पराग भी, है अनंत बसंत भी, कान्हा ज्यों मिले दर्शन, दूं डाल... Hindi · मुक्तक 523 Share Neelam Sharma 15 Jun 2017 · 1 min read मेहंदी मेहंदी मुक्तक मेहंदी प्रतीक प्रीत का, प्रियतम की सौगात है। है जनम जनम का बंधन तुमसे, नहीं बस सात हैं। मेहंदी रची मेरी हथेलियां, रंगी प्रियतम रंग, खिली उर की... Hindi · मुक्तक 410 Share Neelam Sharma 14 Jun 2017 · 1 min read सरसी मुक्तक सरसी मुक्तक मात्रा भार-१६-११ शशि से लेकर के तुम चांदी, दिनकर से लो स्वर्ण। बासंती बयार से चुनलो, सुगंधित कमल पर्ण। उजला हो तन मन भीतर से खूब बढ़ाओ प्रीत,... Hindi · मुक्तक 327 Share Neelam Sharma 14 Jun 2017 · 1 min read मुक्तक कुछ और नहीं हिय कान्हा के,प्रतीबिंबित है अनुराग अनंत जल भर मारी पिचकारी कान्हा,मुख लाय दियो अबीर बसंत राधा मुख दीप्ती चमक रही,ज्यूँ प्रथम रश्मी हो भानु की दोनों की... Hindi · मुक्तक 1 285 Share Neelam Sharma 13 Jun 2017 · 1 min read मुक्तक सादर प्रेषित जय किसान और जवान का नारा अब बेमानी है। रक्षक खत्म कर दो पत्थर से,कृषि ने गोली खानी है। खुद अपनी ही जड़ें न काटो, कुछ अपनी अकल... Hindi · मुक्तक 469 Share Neelam Sharma 12 Jun 2017 · 1 min read मुक्तक मुक्तक अनुराग मृदुल मन की लता हिलती है, अनुराग उसमें है। विरहन विरहा में जो जलती है,, त्याग उसमें है। किसी भी रूप को दूं, कौन सी रंगीन उपमा मैं,... Hindi · मुक्तक 361 Share Neelam Sharma 11 Jun 2017 · 1 min read मुक्तक हूं चंचल चपल नदि मैं,बहूं या न बहूं? उर दर्द है वेदना है सहूं या न सहूं। डूबे हैं दर्द की स्याही में गीत मेरे अनमनी सी व्यथा है कहूं... Hindi · मुक्तक 279 Share Neelam Sharma 10 Jun 2017 · 1 min read मुक्तक नहीं आता मुझे किसी के ह्रदय पट को भेदना आत्मग्लानी बची नहीं कहीं, है खत्म होगई वेदना l अंतर्मन की शांति ढूंड रहा हर कोई देवालय में किंतु अपनी त्रूटियों... Hindi · मुक्तक 256 Share Neelam Sharma 6 Jun 2017 · 1 min read मुक्तक जवानों चूक मत जाना, पडौसी घात करता है। फकत वो यार जूतों का न मुख से बात करता है। चलो फिर आज मिलके करदें, धूर्त के दांत हम खट्टे। जय-विजय... Hindi · मुक्तक 568 Share Neelam Sharma 5 Jun 2017 · 1 min read पर्यावरण प्रकृति वसुधा परिवेश पर्यावरण पीड़ा में रहें हैं कबसे पुकार। अब तो अति हो गई मानव, अपना व्यवहार सुधार। मुक्तक अश्रुपात अभियोग शोक संग प्रकृति करे विलाप। क्यूं हुआ खल... Hindi · मुक्तक 257 Share Neelam Sharma 31 May 2017 · 1 min read मुक्तक उन्वान- मुकद्दर, भाग्य, तक़दीर। कर रही नित नया प्रयास, मैं संवारने को तक़दीर। बन जाए तक़दीर मेरी,नित खोजूं नयी तद्वीर। भाग्य मुकद्दर और नसीब, किस स्याही से लिखा क्या तासीर... Hindi · मुक्तक 433 Share Neelam Sharma 31 May 2017 · 1 min read दर्पण दर्पण हो अपलक कर रहा,प्रेयसी का मनुहार। है पिया मिलन को कर रही सुरभित पुष्प श्रृंगार। चंचल चितवन,चंदन सा बदन,है चंद्र सम आभा, नयनों में स्वप्न चमक रहे लिए प्रेम... Hindi · मुक्तक 712 Share Neelam Sharma 28 May 2017 · 1 min read पर्यावरण संरक्षण पर्यावरण पर मुक्तक कर ऐसा तू कृत्य मनु, वसुधा पर छाये बसंत, खग मृग तरु ताड़ वल्लरी,सब हो जायेंप्राणवंत। प्रदूषण की कुरूप घटा, कहीं रहे न शेष, सकल पर्यावरण में... Hindi · मुक्तक 289 Share Neelam Sharma 27 May 2017 · 1 min read अरमान अरमान (मुक्तक) तुम्हें पाया तो यूं लगा,जिंदगी का अरमां मिल गया तेरी चाहत की खुश बूसे फूलों को समां मिल गया हाथ उठते थे इबादत को कुछ मांगने के लिए,... Hindi · मुक्तक 250 Share Neelam Sharma 27 May 2017 · 1 min read मुक्तक मुक्तक १) सकारात्मकता को बीज बनाकर तू सींचदे,मन वसुधा पर सोकर। सुखद फसल हीं उपजेगीं सब, काटने हेतु तू रहना तत्पर। २) मेंहदी कंगना चूड़ियां सजा सुहागन चाँद निहारे चाँद... Hindi · मुक्तक 372 Share Neelam Sharma 26 May 2017 · 1 min read अंगड़ाई अंगड़ाई १) क्यों हुई गुलाबी सुरमई पुर्वा यह बात समझ न आई। नील गगन पर भी काली घनघोर घटाएं छाई। पक्षियों ने मधुर सुर छेड़े और तरु वल्लरी नाचें। लगता... Hindi · मुक्तक 363 Share Neelam Sharma 25 May 2017 · 1 min read यादों का सफ़र। यादों का सफ़र यादों का तेरी इस कदर छाया उन्माद है, वो मीठी स्मृतियां आज फिर बन गयी संवाद है। आलोकित मधुर बसंत सी पिया हैं तेरी यादें, जब हम... Hindi · मुक्तक 340 Share Neelam Sharma 21 May 2017 · 1 min read मुक्तक इंतजार बस तेरा ख़याल तेरा इंतजार करते हैं खुशी तेरी चाहत में खुदी को बेक़रार करते हैं खुशी मेहनत करके तुझे पाना लुत्फ़ देता है जब इंतजार में भी तेरा... Hindi · मुक्तक 250 Share Neelam Sharma 21 May 2017 · 1 min read मेरी मां माँ (1) जननी, माँ, प्रसू,धात्री,वत्सला,सुदर्शना ममतामयी ओस कणों सी निर्मल कोमल जीवन बगिया सरसा गयी आँखों में है नीर तेरे ,माँ त्याग है तेरे आँचल में नित कष्ट नए सहकर... Hindi · मुक्तक 248 Share Neelam Sharma 21 May 2017 · 1 min read मुक्तक मुक्तक हरित पल्लवित अचला वसुधा सुंदर अति मनोहर क्यों किया अवसादित खंडित,मानव अब दयाकर भांति-भांति की लता वल्लरी वनस्पतियांहैं उजाड़ी है दुखी जीव पक्षी मृग उजाड़ धरा पर विचरकर। नीलम... Hindi · मुक्तक 266 Share