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उडृे पतंग वो कैसे कि जिसमे डोर नहीं
मोनिका Sharma
होते ज़मीं तो शिकवा न करते ज़बां से हम
मोनिका Sharma
....और मैं हूँ
मोनिका Sharma
ये दो आँखें....
मोनिका Sharma
अजब दुनिया है ए मालिक....
मोनिका Sharma
न जाने ज़माने को क्या हो गया है
मोनिका Sharma
धूप
मोनिका Sharma
यहाँ "मासूम" रुकना था मगर जाने की जल्दी थी
मोनिका Sharma
बाँध कर लाये थे ज़ुल्फ़ों में वो काली रात भी
मोनिका Sharma
चाँदनी "मासूम" झुलसी जा रही है दोपहर में
मोनिका Sharma
दिल ये हिंदुस्तान सरीखा लगता है
मोनिका Sharma
"मासूम" घर आँधी ने उजाड़ा नहीं कभी
मोनिका Sharma
आप अपने बड़े किरदार संभाले रखिये
मोनिका Sharma
बिटिया रानी
मोनिका Sharma
पिता
मोनिका Sharma
मुक्तक
मोनिका Sharma
"रब बदल गया"
मोनिका Sharma
मैं हूँ ज़िंदा तुझे एहसास कराऊं कैसे
मोनिका Sharma
दुल्हन अभी नई हूं मैं
मोनिका Sharma