लक्की सिंह चौहान 45 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid लक्की सिंह चौहान 5 Apr 2022 · 6 min read बनेड़ा रै इतिहास री इक झिळक............. बनेड़ा, मन ळुभावण मंगरा चारों कांनी सूं घिर'यो इक कस्बाई नगर। इक कांनी ऐतिहासिक महल, तो दूजी कांनी हरियाळी री सौंदर्य सूं भरियोडो राम सरोवर, अर बीचाळै बस्योडी ह नगरी।... Rajasthani · Article 1 1k Share लक्की सिंह चौहान 12 Jan 2017 · 1 min read बेटियां पिता के जीवन का स्वाभिमान होती है, बेटियां, सब घर वालो की जान होती है, बेटियां। परमात्मा के आशिष के रूप मे, लक्ष्मी का अवतार होती है, बेटियां॥ चिड़ियाँ की... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2 816 Share लक्की सिंह चौहान 25 Dec 2020 · 1 min read कोरोना काल का रुप जिस के दंश को झेल रहे है, बड़े बड़े देश सारे, काल के इस भयंकर रुप से, कौन हमे उबारे गुरुवर, यह काल की कैसी विशाल परछाई है, जो कोरोना... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 22 772 Share लक्की सिंह चौहान 15 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ मुझे अपने आँचल में, लपेट कर सो जाती है। दूनिया की बुरी नजरो से, मेरी हिफाजत हो जाती है॥ माँ तेरी दुआ में बड़ा ही असर है, मेरी तरक्की... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 18 706 Share लक्की सिंह चौहान 1 Dec 2016 · 8 min read माई बेस्ट फ्रैंड ''रौनक'' दोस्त सखा मित्र फ्रैंड या जिगरी चाहे जो भी कह लो, हदय के अंतस में आता है एक ऐसा व्यक्तित्व जो विश्वास के तराजू में तुलता है। जो हर परीक्षा... Hindi · लेख 1 624 Share लक्की सिंह चौहान 15 Jan 2017 · 1 min read बचपन के यार जो रूठ गए तो........! बचपन को फिर से दौहराने कौन आयेगा, भूल गए गंर उन लम्हो को तो याद दिलाने कौन आऐगा। न रखो तुम दूरियाँ दोस्तो के बीच, गंर बिगड़ गई बात तो... Hindi · कविता 2 1 553 Share लक्की सिंह चौहान 27 Sep 2019 · 2 min read दोस्ती का असर आज भी जब कभी फूर्सत में अपनी जिंदगी के बीते पलो को ताजा करता हुँ तो, मेरे हदय की जमीं पर मेरी वह दोस्त अपना हस्ताक्षर जरुर करती है, जिससे... Hindi · लेख 1 443 Share लक्की सिंह चौहान 11 Feb 2021 · 1 min read कुछ खत मोहब्बत के प्यार किसी लड़की से ही हो, यह तो जरुरी नही दोस्ती का गुलदस्ता भी, इस बाग से ही आता है। सनम के खत से ही प्यार की महक फूटे ऐसा... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 33 452 Share लक्की सिंह चौहान 10 Dec 2017 · 1 min read दोस्तो की याद अब यारो के बहाने नही अच्छे लगते, उनकी बातो के फ़साने अच्छे नही लगते। जब से लक्की काम पर चला है, यारो के मिलने के ठिकाणे नही अच्छे लगते।। आपका... Hindi · कविता 1 422 Share लक्की सिंह चौहान 16 Jan 2017 · 1 min read एक दोस्त जिसका बचपन से साथ है दो दोस्तो की कहानी ये कैसी, प्रेम भाव से गढ़त ये ऐसी। प्रेम भाव से दोस्त बनाया, प्यार प्रीत से इसे बहलाया॥ लक्की की यारी, ..........की सारी। दोनो की यारी,... Hindi · कविता 1 445 Share लक्की सिंह चौहान 5 Apr 2020 · 2 min read अर्थांगनी सप्तपदी के फेरे लेते वक्त जिसके साथ जीने मरने कि कसम खाती है, वह पत्नी अपना पूरा जीवन अपने पति की खुशीयो के लिए समर्पित कर देती है। हवन कुंड़... Hindi · लेख 1 4 427 Share लक्की सिंह चौहान 14 Mar 2022 · 1 min read राजस्थानी भाषा री अरजी सगळा विश्व माही है जिण'री, एक न्यारी ही पहचान, संविधान में क्यूं नही मिल'रयो, इण ने सम्मान। गंर आपणी पगड़ी री, आन ने बचाणी है, तो राजस्थानी ने, संविधान में... Rajasthani · Doha 1 431 Share लक्की सिंह चौहान 11 Dec 2016 · 1 min read मायड़ भाषा मायड़ भाषा करे पुकार, जणा कोई माँई का लाल। जो राजस्थानी को मान करा दे, 22वीं सूची मे सम्मान दिला दे॥ आपका अपना लक्की सिंह चौहान ठि.:- बनेड़ा(राजपुर), भीलवाड़ा, राजस्थान Hindi · कविता 1 424 Share लक्की सिंह चौहान 16 Dec 2016 · 1 min read दोस्त के इंतजार मे कभी फिकर नही की दोस्ती कि, फिर भी आस लगाये बैठे हे। हम अपने जिग्री जान दोस्त का, इंतजार लगाऐ बैठे है। जानते हे नही कोई मोल मेरी दोस्ती का... Hindi · कविता 1 511 Share लक्की सिंह चौहान 21 Mar 2020 · 5 min read एक यार मेरे जैसा भी दोस्ती, दो मन और दिल से जुड़ा रिश्ता होती है। जिसको यह प्राप्त हो जाऐ, उसकी जिंदगी तो संवरी ही जैसे। एक ऐसा रिश्ता जो अन्य सभी तालुको की भीड़... Hindi · लेख 2 2 400 Share लक्की सिंह चौहान 10 Dec 2016 · 1 min read कर्म छूटन की उपाई कर्म छूटन की यही उपाई, कार सेवा गुरु घर के मांही। गुरुदेव ने श्री मुख से फरमाई, कार सेवा करो मेरे भाई॥ आपका अपना लक्की सिंह चौहान ठि.:- बनेड़ा(राजपुर), भीलवाड़ा,... Hindi · कविता 1 389 Share लक्की सिंह चौहान 20 Mar 2020 · 1 min read पिता एक पिता, अपने बच्चो की हर ख्वाईश को पूरा है करता, इसके लिए घाणी में, बैल की तरह है चलता। एक छोटी सी खुशी के लिए सपनो से सौदे है... Hindi · कविता 2 4 338 Share लक्की सिंह चौहान 11 Feb 2017 · 1 min read राजस्थानी सम्पूर्ण विश्व में है जिण'री, एक अलग ही पहचान, संविधान में क्यूं नही मिल'रयो, इण ने सम्मान। गंर आपणी पगड़ी री, आन ने बचाणी है, तो राजस्थानी ने, संविधान में... Hindi · कविता 1 331 Share लक्की सिंह चौहान 19 Mar 2020 · 1 min read गुरू गुरूवर, तेरा कृपा हस्त शीश पर है, तो ही यह जिंदगी आसान लगती है। वरना जीवन में भरी यह नफरत, सभी को बहुत परेशान ही करती है॥ तेरा ज्ञान रूपी... Hindi · कविता 1 326 Share लक्की सिंह चौहान 9 Jan 2017 · 1 min read यारो की याद ज़हाँ का सबसे ख़ूबसूरत रिश्ता है दोस्ती जहाँ मे सबसे ज्यादा भरोसेमंद है दोस्ती मुझ को छोड़कर बाकी दोस्तो की बादशाहत लेकर क्या कर जाओगे जो न मिला लक्की फिर... Hindi · कविता 1 315 Share लक्की सिंह चौहान 20 Mar 2020 · 1 min read पिता जिंदगी के घर में, छत का मायना होता है पिता, निज तकलीफो में भी, कभी नही रोता है पिता। अपने सुखो की अभिलाषा को छोड़कर, संतान के सपनो को साकार... Hindi · कविता 1 2 320 Share लक्की सिंह चौहान 17 Nov 2018 · 1 min read पुरानी दोस्ती सूखे पेड़ की डालियो पर फूल आते है, इतने अरसो बाद जिंदगी में दोस्ती के स्थूल आते है। पुरानी बहारो की घटा झूम झूम आते है, इस पेड़ पर फल,... Hindi · दोहा 3 1 302 Share लक्की सिंह चौहान 19 Mar 2020 · 1 min read स्वर्ग जिसे कभी देखा ही नही, उसकी लालसा में देवो को मनाया। लेकिन माँ के चरणो का स्वर्ग, किसे भी नजर नही आया॥ उस बैकुंठ में तो हर एक के लिए,... Hindi · कविता 1 302 Share लक्की सिंह चौहान 18 Mar 2020 · 1 min read बचपन के दोस्त की किमत जब जेंब में मेरे, एक भी टक़ा न था, फिर भी दिल, दोस्तो के फूलो से भरा हुआ था। आज जेंब में इतने पैसा, भर लाया, पर बचपन के दोस्त... Hindi · कविता 2 296 Share लक्की सिंह चौहान 20 Mar 2020 · 1 min read रंजीशे बड़ी रंजीशे सी बढ़ने लगी है हमारी यारी में, जैसे दरारे पड़ी गई है मित्रता कि मिनारी में। कब तलक इन दरारो कि तू खैर मनाऐगा, आखिर, सुदामा लौटकर कृष्ण... Hindi · कविता 1 1 274 Share लक्की सिंह चौहान 17 Nov 2018 · 1 min read दोस्ती का स्वरूप मन फिर से बचपन के दिनो मे, खोने वाला है, दोस्ती का पर्व जो आने वाला है। यार दोस्तो के साथ जुड़ेगी, महफिले अपनी, याद आ जाऐगी फिर से, बचपन... Hindi · कविता 1 274 Share लक्की सिंह चौहान 12 Dec 2016 · 1 min read स्कूल का दोस्त जब विक्की था, दोस्ती एक सपना थी, जब दोस्ती हुई, विक्की एक जमाना हुआ। जब विक्की साथ मे था, तो उससे दूर रहना अच्छा लगता था, आज विक्की दूर है... Hindi · कविता 1 262 Share लक्की सिंह चौहान 26 Dec 2016 · 1 min read जिंदगी कहने को तो बहुत छोटा शब्द है, लेकिन सागर के सम्मान विस्तृत और गहरा अर्थ अपने अंदर समेटे हुए रखती है। जिंदगी के मायने प्रत्येक व्यक्ति के लिए अलग तथा... Hindi · कविता 1 277 Share लक्की सिंह चौहान 18 Mar 2020 · 1 min read बचपन हम तो रहना चाहते थे दिल में तुम्हारे, अपनो की तरह। लेकिन तुम ने निकाल दिया दिल से मुझे, गैरो की तरह। तुम्हारे दिल में हमारा मुकां सिर्फ इतना ही... Hindi · कविता 1 266 Share लक्की सिंह चौहान 17 Mar 2020 · 1 min read ख्वाब ज़िन्दगी तूने जो दोस्त मिलाये है। ये दोस्ती मे जख़्म भी हमने उन्ही से पाये है।। कैसे कह दूँ उनसे मेरा रिश्ता कोई नहीं बार बार लड़ कर भी मैने... Hindi · कविता 1 268 Share लक्की सिंह चौहान 1 Aug 2022 · 1 min read राखडळी सावण री आ पूनम आई, राखड़ळी री खुशीयां लाई। घणी हरख सूं, घणा चाव सूं, बेनड़ ने नूत बुलाई॥ बेनड़ जद बारणे आई, खुशीयां चहुं ओर छाई। बीर ने देख... Rajasthani · कविता 292 Share लक्की सिंह चौहान 18 Mar 2020 · 1 min read वो भी क्या पल था... जब किसी ने पहली बार मुझे, दोस्त होने का अहसास कराया। जब किसी ने पहली बार, मेरी तरफ मदद का हाथ बढ़ाया॥ जब किसी ने पहली बार मुझसे, अपना टीफिन... Hindi · कविता 2 240 Share लक्की सिंह चौहान 18 Mar 2020 · 1 min read सूनापन अपनी ही बातो के प्रपंचो में खो रहा हूँ, मैं दिल में खुद से भी काफी दूर हो रहा हूँ। न जाने क्यूं अकेला इतना सुहाता है, भीड़ को देखकर... Hindi · कविता 236 Share लक्की सिंह चौहान 26 Nov 2022 · 6 min read बिखरतो परिवार जन्म रै साथै सगळा सूं पैळा आपा जकी लोगां सूं जाण-पिछाण करा, बो हुया करै ह परिवार। बेमाता रा लिख्योड़ा आखर अर करमा रा जोग सूं बिधाता री मरजी थकां... Rajasthani 3 219 Share लक्की सिंह चौहान 15 Nov 2022 · 2 min read मनड़ा री वात मायड़ धरा नै छोड्या आज 1 मास हौवण आया, पण उण री ओल्यूं रैर-रैर आवै है। जिंदगी री गांड़ी धकै हांकण सारु मोटियार परदेस कांनी मुंड़ो करै ह। परदेसा रा... Rajasthani 1 227 Share लक्की सिंह चौहान 8 Oct 2022 · 2 min read आजादी रो अमृत उछब देस रा सगळा रैवासिया नै लक्की सा रा हिवणै तणी सूं घणी घणी अर मौकळी बधाईयां अरज हुवै सा। बख्त आयो ह तिरंगा ध्वज नै प्रणाम करण रो, टैम आयो... Rajasthani · लेख 2 152 Share लक्की सिंह चौहान 7 Dec 2022 · 1 min read राजदार किसी के छुपाए राज को बेराज करने के लिए, दोस्तों मजाकों का सहारा नहीं लिया करते। जिस विश्वाश ने तुम्हे अपना राज अदा किऐ, उस दोस्त कि आंखों में धोखे... Hindi 2 144 Share लक्की सिंह चौहान 19 Mar 2023 · 1 min read तुम्हारी याद याद नहीं करेंगे कभी तुम्हें, यह दिल को मेरे मंजूर था। इस तरह से भी तुम याद आओगी, इसमें मेरा क्या कसूर था। फूलो में सुंगध की तरह, दिल में... Hindi 1 130 Share लक्की सिंह चौहान 23 Jul 2023 · 1 min read बिलमै परदेस थारी चाकरी, असल सुख नै छिनै ह, दादा सा रै हाथ री चाय ने मनडो बिलमै ह। चाय तो अठै भी मिल जावै ह, पण वो मनुवार कठै, सुता... Rajasthani 1 192 Share लक्की सिंह चौहान 1 Sep 2023 · 1 min read ख्वाब आया था अपनो से मेल मिलाप बढाने को, अरसों बाद भी पाया दिवारों के ठेकेदारों को। यह मंजर देख मन फिर से तड़प गया, संयुक्त परिवार का ख़्वाब स्वप्न में... Hindi 1 109 Share लक्की सिंह चौहान 24 Sep 2023 · 1 min read पता नहीं गुरुदेव पता नहीं गुरुदेव, आप जो प्रेम की बात करते हो, उसे अपने अंदर जगाऊं कैसे? यह मन तो मेरा माया जोड़ने में उलझा हुआ है, उसे तेरे श्री चरणों में... Hindi 1 87 Share लक्की सिंह चौहान 19 Jan 2024 · 1 min read मायड़ भौम रो सुख मायड़ भौम थारो हेत, परदेश मांही रिजावै ह, आज थारै आंचळ मांही आ'र, मनडो घणो सुख पावै ह।। बालपणा री बातडळिया, दैख थनै याद आवै ह। भायळा रै लारै साईकिल... Rajasthani 125 Share लक्की सिंह चौहान 25 Jan 2024 · 1 min read मैं बंजर हूं हां, शायद मैं बंजर हो गया हूं, किसी से भी अपने मन की बात नही कह पाता हूं। लोगों से बात करने में थोड़ा सहम सा जाता हूं, अपने मन... Poetry Writing Challenge-2 1 88 Share लक्की सिंह चौहान 16 Apr 2024 · 1 min read बाजार री चमक धमक बाजार री शोभा देख'र, मनडो बिळमा जावै । जिण री जरुरत कीं कौनी, पण लोगां नै करता देख, चाहणा जगावै। चाहना रै लारै आंधो हुयौ मिनख, बळदां ज्यूं खप जावै... Rajasthani · कविता · मायण भासा 62 Share लक्की सिंह चौहान 3 Jan 2024 · 1 min read क्या कहुं ऐ दोस्त, तुम प्रोब्लम में हो, या तुम्हारी जिंदगी क्या कहुं ऐ दोस्त, तुम प्रोब्लम में हो, या तुम्हारी जिंदगी दोनो मुझे एकदम विरोधाभास लगते है एक- दूसरे के। तुम्हारा मन ना जाने किस की तलाश में हैं, किसी... Quote Writer 138 Share