Mahatam Mishra Language: Hindi 134 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Mahatam Mishra 28 Dec 2017 · 1 min read "मदकलनी छंद" "मदकलनी छंद" विकल भई, जल तरसी, यह बगिया, मधुबन की। नयन तके, नभ गगरी, जल यमुना, गिरिधर की।। सुन सजना, घर अँगना, सुधि धरिए, चितवन में। मग मथुरा, मृग छवना,... Hindi · कविता 2 1 442 Share Mahatam Mishra 17 Sep 2016 · 1 min read मनहर घनाक्षरी छंद मंच को सादर निवेदित एक रचना....... "मनहर घनाक्षरी" बहुत विचार हुआ, दिल से करार हुआ, अब हिल मिल सब, मान भी बढ़ाइए राष्ट्र भाषा हिंदी बिंदी, ललिता लाली कालिंदी, कन्या... Hindi · कविता 1 402 Share Mahatam Mishra 5 Dec 2017 · 1 min read “गीतिका” “गीतिका” उठाकर चल दिये सपने, बड़े अरमान आँखों में ठिठककर पग बढ़े आगे, डगर अंजान आँखों में दिखी मूरत तुम्हारी तो, न मन विश्वास रख पाया मिरे तो बोझिल हैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 268 Share Mahatam Mishra 5 Dec 2017 · 1 min read "सार छंद" "सार छंद" महिमा गुरु की हो जाये तो तट लग जाये नैया। शुद्ध ज्ञान गीता से आये जय हो कृष्ण कन्हैया।।-1 भगत भाव भगवान बहूते नाचे ताता छैया। वन बिन... Hindi · कविता 1 671 Share Mahatam Mishra 5 Dec 2017 · 1 min read “कता” “कता” सुन रे गुलाब मैं तुझसे मुहब्बत पेनाह करता हूँ। पर ये न समझना कि निरे काँटों में निर्वाह करता हूँ। आकर देख तो जा तनिक मेरे हाथ भर बगीचे... Hindi · मुक्तक 1 251 Share Mahatam Mishra 5 Dec 2017 · 1 min read "गीतिका" चौपाई छंद मापनी पर "गीतिका" बोलो सब जय हिंद शान से, शुभ गले लगाओ गैया रे वंदे मातरम जिह्वा बोले, मन हाथ मिलाओ भैया रे भारत माँ के घर आँगन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 242 Share Mahatam Mishra 5 Dec 2017 · 1 min read “पिरामिड” “पिरामिड” ले रंग तिरंगा हरियाली केशर क्यारी शुभ्र नभ धानी लहराया बादल॥-1 वो उड़ा गगन प्यारा झंडा ध्वनि गुंजन चक्र सुदर्शन भारत उपवन॥-2 महातम मिश्र ‘गौतम’ गोरखपुरी Hindi · कविता 1 330 Share Mahatam Mishra 6 Dec 2017 · 1 min read "यशोदा छंद" "यशोदा छंद" पढ़ी पढ़ाई भली भलाई। कहा न मानो करो त जानो।।-1 लगी लगाई हल्दी सुहाई। छटा निराली खुशी मिताली।।-2 नई नवेली वहू अकेली। सुई चुभाए दिल घबराए।।-३ उगी हवेली... Hindi · कविता 1 535 Share Mahatam Mishra 8 Dec 2017 · 1 min read “दुर्मिलसवैया” “दुर्मिलसवैया” शिव शंकर रूप अपार सखी, नर नारि निहार दुलार सखी। शिव धाम गणेश सुहाय रहे, सह मूषक वाहन प्यार सखी। इक देह शिवा शिव धारि लियो, भव के हित... Hindi · कविता 1 1 349 Share Mahatam Mishra 11 Dec 2017 · 1 min read “कुंडलिया” “कुंडलिया” अपनी गति सूरज चला, मानव अपनी राह ढ़लता दिन हर रोज है, शाम पथिक की चाह शाम पथिक की चाह, अनेकों दृश्य झलकते दिनकर आए हाथ, चाँदनी चाँद मलकते... Hindi · कविता 1 236 Share Mahatam Mishra 20 Dec 2017 · 1 min read “मुक्तक” “मुक्तक” चपला चमक रही निज नभ में, मन चित छवि लग री प्यारी। बिजली तड़क गगन लहराती, आभा अनुपम री न्यारी। जिय डरि जाए ललक बढ़ाए, प्रति क्षणप्रभा पिय नियराए-... Hindi · मुक्तक 1 402 Share Mahatam Mishra 28 Dec 2017 · 1 min read “गीत, राधेश्यामी छंद” “गीत, राधेश्यामी छंद” माना की तुम बहुत बली हो, उड़े है धुँआ अंगार नहीं नौ मन लादे बरछी भाला, वीरों का यह श्रृंगार नहीं एक धनुष थी वाण एक था,... Hindi · गीत 1 322 Share Mahatam Mishra 28 Dec 2017 · 4 min read "सुनो सुनयना मेरी बात" "सुनो सुनयना मेरी बात" सुनो सुनयना मेरी बात, जिसकी गोंद में हम सभी पले-बढ़े, उछले-कूदे, नाचे-गाए और खेले-खिलाए। उसकी सुंदरता की सरिता में भीगे- नहाए, छाँव में बैठे तो धूप... Hindi · लघु कथा 1 522 Share Mahatam Mishra 10 Sep 2016 · 1 min read मनहर घनाक्षरी छंद हिंदी दिवस की हार्दिक बधाई आप सभी को एक कवित्त के साथ....... "मनहर घनाक्षरी" भावना श्रृंगार लिए, रस छंद भाव पिए, हिंदी छेड़े मीठी तान, गान मान गाइए प्रकृति से... Hindi · कविता 2k Share Mahatam Mishra 6 Sep 2016 · 1 min read मुक्त काव्य एक मुक्त काव्य............ “कर्म ही फल बाग है” भाग्य तो भाग्य है कर्म ही तो फल बाग है बारिश के जल जैसा थैली में भर पैसा ओढ़ ले पैसा ओढ़ा... Hindi · कविता 367 Share Mahatam Mishra 6 Sep 2016 · 1 min read मनहर घनाक्षरी छंद "मनहर घनाक्षरी" सुबह की लाली लिए, अपनी सवारी लिए, सूरज निकलता है, जश्न तो मनाइए नित्य प्रति क्रिया कर्म, साथ लिए मर्म धर्म, सुबह शाम रात की, चाँदनी नहाइए कहत... Hindi · कविता 841 Share Mahatam Mishra 6 Sep 2016 · 1 min read गीतिका/ग़ज़ल एक गीतिका/गजल.............मात्रा भार-26 “गीतिका/गजल” घास पूस लिए बनते छप्पर छांव देखे हैं हाथ-हाथ बने साथ चाह निज गाँव देखे हैं गलियां पगडंडी जुड़ जाएं अपनी राह लिए खेत संग खलिहान... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 279 Share Mahatam Mishra 6 Sep 2016 · 1 min read मुक्तक प्रदत शीर्षक- अलंकार, आभूषण, भूषण, विभूषण, गहना, जेवर सादर प्रस्तुत एक दोहा मुक्तक............. “मुक्तक” गहना भूषण विभूषण, रस रूप अलंकार बोली भाषा हो मृदुल, गहना हो व्यवहार जेवर बाहर झाँकता,... Hindi · मुक्तक 352 Share Mahatam Mishra 6 Sep 2016 · 1 min read कुंडलिया एक कुण्डलिया छंद. ( ढेल- मोरनी, टहूंको- मोर की बोली) नाचत घोर मयूर वन, चाह नचाए ढेल चाहक चातक है विवश, चंचल चित मन गेल चंचल चित मन गेल, पराई... Hindi · कुण्डलिया 296 Share Mahatam Mishra 6 Sep 2016 · 1 min read कुंडलिया “कुण्डलिया छंद” गुरुवर साधें साधना, शिष्य सृजन रखवार बिना ज्ञान गुरुता नहीं, बिना नाव पतवार बिना नाव पतवार, तरे नहि डूबे दरिया बिन शिक्षा अँधियार, जीवनी यम की घरिया कह... Hindi · कविता 1 543 Share Mahatam Mishra 9 Sep 2016 · 1 min read गीतिका/ग़ज़ल मापनी- २,२,२,२,२,२,२,२, पदांत- किया जाता है , समान्त- आन “गीतिका- गज़ल” प्रति दिन दान किया जाता है मान गुमान किया जाता है जिंदगी चलती नेक राहों पर चल अभिमान किया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 272 Share Mahatam Mishra 9 Sep 2016 · 1 min read कुंडलिया एक कुण्डलिया छंद. ( ढेल- मोरनी, टहूंको- मोर की बोली) नाचत घोर मयूर वन, चाह नचाए ढेल चाहक चातक है विवश, चंचल चित मन गेल चंचल चित मन गेल, पराई... Hindi · कविता 237 Share Mahatam Mishra 9 Sep 2016 · 1 min read दोहा मुक्तक प्रदत शीर्षक- अलंकार, आभूषण, भूषण, विभूषण, गहना, जेवर “मुक्तक” गहना भूषण विभूषण, रस रूप अलंकार बोली भाषा हो मृदुल, गहना हो व्यवहार जेवर बाहर झाँकता, चतुर चाहना भेष आभूषण अंदर... Hindi · कविता 342 Share Mahatam Mishra 9 Sep 2016 · 1 min read हाइकू हाइकू” शिक्षा शिक्षा बेहतर है शिक्षा ले लो शिक्षा॥-1 शिक्षित घर खुशियों का आँगन हरें हैं बाग॥-2 नौ मन भार पढ़ाये बचपन झूकी कमर॥-3 खेलेने तो दो अपनी गलियों में... Hindi · हाइकु 436 Share Mahatam Mishra 9 Sep 2016 · 1 min read कुंडलिया “कुण्डलिया छंद” गुरुवर साधें साधना, शिष्य सृजन रखवार बिना ज्ञान गुरुता नहीं, बिना नाव पतवार बिना नाव पतवार, तरे नहि डूबे दरिया बिन शिक्षा अँधियार, जीवनी यम की घरिया कह... Hindi · कुण्डलिया 340 Share Mahatam Mishra 9 Sep 2016 · 1 min read मुक्त काव्य “कर्म ही फल बाग है” भाग्य तो भाग्य है कर्म ही तो फल बाग है बारिश के जल जैसा थैली में भर पैसा ओढ़ ले पैसा ओढ़ा दे पैसा पानी... Hindi · कविता 451 Share Mahatam Mishra 11 Sep 2016 · 2 min read वाह रे अपनत्व प्रस्तुत है एक कथ्य...... "वाह रे अपनत्व" झिनकू भैया दौड़-दौड़ के किसी को पानी पिला रहे हैं तो किसी को चाय और नमकीन का प्लेट पकड़ा रहें है। किसी को... Hindi · कविता 248 Share Mahatam Mishra 14 Sep 2016 · 1 min read दोहा मुक्तक दोहा मुक्तक......आप सभी गुणीजनों को हिंदी दिवस की हार्दिक बधाई..... "मुक्तक" रसना मीठी रसमयी, वाणी बचन जबान रसिका हिंदी माँ मयी, जिह्वा कंठ महान जस लिक्खे तस गाइयाँ, भाषा यह... Hindi · मुक्तक 229 Share Mahatam Mishra 15 Sep 2016 · 1 min read कुंडलिया “कुंडलिया” अनंत चतुर्थी पावनी, गणपति गिरिजा नेह विघ्न विनाशक को नमन, शिव सुत सत्य स्नेह शिव सुत सत्य स्नेह, गजानन आभा मंडित वेदों के रखवार, ज्ञान गुरुता के पंडित कह... Hindi · कुण्डलिया 243 Share Mahatam Mishra 16 Sep 2016 · 1 min read गज़ल बहर--1222 1222 1222 1222, क़ाफ़िया – आ, रदीफ़--हुआ होगा [गज़ल] कहीं बातें, हुई होंगी, कहीं वादा, हुआ होगा निगाहों ही निगाहों में,कोई अपना हुआ होगा मुहब्बत यूं नहीं चलती, बिना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 414 Share Mahatam Mishra 19 Sep 2016 · 1 min read पिरामिड सादर नमन बीर शहीदों को “पिरामिड” रे पाक हेकड़ी दिखाता है पीठ पीछे से वार कायर का दानत गिराता है॥ ले देख अपनी आँखों से कारगिल बंगला देश बचा ले... Hindi · कविता 293 Share Mahatam Mishra 21 Sep 2016 · 1 min read कुंडलिया “कुंडलिया” ढोंगी करता ढोंग है, नाच जमूरे नाच बांदरिया तेरी हुई, साँच न आए आंच साँच न आए आंच, मुर्ख की चाह बावरी हो जाते गुमराह, काटते शीश मदारी कह... Hindi · कुण्डलिया 513 Share Mahatam Mishra 21 Sep 2016 · 1 min read दोहा मुक्तक अहंकार- दंभ, गर्व, अभिमान, दर्प, मद, घमंड, मान शब्द दोहा मुक्तक............ आन बान अरु शान पर, बना रहे अभिमान अहंकार जिसने किया, उसका मर्दन मान दंभ भर रहा पातकी, बेबुनियादी... Hindi · मुक्तक 361 Share Mahatam Mishra 23 Sep 2016 · 1 min read कुंडलिया चित्र अभिव्यक्ति- “कुंडलिया” बर्फ़ीले पर्वत धरें, चादर अमल सफ़ेद लाल तिरंगा ले खड़ा, भारत किला अभेद भारत किला अभेद, हरा केसरिया झंडा धवल मध्य में चक्र, शांति सुनहरा डंडा कह... Hindi · कुण्डलिया 241 Share Mahatam Mishra 25 Sep 2016 · 1 min read कुंडलिया "कुंडलिया" मानव के मन में बसी, मानवता की चाह दानव की दानत रही, कलुष कुटिलता आह कलुष कुटिलता आह, मुग्ध पाजी पाखंडी वंश वेलि गुमराह, कर खल नराधम दंडी कह... Hindi · कुण्डलिया 495 Share Mahatam Mishra 25 Sep 2016 · 1 min read गीतिका/ग़ज़ल एक गीतिका...... काफिया- अर, रदीफ़- जाते , वज्न- 1222 1222 1222 1222 गीतिका बहुत अब हो गई बातें, बहुत अरमान हर रातें विवसता ले कदम चलते, खुशी बरबाद कर जाते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 382 Share Mahatam Mishra 27 Sep 2016 · 1 min read चल अब लौट चलें एक गीतात्मक मुक्त काव्य, “चल अब लौट चलें” अब हम लौट चलें, चल घर लौट चलें चाखी कितनी बानगी, चल अब लौट चलें..... खट्टा मीठा, कड़वा तीखा स्वाद सुबास, निस्वाद... Hindi · गीत 281 Share Mahatam Mishra 29 Sep 2016 · 1 min read मुक्तक शीर्षक मुक्तक - किरण- ज्योति, प्रभा, रश्मि, दीप्ति, मरीचि। “मुक्तक” भारती धरा अलौकिक है न्यारी है लालिमा भोर भाए किरण दुलारी है ब्रम्ह्पूत्र सिंधु नर्मदा गंगा कावेरी हिमालयी रश्मि प्रभा... Hindi · मुक्तक 370 Share Mahatam Mishra 29 Sep 2016 · 1 min read कुंडलिया "कुंडलिया" मानव के मन में बसी, मानवता की चाह दानव की दानत रही, कलुष कुटिलता आह कलुष कुटिलता आह, मुग्ध पाजी पाखंडी वंश वेलि गुमराह, कर खल नराधम दंडी कह... Hindi · कुण्डलिया 389 Share Mahatam Mishra 29 Sep 2016 · 1 min read चौपाई “चौपाई” बाबा शिव शंभू सैलानी, कीरति महिमा अवघड़ दानी बाजत डमरू डम कैलाशा, राग-विराग अटल बर्फानी॥-1 स्वर चौदह चौरासी योनी, लिखा ललाट मिटे कत होनी सत्य सती धरि रूप बहूता,... Hindi · कविता 639 Share Mahatam Mishra 30 Sep 2016 · 1 min read गीतिका/ग़ज़ल वज्न- 2122, 2122 2122, 212 “गजल/गीतिका” आदमी चलता कहाँ उठता कदम बिन बात के हो रहा गुमराह देखो, हर घड़ी बिन साथ के काँपती हैं उँगलियाँ उठ दर्द सहलाती रहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 422 Share Mahatam Mishra 4 Oct 2016 · 1 min read हाइकू “हाइकू” नव रजनी नव रूप धारिणी जै नव चंडी॥-1 भक्त अर्चना कुशलम साधना जै जगदंबा॥-2 पाठ आरती महिमा सुभारती जै नव दुर्गा॥-3 क्षमा दायिनी शुभदा कात्यायनी जै कृपालिनी॥-4 जग तारिणी... Hindi · हाइकु 271 Share Mahatam Mishra 17 Jan 2017 · 1 min read "बेटियाँ सादर नमस्कार, साहित्यपीडिया काव्य प्रतियोगिता बेटियाँ में मेरी प्रतिभागिता स्वीकार करें, सादर बेटियाँ” हर घरों की जान सी होती हैं बेटियाँ कुल की कूलिनता पर सोती हैं बेटियाँ माँ की... Hindi · कविता 545 Share Mahatam Mishra 5 Dec 2017 · 1 min read *◆माहिया छंद◆* *◆माहिया छंद◆* तू चितचोर नहीं रे भौरा उड़ आया उपवन कली खिली रे।। महकती रात रानी पवन उड़ाए गंध नासिका नथ बिरानी।। आस पास नहि कोई वक्त की बात है... Hindi · कविता 505 Share Mahatam Mishra 5 Dec 2017 · 1 min read मुक्तक सजा कर थाल में कंकू बहन की आ गई राखी लगा कर भाल पर टीका उभर कर छा गई पाखी सजे जब रेशमी धागे सहज भैया कलाई में महक माटी... Hindi · मुक्तक 416 Share Mahatam Mishra 5 Dec 2017 · 1 min read “गीतिका” “गीतिका” उड़ता ही रहा ऊपर सदा अरमान देखे हैं बहता रहा पानी झुका आसमान देखे हैं मिले पाँव कीचड़ तो बचा करके निकल जाते उड़ छींटे भी रुक जाते मजहब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 210 Share Mahatam Mishra 5 Dec 2017 · 1 min read “पिरामिड” “पिरामिड” वो देखो पतन चित्त पट्ट शय औ मात अहं टकराया निशान छोड़ गया॥-1 क्या भाव सुझाव दबोच लो शिकार मिला जाल तैयार है धागे कमजोर हैं॥-2 ये दृश्य दर्शन... Hindi · कविता 403 Share Mahatam Mishra 5 Dec 2017 · 1 min read “मुक्तक” “मुक्तक” रहती है खुशी किस गली में। खिलते हैं पुष्प भी कली में। कोई तो बताए वो खिली क्या- चहकी क्या हँसके भल भली में॥-1 कहते हैं अभी वो नादां... Hindi · मुक्तक 389 Share Mahatam Mishra 5 Dec 2017 · 5 min read "हलषष्ठी/ललही छठ" "हलषष्ठी/ललही छठ" हलषष्ठी छठ जिसे ललही छठ के नाम से भी जाना जाता है। यह पुत्र पौत्रादि के कामना का पावन पर्व है। इस पूजन का आधार अति पुरातन है... Hindi · लेख 629 Share Mahatam Mishra 6 Dec 2017 · 1 min read “कुंडलिया” “कुंडलिया” बैठी क्यों उदास सखी घिरी खुद के बिस्तर। सौंप हाथ को तूलिका ताक रही है ब-ख्तर। ताक रही हैं ब-ख्तर किससे तेरी लड़ाई। क्यूँ भागे तू दूर परस्पर प्रीत... Hindi · कुण्डलिया 274 Share Page 1 Next