Laxmi Narayan Gupta 101 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Laxmi Narayan Gupta 9 Nov 2024 · 1 min read सुखांत जीवन का मध्यांतर दुखांत चलचित्र की तरह होने के पहले मैं अपना किरदार बदलना चाह रहा था रावण से राम बनने राह जुगाड़ रहा था । मंदोदरी तैयार नहीं थी... 23 Share Laxmi Narayan Gupta 5 Nov 2024 · 1 min read प्राण प्रतिष्ठा अक्षर की ध्वनि-शक्ति शिला में अंतर्मन कवि-तत्व कला में प्राण प्रतिष्ठा के साधन हैं । प्राण प्रातिष्ठित संज्ञाएँ साधक से बोला करती हैं । तन्मयता में भूल स्वयं को याद... 22 Share Laxmi Narayan Gupta 27 Oct 2024 · 1 min read बेल v/s लता लिपटने भर को बनी क्या यही जीवन "लता" बस मुझे इतना बता जन्म जन्मों लिपटना खुद चाहा बे-वजह या मिली है कोई सजा । बेल हो या हो लता सूखती... 36 Share Laxmi Narayan Gupta 20 Oct 2024 · 1 min read इस दीपावली ताश की एक गड्डी में बावन पत्तों के साथ जोकर कहे जाने वाले दो पत्ते भाग्यवानों के लगते हैं हाथ पत्ते परोसे जाने पर .... रंगमंच की चौपड़ पर गड्डी... 46 Share Laxmi Narayan Gupta 19 Oct 2024 · 1 min read व्यथा उमर बढ़ती का असर, अब न महकें वर्ण स्वर । महकती संवेदना भुला दे या माफ़ कर । बात तब की और थी थी खुशी की वो डगर । छुआ... 40 Share Laxmi Narayan Gupta 28 Sep 2024 · 1 min read खजूर के वृक्ष का दुख बड़ा हुआ तो क्या हुआ .... कबीर के दोहे से खजूर बहुत खिन्न है वह कहते सुना गया मेरा यहाँ होना अन्य वृक्षों से भिन्न है ॥ छाया और फलदार... 49 Share Laxmi Narayan Gupta 30 Aug 2024 · 1 min read प्रेम की पराकाष्ठा तुम्हारे जाने के बाद साठ वर्ष बीते हैं अभी इन दिनों तुम्हें भुला नहीं पाया कभी । तुम्हारे जाने के बाद तुम्हारी वही मुस्कराहट मेरी मांं के मुखपर दिखी ।... 55 Share Laxmi Narayan Gupta 30 Aug 2024 · 1 min read वंश वृक्ष सुखद आश्चर्य यदि किसी माँ की किसी की दादी की किसी की परदादी की 25वीं पुण्यतिथि मनाई जाये । वसुधा को कुटुम्ब मानते हैं हम लेकिन अपने कुटुम्ब के परदादा/दादी... 59 Share Laxmi Narayan Gupta 21 Aug 2024 · 1 min read हम भी कैसे.... नव-गीत हम भी कैसे पागल जैसे भी हॅंसते रोते हैं.... होश संभाला जब से हमने देखा बंटवारा देश बंटा आरक्षण लाकर बांटा भाई चारा । राजनीति के दलदल में कुछ... 55 Share Laxmi Narayan Gupta 4 Aug 2024 · 1 min read प्रेम संदेश अवयस्क मेघ के हाथों से वयस्क संदेशा भेजा था क्या मिला तुम्हें ? वह अषाढ़ था ये सावन है रिमझिम रिमझिम मनभावन है पर खले हमें । अनमोल उम्र इस... 66 Share Laxmi Narayan Gupta 2 Aug 2024 · 1 min read तेरे मेरे प्यार की कविता स्त्री-पुरुष के बीच प्रथम प्यार विवाहित जोड़े की प्रथम संतान जैसा होता है । वय-संधि के समय पैदा हुई इस संतति को हर कोई जीवन पर्यंत अमर रखना चाहता हैं... 54 Share Laxmi Narayan Gupta 7 Jul 2024 · 1 min read हमको समय बिलौना फुरसत में होना भी अब रोने जैसा ही रोना है पास नहीं पोती-पोते ये जीवन आधा-पौना है । पढ़े-लिखे बेटे बेटी बने सुयोग्य, छोड़ घर भागे मीलों दूर बसे जाकर... 70 Share Laxmi Narayan Gupta 18 May 2024 · 1 min read ह्रदय है अवसाद में मेरे दाये हाथ की हथेली पर उभरा शुक्र मुस्कराता है ......तुम्हारी याद में । चैत्र मास से ज्येष्ठ माह के अंत तक सुबह की पहली किरण लगता है शुक्र अषाढ़... 118 Share Laxmi Narayan Gupta 18 May 2024 · 1 min read लगते नये हो भूले बिसरे गीतों की तरह मधुरिम हो गए हो याद करता हूँ जब जब लगते नए हो । वही मोहल्ला मोहल्ले की गलियाँ मंदिर की देहरी पर फूल और फुलझरियाँ... 67 Share Laxmi Narayan Gupta 9 Apr 2024 · 1 min read मेरे पिंजरे का तोता जाने कब जागे कब सोता मेरे पिंजरे का तोता | हरे भरे पेड़ों पर बसता पेड़ों के संग रंग की समता लाल लाल कंठी वाला वो उड़ आकाश दिखाता क्षमता... 122 Share Laxmi Narayan Gupta 1 Mar 2024 · 1 min read पता नहीं किस डरसे बदरा बरसे सिसके सरसों हुई दोहरी सिर रखने काँधे को तरसे । कृषक बिचारा हिम्मत हारा दौड़ा खेतों लुटती दुनिया दरसे । पीली सरसों आग समझकर उसे बुझाने बादल आए... 118 Share Laxmi Narayan Gupta 27 Feb 2024 · 1 min read मैं मैं नहिंन ...हम हम कहिंन देव भाषा में अहम् का विस्तार आवाम से चलकर वयम् तक । हिन्दी के "मैं" को चाहिये उसकी जगह "हम" का प्रस्थापन समावेसी संबोधन का हक । "मैं" के मायने... 90 Share Laxmi Narayan Gupta 9 Feb 2024 · 1 min read बतायें कौन-सा रस है ? बदलती उम्र के साथ तुम्हारे प्रति मेरी मादकता वात्सल्य में बदलती जा रही है अपने बेटू की याद आ रही है । मेरे मन में बहुत दिनेों से तुम्हारे सिर... 96 Share Laxmi Narayan Gupta 6 Feb 2024 · 1 min read विरासत की वापसी कर्तव्य पथ पर जो अडिग रह बस उसी को धर्म माने भारतीय संस्कृति उसे ही आर्यावर्त का राम जाने । कुरुक्षेत्र या सत-असत रण कर्तुम अकर्तुम सीख देता आर्य संस्कृति... 104 Share Laxmi Narayan Gupta 2 Feb 2024 · 1 min read शरीर काया को छतरी समझ, प्राण शक्ति को ओम । जिसकी धड़कन नाद बन, विचरण करती व्योम ।। विचरण करती व्योम, जहाँ अक्षर की छाया कोई न जाने वहाँ, कौन ने... 78 Share Laxmi Narayan Gupta 11 Jan 2024 · 1 min read सांस्कृतिक संक्रांति ठण्ड से छुई-मुई धूप बासंती हुई सूर्य की नजदीकियों से धरा फिर हर्षित हुई । जनमन में राम फिर से जागे संक्रान्ति आई धर्म संस्कृति जागरण ने कोहरे से मुक्ति... 147 Share Laxmi Narayan Gupta 7 Oct 2023 · 1 min read क्षणिका सी कविताएँ (1) अहम् अहंकार अर्थी शब्द से 'अ' और ' म' का हलन्त हटाकर कहो पास आकर वह शब्द जो मैं सुनना चाहता हूँ और तुम कहना नहीं चाहते । (2)... 137 Share Laxmi Narayan Gupta 30 Jul 2023 · 1 min read रेल गाड़ी (बाल कविता) दोहरी हैं जहां पर पटरी और जहां विद्युत की कटरी चले नहीं अब छुक छुक करते भाप यान सब हुए कबाड़ी | बिजली पावर खींचे गाड़ी || रेल गाड़ी रेल... 131 Share Laxmi Narayan Gupta 14 Jun 2023 · 1 min read धरती माता धरती धर ती कितना बोझा कभी नहीं हमने ये सोचा | भेदभाव के बिना सभी को पाला ज्यों घर की अम्मा ने किसको पालू किसको छोडूँ कभी न सोचा धरती... Poetry Writing Challenge 240 Share Laxmi Narayan Gupta 14 Jun 2023 · 1 min read अदूरदृष्टि कहीं बाढ़ की विभीषिका है सूखे के हालात कहीं । स्वप्रेरित सुचिता होती तो होते ये आपात नहीं । कैसे लूटें देश, भरें घर सबकी थी रणनीति यही | बाढ़... Poetry Writing Challenge 2 145 Share Laxmi Narayan Gupta 14 Jun 2023 · 1 min read निहितार्थ विद्यार्थी काल की पुस्तक पुस्तक के दो पन्नों के बीच रखे सूखे गुलाब को हर जन्मदिन की तरह इसवार भी पर अंतिम बार निहार कर कर दिया उसको हर हर... Poetry Writing Challenge 349 Share Laxmi Narayan Gupta 13 Jun 2023 · 1 min read जाने क्यों कलम रुकी है जाने क्यों ? अधर मौन हैं जाने क्यों ? सत्य झूठ है सब कुछ सम्मुख फिर भी चुप है दर्पण क्यों ? रहा हितैशी जन मन का... Poetry Writing Challenge 181 Share Laxmi Narayan Gupta 13 Jun 2023 · 1 min read राम कृष्ण के देश में मैं कायर हूँ जेल जाने के भय से देश द्रोहियों के हौंसले बढ़ाने वाले देश,भाषा, संस्कृति को चूना लगाने वाले कानूनों का विरोध करने के लिए कानून हाथ नहीं लेता... Poetry Writing Challenge 114 Share Laxmi Narayan Gupta 26 May 2023 · 1 min read वे पढ़े लिखे लोग v/s ये लिखा पढ़े लोग आज के समय के उन पढ़े लिखे लोगों से बिल्कुल अलग होते हैं सनातनी लिखा पढ़े लोग | ये सच्चे संवेदनशील सहिष्णु, पढ़ते हैं सनातन और सत्य से अटा और... 401 Share Laxmi Narayan Gupta 29 Mar 2023 · 1 min read विशेष प्रार्थना सरस-वती माँ सरस्वती नौ रूपों में शामिल तुम भी ज्ञान भले ही कम देना पर हो विवेक कम नहीं कभी । माँ सरस्वती.......। तन रूप वीणा झंकृत हो स्वर लहरी... Hindi 235 Share Laxmi Narayan Gupta 26 Mar 2023 · 1 min read अपना तो ये ही स्वारथ है अपना तो ये ही स्वारध है शायद फिर कोई आया है इस मकान के अंदर रहने । पहले से ही यहाँ पड़े है अनछुये कपड़े और गहने । कोई भी... Bhojpuri 207 Share Laxmi Narayan Gupta 18 Feb 2023 · 1 min read नौका विहार प्रेम की नौका कविता की नदी में बहने के लिये होती है दूसरा तट छूने के लिये नहीं । फिर भी नाव के साथ जुडे़ चप्पू तुम नदी को प्रपात... Hindi 188 Share Laxmi Narayan Gupta 30 Jan 2023 · 1 min read मेरे बसंत मन तुलसी के घरौंदे में पतझड़ बिखरा है तुम्हारा खुश मिज़ाज न होना हर किसी को अखरा है । सकारात्मक उर्जा का स्रोत होता है तुम्हारा कुछ कहते रहना हँसमुख प्रफुल्लित... Hindi 175 Share Laxmi Narayan Gupta 19 Jan 2023 · 1 min read कुण्डलियाँ (1) तृष्णा को पाले हुए, बीते सत्तर साल । जारी उसका निखरना, मल मल रंग गुलाल ।। मल मल रंग गुलाल, मांग में भर भर मेंहदी । है तो कटि... Hindi 236 Share Laxmi Narayan Gupta 15 Jan 2023 · 1 min read पहाड़ा छंद लिख दूँ या रहने दूँ .... निलय के माथै को चूमने की बात का अर्थ ओ समर्थ तुम जानते हो मानते भी हो । तुम्हारा सूरज पर थूकना तुम्हारे माथे... Hindi 131 Share Laxmi Narayan Gupta 12 Jan 2023 · 1 min read चिन्तन दीर्घ जीवन कामना, क्यों करूँ अपने लिए क्या किया इस देह ने, परमार्थ -देश के लिए भारती की गोद में, आज अबतक जन्म से स्वार्थमय जीवन जिया, मात्र निजिता के... Hindi 164 Share Laxmi Narayan Gupta 8 Jun 2021 · 1 min read पानी न बरसने की पीड़ा वर्षा की राह जोहते लोग बेमन से तीज त्योहार मना रहे हैं पिछली अवर्षा से प्रभावित गाँव-शहर आज अभी तक पानी नहीं, पसीने से नहा रहे है । कलमुँहे बादल... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 4 334 Share Laxmi Narayan Gupta 5 Jun 2021 · 1 min read पावस बहुत रुलाती हो पावस बहुत रुलाती हो, तरसा तरसा कर आती हो…. पीली चमड़ी वाली गर्मी, होजाती जब बहुत अधर्मी झुलसाती धरती का आँचल बिन पानी रीते सब बादल । पावस हड़काओ सूरज... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 1 515 Share Laxmi Narayan Gupta 4 Jun 2021 · 1 min read सावन में सावन की रिमझिम से गीली चुनरिया चिपकी है जैसेकि चिपकें सवरिया । बरसो भले ही, पर कड़को न बदरा अकेली हूँ घर में, मैं उनकी दुलरिया । सावन में तन... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 1 354 Share Laxmi Narayan Gupta 28 Oct 2020 · 1 min read वर्ण धनुष शीर्षक : दर्पण पी कर पचाले तब जानूँ । उगलता क्यूँ सीधी तस्वीरों को मुँह देखी करके । दर्प में भूल मत तेरी पीठ पर लगा रोगन चमकाता तुझको दर्प... Hindi · लेख 372 Share Laxmi Narayan Gupta 27 Oct 2020 · 1 min read भारत जानता है विश्व भारत की अहमियत जानता है । विश्व भी पाकको आतंकी जानता है । हम पड़ौसी धर्म में ही मशगूल रहे कैसे निपटना अब भारत जानता है । मित्र होना... Hindi · लेख 2 376 Share Laxmi Narayan Gupta 26 Oct 2020 · 1 min read वास्तविकता हम दिन नहीं काट रहे दिन हमें काट रहे हैं । दिन प्रतिदिन दिन हमे काट रहे हैं । सम्मिलित परिवार से धार्मिक आस्थाओं से और सबसे महत्वपूर्ण हमको मानवता... Hindi · मुक्तक 2 303 Share Laxmi Narayan Gupta 26 Oct 2020 · 1 min read भानु रथ रुके न एक ही गाँव दिनभर मेहनतकश मेहनत कर करे प्रतीक्षा आए शाम । ढले शाम, हो रात आगमन मन भर कर करने विश्राम । यो ही नित्य चले है नश्वर दिन के बाद रात... Hindi · कविता 312 Share Laxmi Narayan Gupta 26 Oct 2020 · 1 min read पारिजात बनें कोरिसिया स्पेकिओस के पुष्प प्रियदर्शी होते हैं सीरत रहित सुंदर महिला की तरह । कोरिसिया स्पेकिओस के फूल होते हैं पेटू, स्वार्थी करोड़पतियों, ढोंगी समाजसेवियों की तरह । ये पुष्प/फूल... Hindi · लेख 272 Share Laxmi Narayan Gupta 30 Aug 2020 · 1 min read मुक्तक कहमुकरी विधा द्वार बजा उठ सांकर खोली बैरी ने घुस सेज उकेली+ खिंचता चीर हाथ से रोका थे सखि साजन? ना वत झोंका । सावन सूखा आंखें भदवा विधवा लगती... Hindi · मुक्तक 3 532 Share Laxmi Narayan Gupta 22 Aug 2020 · 1 min read वर्ण पिरामिड कविता विधा गणेश श्री श्री जी विविध नामधारी चूहा सवारी जय गजानन करें हम नमन Hindi · कविता 4 1 360 Share Laxmi Narayan Gupta 19 Aug 2020 · 1 min read चन्दा मामा चन्दा मामा जादूगर हो ? ऐसा कैसे कर पाते हो ? धीरे धीरे छुपते पहले फिर बैसे ही हो जाते हो । मामा बोले सुनो भानजे बेटा जब भी माँ... Hindi · कविता · बाल कविता 2 1 449 Share Laxmi Narayan Gupta 11 Aug 2020 · 1 min read हरि (कृष्ण) स्मरण (1) हरियाली हरी की कृपा, यदि चाहो चहुँ ओर। भजिए हरी को अहर्निश, बिना कसर बिंन कोर॥ बिना कसर बिंन कोर, काम सब चलाने दीजे । जहां दिखे अवरोध, ध्यान... Hindi · कुण्डलिया 333 Share Laxmi Narayan Gupta 10 Aug 2020 · 1 min read सेल प्रेम का मौसम निकल जाने के बाद तुमने एक पर एक फ्री की तर्ज पर मेरा मूल्यांकन किया व्यापारियों की तरह नया स्टाक लाने की गर्ज पर । यह बात... Hindi · कविता 4 554 Share Laxmi Narayan Gupta 9 Aug 2020 · 1 min read छ: दीपक “शांति” का दीपक बुझे नहीं, यह जरूरी आजकल जला लेंगे शेष दीपक, हैं बुझे जो आजकल । “उत्साह” दीपक जले को, वे बुझाते फूंक कर चोरियों में नामजद जो, खुले... Hindi · दोहा 496 Share Page 1 Next