महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali Language: Maithili 18 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 15 Oct 2021 · 1 min read प्रीतम मनवा गाबैत छी प्रीतम मनवा गाबैत छी जिनगी बीते जावैत छी नेक विचारे करि ले किछु तू कहू पाप कमाबैत छी दुख कम करिबे प्रीतमक जी काहे भरमाबैत छी तन क गरब न... Maithili · कविता 3 2 211 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 18 Sep 2021 · 1 min read संवेदनाएँ ! जीवनक अस्थित्व अखन शेष रहै बुझायै एहि कारणेँ बम धमाका आओर जिहादी नारा के बीच भ…… बची गेल अछि किछु— मानवीय संवेदनाएँ ! ••• Maithili · कविता 3 4 658 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 23 Sep 2021 · 1 min read स्वर्णिम अध्याय अछि मां आदि सृष्टि क स्वर्णिम अध्याय अछि मां करुणा आऔर ममता क पर्याय अछि मां धरम-करम केओ सारगर्भित व्याख्या मे जिनगी गीता क स्वाध्याय अछि मां तु द्रवित होइ बच्चन क... Maithili · कविता 3 2 290 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 17 Sep 2021 · 1 min read महाकवि विद्यापति रहल मैथिल क कवि महाकवि विद्यापति* कोटिशः कोटिशः नमन तोहे अर्पित श्रद्धा सुमन तोहे भावभक्ति युक्त वैष्णवी प्रीति-रीति क गीत रची कोटिशः कोटिशः नमन तोहे अर्पित श्रद्धा सुमन तोहे रहल... Maithili · कविता 2 2 475 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 15 Oct 2021 · 1 min read जिनगी कइसन कटि तोहरे बिन उड़ गेल जी क चैन अछि प्रीतम मन रहल बेचैन अछि जिनगी कइसन कटि तोहरे बिन कटत नहि इ बिरहा रैन अछि ••• Maithili · कविता 2 1 200 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 18 Sep 2021 · 2 min read खिले मैथिली धूप नेपाल वा बिहार मे, खिले मैथिली धूप मैथिल संस्कृत स्रोत अछि, तत्सम-तद्भव रूप* मिथिलाक्षर, कैथी रहल, प्राचीन लिपि स्वरूप देवनागरी मे लिखू, नीक मैथिली रूप** ••• _________________________ *मैथिली भाषा भारत... Maithili · कविता 2 2 516 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 18 Sep 2021 · 1 min read मैथिल रंग अनूप संस्कृत-पाली-मागधी, मैथिल रंग अनूप* किछु अंशों मे बंगला, किछु मे हिंदी रूप शामिल मैथिल आठवीं, सूची मे हे आज झारखंडीक राज्य मे, द्वितीय भाषा राज** ••• _________________________________ *मैथिली भाषा भारत... Maithili · कविता 2 2 338 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 19 Sep 2021 · 1 min read तीन जनक छन्द इ सावन क जे रूप अछि वसुन्धरा जे भीजतइ इ पृथ्वी क अनुरूप अछि *** इ बरखा क आनन्द अछि भीजत समस्त विश्व मे इ वर्षाऋतु क छन्द अछि ***... Maithili · कविता 2 2 440 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 21 Sep 2021 · 1 min read दर्द सभक एक सन….... इ जग मे जे कानय पीर सभक एक सन….... दर्द सभक एक सन….... प्रीति मे टूटल ह्रदय जे हीर सभक एक सन….... दर्द सभक एक सन….... भाग हमर…. हाय रे... Maithili · कविता 2 2 380 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 27 Sep 2021 · 1 min read दया धर्मस्य सार अछि दया धर्मस्य सार अछि जिनगी आधार अछि मानवस्य विस्तार अछि ••• ________________________ *तीन पंक्तियों में रचा जनक छन्द। सबसे सहज प्रवाह के लिए जाना जाता है। यह दोहे के प्रथम... Maithili · कविता 2 252 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 27 Sep 2021 · 1 min read मन मे नाचल मोर अछि केहू सभ चितचोर अछि प्रीतम तोहे देखिबे मन मे नाचल मोर अछि Maithili · कविता 2 1 342 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 27 Sep 2021 · 1 min read आब रामक दरसन दूर नहिं…… जन मानसक मन मे जे रहल आऔर सृष्टि क कन-कन मे इ रहल आब रामक दरसन दूर नहिं…… प्रभु मंदिरक निर्माण वहिं…… दीपन सँ सजल अयोध्या मन-मन्दिर बसल अयोध्या आब... Maithili · कविता 2 250 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 27 Sep 2021 · 1 min read गेल इ जिनगी काम मे गेल इ जिनगी काम मे होए भीतर मे वासना नाहि रमे मन राम मे Maithili · कविता 2 205 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 27 Sep 2021 · 1 min read मोहक खिला गुलाब सन मोहक खिला गुलाब सन प्रीतम तोहर रूप अछि होय हृदय बेताब सन ••• Maithili · कविता 2 1 201 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 3 Oct 2021 · 1 min read तोहार महत्व इ जिनगी तभे तलक छी देवि आऔर भाइ लोगन...... जबे तक तोहार ‘महत्व’ जिन्दा रहल … समझी किछु क नहि ? अनयथा — जले के पूरव जे लाश भss तss... Maithili · कविता 2 1 296 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 3 Oct 2021 · 1 min read आखरन क कबरगाह उ सबद... आखर.... ही अपन सारथक परभाव छोडि पाने मे सक्षम रहल भाइ लोगन … जोउ स्फुटित होय तोहर अनतरमन सन … भीतर क आखरन प्रवाह सन … अनयथा इ... Maithili · कविता 2 264 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 3 Oct 2021 · 1 min read संचारे क्रांति पयाजक झिल्लि सन परत-दर-परत खुलत रहल छी उ बात जोन लाख परदा क भितरे रहल छी … इ वास्तव मे परिवरतन होइ अथबा — कोनो दूर संचारे क्रांति से उपजत... Maithili · कविता 2 2 358 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 19 Sep 2021 · 1 min read आदि सृष्टि सँ …. एक कण सँ दोसर कण धरि …. एक परान सँ दोसर परान धरि…. पुरातन चेतन सँ नवचेतन धरि…. अखण्ड नित चलए सतत प्रक्रिया रहए आदि सृष्टि सँ …. भविष्यक गतर... Maithili · कविता 1 3 280 Share