लक्ष्मी सिंह Tag: दोहा 276 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid लक्ष्मी सिंह 2 Jun 2020 · 1 min read भिखारी एक भिखारी जोड़ से, लगा रहा है टेर। बना निकम्मा आलसी, या किस्मत का फेर।। १ गली-गली में घूमता,फैलाता है हाथ। दर-दर ठोकर खा रहा, दो बच्चे भी साथ।। २... Hindi · दोहा 14 5 332 Share लक्ष्मी सिंह 30 Mar 2020 · 1 min read कोरोना विद्यमान है वायरस, व्याकुल विश्व विशाल| विपदा व्यापक है विकट, विफल वैद्य बेहाल||१ कण कण को कर्कश किया, कोरोना का काल। कठिन काल करुणा भरा, कहर किया कंकाल||२ भोजन खाना... Hindi · दोहा 13 3 316 Share लक्ष्मी सिंह 31 May 2020 · 1 min read गीत अधरों पर घुलता रहा, जीवन का संगीत। अपनी परछाई मुझे, क्यों करती भयभीत।। १ है जीवन संगीत-सम,हँसते-गाते झूम। सुर छिड़ जाये कौन- सा,किसको है मालूम।। २ साँस-साँस सुर से सजी,जीवन... Hindi · दोहा 8 3 299 Share लक्ष्मी सिंह 2 Apr 2021 · 1 min read आस करे तमाशा जिन्दगी, होना नहीं निराश। ऐसे में धीरज धरो ,रखों आस विस्वास।। १ आस और विस्वास को, हरदम रखना पास। जिन्दा रहता है वही,जिसमें होती आस।। २ कच्ची मिट्टी... Hindi · दोहा 8 10 461 Share लक्ष्मी सिंह 30 Mar 2020 · 1 min read कुम्हार रचता है कुम्हार भी, नित माटी से लाल। माटी की मूरत बना,जीवन देता डाल।। १ दूर करे तम को सदा,काट निशा का जाल। जोत जले भगवान का, रौशन जग का... Hindi · दोहा 6 2 309 Share लक्ष्मी सिंह 30 Mar 2020 · 1 min read प्रेम पर्वत है ऊँचा मगर, छूँ न सका आकाश। प्रेम हृदय में है नहीं, कैसे करें विकास।।१ पुष्प प्रेम खुश्बू भरा, लुटा रही स्वच्छंद। रस का लोभी ये भ्रमर, छीन लिया... Hindi · दोहा · प्रेम 6 1 294 Share लक्ष्मी सिंह 8 Nov 2020 · 1 min read बंद पड़ीं है लेखनी बंद पड़ीं है लेखनी, मूक हुए सब भाव। हर पल खलता है मुझे, केवल यही अभाव ।। १ दहक रही है ज़िन्दगी, जैसे जले अलाव। मेरे अंदर घुट रहे, मेरे... Hindi · दोहा 6 5 277 Share लक्ष्मी सिंह 31 Mar 2024 · 1 min read सत्य की खोज "सत्य की खोज” मनुज का,है अद्भुत प्रयास। अंधकार से निकलकर,पाता सुखद प्रकाश।। चिंतन-मंथन कीजिए , अन्तर्मन से रोज । दिव्य दृष्टि होगी प्रखर,सहज सत्य की खोज ।। पाप तिमिर सब... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · दोहा 6 46 Share लक्ष्मी सिंह 10 Feb 2020 · 1 min read अखबार सुबह चाय के संग ही, पढ़ते हैं अखबार। सभी घरों में है अहम,इसका किरदार।। १ जानकारियों से भरा, रहता था अखबार। भरे हूए है अब मगर, केवल कलुष विचार। ।... Hindi · दोहा 5 4 431 Share लक्ष्मी सिंह 19 Dec 2020 · 1 min read दिसंबर का ठंड माह दिसम्बर ठंड का, बहुत बुरा है हाल । गरम लबादा ओढ़ना,स्वेटर ,मफलर ,शाॉल।। १ दिवस दिसंबर दैत्य-से, बहुत अधिक है ठंड। जिस के सर पर छत नहीं,उसको लगता दंड।।... Hindi · दोहा 5 2 358 Share लक्ष्मी सिंह 29 May 2023 · 1 min read चूड़ियाँ आदि काल से चूड़ियाँ, संस्कृति का आघार। खुशहाली की चिन्ह यह, प्रमुख कर अलंकार।। खनके हाथों में सदा, चूड़ी वृत्ताकार। रिक्त कलाई हो नहीं, भरी रहे दो-चार।। पहने बेटी हाथ... Poetry Writing Challenge · दोहा 5 241 Share लक्ष्मी सिंह 13 Jun 2023 · 1 min read लक्ष्य लक्ष्य हीन है जो मनुज, पड़े उसे क्या फर्क। रहा भटकता दर बदर, बेमतलब का तर्क।। यूँ ही अपनी जिंदगी, करो नहीं तुम व्यर्थ। उस मकसद को ढ़ूंढ़ लो, जिसका... Hindi · दोहा 5 6 257 Share लक्ष्मी सिंह 12 Mar 2018 · 1 min read अनुप्रास अलंकार युक्त दोहे ? ? ? ? मदमाती मनमोहनी, मनहर मोहक रूप। मृगनयनी मायावती, मुस्काती मुख धूप।। १ सुखद सुगंधित सुमन सम, सृष्टि सृजक श्रृंगार। सरल समर्पित स्नेह से, सुखद सुधा संसार।। २... Hindi · दोहा 4 4 2k Share लक्ष्मी सिंह 20 Jul 2019 · 1 min read कब मैंने चाहा सजन कब मैनें चाहा सजन, मिले नौलखा हार। देना है तो दिजिए, थोड़ा समय उधार।। समय तुझे मिलता नहीं,पल भर बैठे पास। कैसे समझोगे भला, मैं क्यों हुई उदास।। रूठी हूँ... Hindi · दोहा · प्रेम 4 2 343 Share लक्ष्मी सिंह 5 Aug 2019 · 1 min read मित्र बुरे वक्त में ही दिखे, सबके असली रंग। केवल सच्चा मित्र ही, रह जाते हैं संग।। टाँग खींचती दोस्ती, कुछ मीठी नमकीन। केवल खुशियाँ बाँटते, गम लेते हैं छीन।। राह... Hindi · दोहा 4 1 459 Share लक्ष्मी सिंह 9 Sep 2019 · 1 min read मात खेल रहा है लालना, मात यशोदा गोद। हर्षित है घर आँगना, छाया मंगल मोद।। हाथ उठा कर मात जब, देती है आशीष। झुक जाते भगवान भी, रख चरणों में शीश।।... Hindi · दोहा 4 1 375 Share लक्ष्मी सिंह 29 Jan 2020 · 1 min read खुश्बू मेरी मित्र फूलों की खुश्बू बनी, जब से मेरी मित्र। रोम-रोम में घुल गया, जैसे कोई इत्र।। हर्फ-हर्फ महका गई, खुश्बू तेरी याद। किया कैद कुछ इस तरह, हो न सके आज़ाद।।... Hindi · दोहा 4 361 Share लक्ष्मी सिंह 1 Feb 2020 · 1 min read जन्म दिवस जन्म दिवस पर आपको, भेज रही उपहार। तुच्छ नहीं समझो इसे, भरा हुआ है प्यार।। १ करती हूँ शुभकामना, सदा रहो खुशहाल। चाँद सितारों की तरह,जीना लाखों साल।। २ फूलों... Hindi · दोहा 4 2 203 Share लक्ष्मी सिंह 23 Oct 2020 · 1 min read काले रंग मेरे काले रंग पर, तरकस कसते रोज़ । ये लो दर्पण देख लो, तुम में कितना ओज़।। १ काले गोरे रंग में, क्यों करते हो भेद । अंतर मन से... Hindi · दोहा 4 287 Share लक्ष्मी सिंह 15 Mar 2022 · 1 min read दूर क्षितिज के पार माँ! चल ले चल तू मुझे,दूर क्षितिज के पार। जहाँ हृदय हो पुष्प सा, स्वार्थ हीन हो प्यार ।। इंसा में इंसानियत,हो निर्मल व्यवहार। सत्य सुर्य सा हो प्रखर,करे झूठ... Hindi · गीत · दोहा · दोहा गीत · बाल कविता · माँ 4 3 261 Share लक्ष्मी सिंह 21 Jun 2023 · 1 min read योग आज विश्व को चाहिए,ऐसा एक विज्ञान। हितकारी सबके लिए,योग शक्ति संधान।। सामाजिक कल्याण की,एक विधा है योग। भौतिकवादी दौड़ में,जिससे रहे निरोग।। योग एक तकनीक है, मन को करे ससक्त।... Hindi · दोहा 4 4 160 Share लक्ष्मी सिंह 14 Jul 2023 · 1 min read अति वृष्टि अति वृष्टि में सृष्टि फँसी,जग में हाहाकार। आई विपदा की घड़ी,पड़ी प्राकृतिक मार।। पहले प्यासी मृत धरा,थी सूखे की मार। अब बरसी है क्रोध में,करने लगी प्रहार।। होती रहती रात... Hindi · दोहा · बरसात 4 1 453 Share लक्ष्मी सिंह 19 Jul 2023 · 1 min read पंचतत्व धूमकेतु,धनरस,धरा,अंबर और बयार। पंचतत्व के रूप में, ईश्वर का उपहार।। पंचतत्व से है बना,जग के सकल पदार्थ। भव बंधन को खोलता,परम पूण्य परमार्थ।। पंचतत्व मिलकर बना,मनुज तूम्हारा देह। पंचतत्व में... Hindi · दोहा 4 1 492 Share लक्ष्मी सिंह 1 Aug 2023 · 1 min read महादेव का भक्त हूँ महादेव का भक्त हूँ,पिया हलाहल रोज। नयनों में आँसू भरा,मुख मंडल पर ओज। दुख ताण्डव करता रहा,रही मुसीबत साथ। मगर शीश पर रख दिया, महादेव ने हाथ।। भोले भाले हैं... Hindi · दोहा 4 1 343 Share लक्ष्मी सिंह 9 Sep 2019 · 1 min read खेल/मेल/तेल.... हाड़ माँस केवल बचा, बंद हुआ सब खेल। दीपक जलता है तभी, जब उसमें हो तेल।। जिजीविषा में है फसा, इस जीवन का रेल। ममता माया मोह से, प्रीत किये... Hindi · दोहा 3 243 Share लक्ष्मी सिंह 27 Jan 2020 · 1 min read सोलह दूनी आठ। प्यारे प्रियतम प्रेममय, पढ़ो प्रेम का पाठ। मुझे समझ आता नहीं,सोलह दूनी आठ।। कौन पढ़ाये आपको,सोलह दूनी आठ। उम्र साठ की हो गई, रहा नहीं वो ठाठ।। प्रेम पढाता है... Hindi · दोहा 3 1 301 Share लक्ष्मी सिंह 3 Feb 2021 · 1 min read पूर्ण विराग आधार छंद दोहा माया ममता मोह मद,सभी सुखों को त्याग । वही कृष्ण बनता मनुज, जिसमें पूर्ण विराग। पग में बंधन मोह का,और सत्य की प्यास, फँसा हुआ कुरुक्षेत्र में,खेल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · दोहा 3 3 287 Share लक्ष्मी सिंह 11 Feb 2021 · 1 min read काश जो कुछ भी मैं चाहती, हो जाता वह काश। पंख लगा कर विहग सी, उड़ जाती आकाश।।१ काश हमारे स्वप्न सब, हो जाते साकार। धीरे धीरे ही सही, ले लेता... Hindi · दोहा 3 1 205 Share लक्ष्मी सिंह 12 Feb 2021 · 1 min read प्रेम पर्व आया सखी प्रेम पर्व आया सखी, मन में उठे तरंग । छलक रहा है सोम रस, मादकता के संग।। १ अंग- अंग को तर रहा, मदहोशी का रंग। पोर पोर ज्वाला भरा,... Hindi · दोहा · प्रेम 3 3 191 Share लक्ष्मी सिंह 25 Feb 2021 · 1 min read सेमल सेमल कल तक था खड़ा,यूँ ही नंग धरंग। प्रिय बसंत का आगमन,निखर उठा हर अंग।। हाड़-मांस को फोड़ कर,फूट पड़ा हर अंग। रक्त पुष्प बन कर खिला, दहक रहा है... Hindi · दोहा 3 2 536 Share लक्ष्मी सिंह 1 Mar 2021 · 1 min read रचो महोत्सव रचो महोत्सव प्रीत का, फैले है बहुरंग । मैं बन जाऊँ राधिका,मिले श्याम का संग।। गोरे गोरे अंग पे, चढ़ा श्याम का रंग। मन रंगीला उड़ चला, जैसे उड़े पतंग।।... Hindi · दोहा · प्रेम 3 3 372 Share लक्ष्मी सिंह 13 Mar 2022 · 1 min read तुम पतझड़ सावन पिया, तुम पतझड़ सावन पिया, तुम ही हो मधुमास। बूँद स्वाति नक्षत्र की,तुम्हीं हृदय की प्यास।। तुम हो मन की केतकी,चंपा तुम्हीं पलास। रिक्त हृदय के कुंज में,प्रथम प्रेम आभास।। प्रेम... Hindi · दोहा · प्रेम 3 1 754 Share लक्ष्मी सिंह 21 Aug 2022 · 1 min read नारी का क्रोध तनी भृकुटि है क्रोध से,नेत्र धधकते ज्वाल । बेलन लेकर हाथ में , देखो आई काल।। फूट पड़े ज्वाला सभी, रूद्र रूप विकराल। गर्म कोयले की तरह, उबल रही तत्काल।।... Hindi · दोहा · नारी शक्ति 3 1 493 Share लक्ष्मी सिंह 8 Mar 2023 · 1 min read होली (विरह) अबकी होली में सखी,भूल गये रघुवीर। टूट गए सपने सभी,हार गया तकदीर।।१ रंग भरी पिचकारियाँ,चला रही है तीर। रंगों की बौछार से,दिया हृदय को चीर।।२ विरहन को भाये नहीं, रंग... Hindi · दोहा · विरह 3 2 230 Share लक्ष्मी सिंह 23 May 2023 · 1 min read बरगद पीपल नीम तरु बरगद पीपल नीम को,कहते रूप त्रिदेव। ब्रह्मा,विष्णु,महेश जी,इसमें बसे स्वमेव।। ऋषि- मुनि योगी संत-जन, यहीं लगाते ध्यान। इसके नीचे बैठकर,मिला बुद्ध को ज्ञान।। मोक्षदायिनी वृक्ष है,करता मोक्ष प्रदान। करे शुध्द... Poetry Writing Challenge · दोहा · वृक्ष 3 2 342 Share लक्ष्मी सिंह 24 May 2023 · 1 min read एकाकीपन संबंधों की डाल पर, टाँके थे जो फूल। समय बदलते ही सभी,आज बने हैं शूल।। झूठा आडंबर रचे,सारे रिश्तेदार। छल-प्रपंच से था भरा,उनका हर व्यवहार।। छुरा भोंककर पीठ में,तोड़ दिया... Poetry Writing Challenge · दोहा 3 2 160 Share लक्ष्मी सिंह 27 May 2023 · 1 min read आँखें कभी-कभी ये आँख भी, करती बहुत कमाल। होता दिल में दर्द पर, बाहर करे धमाल।। करती हैं साजिश बहुत,लगता लेगी जान। बस जाता इन आँख में,जब कोई इंसान।। बैठी हूँ... Poetry Writing Challenge · दोहा 3 4 370 Share लक्ष्मी सिंह 28 May 2023 · 1 min read हुआ पिया का आगमन हुआ पिया का आगमन, छाया उर मधुमास। हुई पूर्ण मनकामना,बुझी हृदय की प्यास।। सारे मौसम से अलग,ये मौसम कुछ खास। मन मयूर नर्तन करे,खिले अधर मृदुहास।। मन मेरा तन में... Poetry Writing Challenge · दोहा · प्रेम 3 4 263 Share लक्ष्मी सिंह 29 May 2023 · 1 min read प्रिय विरह करवट-करवट रात ये, करती गई उदास। अंतस बसता विरह का,ये कठोर आभास।। जैसे मछली जल बिना, तुम बिन मैं निष्प्राण। बरसो घन बन प्रीत का, दे दो जीवन त्राण।। अद्भुत... Poetry Writing Challenge · दोहा · विरह 3 1 172 Share लक्ष्मी सिंह 29 May 2023 · 1 min read क्रोध क्रोध पतन का रास्ता, महा तीक्ष्ण तलवार। खुद की गर्दन पर करें, खुद ही मनुज प्रहार।। तीर क्रोध का जब चले, खुद का करे विनाश। मन में आने दो नहीं,... Poetry Writing Challenge · दोहा 3 545 Share लक्ष्मी सिंह 12 Jun 2023 · 1 min read रुचि पूर्ण कार्य असल जिंदगी में हमें,तब आता आनंद। जब करते हैं हम वही,जो होता हमें पसंद।। कभी खत्म होती नहीं,पा लेने की दौड़। सोच-समझ कर कीजिये, पहले खुद पर गौर। लाभ कमाने... Hindi · दोहा 3 4 289 Share लक्ष्मी सिंह 25 Jul 2023 · 1 min read बरखा रानी बरखा रानी आ गई,कर सोलह श्रृंगार। बिजली की पायल पहन,करे मधुर झंकार।। काली चुनरी ओढ़ कर,बरसे धन बौछार। आगे आगे नाचती,गाती चले बयार।। इन्द्रधनुष का आभरण,बहुरंगा मनियार। नीलगगन में टाँक... Hindi · दोहा · बरसात 3 1 356 Share लक्ष्मी सिंह 27 Jul 2017 · 1 min read राख ?????? तन पे राख लपेट कर , बसहा बैल सवार। शिव के दम पे है खड़ा, ये पूरा संसार।। 1 दुर्बल नारी जान के, मत करना अपमान। चिंगारी है राख... Hindi · दोहा 2 941 Share लक्ष्मी सिंह 17 Jan 2018 · 2 min read शाम सुहानी विधा - दोहा छंद ?????? शाम सुहानी दे रही, प्यार भरा पैगाम। कुछ-पल बैठे साथ में, इक-दूजे को थाम।। 1 जीवन भर यूँ ही बहे, प्यार भरी यह नाव। तेरे... Hindi · दोहा · प्रेम 2 1 518 Share लक्ष्मी सिंह 14 Feb 2018 · 1 min read सरस्वती वंदना ????? शांत-सजल -शीतल-सरल, ज्ञान दायिनी मात। वर दे माँ पाये तुझे, भजे तुझे दिन-रात।। १ साहस, संयम, विमल मति, उर में भर दो ज्ञान। हे माँ हमको शक्ति दो, दो... Hindi · दोहा · वंदना · स्तुति 2 3k Share लक्ष्मी सिंह 3 Jan 2019 · 2 min read भारत और इंडिया तुलनात्मक सृजन भाव, ताल औ"राग से, निकला भारत देश। आज बना है इंडिया, बदल गया परिवेश।। १ देवों ने जिसको रचा, अपना भारत धाम। बदल दिया अंग्रेज ने, रखा इंडिया नाम।। २... Hindi · दोहा 2 2 397 Share लक्ष्मी सिंह 10 Jan 2019 · 1 min read काम हुआ मशीनों का मनुज,कितना आज गुलाम बटन दबाते ही सभी, हो जाते हैं काम।। १ छोटे बच्चे भी कभी, कर जाते वो काम। बड़े-बड़े जिस काम में, होते हैं नाकाम।।... Hindi · दोहा 2 2 347 Share लक्ष्मी सिंह 14 Feb 2019 · 1 min read परछाई चाहे कितना भी अधिक, श्वेत मनुज का अंग। उसकी परछाई मगर, होती काली रंग।। १ है परछाई भी तभी, जब तक रहे उजास। वैसे ही मुश्किल समय, कोई रहे न... Hindi · दोहा 2 1 171 Share लक्ष्मी सिंह 14 Feb 2019 · 1 min read मित्र मद मादक मदमस्त सा,घुला साँस में इत्र। मन मन्दिर महका गया, मोहक मनहर मित्र।। कैनवास पर फैलते, रंग बिरंगे चित्र। भाग्य कर्म की तूलिका, देती सच्चा मित्र।। देतीं हैं ये... Hindi · दोहा 2 220 Share लक्ष्मी सिंह 15 Feb 2019 · 2 min read पुलवामा शहीद दिवस आँखों से आँसू बहे, कलम रक्त की धार। हुआ आज कश्मीर में, वीरों का संहार।। १ इंच - इंच ताबूत में, आया माँ का पूत। भस्म करो आतंक को, बन... Hindi · दोहा 2 2 204 Share Page 1 Next